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ड्रीडफुल पनिसमेन्ट... एक खौफनाक सच

 अदिति, कृति और सुहानी तीनो बहुत अच्छी दोस्त थी। वो कस्बे से शहर में कॉलेज में पढ़ने आयी थी। तीनों ने शहर में एक कमरे में रेंट से रहती थी। अदिति एक स्मार्ट और पड़ने में तेज़ थी। 
सुहानी और कृति को पड़ना अच्छा नहीं लगता था वो अपने पैरेंट्स के प्रेसेर से पड़ने आयी थी। वो दोनों लाइफ को एंजॉय के साथ जीने में बिलीव करतीं थीं। इसलिए वो अदिति को चिङाती थी और सारे दिन शहर के मॉल, टॉकीज और क्लबों करती थी और अपने फ्रेंड के साथ मिलकर खूब मस्ती करतीं थीं। 
सुहानी. दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी लेकिन वो स्वभाव से वो वेसी थी नहीं। 
रोजाना नये बॉयफ्रेंड बनाना और उनको ठुकराना जैसी उसकी आदत बन चुकी थी। एक आजाद पंक्षी की तरह निडर एवं निश्चिंत जिंदगी जी रहीं थीं सुहानी और कृति। 
मग़र अदिति इन दोनों से बिल्कुल अलग थी वो केवल अपनी पड़ाई पर ध्यान देती थी। 
एक रात सुहानी और कृति सटरडे नाइट ? क्लब ♧ में शराब के नशे में धुत होकर डांस कर रहीं थीं। 
तभी क्लब वहां एक लड़का आया जो देखने में हैंडसम था उसका व्यक्तित्व आकर्षक था। 
सुहानी की नजर उस लड़के पर पड़ी तो सुहानी का नशा झटके के साथ उतर गया। 
अब उसकी नशीली आँखे एक टक उसी को निहार रहीं थीं। सुहानी फिर से कृति की बातों में मगशूल होना चाहती थी मगर उसकी बेकाबू आंखे जो गुस्ताखी कर चुकी थी उससे वो अपने जज़्बातों पर काबू पाने में नाकाम रही। 
उस लड़के ने एक शराब की बोतल ली और पीने लगा तभी उसकी नजर सुहानी पर पड़ती है। 
सुहानी अभी तक उसको देख ? रही थी। 
लड़का भी सुहानी की खूबसूरती का पहली नजर में आशिक हो चुका था। 
उसने सुहानी की तरफ एक हल्की स्माइल ☺ पास, सुहानी पहले से ही उसकी दीवानी थी जिससे उन दोनों के बीच का फासला कब नजदीकियों मे बदल गया और फिर लड़के ने सुहानी की तरफ डांस के लिए अपना हाथ ?बड़ा दिया। 
सुहानी तुरंत डांस के लिए अग्री हो गई, वो भी कही न कहीं यही चाहती थी, तो दोनों डांस फ्लोर पर नाचने लगे। 
अदिति शराब के नशे में बेसुध सी एक चेयर पर पड़ी थी। 
सुहानी की आंखे अभी भी उस लड़के की आंखों में मे झाँक रहीं थीं और उसका खूबसूरत जिस्म उसकी आगोश में था। 
कुछ क्षण बाद सुहानी बेसुध हो गई क्यो कि शराब का नशा उसे अभी तक था। 
उसे होश ना ? रहा कि वो कहाँ है और किस हालत में है। 
सुबह की हल्की और पक्षियों की चहचहाहट से सुहानी की आंखे खुल गई, तो उसने आस पास देखा तो उसने खुद को वही रात वाले लड़के के रूम में उसके बेड ? पर पाया। 
वो ? डर ? गई थी .उसने झट से खड़े होकर अपने कपड़े? ठीक किये और जब उसने अपना मोबाइल देखा तो दंग रह गई, उसमें कृति के 20 मिस्ड कॉल ? थे। 
वह तेज़ी से खड़े होकर बाहर जाने लगी तभी वह लड़का वहां आ गया उसने सुहानी को पकड़ कर ? किश करना चाहा मगर वो खुद को उससे अलग कर अपने ? कमरे पर पहुंच गई। 
जब वो अपने कमरे पर पहुची तो कृति और अदिति ने उसे डांटा पर वह हर बार की तरह सॉरी ?? कहकर बच गई। 
अब रोजाना सुहानी के पास उस लड़के के कॉल ? आते और वो उसे इग्नोर कर देती थी। 
एक बार फिर से उसी क्लब में सुहानी का सामना उसी लड़के से हो जाता है, लेकिन इस बार उस लड़के की आंखों? में प्यार? की जगह नफरत और गुस्सा था। 
वो सीधा सुहानी के पास आया और उसका हाथ पकड़ लिया जिससे सुहानी ? डर गई। 
उसने अपना हाथ छुड़ाने का खूब प्रयास किया लेकिन वह नाकामयाब रही। 
तभी उसने कृति को बुलाया। 
जब कृति ने ये दृश्य देखा तो आग बबूला हो गई और उसके पास आते ही उसने एक थप्पड़ उस लड़के के गाल पर जड़ दिया। 
और सुहानी का हाथ छुड़ाकार। 
कृति और सुहानी वहां से चली गयी। 
वो लड़का उन्हें घूरता रहा। 
उस रात के महीने बाद....... 

