दूसरे दिन सुबह विक्की ने कहा सब पैकिंग कर लिजिए हमें निकलना होगा।
सबने पैकिंग किया और फिर नाश्ता करने के बाद निकल गए।
उधर संजना को पता चला कि विक्की वापस आ रहा तो माया के साथ मिलकर पुरे बंगले को सजाने लगी। विक्की को वाईट लिली फूल पसंद है।।
माया ने कहा संजना तुम आ गई तो इस बंगले में जान आ गई।
संजना ने कहा हां पर मुझे डर लग रहा है कहीं विक्की मुझे यहां देख कर गुस्सा न करें।
माया ने कहा हां ठीक है पर तुम सब कुछ सुन लेना प्लीज़।
संजना ने कहा हां जब आ गई हुं तो सब ठीक हो जाएगा।
फिर संजना ने किचन में जाकर विक्की की सारी पसंद कि लंच तैयार करवाया और खुद भी रामदिन काका की मदद भी कर दिया।
संजना ने कहा दी अब एक बार फोन करके पुछ लो कि कब आ रहे हैं।
माया ने कहा हां, हां बरसों के बाद अपने दोस्त को देखोगी।
संजना हंसने लगी और फिर बोली दी मुझे वो माइक चाहिए और साथ ही प्रोजेक्ट भी।
माया ने कहा हां वो सब तो विक्की के लैब में है।
उसके बाद संजना ने सारा अरेंजमेंट कर लिया।
संजना ने कहा दी अब जब विक्की आएगा तो मुझे आप बता देना। माया ने कहा हां ठीक है चलो।।
फिर संजना भी रेडी हो कर नीचे आ गई संजना ने विक्की का दिया हुआ कालेज टाइम का वो रेड वाइट कलर का साड़ी पहन लिया।
कुछ देर बाद गाड़ी के हार्न से माया ने संजना को बता दिया।
संजना भी रेडी हो गई और माइक लेकर रखी हो गई।
जब डोर बेल बजा।
अरविन्द जी दरवाजा खोल दो माया ने कहा।
अरविन्द ने कहा हां ठीक है। फिर जाकर दरवाजा खोला तो विक्की ने कहा अरे जाओ डिक्की से लेगेज ले आइए।
विक्की को लिली फूल की खुशबू ने मोहित किया और फिर इधर उधर देखा तो पुरा बंगला सजा हुआ था और फिर जब सब अन्दर पहुंच गए तो संजना ने छुप कर माइक में वही बचपन वाली कविता बोलना शुरू किया।
वो बचपन के दिन क्या दिन थे,न कोई चिंता ना कोई परेशानी, विक्कू मिला संजू से तो हो गई कहानी, अब तक कहां थे हम आज मिले हैं बरसों बाद।।
विक्की इधर उधर देखने लगा और फिर संजना धीरे धीरे बाहर निकल कर आई और साथ माया भी आ गई।
जतिन, सपना,अमन,चाचू, चाची जतिन के मम्मी पापा सब देख रहें थे।
विक्की ने कहा संजू तुम यहां कैसे?
संजना ने कहा विक्कू लो मैं आ गई।
विक्की ने कहा छोड़ के क्यों गई।
संजना की आंखें भर आईं थीं और फिर वो गाना गाने लगी।
जाने वफ़ा हो के बेकरार बरसों किया मैंने इन्तजार,पर कभी तूने नहीं ये तब कहा,जो अब कहां।।
विक्की ने तभी माइक ले लिया और फिर वो भी गाने लगा माफ करो मुझे यारा बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा सलामत रहे दोस्ताना हमारा।।
फिर दोनों ने एक-दूसरे को हंस कर हाथ मिलाया और फिर दोनों एक-दूसरे के गले लग गए।।
फिर प्रोजेक्ट्स में संजना ने चलाया वहीं बचपन की यादें वो रिश्ते वो नाते वो रूठना फिर मनाना।। फिर सभी उन तस्वीरों का मजा लेते रहे पच्चीस साल पुरानी कालेज स्कूल के वो दिन।।
चाची चाचू सब बहुत ही खुश हो रहे थे।
विक्की की आंखों में आसूं आ गया था और संजना ने आंसू को पोंछने लगी और फिर बोली कि अब तुम्हारे लवों पर सिर्फ हंसी ही रहेंगी आंसुओं का कोई काम नहीं है।।
विक्की ने कहा जिंदगी की इस उतार चढ़ाव में आंसु बहते हुए पानी की तरह हो जाते कोई फर्क नहीं पड़ता।
सपना ने कहा अरे बाबा ये है कौन?
