दिल की जुबां
A Voice Of Heart
⭐⭐⭐ 1⭐⭐⭐
जिस्म की हर कली खिल रही है सनम ।
अब जवानी गले मिल रही है सनम ।।
ओ उसे देखकर अब सँवारने लगे है ,
होंठ बनकर कमल खिल रहे हैं सनम ।।
⭐⭐⭐ 2⭐⭐⭐
अपने चेहरे के नूर से कई गम छुपा लेते हैं हम ।
फकीर जेब के अमीर दिल छुपा लेते हैं हम ।।
⭐⭐⭐ 3⭐⭐⭐
इश्क़ तो कई बार किया हमने ।
कभी तकदीर ने कभी तस्वीर ने मारा ।।
⭐⭐⭐ 4⭐⭐⭐
न गिटार न बन्दूक नचा सकती है मुझे ।
बस उसकी मुस्कान नचा सकती है मुझे।।
⭐⭐⭐ 5⭐⭐⭐
हो या सरहद एक दिन पार हो ही जाती है ।
मेरे इश्क़ में वो नशा है ओ बीमार हो ही जाती है ।।
⭐⭐⭐ 6⭐⭐⭐
तेरी हर शायरी का जवाब है मेरे पास सनम ।
मरीज़ ए इश्क़ हूँ तो क्या जीने का सबाब है मेरे पास सनम ।।
⭐⭐⭐ 7⭐⭐⭐
रब क्या जाने मोहब्बत में कितने जख्म झेले हैं हमने ।
कभी इश्क़ करके देखेगा तो पहचन जायेगा ।।
⭐⭐⭐ 8⭐⭐⭐
गलिब होते तो मेरे शागिर्द होते ।
हम देखकर हंसते ओ इश्क़ में रोते ।।
⭐⭐⭐ 9⭐⭐⭐
ओ हुस्न ही क्या जो बेआबरू न हो ।
ओ महबूब ही क्या जो रूबरू न हो ।।
⭐⭐⭐10⭐⭐⭐
किताबों में नही मिलता है ज़िक्र दर्द-ए-दिल की दवा का ।
कोई हकीम भी नही मिलता जबसे तबियत नाशाद हुई मेरी ।।
⭐⭐⭐11⭐⭐⭐
न पूँछो कोई सवाल दिल के मरीज़ों से ।
कोई नाता नही आशिकों का बेवजह की चीजों से ।।
⭐⭐⭐12⭐⭐⭐
उनको भी खबर है तबियत नाशाद है मेरी ।
इसीलिये ओ चिराग जलाये बैठे हैं ।।
⭐⭐⭐13⭐⭐⭐
ओ अक्सर ही पूँछ लिया करते हैं हाल दिल का ।
जो नजरों के वार से घायल बना गये ।।
⭐⭐⭐14⭐⭐⭐
उनकी मुस्कराहट बता देती है , दिल में कोई राज छुपा है ।
जुबां पर नाम कोई और , दिल में कोई और बसा है ।।
⭐⭐⭐15⭐⭐⭐
ओ जिसके लिए शराब पीकर नशेबाज हो गए ।
अब तो उनके भी बदले हुए अंदाज हो गए ।।
⭐⭐⭐16⭐⭐⭐
शराब बंदी क असर है कि उन निंगाहों के दाम बढ़ गए ,
अब तो नींबुओं के शहर में भी आम बढ़ गए ।
अक्सर ही मैखाने में मिल जाते थे आशिक तमाम उनके ,
बस अब बाकी है मैखाने हुश्न उसका जहाँ गुलफाम बढ़ गए ।।
⭐⭐⭐17⭐⭐⭐
ओ धीरे से आके जिंदगी में दिल चुरा के ले गए ।
हम मरीज-ए-इश्क केवल मुस्कराते रह गए ।।
⭐⭐⭐18⭐⭐⭐
किताबों में नही मिलता है ज़िक्र दर्द-ए-दिल की दवा का ।
कोई हकीम भी नही मिलता जबसे तबियत नाशाद हुई मेरी ।।
