प्यार हुआ चुपके से

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जबलपुर शहर की तूफानी अंधेरी रात में, एक लड़की खुद को बचाने के लिए हाथ में चाकू लिए बेतहाशा भागे जा रही थी क्योंकि कुछ लोग हाथों में बंदूक लिए उसका पीछा कर रहे थे। तेज़ बारिश में भागते-भागते वो बहुत थक चुकी थी। उसने खुद को संभाल ने के लिऐ एक पेड़ को पकड़ा और बुरी तरह हांपने लगी। तभी उसे जूतों की तेज आवाजे सुनाई दी। उसकी आंखें बड़ी-बड़ी हो गई और वो अपनी साड़ी जो कीचड़ में लथपथ हो चुकी थी, को पकड़े फिर से भागने लगी। भागते-भागते वो भेढ़ा घाट की पहाड़ी पर आ पहुंची। जहां नर्मदा नदी का पानी पूरे उफान पर था। उस उफनती नदी को देखकर उसके कदम रुक गए और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। वो रोते हुए ज़ोर से चीखी- शिव, कहां है आप?

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 1

जबलपुर शहर की तूफानी अंधेरी रात में, एक लड़की खुद को बचाने के लिए हाथ में चाकू लिए बेतहाशा जा रही थी क्योंकि कुछ लोग हाथों में बंदूक लिए उसका पीछा कर रहे थे। तेज़ बारिश में भागते-भागते वो बहुत थक चुकी थी। उसने खुद को संभाल ने के लिऐ एक पेड़ को पकड़ा और बुरी तरह हांपने लगी। तभी उसे जूतों की तेज आवाजे सुनाई दी। उसकी आंखें बड़ी-बड़ी हो गई और वो अपनी साड़ी जो कीचड़ में लथपथ हो चुकी थी, को पकड़े फिर से भागने लगी। भागते-भागते वो भेढ़ा घाट की पहाड़ी पर आ पहुंची। जहां ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 2

रति ने रिसीवर नीचे रखा और अपनी आंखें बन्द की तो उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। उसने खुद संभाला और अपनी आँखें खोलकर बोली- नहीं रति, तू ऐसे हिम्मत नहीं हार सकती। तुझे तब तक खुद को संभालना होगा, जब तक तेरे शिव तुझे संभालने के लिए लौट नहीं आते। दुनिया चाहे जो भी कहे पर तेरा दिल जानता है कि शिव जहां भी है, बिल्कुल ठीक है और तेरे पास लौटकर ज़रुर आऐंगे। उन्हें आना होगा क्योकिं उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी तेरे साथ है। उस खुशी के लिए उन्हें लौट कर आना ही होगा। रति ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 3

रति ने दीवार पर लगी कील पर टंगा अपना बैग उठाया और रसोई घर में सिगड़ी पर रोटियां बना लक्ष्मी के पास आकर बोली- अम्मा मैं ऑफिस जा रही हूं। बाबा ने मुझे अजय बाबू के ऑफिस का पता समझा दिया है। मैं चलती हूं। "रुक बिटिया"- लक्ष्मी ने इतना कह कर जल्दी से रोटी और सब्जी एक डब्बे में रखी और रति के पास आकर बोली- बिटिया ये वक्त पर खा लेना। तेरी तबियत ठीक नहीं रहती है। ऐसे में तुझे वक्त पर खाना खाना चाहिए। काजल ने उनकी ओर देखकर मुस्कुराने की कोशिश की और बोली- अम्मा, ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 4

मुखियाजी अपने कुछ लोगों के साथ जंगल से निकलकर पास ही के गांव की पुलिस चौकी पहुंचे। वहां पहुंचते वो थानेदार के पास आकर बोले- राम-राम दरोगा बाबू....... "अरे मुखियाजी,आज आप अपने जंगल से बाहर कैसे आ गए? सब ठीक तो है ना? कहीं कोई बाघ किसी को फिर से उठाकर तो नहीं ले गया?"- थानेदार ने पूछा। मुखियाजी हाथ जोड़कर बोले- सब ठीक है दरोगा बाबू...बस आपसे कछु बात करना हति हमें, "हां जरुर, बैठिए"- दरोगा ने कुर्सी की ओर इशारा करके कहा तो मुखियाजी बैठते हुए बोले- दरोगा बाबू मैं कल ही आपके पास आवे वालो हतो ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 5

