सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -४ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -४

नैना सुबह सुबह आंख मलते हुए नीचे पहुंच गई और फिर बोली मासी गुड मॉर्निंग।।
अपर्णा ने कहा ओह मेरी गुड़िया गुड मॉर्निंग।।
कैसा रहा रात।
नैना ने कहा गज़ब की नींद आ गई पर आश्रम की याद आ रही है।
अभय ने कहा बहना रानी मैं हांग कांग में ऐसे घुमाऊंगा तुम्हें कि सब भुल जाओगे।
नैना ने कहा हां ठीक है पर पहले कालेज में दाखिला लेना होगा और फिर पढ़ाई पुरी करके लेक्चरर बनाना है।
अपर्णा ने कहा हां ठीक है तेरा सपना हम पुरा करेंगे।
नैना ने कहा थैंक यू।
अभय ने कहा कल ही तेरा एडमिशन एक अच्छे कालेज में करते हैं।।
नैना ने कहा थैंक यू भाई।
फिर नाश्ता करने लगे सब मिलकर और फिर अभय अपने आफिस चला गया।
फिर अपर्णा और नैना एक साथ गार्डन में जाकर झुला झुलने लगे।
अरे वाह क्या बात है कितना अच्छा झुला है।
अपर्णा ने कहा नैना वो गाना तो  सुनाओ जो तुम पहले गाती थी।
नैना ने कहा हां ठीक है फिर नैना गाने लगी।
सावन के झूले पड़े तुम चले आओ।।


सावन के झूले पाए,
तुम चले आओ
तुम चले आओ
तुम चले आओ
तुम चले आओ
आंचल न छोड़ मेरा,
पागल हुई है पवन पवन
आंचल न छोड मेरा,
पागल हुई है पवन
आ अब क्या करू मैं जतन, पांच
जिया है जाना सावन के झूले पाडे तुम चले आओ तुम चले आओ दिल ने पुकारा तुमे तुम चले आओ जब हम मिले पिया,

तुम कितने नादान
जब हम मिले पिया,
तुम कितने नादान
हम कितने अंजान थे,
बाली उमरिया में नैना
लड़े
सावन के झूले पाए
तुम चले आओ
तुम चले आओ
तुम चले आओ
तुम चले आओ‌।

अपर्णा ने कहा वाह कितना दर्द से इस गाने में।।

 


नैना रो पड़ी और बोली कि कितने सारे दर्द है अभी बाकी है सीने में कहीं न कहीं।
अपर्णा ने कहा हां ठीक है चलो कुछ देर टीवी देखते हैं।
फिर अभय आ गया और फिर बोला कि आज हम लोग डिनर बाहर करेंगे और मुवी देखने जाएंगे।

नैना ने कहा कि वाह क्या बात है।
फिर सब लंच करने बैठ गई।
खाना लिना ही सर्व करने लगी।
नैना ने कहा अरे वाह कढ़ी वरी और लेमेन राइज, बड़े दही वाले रोटी,दाल मखनी पनीर कोफ्ते सब बना था।
नैना खाते हुए बोली‌ कि खाना बहुत अच्छा लगा ।।

फिर सब मिलकर खाना खाने लगे और फिर कुछ देर बाद सब लोग खाना खाने के बाद सब सोने चले गए।

फिर शाम को तैयार हो कर सब निकल गए।
अभय अपनी ओपन वाली कार ले लिया।
नैना ने कहा वाह क्या बात है कितना सुन्दर।।
फिर सब कार में बैठ गए।