⭐⭐⭐19⭐⭐⭐
अक्सर ही मुस्कराकर कोई दर्द छुपा लेते हैं लोग ।
दिल की हारी हुई बाजी का भी जशन मना लेते हैं लोग
⭐⭐⭐20⭐⭐⭐
हर बार मुस्कराहट तेरी कातिल नही होती ।
महफिल में गूंजी आह दिल में शामिल नही होती ।।
⭐⭐⭐21⭐⭐⭐
ओ जब से फिजाओं में बदनांम हो गए ।
हम तब से ही उस शहर में गुमनाम हो गए ।।
⭐⭐⭐22⭐⭐⭐
उनको देख देखकर ही लोग दिल के मरीज हो गए ।
हम तब से ही उनके कूचे के हकीम हो गए ।।
⭐⭐⭐23⭐⭐⭐
हम तो पन्ना हैं हमें खरीदने की औकात कहाँ उसकी ।
मारकर ठोकरें जिस जमाने ने हमको तराशा है ।।
⭐⭐⭐24⭐⭐⭐
सुना है ओ गमले में गुलाब लगा रहे हैं ,
कौन है जिसके लिए ओ चमन बसा रहे हैं ।
बहुत पहले ही दामन छोड़ दिया था हमने उनका ,
कौन है जिसे ओ बेलेंटाइन बना रहे हैं ।।
⭐⭐⭐25⭐⭐⭐
ओ प्रेमिका नही हमारी जिसके आशिक हजार हैं ।
ओ कहती है जान अब भी सिर्फ तुमसे ही प्यार है ।।
⭐⭐26⭐⭐⭐
इस नगर की फ़िज़्एं लुभाने लगीं हैं ,
अब जवानी मुझे फिर सताने लगी है ।
अपने दिल को बता हम समभालेंगे कैसे ,
ओ उसे देखकर मुस्कराने लगी है ।।
⭐⭐⭐27⭐⭐⭐
उसने मिटा दिया था नाम लिखकर बर्थडे केक से ।
ये भाइयों की मोहब्बत है कि नाम फिर से आ गया ।।
⭐⭐⭐28⭐⭐⭐
ओ प्रियेशी नही हमारी जिसके प्रेमी हजार हैं ।
सजाये थे जो पहले हाट अब उजड़े बाजार हैं ।।
⭐⭐⭐29⭐⭐⭐
मैं शराबी था न पहले नजरों के जाम पी गया ।
मैं जी रहा था ख्वाब में पल में हकीकत जी गया ।।
⭐⭐⭐30⭐⭐⭐
आज फिर से मुझे देखकर ओ मुस्करा रही थी ।
शायद कल फिर धोखे से मेरे सपने में आ गयी थी।।
⭐⭐⭐31⭐⭐⭐
मैंने तो कहा था ,
मत चूम मेरे होंठो को आदत खराब हो जायेगी ।
हुस्न मैखाना बनेगा तेरा अदा शराब हो जायेगी ।।
⭐⭐⭐32⭐⭐⭐
उसकी मुस्कराहट से भीतर साज धुन बजाते हैं ।
ओ समझती रही कि हम बेवजह गुनगुनाते हैं ।।
⭐⭐⭐33⭐⭐⭐
जब ओ मुस्करा के पलकें झुका लेती हैं ।
यकीनन ओ दिन में भी ख्वाब सजा लेती हैं ।।
⭐⭐⭐34⭐⭐⭐
जो पन्ना दिल बने दरिया तो मुश्किल भी बड़ी होगी ।
मछलियां खूब पँपेंगीं और भैंसें भी नहायेंगीं ।।
⭐⭐⭐35⭐⭐⭐
भरी महफ़िल में ओ तन्हा नजर आ रहे थे ।
बेवजह ओ न जाने क्यूँ मुस्करा रहे थे ।।
⭐⭐⭐36⭐⭐⭐
हमने उनको तो अपना कहा जी न था ,
