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कुछ पल

कुछ पल

कुछ पल तेरे साथ गुज़ारा

वो गुज़ारे पल

यू मेरी ज़िंद्गी मे उतर जाएगा

कभी सोचा ना था

कुछ पल मे तो यू ज़िंद्गी बदल जाती हैं

नही बदलता तो बस....

उनके साथ

गुज़ारे हुए पल

सिसिकियो मे रोती हूँ मैं

के कह दुँ आपने दिल की बात

पर पता हैं मुझे के उनको

मेरे पर ऐतबार नही

लोगो ने चील की तरह

मुझे खाते चले जा रहे हैं

और उनको अपनी ज़िंद्गी से फुर्सत कहाँ

लोगो ने तो हसँने की वजह मुझे ढुँढ ली हैं

और उनके साथ गुज़ारे पल को

याद कर के रोते मैं चली गई

कुछ पल..… कुछ पल की रह गई

***

अंधेरे रास्ते

कभी अपनो ने तो कभी गैरो ने दिल दुखाई हैं मेरी

गैर तो फिर भी गैर थे

बिखरने की नौबत तब आई जब अपनो ने आइना दिखाया

गम को चुपाते चुपाते वक़्त कही ओर ही चल गया

और मैं वही अपनो के इंतेज़ार मे बैठी रह गई

भिड मे जब कभी अवाज़ आती हैं तो लगता हैं

शायद किसी अपने ने बोलाया हैं मुझे

पर ये वहम भी अजीब चीज हैं न?

सरवत मत भाग उस रास्ते मे

जो कभी तेरा हुआ करता था

वरना अंधेरे मे गुम होकर रह जाएगी

लोग तुझे भुल जायेंगे

***

इश्क

तेरे इश्क मे खुद भुलाया हैं मैंने

तेरे दिये हुए ज़खम भी खुशी से सहा हैं मैंने

तेरी ना होने की कमी को मैंने

एहसास किया हैं मैंने

तेरी नफरत भरी निगाहो को लेकर कहाँ जाऊ

***

ज़मीन

आए ज़मीन तेरा आसना सितारे होंगे

हम हैं तो इस जहाँ के सहारा होंगे

अब तु नही तो मैं जाऊ कहाँ

के तेरे सहारे ही तो ज़िंदा होगे

टूट के बिखरने की नौबत ना आने देना

के एक तु ही तो सहारा हैं

तेरे बिना जाऊ कहाँ

***

तन्हाईयाँ

मेरी परछाई ने मेरा साथ छोड दिया

तब, जब मैं अंधेरे मे चल रही थी

याद हैं मुझे वो चांदनी रात मे

उनका मुझसे बाते करना

और बहुत ही प्यार से उस चांदनी रात मे

मेरे बिच किसी को ला खडा करना

तब ये एहसास हुआ के अकसर तारे

क्यो टुट जाते हैं

***

ईशारा

तेरे प्यार का ईशारा मुझे मिला

होकर खुश खुद पर ईतरने लगी

वो बारिश की पहली बुंद

और तेरा हाथो को प्यार को थामना

तेरा मेरी और देखते रहना

और मेरा उस बारिश मे

खुद को खोकर खुद नचना

पर अब आलम ये है के

ना कोई ईशारा,ना ईतरना

ना वो बारिश की बुंद

ना वो देखना

बस अब तो खुद को खोकर उस बारिश मे

कही गुम हो जाना

अंदाज़

उनको मुझे रुला कर अच्छा लगा

और उनके इस अंदाज़ को देख कर मुझे अच्छा लगा

वो किसी के ईश्क मे दिवाने हो बैठे हैं

और उनके इस आशिकी को

देख हम कही और खोए बैठे हैं

उनको लगता हैं के उनके इस

बदले बदले अंदाज़ से वो खुश हैं

तो सही कहा हैं कहने वालो ने

के बदले हुए अंदाज़

कहाँ ज्यादा रहता हैं

***

ज़खम

ज़खम दिल की किसे दिखाऊ मै

जो मेरा था वो मेरा हुआ नही

और लोगो ने युही मेरा मजाक

बनाते चले गए

सोचा कभी होगी उनहे मेरी

कमी का एहसास

पर ये एह्सास भी अजीब चीज़ हैं न?