एक रात अदिति अपने रूम में अकेली लैपटॉप में बिजी थी। और कृति और सुहानी रोजाना की तरह बाहर मूवी ? देखने गईं थीं। 
तभी डोर ? वेल बजी उसे लगा कि सुहानी और कृति दोनों आ गईं हैं, खड़े होकर उसने अपने मोबाइल में देखा तो रात के 11 बजे थे, 
उसने पहले दरवाजा ना ? खोलकर सुहानी और कृति को अंदर से ही अवाज लगाई तो बाहर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो फिर उसके गेट पर इतनी रात को और कौन हो सकता है, इस बात को सोचकर अदिति एक अनजाने भय से सहम सी गई। 
अदिति ने फिर भी हिम्मत से काम लिया और आहिस्ता आहिस्ता दरवाजा खोला और देखा सामने.... 
कोई नहीं था, जिससे अदिति और डर गई। 
फिर उसने अंदर से ही अपने सर को गेट से बाहर निकालकर अपनी आँखों से बाहर देखने लगी। 
फिर भी कोई नहीं दिखा तो वह बाहर जाकर देखने लगी। 
जब कोई नहीं दिखा तो वह वापस अपने कमरे में लौटने लगी तभी उसे पीछे से किसी अनजान लड़के ने उसे पकड़ लिया। 
उसकी चीख निकल पड़ी और उसने उसे धक्का दे भागकर अपने कमरे में पहुंच गई और झट से दरवाजा बंद कर लिया और दरवाजे से पीठ के बल टिककर रोने लगी उसकी आवाज में डर साफ झलक रहा था। 
अचानक हुए ऎसे हमले से जिसकी उसने कभी भी अपने सपने में भी नहीं सोचा था, 
वो काफी डर चुकी थी। उसके समझ में नहीं आ रहा था कि वह अब क्या करे। 

और तभी उस लड़के ने एक जोरदार का धक्का गेट पर मारा जिससे अदिति चीख कर कमरे के दूसरे कोने में जाकर सिमट कर रोए जा जा रही थी। 
दरवाजे पर उस व्यक्ति के धक्के और तेज़ होते जा रहे थे जैसे वो सायद गेट को तोड़ने की फिराक में था। 
तभी अदिति एकदम से दो‍डकर कर अपने बैड की तरफ जाती है और बेड ? पर पड़े ? मोबाइल से कृति को फोन किया उसके हाथ काँप रहे थे। 
फोन पर वो रोने के साथ दरवाजे की तरफ देखे जा रही थी और तभी डोर टूटने की आवाज सुनाई दी और अदिति के हाथ से फोन छूट गया।। 
उसने देखा कि वह लड़का उसकी तरफ घूरते हुए बड़ा चला आ रहा है। वो भी रोती हुई अपने कदम पीछे खींच ने लगी। 
मगर कहा तक वो खुद को पीछे ले जाती अचानक वह पीछे अपने बेड ? से टकराकर पीठ के बल गिर जाती है और वह लड़का भी बेड पर पहुंच जाता है। 
अदिति खुद को छुड़ाने का खूब प्रयास के साथ रिक्वेस्ट करती रही मगर उस हैवान को कोई भी फ़र्क नहीं पड़ा। 
अदिति उस हैवान से छूटने के लिए छटपटाने लगी। लेकिन उस लड़के ने उसके हाथ अपने हाथों से दवा लिये। अदिति अब बेबस हो कर रोए जा रही थी।
तभी उस लड़के ने अपना मुह अदिति के खूबसूरत चेहरे की तरफ बड़ाया। उसके मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। 
अदिति बेसहारा होकर इधर-उधर करके अपने चेहरे को छुपाने की कोशिश कर रही थी। 
अखिरकार उसने अपना चेहरा एक तरफ करके आँखे बंद कर ली। 
तभी कुछ क्षण में वो लड़का एक झटके के साथ बेसुध होकर अदिति के जिस्म पर लिपट जाता है। अदिति फूट फूट कर रो पड़ी! 
