सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -१५ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -१५

फिर कुछ महीनों बाद ही फैसला सुनाया गया सारा को उचित न्याय मिला और उस दरीदे मिनिस्टर को फांसी की सजा सुनाई गई सारे सबूत उसके खिलाफ थे और उनसे आखिर कार स्वीकार किया कि वो किस तरह से हर रोज होम में जाकर सबका मुंह बंद करवा कर सारा के पास देसी शराब लेकर जाते और फिर सारी शराब सारा के शरीर पर डाल देते थे और फिर उसे चाटने लगते थे सारा बिचारी रोती थी चिल्लाती थी और कहती थी गन्दा पानी गन्दा पानी गन्दा पानी।
ये सिलसिला सालों से चलता है मैं सारा का आदी हो गया था पर इस वजह से सारा बीमार पड़ गई मानसिक रूप से विकलांग थी और फिर शारीरिक रूप से भी बेकार हो चुकी थी मुझे अब उसकी जरूरत नहीं थी इसलिए उसे बेहोशी की दवा पीला दिया जाता था।
विक्की कोर्ट में बैठ कर ये सब सुनने के बाद बोला जज साहब इस जैसे इन्सान को भूखे कुत्तों के सामने छोड़ देना चाहिए इस कोई हक नहीं है जिन्दा रहने का और न जाने कितने बच्चों और औरतों के साथ यह सब किया होगा इसको जीने का कोई हक नहीं है।

जज साहब ने कहा हां यह बात सच है और सारे गवाह और सबूत को मदे नज़र रखते हुए इस मिनिस्टर प्रकाश को फांसी की सजा सुनाई गई है।
विक्की वहां से निकल कर सबसे पहले मिठाई की दुकान पर जाकर सारी मिठाई खरीद लिया और फिर बहन के लिए गरीबों में बांट दिया और फिर सबके लिए तरह तरह की मिठाई लेकर पहुंचे।
संजना देखते ही समझ गई कि केस हम जीत गए हैं।
विक्की को संजना ने गले से लगा लिया और फिर बोली वाह विक्की हम जीत गए।।
विक्की वहां से सीधे सारा के कमरे में जाकर बैठ गई और फिर बोली देखो जाना है चलो फिर मिठाई लेकर सारा के पास जाकर बैठ गए।
जैसे ये कोई सपना होगा क्योंकि विक्की का दिल इतना कठोर है कि जल्द ही कोई पिघला नहीं सकता है।पर ये क्या एक बहन के प्यार ने ये कर दिखाया जो शायद कोई न कर पाता।
विक्की ने एक मिठाई लेकर सारा के मुंह में डाल दिया और फिर सारा ने भी एक मिठाई विक्की के मुंह में डाल दिया।
सारा ने दुबारा मुंह खोल दिया और फिर विक्की हंसता हुआ जल्दी से एक मिठाई सारा के मुंह में डाल दिया और सारा ने ताली बजा कर खुशी जाहिर किया।।
ये सब देख कर संजना ने कहा मुझे भी बहुत प्यार आ रहा है तुम दोनों पर।
विक्की ने कहा हुसससस।
संजना ने कहा क्या हुआ।
विक्की ने कहा अरे बीना जी यहां है।
संजना ने कहा हां तो क्या?
फिर सारा और विक्की मिलकर लुडो खेलने लगें।
संजना उठकर जाने लगी तो विक्की ने हाथ पकड़ लिया और फिर बैठा दिया और फिर कहा क्या बात है मुझे छोड़ कर जा रही थी।। संजना ने कहा मगर।
विक्की ने कहा अब अगर मगर की कोई गुंजाइश नहीं है।
संजना ने कहा पर।। विक्की ने कहा देखो संजू अब अगर चली गई तो हम ।।
संजना ने कहा अरे बाबा कहीं नहीं जा रही हुं।