ओ गैर हो गए तो कुछ गम नही ।
हम आये थे दिल लेकर उनकी महफ़िल में ,
और अब शामिल भी हम नही ।।
⭐⭐⭐37⭐⭐⭐
उनकी खातिर ही मैंने मुकम्मल जहाँ पाया है ,
हूँ एक गुलाम उसकी सल्तनत का चैन कहाँ पाया है ।
⭐⭐⭐38⭐⭐⭐
क्या ख़ाक बन्द हुए कत्लखाने , ओ हर रोज दिल पे छुरियां चलाते हैं ।
हाकिमों को भी दीवाना बना लेती है अपने हुस्न से ,
⭐⭐⭐39⭐⭐⭐
हमने तराश पत्थर खुद बना लिया ,
जिसने हमें बनाया उसको भुला दिया ।
अक्सर ही ढूंढते हैं पत्थर में लोग माँ को ,
तो फिर से हमने अपनी माँ को भुला दिया ।।
⭐⭐⭐40⭐⭐⭐
जिसने घोल दी जिंदगी अपनी शराब के प्याले में ।
उसने गुजार ली अपनी उम्र सारी बस एक ही निवाले में ।।
⭐⭐⭐41⭐⭐⭐
ओ जब भीगी हुई ज़ुल्फ़ों के बीच देखकर मुस्करा देती है ।
निंगाहों से उतरकर दिल में हमको हमसे चुरा लेती है ।।
⭐⭐⭐42⭐⭐⭐
मेरे क़दमों की चाल देख करके जो पहचान लेती है दिल का हाल ।
ओ माँ ही तो है जो दुआ देती है हर पल जीते रहो मेरे लाल ।।
⭐⭐⭐43⭐⭐⭐
उनके शहर में अब भी रवानी बहुत है ,
उनकी आँखों को हमने देखा ओ नूरानी बहुत हैं ।
उनके सीने की ऊंचाइयां बता रही हैं ,
आज कल के मौसम में ओ गरमानी बहुत हैं ।।
⭐⭐44⭐⭐⭐
तू मैकश-ए-हुस्न एक कुदरत का करिश्मा है ।
तुझे पाने को मेरा दिल आज कर रहा मुकदमा है ।।
⭐⭐⭐45⭐⭐⭐
हम आए थे उनकी महफ़िल में दो निवाले खा लिए ।
ओ जाने कहाँ से आए थे मुश्करा कर जां लिए ।।
⭐⭐⭐46⭐⭐⭐
तेरे इश्क़ का बुखार कुछ इस कदर चढ़ रहा है ,
जैसे दूर कहीं कूड़े पे कोई कुत्ता सड़ रहा है ।
मेरी हड्डियों को आकर समेट ले ऐ जालिम ,
ए अस्थियों का पंजर दर-दर बिखर रहा है ।।
⭐⭐⭐47⭐⭐⭐
उसकी आँखों में जो नशा है वो पैमाने में नही है ।
ओ हुस्न आज कल इस जमाने में नही है ।।
⭐⭐⭐48⭐⭐⭐
ओ हुस्न की नुमाइश सरेआम कर रहे हैं ,
मुझपे निंगाहें फेर कर बदनाम कर रहे हैं ।
⭐⭐⭐49⭐⭐⭐
ये माना कि उन पर हजारों फ़िदा हैं ,
हमारे तजुर्बे तो बिलकुल जुदा हैं ।
क्या लुभायेंगीं उनकी अदाएँ हमें अब ,
अब तो उनकी अदाएँ भी मुझ पर फ़िदा हैं ।।
⭐⭐⭐50⭐⭐⭐
इस तपन में जो पसीने से लटें भीगी हुई हैं ।
बहुत नमकीन थीं ओ पहले जो अब तीखी हुई हैं ।।
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