आज उसे सजा ना किए गए पाप की मिल रही थी। 
अदिति ने आखिरी बार फिर अपनी पूरी ताकत से उसे खुद से अलग करने के लिये धक्का दिया तो वो लड़का सहज ही दूर गिर गया जब उसने सामने अपनी नजर की तो उसने सामने कृति को अपने हाथ में एक लोहे की खून से सनी रॉड देखी तो वो सारा मसला तुरंत समझ गयी। 
दरअसल वो लड़का बेसुध नहीं लोहे की रॉड से घायल हो गया और बेहोश हो गया था। इसलिये वो आसानी से अलग हो गया था। 
अदिति जल्दी से खड़ी हो कर कृति के गले लगकर बहुत रोयी, आज उसकी जिंदगी और इज्जत उसकी ही फ्रेंड ने बचाई थी। 
कृति और सुहानी ने अदिति को सात्वना दी। 
अभी तीनों को उस लड़के की याद आयी जो बेहोश पलंग पर पड़ा था 
कृति ने सुहानी की तरफ इशारा किया उस लड़के को देखने का, 
कृति उस खून से लथपथ लड़के को पलटती है जो बेड ? पे उल्टा पड़ा था। 
जैसे ही सुहानी ने पलटकर उस लड़के का चेहरा देखा तो होश उड़ गए वो वही लड़का था जिसके साथ सुहानी का कुछ समय पहले अफ़ेयर था जिसका नाम मयंक था। 
जैसे ही वो बताने के लिए पीछे मुड़ी उसकी बात भी पूरी नहीं हुई तब तक उस घायल लड़के ने चीख कर उसका गला पकड़ लिया। 
सुहानी की साँसे रूकने लगी थी कि तभी कृति ने हाथ में ली हुई रॉड फिर से उसके सर पर दे मारी लड़का बेड ? पर गिर पड़ा, सुहानी खांसी से खाँसी जा रही थी 
कमरे में चारो तरफ खून ही खून बिखर गया था। 
कृति ने देखा तो उसके होश उड़ गए उस मयंक नाम के लड़के की साँसे थम चुकी थी। 
तीनों लड़कियां डर गई थी। 
तीनों के कपड़े खून से सने हुए थे और कमरे में लाश के चारों ओर खून बिखरा पड़ा था।. तीनों के दिमाग में एक ही बात घूम रही थी कि अब क्या किया जाए, लाश को कहाँ और कैसे ठिकाने लगाया जाय। 
तभी अदिति के दिमाग में एक प्लान आया उसने एक रास्ता बताया। 
उसने अपनी हैंडवॉच देखी तो रात के 1बज रहा था। 
और तीनों ने उस लड़के की डेडबॉडी को पास में खाली पड़े डेडहाउस में छुपाने का प्लान बनाया। 
उन्होने ने लाश को एक कपड़े में लपेट कर बड़े से बेग में रख लिया और बाहर खड़ी अपनी कार में बेग रखकर उस मृत आवास की तरफ चल पड़ी।. रात के घने अंधकार में कुत्तों के भोंकने की आवाजें साफ साफ सुनाई दे रही थी, कार की लाइट में रास्ते के साथ किनारों पर स्थित झाड़ियाँ भी दिखाई दे रही थी और कार में एक हैवान की लाश माहोल को और भी भयावह बना रहीं थीं। 
तीनों के चेहरों पर डर बिलकुल साफ झलक रहा था. 
सुहानी कार ड्राइव कर रही थी और कृति उसके बगल में, अदिति पीछे वाली सीट बेग के पास बैठी हुई थी। 
अब वो शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित डेडहाउस पहुंच गई थी। वो घर कई सालों से वीरान पड़ा था। 
अदिति ने कृति किया कि वो कार के बाहर निकल कर देखे कहीं उन्हें कोई देख ? ➿ तो नहीं रहा। 
कृति ने कार से निकलकर इधर उधर देख कर रास्ता साफ होने का सिग्नल ? दिया, उसके बाद अदिति और सुहानी कार से उतर कर बाहर आयी और उस बेग को उठाकर उस डेडहाउस में घुस गयीं ओर तभी एक बड़ा सा चमगादड़ निकल पड़ा जिससे तीनों डरकर चीख पड़ी जिससे उनके हाथ से बेग छूट गया। 
तभी तीनों ने एक दूसरे की हिम्मत बड़ाई तो सुहानी ने उस बेग को उठाकर वहा पड़े एक बक्से में रख दिया और फिर अपने कमरे के लिए निकल गई। 
वहाँ पर उन्होंने अपने कपड़े और कमरा बारीकी से साफ किए और उसी रात वो अपने गाँव निकल गई। 
उसके ठीक एक माह के बाद वो तीनों वापस आ गईं, उन्होंने देखा कि जगह जगह पर उस लड़के के गुमसुदी के पोस्टर लगे हैं। 
उस दिन के 15 दिन बाद एक रात...... 