विक्की ने कहा हां जाना भी मत।
कुछ देर बाद संजना और विक्की एक साथ बैठ कर बातें करने लगे ‌। विक्की ने कहा अरे बाबा अब तुम जब आ गई हो तो जाओगी तो ‌‌
एक बार तो बिना कुछ बताए चली गई थी और फिर जिंदगी के इस मोड़ पर आकर मिले हो।पर हां इस पर मैं तुम पर आकर्षित हो रहा हुं पता नहीं कैसे ये बोल कर विक्की एक दम चुप हो गया और फिर संजना जैसे ही उसको देखने लगीं तो विक्की एक दम से हंसने लगा ।
संजना ने तुरंत एक बुक उठकर दे मारा।
विक्की ने कहा आऊच।।लग गया यार।
फिर विक्की ने टी वी चला दिया।
ये नजदिकियां।।

कितनी हसीन हैं नशीली नशीली
यह नज़दीकियाँ यह नज़दीकियाँ
बाहों में बाहें साँसों
में साँसें नज़रों में नज़रें
हो कितनी हसीन हैं नशीली नशीली
धीमी धीमी आहटें
धीमा धीमा सा सुरूर
आप हों जो साथ में
कुछ न चाहिए हुज़ूर
हो धीमी धीमी आहटें
धीमा धीमा सा सुरूर
आप हों जो साथ में
कुछ न चाहिए हुज़ूर
कोई चाह बाकी नहीं हाँ
इतना कहना है ज़ुरूरमहकी महकी चांदनी सी
यह हमारी प्रीत है
हर घडी होण साथ हम
ऐसी नहीं कोई रीत है
महकी महकी चांदनी सी
यह हमारी प्रीत है
हर घडी होण साथ हम
ऐसी नहीं कोई रीत है
चाहे जहाँ भी मैं
रहूं सॉन्ग मेरे मीत है
हो कैसे भी हों फ़ासले न
कम होंगी न कम होंगी
यह नज़दीकियाँ यह नज़दीकियाँ
बाहों में बाहें
साँसों में साँसें
नज़रों में नज़रें.....
गाना खत्म हो गया और दोनों डांस करने लगे।।
संजना हंसने लगी और फिर बोली कैसा ये प्यार है।। कैसा ये प्यार है , कैसा ये प्यार है।।
विक्की ने संजना को अपनी तरफ खींचा और उसका हाथ मोड़ दिया और फिर छोड़ दिया।
संजना ने कहा विक्की यू आर हंटिंग भी।।
फिर विक्रम सिंह शेखावत अपने रूम में चला गया और फिर सामान फेंकने लगा।
तभी आवाज सुनकर संजना आ गई और फिर विक्की को रोक कर बोली खुद को समझते क्या हो तकलीफ़ देकर अपना बचाव कर रहे हो क्या।
विक्की ने संजना के मुंह में उंगली रख दी और फिर बोला चुप बिल्कुल चुप।।
संजना ने विक्की का काॅलर पकड़ लिया और फिर विक्की के दोनों गालों पर किस किया और फिर जब लव को किस करने लगी तो विक्की ने अपना मुंह घुमा दिया और फिर संजना ने कहा मुड नहीं है कहते हुए चली गई।।विक्की ने सोचा कि अब तक तो मैं सिर्फ नैना को ही प्यार करता था पर क्या अब संजना के प्रति आकर्षण है या फिर एक प्यार है।।मेरा क्या मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं है संजना को कैसे कहुंगा कि मैं यहां पर क्या हुं क्या नैना को भुल जा रहा हुं मैं।।
क्या विक्की को नैना कभी नहीं मिल पाएंगी।

क्या होगा विक्की और संजना की दोस्ती प्यार में बदल जाएगी या विक्की को नैना के प्यार पर ही होगा भरोसा। क्या दोस्ती प्यार का रूप ले पाएंगे।

जानने के लिए अगला अध्याय जरूर पढ़ें।
क्रमशः