***

लगता हैं

लगता हैं की अब ठहर जाऊ मैं

चलते चलते अब थम जाऊ मैं

जब मिलना ही नही उनसे कभी

तो सपने देखू कैसे मैं

दिल चाह्ता हैं उसकी हो जाऊ मैं

पर इस नादन दिल को समझाऊ कैसे

***

शिकवे

उनसे शिकायते तो बहुत हैं मुझे

कभी मिले तो कह दूँ उनसे

जब मिले वो मुझे तो यू बेगानो की तरह

के बस मेरी नज़रे उनके पास ही रह गई

चले गये हो किसी और का होकर

तब होश आया मुझे

के कही अंकहे शिक्वे रह गए मेरे

***

इश्क

तुझसे इश्क करके ये यकिन हुआ मुझसे

के मेरी दुवाओ मे असर बहुत था

बडी शिद्दत से मांगा हैं मैंने तुझे

होकर,जुदा होना ना मुझसे

***

तमन्ना

जो लफज़ पढे हैं मैंने उनके

आंखो मे

बस एक बार उनके होठो तक आ जाए

पर अफसोस के ये तमन्ना

मेरी अधुरी हैं

***

इंतेज़ार

रोज़ तेरे आने का इंतेज़ार करती हैं

रोज़ तेरे उस बातो पर एतबार करती हुँ

जानती हुँ मैं के तू अब मेरा नही

फिर भी तेरे खुश्बू मे डूबी रहती हुँ मैं

***

छोड कर

मुझसे जान बचाने के बहाने

ना तलाश कर

कोई मुझसा ना मिलेगा

मुझे छोड कर जिने की तलाश ना कर

***

खुश

मजे मजे मे वो कुछ ऐसा कह गये

जो ना कभी होश मे कहते

और कभी हम सुन सकते थे

पर जिस अंदाज़ मे वो मुझसे कहे

कसम खुदा की मजा आ गया

उनके इस बद्ले हुये

अंदाज़ को देखकर

***

आना

उसका आना एक हवा के झोके की तरह थी

जो मेरी हस्ती उजाड़ दिये

किसी को कुछ मिल जाता है

किसी को खोकर भी नही मिलता

किस कशमोकश हुँ के ऊसे

नफरत करना भी मुशकील है

और प्यार तो दुर की बात है

उसके आने से मेरी हस्ती उजड़ी थी

और किसी आने से मेरी हस्ती बस गई

वक़्त के फेर ने मुझे रुलाया और

फिर खुशिया इतनी मिली के समेटे ही नही समट्ती

***

अंदाज़

उनका गुस्सा भी मुझे हसताँ है

उनके हर अंदाज़ से मोहब्बत है मुझे

पर किस्मत ने यू मुख मोडा

के उनका गुस्सा मेरे दिल को लहुलुहान

कर देता है

और अब उनके हर अंदाज़ से मझे नफरत हो गई

“सरवत” मत भुल जो वक़्त हसाँना सिखाता है

वो रुलाना भी जनता है

***

समझना

रात भर उनकी याद मे रोते हुये वक़्त निकल गया

बस एक वही हैं जो समझ नही पाये

एक पल तो यू लगा के वो समझते हैं

पर ये वेहम भी अजीब चिज़ हैं ना

***

कहना चाहा

मैने जब भी चाहा की हाले दिल कहुँ तुझसे

तू किसी और की बातो मे ही उलझा मिला

जब कभी लगा के तु सिर्फ मेरा हैं

तो पता नही क्यो तुम्हे किसी ओर के साथ ही देखा

हाले दिल तो आज भी कह दु तुझसे

पर डर है के तुझे उस वक़्त किसी ओर के साथ ना देखू

***

उलझने

मिलुंगी एक रोज ज़िंद्गी तुझसे वादा है मेरा

पहले ये रोज़ रोज़ की उलझने सुलझा तो दुँ

लोगो ने तो कहा था के ठहर जाऊ

पर वक़्त ने मेरे हाथो को पकडे रखा

***

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