जैसा कि हांगकांग ने चीनी शासन के दूसरे दशक में प्रवेश किया है, हांगकांग के फिल्म निर्माता संयुक्त उद्यम परियोजनाओं के लिए मुख्यभूमि फिल्म उद्योग को और खोलने के लिए कमर कस रहे हैं। सीईपीए (क्लोजर इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट) के तहत नवीनतम नीति निर्देशों में और उदारीकरण के उपाय शामिल हैं जो हांगकांग में निर्मित चीनी भाषा की फिल्मों को विदेशी फिल्मों पर लागू आयात कोटा से छूट देते हैं। सीईपीए III के तहत, हांगकांग और मुख्यभूमि कंपनियों द्वारा सह-निर्मित मोशन पिक्चर्स के कैंटोनीज़ संस्करण को आधिकारिक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ग्वांगडोंग में प्रदर्शित किया जा सकता है, 
लंघम प्लेस में एक वाणिज्यिक परिसर और शॉपिंग सेंटर है मोंग कोक, कोलून, हॉगकॉग। आधिकारिक उद्घाटन 25 जनवरी 2005 को हुआ था। इस परिसर को दो खंडों द्वारा परिभाषित किया गया है अर्गिल स्ट्रीट, पोर्टलैंड स्ट्रीट, शान्तुंग स्ट्रीट तथा विस्मयादिबोधक सड़क. शंघाई स्ट्रीट कॉम्प्लेक्स के दो हिस्सों को अलग करता है, जो दो ओवरहेड वॉकवे के माध्यम से जुड़े हुए हैं। एक होटल विकास के एक तरफ है, जबकि वाणिज्यिक तत्व दूसरी तरफ स्थित हुं
लैंगहम प्लेस टॉवर का सकल तल क्षेत्रफल 17,000 मीटर है2 (180,000 वर्ग फुट), और एक 59-मंजिला कार्यालय टॉवर, दो तहखाने के स्तर के साथ 15-स्तरीय शॉपिंग सेंटर, 665 कमरे वाला होटल और 250 पार्किंग स्थानों के साथ एक कार पार्क शामिल है।[5] कॉम्प्लेक्स से जुड़ा है मोंग कोक स्टेशन की एमटीआर भूमिगत मार्ग से बाहर निकलें

नैना ने कहा भाई अब पहले कुछ शापिंग करके फिर चले।
अभय ने कहा हां ठीक है चलो।
अब तुम एक नया लुक दो।
हेयर स्टाइल और पहनावे में कुछ अलग करो।


फिर नैना ने वेस्टर्न पहनावा देखा और फिर अभय ने बहुत कुछ खरीद दिया।
साकारात्मक रहने के लिए ये सब कर तू।
फिर नैना ने सारे शॉपिंग किया।

फिर अभय ने टिकट निकाल लिया और फिर मुवी देखने चले गए।
नैना ने अपने सारे पैकेट नीचे काउंटर पर जमा करवा दिया।