रति ने एक बार फिर अपने पैर में लगे टुकड़े को निकालने की कोशिश की पर जैसे ही उसने टुकड़े को निकालना चाहा तो लड़खड़ाकर गिरने लगी पर तभी शिव ने आकर उसे अपनी बांहों में थाम लिया। रति ने नज़रे उठाकर उसकी ओर देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। उसने आहिस्ता से अपनी हथेली को शिव के चेहरे की ओर बढ़ाया और बहुत प्यार से उसके गाल को छुआ तो शिव गुस्से में बोला- मै तुमसे बहुत नाराज़ हूं रति...अगर मै दो पल के लिए भी तुम्हें अकेला छोड़ दूं तो तुम खुद को किसी ना ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 6

रति की आंख से उसके मंगलसूत्र पर जैसे ही आंसू की एक बूंद टपकी। वो चौक कर अपने अतीत बाहर आ गई। उसने अपने मंगलसूत्र को चूमा और बोली- मैं जानती हूं शिव कि आप अपना किया कोई वादा नही तोड़ते। खास तौर से वो वादे जो आपने मुझसे किए हो इसलिए आपको अपने किए वादे निभाने के लिए लौटना होगा। हमारे बच्चे के लिऐ लौटना होगा आपको शिव...शक्ति को उसके किए गुनाहों की सजा दिलवाने के लिए लौटना होगा आपको...... आप शक्ति को यू उसके इरादों में कामयाब नही होने दे सकते। उसे जीतने नही दे सकते...... मां ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 7

अगली सुबह शक्ति ने अपनी गाड़ी एक बड़ी सी बिल्डिंग के बाहर रोकी और अपने चेहरे पर तीखी सी लिए गाड़ी से बाहर आया। उसने अपनी आंखो पर लगा काला चश्मा निकाला और बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से में लगे बोर्ड की ओर देखने लगा। जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था- "कपूर ग्रुप ऑफ कंपनीज़"उसके चेहरे की मुस्कुराहट और बढ़ गई और वो आगे बढ़ने लगा। गेट पर खड़े एक गार्ड ने उसे देखते ही दरवाजा़ खोलते हुए कहा- गुड मोर्निग सर,शक्ति ने कोई जवाब नही दिया और अकड़ते हुए अंदर आया। उसे देखते ही ऑफिस का सारा स्टॉफ ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 8

अपनी मां को रोते देख शिव उनके पास आया। उसने उनके हाथों से पूजा की थाली ली और वही नौकर की ओर बढ़ा दी। नौकर ने तुरंत थाली पकड़ ली। शिव ने आगे बढ़कर अपनी मां के आंसूओ को पौछा तो उसकी मां ने उसकी हथेली को चूम लिया। शिव ने अपनी मां को अपने सीने से लगा लिया। "तुझे पता है शिव? आज तुझे सामने देखकर लग रहा है जैसे तेरी मां फिर से जी उठी है।"- किरण रोते हुए बोली। शिव अपनी मां को बांहों में भरकर बोला- आज मुझे भी ऐसा लग रहा है मां,जैसे दुनिया ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 9

दीनानाथजी मंदिर में आरती कर रहे थे और रति भी उनके पास हाथ जोड़े खड़ी थी। उसे बस गौरी आने का इंतज़ार था। वो बार-बार पलटकर, मन्दिर से बाहर देख रही थी पर तभी उसे अजय मन्दिर में आता हुआ नज़र आया। उसके चेहरे पर एक बार फिर उदासी छा गई। उसने फिर से भोलेनाथ की पिंडी की ओर देखा और अपनी आँखें बंद करके आरती गाने लगी। अजय भी बिना उसे देखे उसकी बगल में आकर खड़ा हो गया। आरती खत्म होते ही पंडितजी सबको आरती देते हुऐ रति से बोले- काजल,बिटिया सबको प्रसाद दो।"जी बाबा"- रति ने ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 10

