सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -५ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -५

विक्की सुन कर ही सुन्न पड़ गया।
गुरु जी ने कहा देखो विक्की तुम्हारी दादी मां ने जो चाहा वो ही हुआ । नैना ने अपनी पुरी निष्ठा से अग्नि परीक्षा दिया और फिर उसका समर्पण करना बहुत ही अच्छा रहा। उसने अपने हाथ के काम से बहुत अनपढ़ औरतों को रोजगार के लिए अवसर करा दिया।
विक्की ने कहा गुरु जी मैं जानना चाहता हूं कि नैना किसके साथ गई आखिर कहां गई?
गुरु जी ने कहा इसका कुछ पता नहीं चल पाया।
विक्की ने कहा नैना ने ऐसा क्यों किया और फिर पासपोर्ट नहीं था उसके पास। 
गुरु जी ने कहा हां वो नैना की सहेली आई थी वो ही शाय़द वो लाई थी।
विक्की ने कहा हां रिचा आई थी।
विक्की वहां से सीधे निकल गए और फिर होस्टल में पहुंच कर रिचा से मिला।
रिचा ने कहा हां नैना मुझे बुलाई थी और फिर उनसे पासपोर्ट और सारे डोक्युमेंट ले लिया।
विक्की ने कहा हां पर बताया कि वो कहा गई है,?
रिचा ने कहा नहीं यह तो बताया अपने सारे एकाउंट में जमा पैसे भी निकाल लिया।

विक्की ने कहा ओह माई गॉड अच्छा ठीक है।
रिचा ने कहा एक मिनट ये पैकेट नैना ने कहा था आपको देने के लिए।
विक्की ने कहा हां ठीक है।
रिचा जाकर वो पैकेट ले कर आई और वो पैकेट दे दिया ।
विक्की वो पैकेट लेकर चला गया।
बंगले में पहुंच कर सीधे दादी मां के कमरे में गया और फिर बोला दादाजी नैना रूठ कर कहीं चली गई।।
मैं क्या करूं कैसे जी पाऊंगा उसके बिना।।
दादाजी ने कहा मैंने नैना की आंखों में दर्द देखा है उसकी तकलीफ़ देखी है।वो इसलिए चली गई अब वापस नहीं आएगी।
विक्की भी रोता हुआ अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और वो पैकेट खोला तो देखा उसमें वो तमाम गहने थे जो दादी मां ने दिया था।
विक्की देखते ही समझ गया था कि नैना ने सब कुछ वापस कर दिया।
और फिर विक्की अफसोस करने लगे और फिर एक गाना गाने लगा।।


आये तुम याद मुझे
गाने लगी हर धड़कन
खुशबू लाइ पवन
महका चादन
आये तुम याद मुझे
गाने लगी हर धड़कन

जिस पल नैनो में सपना तेरा आए
उस पल मौसम पे मेंहदी रच जाए
उस पल मौसम पे मेंहदी रच जाए
और तू बन जाए जैसे दुल्हन
आये तुम याद मुझे
गाने लगी हर धड़कन
जब मैं रातों में तारे गिनता हूँ
और तेरे क़दमों की आहट सुनता हूँ
और तेरे क़दमों की आहट सुनता हूँ
लगे मुझे हर तारा तेरा दरपन
आये तुम याद मुझे
गाने लगी हर धड़कन

हर पल मन मेरा मुझसे कहता है
जिसकी धुन में तू खोया रहता है
जिसकी धुन में तू खोया रहता है
भर दे फूलों से उसका दामन
आये तुम याद मुझे।।
विक्की गाना गाने के बाद सब तोड़ फोड़ करने लगा।
और फिर सो गया।

दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर युनिफोर्म पहना और फिर वहां से सीधे आफिस निकल गया।
दादाजी नाश्ता करने बैठे और फिर बोलें कि विक्की भी क्या अपने बाप के कर्मों का फल भोगेगा।
सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं रहा एक अनजान सा डर लगता है कि क्या होगा मेरे जाने के बाद।।

विक्की आफिस पहुंच कर पहले माया दी को फोन किया और फिर सारी बात बताई।
माया ने सुनते ही कहा किसकी नजर लग गई भाई, क्या हम लोग अपना प्रोगाम कैनसेल कर दे?
विक्की ने कहा अरे नहीं दी प्लीज़ आप लोग आईए मेरे पास।
माया ने कहा हां ठीक है सब कुछ ठीक हो जाएगा।
विक्की ने दूसरा फोन बुई को किया और फिर सारी बात बताई।
बुई ने सुना तो कहा कि बहुत गलती किया नैना को अग्नि परीक्षा के लिए जाने दिया। पर वो स्वाभिमानी लड़की है उसके साथ बुरा हुआ।
विक्की ने कहा हां पर वो गई कहां?
बुई ने कहा मुझे नहीं पता।।

विक्की ने एक दो फोन किया और फिर ट्रेनिंग के लिए चला गया।


इस तरह से एक महीने बीत गया पर विक्की ये मानने को तैयार नहीं कि नैना अब उसके पास नहीं है और फिर बिना बोले चली गई क्या मैं इतना बुरा हुं जो वो सहन नहीं कर सकती हैं मुझे।।
मैं बहुत अभागा हूं कि एक इतना अच्छा प्यार करने वाली मुझे छोड़ कर चली गई।।

विक्की ने अपनी जान लगा दिया नैना को ढूंढने में पर यूं एस में कोई भी ऐसा होटल, कालेज, होस्टल नहीं बचा था जो विक्रम सिंह शेखावत ने नहीं देखा होगा।