फिर मुवी देखने के बाद नैना ने कहा भाई मैकडॉनल्ड में चले।
अपर्णा ने कहा हां बेटा जो तुम्हारा मन।
फिर नैना और अभय ने जाकर कुछ आडरॅ कर दिया।
बर्गर पिज्जा और कोक पेप्सी फिंगर फ्राई सब आ गया और फिर नैना खुश हो कर खाने लगीं।
अभय ने कहा देखो कल हमें कालेज जाना है और फिर मैं सोच रहा था कि सन्डे को हम निकल जाएंगे एक छोटा सा वीकेंड।
नैना ने कहा भाई थैंक यू पता है विक्की भी बहुत शौकीन था घुमाने में।
अपर्णा ने कहा हां ठीक है विक्की के बारे में तू मुझे बताएंगी है ना।
नैना ने कहा हां ज़रूर। निलेश का हमशक्ल है विक्की।
अभय ने कहा क्या बात कर रही है।
नैना ने कहा हां भाई।
फिर सब लोग घर आ गए। नैना ने घर पहुंच कर ही सारा डेस् पहन कर देखने लगी और फिर अभय ने फोटो भी ले लिया।।
नैना बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।
फिर सब लोग सोने चले गए।
रात भर नैना करवटें बदलते हुए सो रही थी उसने नया नम्बर भी ले लिया था पुराने नंबर और पुरानी यादों को समेटे हुए वो शायद बहुत ही दुखी थी पर उसके साथ इतना कुछ हुआ।
निलेश के जाने के बाद जिंदगी थम गई थी और फिर वहां से आगे विक्की मिला और वो पुरी जिंदगी ही बदल दी मेरी।
ये कैसा जिंदगी में ने दिखाया जो आज मैं सब कुछ छोड़ कर इतना दूर आ गई।जब एक बार उसके कहने पर ही मैं कानपुर से इतना दूर आई थी।
फिर नैना कब सो गई।
आज दुसरा दिन था। नैना के लिए कुछ उम्मीद कुछ चाहत, कुछ कसमें कुछ यादें।
फिर नैना जल्दी से तैयार हो कर नीचे पहुंच गई और फिर बोली गुड मॉर्निंग।
अभय ने कहा नैना अपनी एकाडमिक फाइल चेक कर लो।
नैना ने कहा भाई सब ठीक है।
अपर्णा ने कहा गुड लक।
नैना ने कहा थैंक यू मासी।
फिर सब नाश्ता करने के बाद निकल गए।
नैना एक बहुत ही अच्छे से कालेज में दाखिला लेने जा रही थी और विक्की इन सब बातों से बेखबर आश्रम जाने वाला था।
नैना ने सारे इन्टरव्यू अच्छी तरह से दिया और फिर नैना को उसकी काबिलियत पर एम ए फाइनल ईयर में दाखिला मिल गया।
उसके रेज्लट अच्छे थे तो उसे स्कालरशिप भी मिल गया था।
नैना आज अपने सपनों को साकार करने के लिए निकल पड़ी थी।
अभय ने कहा चलो सारे बुक भी कलेक्ट कर लो।
फिर वहां से बुक और जो जो ज़रुरी था वो सब लेकर हम लोग निकल गए।
नैना ने कहा भाई हर रोज मैं ही चली जाऊंगी कालेज मेट्रो से।
अभय ने कहा हां ठीक है।
चलो आज सेलिब्रेशन करना है। नैना हंसने लगी।
फिर दोनों घर लौट आए और फिर अपर्णा ने कहा हां चहेरा देख कर पता चल गया कि नैना खुश हैं।
अभय ने कहा हां मम्मा नैना को स्कालरशिप मिल गया और फिर।
अपर्णा ने कहा हां आज दीदी का सपना पूरा हो गया।
नैना अपने मासी के गले लग गई और फिर बोली थैंक्स भाई ।
अभय ने कहा शाम को केक काटा जाएगा।
नैना ने कहा हां वो मेरी तरफ से।।
अपर्णा ने कहा यस मैडम।
फिर सब मिलकर लंच करने लगे और फिर शाम को अभय एक बड़ा सा चाकलेट ब्राउनी केक लेकर आया।
नैना देखते ही रोने लगी और फिर बोली अरे भाई।
अभय ने कहा चलो केक काटा जाए।
नैना ने कहा हां सब मिलकर केक काटे।
फिर तीनों मिलकर केक काटा और फिर एक दूसरे को खिलाया।
नैना रोने लगी।
अभय ने कहा इसके क्लास माॅनिग में होगा तो मैं छोड़ दुंगा।

नैना ने कहा ओके भाई बट रिटर्न मैं आ जाऊंगी मेट्रो से।
अभय ने कहा ओके गुड़िया।
अपर्णा ने कहा हां चलो अब कुछ देर बातें करने बैठे।
फिर नैना ने अपनी सारी कहानी सुनाई कि कैसे किडनैपिंग हुईं और फिर अग्नि परीक्षा देना और फिर आश्रम जाना।
अपर्णा ने कहा नैना मैं तेरे साथ हूं तेरा फैसला एक दम सही है एक नारी के सम्मान उसके अस्तित्व की रक्षा करना और अगर विक्की सच्चा प्यार करता था तो वो कैसे पीछे रह गए और फिर तूने कुछ बिना बताए आ गई।
नैना ने कहा क्या करती मैं।
कुछ भी रास्ता नहीं बचा था। आश्रम में रह कर मैंने बहुत कुछ सिखा भी।
अब मैं एक अपने पैरों पर खड़ी रह सकती हुं।
अपर्णा ने कहा दुःख होता है कि तेरे साथ यह सब कुछ हुआ।

उधर जब विक्की आश्रम पहुंच जाता है और जब उसे पता चला कि नैना यहां से चली गई तो विक्की के पैरों तले जमीन खसक जाती है और फिर उसे ये एहसास हो जाता है कि नैना अब कभी नहीं मिलेंगी ऐसा क्यों किया उसने एक बार बताया होता कि।
विक्की ने कहा गुरु जी नैना ने कुछ बताया।
गुरु जी ने कहा नहीं नहीं बस अभय आया था।
।।


क्या विक्की को अभय के बारे में पता चल पायेगा। क्या 
ये सब जानने के लिए अगला अध्याय पढ़ें।
क्रमशः