अदिति अपने कमरे में बेड ? पर लेटी हुई थी और वह सोने ही वाली थी कि तभी उसकी नीद खुल गई क्योंकि पास के कमरे से TV ? की तेज़ आवाज़ आ रही थी। वो सुहानी और कृति की शरारत समझ झट से खड़ी हो कर उस कमरे की तरफ बड़ी तभी सहसा उसे एक बात याद आ गई कि जिससे उसके पैर रुक गए। आज तो कृति और सुहानी मूवी ? देखने नहीं बल्कि वो दोनों तो दो दिन के लिए बाहर गयीं हैं तो उस कमरे में टीवी कौन चला रहा है???? 

अदिति के दिमाग़ में पुराने हादसे की यादें ताजा हो गई थी, उसके बदन में डर की लहर दौड़ गई, वो पसीना पसीना हो चुकी थी। 
तभी अदिति ने अपनी हेन्डबॉच में टाइम देखा तो रात का 1बजा था। 
उसने बड़ी मुश्किल से खुद पे काबू पाया उसने अपने प्रश्न का उत्तर जानने के लिये जेसे ही वो कमरे के पास पहुची तो उसे धक्का सा लगा उसकी रूह कांप उठी क्यों कि उस रूम का दरवाजा बाहर से बंद था और अंदर से अभी तक टीवी की आवाज सुनाई दे रही थी। 
उसकि हिम्मत जबाब दे रही थी उसने दरवाजा नहीं खोला। 
उसने गेट की key हॉल से कमरे में झाँका तो उसे कुछ साफ नहीं दिखा वह केवल इतना ही देख ? ➿ पाई की कोई TV ? ऑन करके बैठा है। 
यह दृश्य देखकर अदिति का तो मानो अस्तित्व ही हिल गया था। 
उसने अपने मोबाइल से अपने क्लास मैट हर्ष को कॉल किया और उसे अपने कमरे पर बुलाया और बिना रीजन बताये ? फोन कट कर दिया उसकी आवाज में खौफ जाहिर हो रहा था। 
हर्ष काफी खुश था कि अदिति ने उसे कॉल किया जो उसे पसंद नहीं करती थी। 
मगर इतनी रात को यह बात असमंजस में डालने वाली थी। 
हर्ष ने तुरंत कपड़े पहने और अपनी बाइक निकाल सीधा अदिति के कमरे को रवाना हो गया। 
उधर जैसे ही अदिति ने फोन कट किया तो उसका ध्यान कमरे की तरफ गया जहां से कुछ देर पहले ? की आवाज आ रही थी मगर अब बंद हो चुकी थी,। 
अदिति ने कमरे में कीहोल से फिर झाँका तो अंदर सबकुछ पहले जैसा था। अंदर सिर्फ अंधेरा और शांति थी। 
वो जैसे ही पीछे की तरफ मुड़ी तो वह डर के मारे चीख पड़ी क्यों कि उसके पीछे एक खौफनाक चेहरे वाला कोई शख्स उसे घूर रहा था। वह कांपति हुई एक दीवार से चिपक गई। 
उसका जिस्म खौफ से काँप रहा था। उसकी दहशत से भरी आँखे बचाव के लिए तड़प सी रही थी। 
अदिति को उस हैवान का चेहरा देखने पर याद आया कि यह वही लड़का है जिसे उसकी फ्रेंड कुछ महीनों पहले मार चुकी थी। 
वह हैवान जो मयंक का प्रेत था उसकी तरफ बड़ा चला आ रहा था उसके मुँह से भयानक आवाजों के साथ खून भी टपक रहा था। 
उसकी अंगारों जेसी लाल आंखों में अदिति के जिस्म की प्यास ना होकर उसके खून की प्यास साफ जाहिर हो रही थी। 
उसने आखिरकार अदिति के हाथों को अपने पंजों में पकड़ कर अपने दाँत उसकी गर्दन की तरफ़ बड़ाये। 
अदिति निढाल सी हो रही थी क्योंकि उसने अपनी सारी ताक़त झोंक दी उससे बचने के लिए। 
वह दरिंदा अदिति का खून पीटा तब तक उसके सर पर कोई प्रहार करता है जिससे वह दरिंदा तिलमिला उठा और एक खौफनाक आवाज निकलते हुए पीछे की ओर देखता है। 
पीछे हर्ष रॉड लिए खड़ा था। वह दरिंदा हर्ष पर छलांग लगा देता है और हर्ष के शरीर में जगह जगह पर घाव बना देता है। 