माया ने कहा सपना ये संजना है विक्की के बचपन की दोस्त।।
अमन ने कहा अरे वाह कल ही याद किया और आज संजना आ गई क्या प्यार है।।
संजना ने विक्की की आंखों में देख कर कहा अरे वाह देखो तुम ने याद किया और संजू हाजिर।।
विक्की ने कहा थैंक यू।
और फिर सब अपने अपने कमरे में चलें गए।
विक्की ने पुरा घर देखने लगा और फिर बोला कि बरसों बाद इस घर को इतना सजता हुआ देखा वैसे तुझे याद है मुझे ये फुल पसंद है।
संजना ने कहा हां बिल्कुल याद है। और वो भी याद है जो तुझे याद नहीं।।
माया ने कहा भाई जाकर फ्रेश होकर आ जल्दी खाना खाते हैं।
विक्की ने कहा हां ठीक है चल संजू मैं आता हूं। बहुत मोटी हो गई है।।
संजना ने कहा अच्छा तू भी तो।
फिर विक्की चला गया।
माया ने जाकर संजना को गले लगा कर कहा थैंक यू।
संजना ने कहा हां दी, मुझे लगा कि विक्की गुस्सा करेगा पर।।बदल गया है।
माया ने कहा हां गहरी चोंट लगी है।।
संजना ने कहा हां ठीक कहा आपने।
फिर दोनों ने मिलकर टेबल पर खाना प्लेट सब लगा दिया।
फिर सब लोग खाना खाने आ गए।
विक्की ने टेबल पर लगें हुए खाना को देखते ही कहा वाह क्या खुशबू है?
और ये क्या आज सब मेरी पसंद का।।
संजना ने कहा हां विक्की चल खाना शुरू कर।
फिर सब एक साथ खाना खाते हुए बात भी कर रहे थे। अतुल और बिमल भी मग्न हो कर खाना खाने लगे थे।
विक्की ने कहा अरे संजू बैठ जा तू भी।
संजना ने कहा हां मैं भी बैठती हु।
फिर संजना भी विक्की के पास बैठ गई। और फिर दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते हुए खाना खाने लगे।
सब लोग खाना खाने के बाद इधर उधर घुमने लगें।
विक्की अभी तक बैठ कर खाना खाने लगा था और फिर माया ने कहा इन महीनों में विक्की ने खाना पीना सब छोड़ दिया था और फिर आज इतने दिनों बाद वो आज चैन से खाना खा रहा है।
विक्की ने कहा हां दीदी ठीक कहा आपने आज संजू ने मुझे बिल्कुल बदल दिया है एक दिन में पर अगर वो भी मुझे छोड़ कर चली जाएगी तो मैं अब सहन नहीं कर पाऊंगा।।
संजना ने कहा हां मैं समझ सकती हुं पर उस समय मेरे जाने की एक खास वजह था और अब पता नहीं जिंदगी किस मोड़ पे ले जाएंगी।
विक्की ने कहा हां पर तु थी कहां?
संजना ने कहा तुम्हारे दिल के करीब थी शिकागो।
विक्की ने कहा ओह माई गॉड।
माया ने कहा अरे बाबा अब तुम लोग बातें करो।
माया उठकर चली गई।
विक्की ने कहा अचानक कैसे आ गई।।
संजना ने कहा मैं बताऊं तुम्हे थोड़ी देर बाद ।
विक्की ने कहा दादू ने बुलाया?