रति ने गौरी की हथेली को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और बोली- गौरी,कॉलेज में हुई हमारी पहली मुलाकात लेकर आज तक तूने हर मुश्किल घड़ी में मेरा साथ दिया है इसलिए मैं खुद से ज्यादा तुझ पर भरोसा करती हूं। मैं तुझसे ये उम्मीद कर सकतीं हूं ना कि तू मेरे जिन्दा होने वाली बात गलती से भी किसी के सामने नही करेगी? जानती हैं ना कि अगर शक्ति को पता चला तो वो क्या करेगा?गौरी ने मुस्कुराते हुए रति के गाल को छुआ और बोली- मैं मानती हूं कि लड़कियों के पेट में कोई बात नही टिकती ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 11

डॉक्टर, शिव को इंजेक्शन लगाते हुए बोले- बेटा तुम नदी में बहते हुए आदिवासियों के गांव के मुखिया को थे और उन्होंने तुम्हारा लगभग तीन महीने तक अपनी जड़ी-बूटियों से इलाज किया। तुम्हारी हालत तो सुधर गई थी पर तुम्हें होश नही आ रहा था इसलिए उन्होंने पुलिस को बुलाया और सब कुछ बताया। दो दिन पहले पुलिस तुम्हें यहां लेकर आई है और वो तुम्हारे परिवार का भी पता लगा रही है। तुम्हारी फोटो, अखबार में गुमशुदा लोगों के कॉलम में भी दी है उन्होंने पर अब शायद, उसकी कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि तुम खुद ही अपने ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 12

अगले दिन रति ऑफिस में बैठी। अपना काम करते हुए बस यही सोच रही थी कि डॉक्यूमेंट्स तो उसने लिए है पर उन पर उसका नाम रति लिखा है। और ऑफिस में उसने सबको अपना नाम काजल बताया हुआ है। अब वो अजय को अपने डॉक्यूमेंट्स कैसे देगी? तभी उसकी नज़र सामने से आ रहे अजय पर पड़ी। उसे आते देख रति को वो सब याद आने लगा जो उसने बीती शाम किया था। वो तुरंत उठकर खड़ी हुई और अजय को देखकर बोली- गुड मॉर्निग सर, "गुड मॉर्निग,अकाउंट की फाइल लेकर मेरे कैबिन में आइए। राइट नाऊ,"- अजय ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 13

अजय,शक्ति के साथ नदी के किनारे पहुंचा और बोला- सर यहीं इसी जगह पर डैम बनने वाला है। खुदाई काम यहां कल से शुरु हो जायेगा। वो वहां पर एक कंट्रोल रूम शिव साहब ने बनवाया था। आप वहां चलकर बैठिए, मैं सप्लायर्स की लिस्ट लेकर आता हूं। शक्ति ने उसे घूरा और तेज़ी से कंट्रोल रूम की ओर बढ़ने लगा। उसे जाते देख अजय ने सुकून की सांस ली और अपनी घड़ी की ओर देखते हुए बोला- ये सुनिल कहां रह गया? काजल से कहा था मैनें कि उसे जल्दी फाइल लेकर भेजे। वो बड़ी बेचैनी से टहलते ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 14

रति ज़मीन पर पड़ी अपनी बुक्स उठा रही थी और शिव वहीं खड़ा एकटक उसे निहार रहा था। गौरी भी सारे नोट्स उठाए और रति के पास आकर बोली- अच्छा हुआ तू खुद ही आ गई, मैं तेरे ही घर आ रही थी। रति हल्के से मुस्कुरा दी पर फिर उसकी नज़र शिव की नज़रों से टकराई और उसने अपनी नज़रे झुका ली। तभी गौरी उसकी बांह छूकर बोली- रति, ये शिव है। मेरे बचपन का दोस्त, "जानती हूं। इनकी तस्वीर देखी है मैंने तेरे रूम में,"- रति, शिव की ओर देखकर बोली। गौरी के चेहरे पर बड़ी सी ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 15