जिससे हर्ष कराहता हुआ गिर पड़ता है 
अदिति एक कोने में सहमी खड़ी थीं
वह हैवान के खूनी पंजों से हर्ष के शरीर से जगह जगह पर खून निकल रहा था। 
तभी वह हैवान हर्ष के सीने पर सवार हो गया और खून पीने के लिए उसने अपना मुँह हर्ष की गर्दन की तरफ बड़ा दिये। 
हर्ष कुछ नहीं कर सकता था लेकिन उसने उस हैवान जो प्रेत के रूप में था उसका सर अपने हाथों से पकड़ रखा था, लेकिन वो उसे रोक न सका और आखिरकार उस प्रेत ने खून पीने के लिए हर्ष की गर्दन की तरफ अपना मुँह बड़ा दिया। 
हर्ष ने बेबसी मे अपनी आंखे बंद कर ली। 
तभी सहसा एक झटके के साथ वह प्रेत दूर जा गिरा। उसके चेहरे पर हैरानी साफ जाहिर हो रही थी। 
गौर करने पर हर्ष को पता चला कि उसके गले में होली क्रॉस के प्रभाव से हर्ष का वह कुछ भी नहीं कर सका था। 
प्रेत ?ने एक खूंखार दहाड़ लगाकर अदिति को देखा और जा पहुंचा उसके पास इससे अदिति की चीख निकल पड़ी, उसने अदिति के दोनों हाथों को अपने पंजों से जकड़ के लिये अपने दांतों की नुमाइश की। 
हर्ष खड़ा नहीं हो पा रहा था, लेकिन उसने कोशिश की तो वो खड़ा हो और उसने वह क्रॉस उस प्रेत के दे मारा तो वह प्रेत एक भयानक आवाज निकालते हुए वहां से गायब हो गया। 
अदिति अभी भी एक कोने में सहमी हुई ?रोये जा रही थी। 
हर्ष ने उसे विश्वास दिलाया कि वह अब सुरक्षित है और उसे ? बेड पर लिटाते हुए आराम करने को कहा। 
अदिति बेड ? पे लेटी हुई छत की ओर इक टक देखे जा रही थी सायद वह अभी भी सदमे में थी। 
हर्ष उसके सर को अपने हाथो से सहला रहा था और कुछ देर बाद अदिति ने अपनी आँखे बंद कर ली हर्ष ने उसको कंबल को ऊपर सरका कर अपने घर के लिए जैसे ही मुड़ा तो रुक गया। 
पीछे मुड़कर देखा तो पाया कि उसका हाथ अदिति ने थाम रखा है और अदिति ने हर्ष को न जाने का इशारा किया। 
और उसको अपने पास बुलाकर बेड पर बिठा लिया। 
आज वो जिंदा थी तो सिर्फ हर्ष की वजह से। उसे याद था वो दिन जब उसने हर्ष का प्रपोजल ठुकरा दिया था। 
उसकी ख्वाहिश यही थी कि उसका?‍❤️‍?‍? पार्टनर ऎसा हो जो हर परिस्थिति में उसका साथ दे वह आज हर्ष ने कर दिखाया था। 
अदिति की नजरें हर्ष को निहार रही थी और हर्ष भी उसकी आंखों में झाँक रहा था अदिति की आंखों में मे खौफ की जगह प्यार था जो उसकी आँखें बयां कर रही थी 
अदिति से रहा न गया और उसने हर्ष को अपनी बाहों में भर लिया। 
जैसे वो खुद हर्ष में समा जाना चाहती हो। 
हर्ष भी उसको बहुत ?प्यार करना चाहता था। हर्ष ने अदिति का चेहरा अपने हाथों में भर लिया और उसको एक नजर? देखा, 
अदिति ने खुद को हर्ष को सौंफ दिया था क्योंकि आज उसी वजह से उसका वजूद था आज वह अपनी हर ख्वाहिश ?को पूरा किए बिना नहीं रहना चाहती थी ये उसकी आंखों से साफ जाहिर होता है। 
हर्ष ने अदिति के खूबसूरत चेहरे को देखा और उसके माथे को? चूम लिया। 
अदिति मदहोश होने लगी थी वह ओर भी खूबसूरत नजर आ रही थी हर्ष ने अदिति के सुर्ख लाल लावों ? को चूम लिया।और इस तरह वो दोनो ?‍❤️‍?प्यार के अथाह समन्दर में डूब गए। 
इस प्रकार उनकी ये रात एक हसीन लम्हें में बदल गई। 