संजना ने कहा हां,
विक्की ने कहा पर फोन नंबर।।
संजना ने कहा हां बाबा तेरे लाल डायरी में से।
विक्की चौक गया और फिर बोला कि दादू ने फोन किया।
संजना हंसने लगी और फिर बोली नहीं रे बुद्धू।। वो माया दी।।
विक्की ने कहा ओह तो ये बात है इसलिए माया दी नहीं गई फार्म हाउस।।
संजना ने कहा हां शायद।।
विक्की ने कहा हां ये लोग मेरे अपनों से भी अपने हैं।
संजना ने कहा हां ठीक है अब चलो।
फिर सब लोग अपने-अपने कमरे जा कर आराम करने लगे।
विक्की और संजना दादाजी के कमरे में जाकर बैठ गए उस समय दादाजी सो रहे थे।
विक्की ने कहा याद है जब हम स्कूल से आते थे और फिर सीधे दादू के कमरे में जाकर उसके तकिए के नीचे से पैसे लेकर भाग जाया करते थे और फिर दादी मां हमें बिस्कुट खाते हुए पकड़ लिया करती थी।
संजना ने कहा हां यार सच कहा कितना शुकून था कोई चिंता नहीं था बस ।
विक्की ने कहा हां दादी मां और दादाजी के पास रह कर मैंने कभी किसी की कमी महसूस नहीं किया।।
संजना ने कहा हां ठीक है । मैं भी तो एक अनाथ थी और फिर जब तुम्हारे घर आती तो लक्ष्मी मां और दादी मां ने मुझे इतना प्यार दिया कि कभी लगा नहीं कि मैं एक अनाथ हुं।
पर तुमने मुझे जाने के लिए मजबूर कर दिया था।
विक्की ने कहा हां मैंने।।
तभी दादाजी उठ गए और फिर बोलें मेरे बच्चो मेरे पास आओ।
विक्की और संजना उठ कर दादाजी के पास बैठ गए।
दादाजी ने कहा मेरी तबियत ठीक नहीं रहता है तेरी दादी के जाने के बाद शायद वो मुझे बुला रही है।
विक्की ने कहा अरे दादू आप भी ना।।
संजना ने कहा अब मैं आ गई हुं सब ठीक हो जाएगा।
दादाजी ने कहा देखो बेटा तेरे पापा एक बार आएं थे और फिर हमने ही उसे यहां से निकाल दिया था और वो जातें जाते एक बात बोल गया जो आज तक हमारी ज़हन में है और फिर आज ऐसा लगता है कि मुझे वो बात तुझे बताना चाहिए।
विक्की भी बहुत आश्चर्य हुआ और फिर बोला कि क्या बात है?
दादाजी ने कहा देखो बेटा वो तेरी एक बहन है और वो शायद अब किसी होम में है उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है पर वो इस घर की बेटी है देख विक्की मुझे पता है कि तुम मेरी बातो को अनदेखा नहीं करेगा।
विक्की ने कहा दादू आप यह क्या बोल रहे हैं आपने पहले कभी नहीं बताया?