आखिर नैना गई कहां मैं दादी मां की अंतिम इच्छा पुरा नही कर पाऊंगा क्या।
नैना तुमने मुझे धोखा दिया एक बार कहा तो होता तुम मेरे यहां पर आई,मैं चाहता था कि तुम अपने पैरों पर खड़ी हो सको।
पर तुमने मेरा मान नहीं रखा और चली गई पर कहां?
ऐसे कैसे कर सकती हो। ऐसा कौन है तुम्हारे अपने जो मुझे भी पता नहीं।।
इस तरह से विक्की का महीने गुजरने लगें थे।
अगले महीने में माया दी और उसके फैमिली आने वाले थे।
नैना तुमने जो दर्द दिए हैं वो मैं जिंदगी भर याद रखूंगा और फिर तुम भी आवाद कैसे रह सकती हो प्यार में तो तुम भी थी और मैं भी था।।
फिर विक्की लैपटॉप पर कुछ खोजने लगा।।

फिर एक साइट पर एक मैसेज दिया कि नैना जहां पर भी हो एक बार फोन करो। प्लीज़ मुझे माफ कर दो।

रोता रहा विक्की पर उसके आंसु पोंछने वाला कोई नहीं था।
दादाजी ने विक्की को अपने कमरे में बुलाया और कहा कि बेटा जो वसीयतनामा तुम्हारी दादी मां ने बनवाया था उसके अनुसार तुम अगर नैना से शादी करते तभी तुम्हें सब मिलेगा।
विक्की ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए दादू नैना जब तक नहीं आती मैं तो कुछ सोच नहीं पा रहा हूं।
नैना जाकर मेरा सुकून मेरा चैन सब लेकर चली गई।
आखिर नैना किसी लड़के के साथ कैसे जा सकती है कौन है वो इन्सान जो नैना के इतने करीब था और मुझे पता नहीं चल पाया।

तुम बिन जिया जाए कैसे।
कैसे जिया जाए तुम बिन।
बिन क्या है जीना, क्या है जीना… 
तुम बिन क्या है जीना, तुम बिन जिया जाए कैसे,
कैसे जिया जाए तुम बिन
सदियों से लंबी हैं रातें…
सदियों से लंबे हुए दिन
(आजाओ लौट कर तुम, यह दिल कह रहा 
फिर,शाम-ए-तन्हाई जागी, फिर याद तुम आ रहे हो…
फिर जान निकलने लगी है,फिर मुझको तड़पा रहे हो
फिर मुझको तड़पा रहे हो
इस दिल में यादों के मेले हैं, तुम बिन बहुत हम अकेले हैं
आजाओ लौटकर तुम, यह दिल कह रहा है
आजाओ लौटकर तुम, यह दिल कह रहा है
,क्या ना सोचा था मैने
क्या-क्या ना सपने सजाए..ए..
क्या,क्या ना चाहा था दिल ने
क्या-क्या ना अरमान जगाए..ए..
क्या, क्या ना अरमान जगाए
इस दिल से तूफान गुज़रते है
तुम बिन तो जीते ना मरते हें
आजाओ लौटकर तुम, यह दिल कह रहा है
आजाओ लौटकर तुम… यह दिल कह रहा है

तुम बिन जिया जाए कैसे
कैसे जिया जाए तुम बिन
सदियों से लंबी हैं रातें…
सदियों से लंबे हुए दिन
आजाओ लौटकर तुम, यह दिल कह रहा है…
आजाओ लौटकर तुम, यह दिल कह रहा है…

विक्की रात भर टहलता रहा ना नींद थी ना चैन था जैसे जिंदगी खत्म सी हो गई थी अब तो बस भगवान ही कुछ चमत्कार कर देता।।
सदियों से ये होता आ रहा है सच्चे प्यार करने वाले कभी मिल नहीं पाते और जो मिल भी जाते हैं तो उनका प्यार नहीं निभता। ये कैसा प्यार है जो हम चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं।
क्या विक्की ने सोचा और क्या हो गया।।।
नैना ने क्या सच में विक्की को धोखा दिया या फिर अभिमान करके चली गई ये तो वक्त ही बताएगा कि क्या सही है क्या ग़लत।
आज के इस जमाने में क्यों नारी को ही बलि चढ़ा दिया जाता है। तीन दिन तक अगर घर से बाहर रहे तो इसका मतलब कि वो अब किसी लायक नहीं रहीं अपनी गरिमा खो चुकी है।
ये असम्मान क्यों आखिर क्या गलती थी नैना की?
विक्की थक हार कर सो गया और फिर सुबह एक नया रिसर्च और फिर नई खोज के साथ।।
विक्की जोग करने चला गया और फिर वहां भी वो नैना को खोजने लगा कि शायद यही कहीं हो।
सब लोग वहां देखने लगें फिर वहां पर कुछ फौजी दोस्त भी आ गए और विक्की को बोले सर आप यहां चलिए हम साथ चलते हैं।

विक्की ने कहा नहीं मुझे काम है तुम लोग जाओ।
फिर विक्की वापस आया और फिर नहाने चला गया उसके बाद तैयार हो कर निकल गया।

क्या विक्की को नैना मिल पाएगा? क्या नैना फिर से विक्की के पास आ जाएगी।

ये सब जानने के लिए पढ़ें इसका अगला अध्याय।
क्रमशः