सुबह हुई तो हर्ष ने खुद को ? बेड पर अकेला पाया तो वो एकदम से उठकर बैठ गया और अदिति को आवाज लगाई। 
तभी उसका ध्यान अपने पीछे से आ रही पैरों की आवाज पर गया उसने पीछे मुड़कर देखा तो अदिति अपने हाथों में चाय लिए आ रही हैं। 
उसके खूबसूरत चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान उसको ओर भी खूबसूरत बना रही थी जो हर्ष को बेकाबू बना रही थी। 
वास्तव में वो आज खूबसूरत लग रही थी। 
हर्ष चाय पीते हुए उसको देखे जा रहा था और चाय खत्म करके उसने अदिति को अपनी ओर खींच लिया और उसके गुलाबी गालों पर किस ? किया तो अदिति ने उसे धक्का मारकर ? बेड पर गिरा दिया और उसकी तरफ देखते हुए मुस्कराकर गेट खोल दिया और उसे बाहर जाने का इशारा किया। 
कृति और सुहानी अपने घर से निकल चुकीं थीं अपने रूम के लिए ।रात काफी हो चुकी थी .सुहानी ने कार की लाइट ? जला रखी थी. रात का माहोल था उनकी कार शहर के बाहर सुनसान रास्ते पर दौड़ रही थी। . काली रात और सियारों की रोने की आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थीं कार का काँच खुला रखा था कृति को .तभी एक सियार सड़क पर दिखा। 
सुहानी ने कार की गति धीमी की और कृति की तरफ देखा कृति ने सुहानी को सियार को टक्कर मार देने का इशारा किया। 
इसकी वजह उनके दिल में खौफ का साया भी था। 
आखिरकार एक तेज़ दर्द भरी आवाज के साथ सियार ने कार की टक्कर से दम तोड़ दिया। 
उसकी आवाज़ बेहद खतरनाक थी कृति ने अपने दोनों कान बंद कर लिये, और झट से खिड़की का काँच बंद कर दिया। 
अब दोनों शांत हो कर सामने की ओर देख ? ➿ रही थी। 
कार ने फिर से स्पीड पकड़ ली थी। और वो उस सहर के पास डेड हाउस के सामने पहुंच गई थी कृति और सुहानी ने एक नजर उस तरफ़ देखा। तभी अचानक कार बंद हो गई, दोनों के मुंह से एक साथ "ओह माइ गॉड"। निकल पड़ी। दोनों ने एकदूसरे का चेहरा देखा, और सुहानी लगातार सेल्फ ट्राइ कर रही थी। 
सुहानी और कृति के होश तब उड़ गए जब कार का पिछला गेट अंदर से लॉक होने के बावजूद खुल गया था। 
हैरान कृति ने पीछे की तरफ घूमकर देखा और अपनी सीट से ही घुटनों के बल होकर गेट बंद कर दिया ? लॉक बिलकुल ठीक है। किसी को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है। 
और सुहानी कार को स्टार्ट करने में सफल हो गई और कार को उसने दौड़ा दिया। दोनों काफी डर गईं थीं उनकी स्मृति में वह पुराना हादसा ताज़ा हो गया था। और आखिरकार वो डेड हाउस आंखों से ओझल हो गया। 

कार शहर के पास पहुँची तो एक अज्ञात आवाज "रुक जाओ।" कृति और सुहानी के कानो में गूंजी यह आवाज कार की पिछली सीट से आयी थी। 
सुहानी ने कार रोक कर पीछे देखा तो दोनों की दहशत भरी चीखें बुलंद हो गई। 
वो खौफनाक धृणित चेहरे वाला वही लड़का था जो कुछ महीनों पहले उनके द्वारा मारा जा चुका था। कृति और सुहानी ने डरते हुए झट से कार का गेट खोला और अँधेरी रात में सुनसान सड़क पर दौड़ने लगी एक अंजान दिशा में भागते हुए कृति ने पीछे मुड़कर देखा तो सुहानी भी उसके पीछे भाग रही थी। 