गौरी के घर उसके बर्थडे की पार्टी शुरु हो चुकी थी। पार्टी घर के लॉन में ही थी इसलिए अरेंजमेंट भी वही किया गया था। सारे मेहमान, यहां-तहां खड़े बातें करने में लगे हुए थे। शिव के पापा अधिराज और गौरी के पापा अरुण भी बिज़नेस को आगे बढ़ाने को लेकर किसी से बातें कर रहे थे।आशिकी फिल्म अभी-अभी रिलीज़ हुई थी इसलिए हर तरफ़ उसके गानों की गूंज थी। यही वजह थी कि गौरी की बर्थडे पार्टी में भी उसी फिल्म के गाने बज रहे थे। "बस एक सनम चाहिए, आशिकी के लिए,"फिलहाल यही गाना प्ले हो रहा ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 16

रति को देखकर शक्ति उसके पास आया और बोला - मुझे पता नही था रति, कि तुम साड़ी में खूबसूरत लगती हूं। बहुत अच्छी लग रही हूं। रति ने खुद को देखा और आहिस्ता से बोली- शक्ति, मैं सच में अच्छी लग रही हूं ना? शक्ति ने मुस्कुराते हुए हां में अपना सिर हिला दिया और बोला- हां,बहुत अच्छी लग रही हो।"अगर मैं सच में अच्छी लग रही होती ना शक्ति,तो सब लोग मुझे ऐसे घूर-घूर कर नही देख रहे होते।"- रति मुंह बनाकर बोली। शक्ति आकर उसकी बगल में खड़ा हुआ और लोगों की ओर देखते हुए बोला- ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 17

शिव ने उसकी आंखों में देखते हुए,चावल के दाने को निकाला और फिर बहुत प्यार से उसके चेहरे को बोला- तुम्हें पता है रति? जब तुम शर्माती होना, तो बहुत खूबसूरत लगती हो। रति मुस्कुराते हुए बोली- आपको तो मैं हमेशा ही खूबसूरत लगती हूं। जब भी मैं सामने होती हूं। आपकी नज़रे मुझ पर से हटती ही कहां है? रति ने इतना कहकर, शिव के हाथों से खीर की कटोरी ली और फिर उसे खीर खिलाने के लिऐ अपनी गर्दन ऊपर उठाई, पर शिव उसे कहीं नज़र नही आया। उसे समझते देर नहीं लगी कि वो जागती आंखों ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 18

सबकी परफॉमेंस खत्म होते ही कॉलेज के प्रिंसिपल साहब स्टेज पर आकर बोले- जैसा कि आप सब ये जानते कि आज हमारे कॉलेज के वार्षिक उत्सव का आखिरी दिन है और आज, उन सभी छात्र और छात्राओं को पुरस्कार दिया जाएगा। जो इस वर्ष विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे है। बच्चों को सम्मानित करने से पहले मैं हमारे आज के चीफ़ गेस्ट... मिस्टर शिव कपूर को स्टेज पर आमंत्रित करना चाहूंगा, जो हमारे कॉलेज के ट्रस्टी...मिस्टर अधिराज कपूर के बेटे है और अभी-अभी यहां आए है। प्लीज़ वेलकम.... मिस्टर शिव कपूर, सारे स्टूडेंट और टीचर्स तालियां बजाने लगे। शिव ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 19

अपने आसपास लोगों को फिल्म देखते देख रति अपने बीते हुए कल से बाहर आ गई और वहां से चली गई। सब फिल्म देखने में मग्न थे इसलिए किसी ने इस बात पर ध्यान ही नही दिया कि रति वहां नही है। रति घर आकर वहां रखी खाट पर आकर लेट गई। शिव के बारे में सोचते हुए कब उसकी आंख लग गई। उसे पता भी नही चला। दूसरी ओर शिव बेड पर लेटा हुआ था। रति के ना होने की खबर ने जैसे उसे मार ही दिया था। उसे हर वो लम्हा याद आ रहा था जब रति ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 20