दादाजी ने कहा हां तेरी दीदी ने मना किया था बेटा इस घर को किसी की श्राप लगी है जब तू पांच साल का था तभी तेरे पापा आए थे और फिर ये सब बोल कर मुझे अपनी ओर करना चाहते थे पर हम ने उसे भगा दिया अब ये नहीं पता कि तेरे पापा है या नहीं।।पर जब तेरी मां के कहने पर हम ख़ोज बीन करवाया तो पता चला कि एक होम में है अमेरिका के।।देख बेटा उसकी कोई गलती नहीं है वो तेरी छोटी बहन है।
विक्की ने कहा जिसने मेरी मां को तकलीफ़ दिया उसकी बेटी को अपनी बहन बना लूं।
दादाजी ने कहा देखो विक्की हमने तुम्हें ऐसी परवरिश दिया है कि तुम कभी क्रुरता नहीं कर सकते हो।मेरा एक निवेदन समझ कर पुरा करो।
संजना ने कहा हां दादू मैं समझाती हूं इसको।
विक्की उठ कर अपने कमरे में चला गया और संजना भी पीछे पीछे चल पड़ी।
विक्की अपने बाॅक्सिग पैड के साथ बहुत देर तक अपनी दिल की भरास निकालता रहा।
फिर संजना आकर रोक दिया और फिर बोली अरे तुम इतनी जल्दी हार कैसे मान सकते हो जान।।
विक्की ने कहा क्या करूं जिंदगी में ऐसा ऐसा गम दे दिया है।।
संजना ने कहा हां ठीक है पर तुम एक बार देखो सोचो शायद तुम्हारी मां भी यही चाहती है कि तुम अपनी बहन को अपने पास लेकर आओ। पता नहीं वो किस हाल में होगी।
विक्की ने कहा पर संजना वो मेरे आंखों के सामने रहेगी और फिर मुझे मेरे पापा की दिए गए आंसु को बहते देखा है।
संजना ने कहा नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा।
विक्की ने कहा अच्छा जाने दो अब कुछ बताओ अपने बारे में।।
संजना हंसने लगी और फिर बोली देखो मैं तो जैसी थी वैसी हुं।
विक्की ने कहा हां कुछ ज्यादा खुबसूरत हो गई हो।
संजना हंसने लगी।
विक्की ने रेडियो चलाया एफ एम पर बहुत खुबसूरत हो।हो
बहुत अच्छा खबर है की तुम खूबसूरत हो
बहुत खूबसूरत हो, बहुत खूबसूरत हो
बहुत खूबसूरत हो, बहुत खूबसूरत हो ये बिकनी सी
देर है, इन चेहरे से उड़ने दो
बहुत खूबसूरत, बहुत बहुत
बहुत
दो चेहरे से उडने दो हो
बहुत खूबसूरत, हो बहुत खूबसूरत हो
ये रुक्सर ढेर से लगते हैं ना
उदासी की हल्दी है टोपी जाएगी
तमन्ना की लाली को पकड़ने तो
दो ये पतझड़ की छनव छोट रह
जाएगी
ख़ूबसूरत हो, बहुत ख़ूबसूरत हो
वो चेहरे जो रोशन है लो की तरह
उन धुंधने की जरूरत नहीं
मेरी आंख में झंक कर देख लो
तुम आए की जरूरत नहीं
रूठी सी खाफा सी तुम, जरा तो माने दो
बहुत खूबसूरत हो, बहुत खूबसूरत हो
बहुत खूबसूरत
हो, बहुत खूबसूरत हो
बहुत खूबसूरत हो, बहुत खूबसूरत हो।।
गाना खत्म हो गया और फिर संजना भी चली गई सोने।
फिर दूसरे दिन सुबह माया ने विक्की को कहा कि अब हम लोग कुछ दिनों के लिए कनाडा मासी के पास जा रहें हैं।
विक्की ने कहा ओके दी, एयर टिकट हो गया?
माया ने कहा हां जतिन ने कर दिया।
विक्की ने कहा सब लोग जा रहे हैं।
जतिन की दादी मां ने कहा हां बेटा सब लोग जा रहें हैं।
फिर शाम को सब लोग निकल पड़े।
अतुल बिमल,बुई रेखा भी जा रहे थे क्योंकि माया और उसके ससुराल वालों का मन था।
फिर सब निकल गए। घर
खाली हो गया था।
संजना और विक्की बैठ कर बातें करने लगे।
क्या विक्की अपने अतीत से जुड़े गुत्थी को सुलझा पाएगा? अपनी सौतेली बहन को अपना पाएंगा।
क्रमशः