तभी कृति एक कठोर वस्तु से टकराकर गिर पड़ी उसने घबराकर सर उठाकर देखा तो सामने कोई खड़ा है जिसके पाँव उल्टी साइड में है। जब उसने अपना चेहरा और ऊपर उठाकर देखा तो उसकी चीख निकल गई क्योंकि यह वही था जिसे वो कार में छोड़ आयीं थीं। उसने सुहानी की तरफ देखा तो वो अब कार की तरफ दौड़ रही थी। 
सुहानी ने कार स्टार्ट कर दी। कृति हेल्प ? के लिए चिल्ला पड़ी पर सुहानी ने एक न सुनी। 
तभी कृति की आवाज झटके के साथ बंद हो गई क्योंकि उसका गला उस प्रेत के हांथो की गिरफ्त में आ चुका था। 
कृति की आंखे निकली जा रही थी उसके होंठ कांप रहे थे और आंखों से आंसू निकल रहे थे। शायद वो कुछ कहना चाहती थी। लेकिन वह हैवान बेरहमी से कृति का गला दवाये जा रहा था।. तभी कार ? होकर कृति की तरफ बड़ी जैसे ही कार कृति के पास पहुँची तो कृति ने उस प्रेत को धक्का मारा और खुद अलग जा गिरी मगर वह हैवान सड़क पर जा गिरा सुहानी ने बिना अवसर गंवाये कार की स्पीड बड़ाकार उस हैवान के ऊपर से निकाल दी। 
मगर ये क्या सड़क पर कोई नहीं था। सुहानी ने कृति को झट से कार में बैठने को कहा और कृति झट से बैठ गई और कार कुछ सेकंड में आंखों से ओझल हो गई। 

ऎसे हादसे आये दिन तीनों के साथ होने लगे तो उन्होंने इसकी वजह जाननी चाही और छुटकारा भी तो इसके लिए वो एक तांत्रिक के पास पहुँची तो तांत्रिक ने उन तीनों को हादसों की वजह उनके द्वारा मारे गये उस लड़के के प्रेत को बताया। जो उन तीनों को मारना चाहता था। 
तांत्रिक ने उस बिगड़े हुए प्रेत से छुटकारा पाने के लिए भी एक रास्ता बताया जो काफी खतरनाक, जानलेवा और मुश्किलों से भरा हुआ था। 
"मरता क्या नहीं करता। "
तीनों ने वह काम करने की ठान ली। 
इसके साथ ही वो खुद के किये पर पछता रही थी। 
कृति, सुहानी और अदिति ने अपनी प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए एक प्लान बनाया और अमावस की काली रात में ही उस लड़के का शव कब्रिस्तान में दफनाना था।
वह रात कल थी। 
दूसरे दिन 3नो होली क्रॉस गले में डाल कर शाम को उस डेड हाउस की ओर निकल पड़ी उनकी कार रात के 8 बजे डेड हाउस के पास पहुंच गई। 
कार की लाइट में उस डेड हाउस का दरवाजा साफ दिख रहा था। 
वो काफी डरावना लग रहा था जैसे वो कोई अनहोनी का संकेत कर रहा हो। 
तीनों ने एक ठंडी साँस ली और एक दूसरे को देखने लगी। 
फिर तीनों तीनों कार से बाहर निकलती है। 
अमावस्या की रात और डेड हाउस का माहोल बेहद डरावना था। 
तीनों ने गॉड को याद करते हुए फुर्ती से उस ठिकाने पर जा पहुंची जहाँ उन्होंने लाश छिपाई थी। 
अदिति गेट की तरफ़ देख ? रही थी कि कोई आ न जाये तभी उसे गेट पर किसी की परछाई दिखी तो अदिति के होश उड़ गए, उसने कृति और सुहानी की तरफ मुड़कर देखा तो वह अपने काम में व्यस्त थीं। 
अदिति ने फिर से दरवाजे की तरफ मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था तब जाकर अदिति को सांस में साँस आई। उसनेआंख बंद कर अपने सीने पर हाथ रख कर गहरी साँस ली। 
तभी सुहानी ने उसे इशारे से अपनी ओर बुलाया। 
अदिति दौड़कर उसके पास गई कृति भी वहां पहुंच गई। तब पता लगा कि उस लड़के की लाश वहां नहीं है जहां उन्होंने रखी थी। ये उन तीनों के लिए बहुत बुरा संकेत था। 
और तभी...... 