अजय का सवाल सुनकर रति उसे एकटक देखने लगी पर उसने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया।उसका चेहरा अजय ने फिर से पूछा - क्या मैनें कोई ऐसा सवाल किया है,जो मुझे नही करना चाहिए था? रति मुस्कुराने की कोशिश करते हुऐ बोली - नही, आपका सवाल गलत नही है, बस मैं जवाब नही देना चाहती। ये सुनकर अजय सोच में पड़ गया पर फिर मुस्कुराते हुए बोला - कोई बात नही। मैं दोबारा ये सवाल नही करूंगा, पर एक बात ज़रूर कहना चाहूंगा तुमसे। बहुत अच्छी लड़की हो तुम और मैं दिल से चाहता हूं कि तुम्हारी ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 21

शिव की नज़र जैसे ही रति पर पड़ी, तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गई क्योंकि उसे अपनी पर यकीन नही हो रहा था कि रति उसके इतने करीब थी। उसने तुरंत महादेव की पिंडी की ओर देखा,पर तभी रति आरती लेने के लिए आगे बढ़ गई। शिव ने फिर से उसकी ओर देखा,पर उसे रति नज़र नही आई। वो तुरंत उस ओर बढ़ने लगा जहां उसने रति को देखा था,पर तभी पीछे खड़ी भीड़ आरती लेने के लिए आगे बढ़ी। शिव को धक्का लगा और उसने संभालने के लिए वही खड़े एक आदमी का सहारा लिया। रति ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 22

रति,लक्ष्मी के साथ मंदिर पहुंची,तो वहां आज रोज़ से कुछ ज़्यादा ही चहल-पहल थी। मंदिर में अजय अपनी मां साथ खड़ा, पंडितजी से कुछ बातें कर रहा था। "बिटिया तू मंदिर में जा, मैं ज़रा देख आऊं कि भंडारे का प्रसाद तैयार हुआ या नही"- लक्ष्मी बोली। रति ने मुस्कुराते हुए हां में सिर हिला दिया,तो वो वहां से चली गई। उनके जाते ही रति ने शिवजी के सामने हाथ जोड़े और मन्दिर की सीढ़ियों को छूकर मन्दिर के अंदर आई। उसे देखते ही दीनानाथजी बोले - बिटिया तेरी अम्मा को बोल जाकर देखे, हलवाइयों ने प्रसाद तैयार किया ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 23

शक्ति, अरूण के पास आकर बोला- अंकल मैं जानता हूं कि मैं गौरी की चाहत कभी नही रहा और उसके दिल में वो जगह भी कभी ना बना सकूं, जो शिव की थी पर अंकल एक सच ये भी है कि शिव ने कभी उससे प्यार नही किया पर मैं प्यार करता हूं गौरी से,उसके इतना कहते ही अरूण के साथ-साथ गौरी भी हैरान रह गई। उसे अपने कानों पर यकीन नही हो रहा था कि शक्ति उसके शेयर्स हासिल करने के लिए, ये सब भी कह सकता है। तभी शक्ति, अरूण के पास आकर बोला- अंकल मैं जानता ...और पढ़े

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 24

शिव और अजय बातें करते हुए रति के क़रीब से निकल गए। तभी रति गौरी से बोली- गौरी अब फोन रखती हूं, थोड़ा काम है मुझे। मैं फिर तुझे फोन करूंगी। तू प्लीज़ मुझे वहां का हाल बताती रहना और प्लीज़ कभी-कभी वक्त निकालकर मेरे घर भी जाती रहना। गौरी मुस्कुराते हुए बोली- तू यहां की फिक्र मत कर रति। मैं हूं यहां और रही बात तेरे परिवार की, तो मैं जाती हूं उनसे मिलने। सब ठीक है वहां....तभी गौरी को अपने पापा की गाड़ी की आवाज़ सुनाई दी और वो तुरंत बोली- रति,पापा आ गए। मैं फोन रखती ...और पढ़े

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