कमरे में एक बेहद डरावनी हँसी की आवाज गूँजी वह इतनी डरावनी थी कि अदिति, कृति और सुहानी ने डर से अपने कान बंद कर लिये। 
और तीनों चीखकर गेट की तरफ दौड़ पड़ी और गेट खुद व खुद बंद हो गया था जो कई सालों से बंद नहीं हुआ था। 
अब क्या हो तीनों घबराकर इधर-उधर देखने लगी तो उन्हें सीड़िया दिखी तो तीनों झट से उसपर चढ़ गई तो वो तीनों उस घर की छह पर पहुंच गई थी। 
भागते हुए अचानक उनके पैर रुक गये क्यों कि सामने वही लड़का खड़ा था जिसकी उन्हें तलाश थी।
तभी वह भयानक चेहरे वाला लड़का मयंक का प्रेत सुहानी की तरफ बड़ा सुहानी डरकर अपने कदम पीछे खींचने लगी और साथ में ही उसकी तरफ देखते हुए अपना गला टटोला तो हैरान रह गई क्योंकि उसके गले में पड़ा क्रॉस कही गिर गया था। 
तभी सुहानी पीछे खिसकते खिसकते छत की मूडेर पर पहुंच गई और अचानक उसका पैर फिसला वह गिर गई। 
तभी सहसा सुहानी के मुँह से "आई लव यू मयंक!"। निकल पड़ा। 
अदिति और कृति के मुह से सुहानी के नाम की चीख निकल गई। 
आश्चर्य की बात यह थी कि जैसे ही सुहानी ने मयंक को आई लव यू बोला तो वह वही अटक गई क्योंकि उसका हाथ मयंक के हाथ में था। इस बार मयंक अपने असली रूप में था मगर उसका चेहरा खून से लथपथ था। लेकिन तब तक सुहानी बेहोश हो गई थी। 
उसने सुहानी को अपनी बाहों में भर लिया था। और सुहानी को अपने हाथों में उठाकर एक कमरे में ले गया। 
अदिति और कृति भी चुपके से उसके पीछे पीछे उस कमरे तक पहुंच गई उन्होने देखा कि सुहानी एक ? बेड पर पड़ी है और उसके जिस्म को वो प्रेत उसको घूर रहा है। इसके बाद उन्होंने कमरे में नजर दौड़ाई तो उन्हें आश्चर्य के साथ खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि उसी कमरे में उस लड़के की लाश पड़ी है जो काफी सङ चुकी है और बदबू भी आ रही है। 
तभी दोनों ने उस प्रेत की नजर बचाते हुए उस लाश को उठाया और डेड हाउस के पास कब्रिस्तान की ओर चल पड़ी। 
उस लड़के ने सुहानी के चेहरे को जैसे ही चूमा तो सुहानी को होश आ गया वह घबरा कर छूटने की कोशिश करने लगी तो उस प्रेत ने उसके हाथ बेड से सटा दिये। अब सुहानी जो शायद जिंदगी में पहली बार रोयी थी वो रोते हुए उससे माफी मांगने लगी लेकिन उस लड़के पर कोई असर नहीं पड़ा। वह भयानक आवाजें निकालते हुए उसके कपड़े फाड़ने लगा। 
इधर कृति और अदिति ने बड़ी मुश्किल से एक कब्र खोदी और उसके ताबूत को खोला और अदिति ने उस लाश को उसमें रखकर जैसे ही ताबूत बंद करने के लिए अपने हाथ बड़ाये तो उसमें पड़ी लाश ने उसका हाथ पकड़ लिया वो चीख पड़ी और अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश करने लगी। 
क्योंकि अब वह लड़की की आत्मा ताबूत में पहुंचने से वहां खिंची चली आई थी। और अचानक अदिति उस ताबूत में बंद हो गई इससे कृति बहुत घबरा गई थी 
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उसने बहुत मुश्किल से उस ताबूत को खोला तो देखा कि उसमें अदिति बेहोश पड़ी है उसने अदिति को निकालना चाहा पर वह प्रेत उसे पकड़े हुए था तभी कृति ने अपना क्रॉस गले से निकालकर उस प्रेत पर दे मारा तो वो चीखने लगा। और कृति ने अदिति को निकाल लिया अब अदिति को होश आ गया था। 
दोनों ने झट से ताबूत बंद कर दिया और उस ताबूत पर बाइबिल का स्मरण करते हुए कील ठोक दीं। इससे वह प्रेत हमेशा के लिए उस कब्र में दफन हो गया था। 
ताबूत बंद करने के बाद दोनों ने एक दूसरे की ओर देखा और मुस्काई। 
तभी उन्हें सुहानी की याद आई तो दोनों फुर्ती से दौड़ती हुई उस कमरे में पहुंच गई तो उन्होंने देखा कि सुहानी बेहोश पड़ी थी उसके कपड़े फटे हुए हैं। 
एसी हालत देखकर वो दोनों उस बहसी के इरादों को समझ गईं थीं लेकिन उन दोनों की सूझबूझ और हिम्मत से वह हैवान अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया था। 
सुहानी के गर्दन पर दो घाव हो गये थे पर वो सही सलामत थी। 
कृति ने उसके घाव से निकल रहे खून को साफ किया तो सुहानी को होश आ गया और वह रोती हुई दोनों के गले लग गई। 
अब तीनों बहुत खुश थीं क्यों कि वो जीत चुकी थी। 
कृति और अदिति ने सुहानी को सहारा देकर अपनी ? कार में ले गईं। और अदिति ने कार स्टार्ट करके अपने रूम की ओर बड़ा दी। 
सबको अपने किये गये पर पछतावा हो रहा था। उन्हे एक छोटी सी गलती की इतनी बड़ी सजा जो मिली थी।
                  ✝️समाप्त ✝️
  कहानी कैसी रही बताना मत भूलना।...
                              ✍️ आपका सोनू समाधिया
??जै श्री राधे ?? 

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