डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 18 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 18

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग 18 

 

"सिंघानिया परिवार का हैरान होना..!" 

अब आगे,

अवनी की बात सुनकर, अब शिवानी जी उससे कहती हैं,

"अवनी बेटा, मैने आज तक तुम्हारी हर बात को सही कहा है पर आज नही कह पाऊंगी क्योंकि अगर वो अनजान लड़की, हमारे रुद्रांश को इंप्रेस करने के लिए ये सब कर रही होती ना तो वो रिया के बर्थडे पर यहां सिंघानिया मेंशन में खड़ी हुई होती और तो और संजना दीदी ने उसका चेहरा भी देखा ही होता और साथ में उसके बारे मे सब कुछ पता होता वो भी खुद उस ही लड़की ने संजना दीदी को बताया होता, तभी तो वो हमे उस के बारे मे बता पाती और रुद्रांश उससे मिल लेता वो उसको इंप्रेस कर चुकी होती और साथ में इस वेश कीमती हीरो के हार का जो भी प्राइस होता वो हम उस अनजान लड़की को दे भी देते मगर ऐसा कुछ भी नही हुआ है संजना दीदी ने उसका चेहरा भी नही देखा है और तो और उन्हे उसका नाम तक नहीं पता है..!"

आज जब शिवानी जी ने अवनी की तरफदारी नही करी तो अब अवनी का मूड ऑफ हो जाता है और वो, शिवानी जी को घूरने लगती हैं..!

वही शिवानी जी की बात सुनकर, अब सरला जी, संजना जी कहती है,

"शिवानी की बातो से याद आया तुम ने उस अनजान लड़की को इस वेश कीमती हीरो के हार का जो भी प्राइस था वो तो दे दिया है ना..!"

सरला जी की बात सुन कर, तो अब संजना जी अपना सिर ना मे हिला देती हैं...!

संजना जी के ऐसे करने से अब विनोद जी उन पर थोड़ा गुस्सा करते हुए उनसे कहते है,

" संजना तुम ऐसे केसे कर सकती हो, पहले तो तुम ने ये वेश कीमती हीरो का हार एक अनजान लड़की के कहने पर ले लिया और आप उसका जो भी प्राइस था वो भी नही दिया है क्यू, बताओ मुझे ऐसा क्यू किया तुम ने...?"

जब विनोद जी थोड़ा गुस्सा कर रहे थे तो संजना जी अपना सिर नीचे करके सुन रही होती है जिसे देख अब रघुवीर जी, विनोद जी से कहते है,

" बस करो विनोद, मुझे नही लगता है कि संजना ने ये सब जानबूझ कर किया होगा और तुम्हे जबतक पूरी बात न पता होया करे तबतक शांत ही रहा करो..!"

अब रघुवीर जी, संजना जी से पूछते है,

" संजना, तुम मुझे पूरी बात बताओ कि तुम ने उस अनजान लड़की को इस वेश कीमती हीरो के हार का जो भी प्राइस था वो क्यू नही दिया...!"

रघुवीर जी की बात सुनकर, संजना जी उनसे कहती है,

" पापा, मै केसे उस अनजान लड़की को उसके द्वारा खरीदे गए उस हीरो के हार का प्राइस दे पाती जब कि मुझे तो ये भी नही पता कि उसका नाम क्या है वो दिखने में कैसी है, मुझे कुछ भी नही पता है, और तो और उस ज्वेलरी शॉप के ऑनर, मैनेजर, एम्प्लॉय किसी ने भी आजतक उस अनजान लड़की का चेहरा तक नही देखा है और न ही किसी को उसके बारे मे कुछ पता है...!"

संजना जी की बात सुनकर, अब रघुवीर जी उनसे कहते है,

" संजना बेटा, मुझे पूरी की पूरी बात जाननी है तो सब कुछ डिटेल में बताओ..!"

रघुवीर जी की बात सुनकर, संजना जी कहती है,

" जब उस अनजान लड़की ने मुझे वो हीरो का हार का गिफ्ट बॉक्स देकर वहा से चली गई थी तो एक एम्प्लॉय ने आकर मुझ से पूछा क्या आपने किसी लड़की को देखा था जिससे अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ हो क्योंकि वो अपना बिल ले जाना भूल गई है, तो मुझे ध्यान मे आया जिस लड़की ने मुझे ये वेश कीमती हीरो का हार दिया है उसने ही इस पूरी ज्वेलरी शॉप में अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था बाकी किसी ने भी नही लगाया है, मै उस एम्प्लॉय को कुछ कह पाती उससे पहले ही उसने मेरे हाथ में उस अनजान लड़की के द्वारा दिया वेश कीमती हीरो के हार का गिफ्ट बॉक्स देख लिया और उसके चेहरे के तो रंग ही उड़ गए मुझे समझ में ही नही आया कि अचानक से उसको क्या हुआ, उस एम्प्लॉय ने मुझ से कहा कि ये आपके पास केसे आया जब कि ये तो अभी यहां आई वो मास्क वाली लड़की लेकर गई थी तो मैने भी कह दिया कि उस अनजान लड़की ने ही मुझे ये दिया है कि मै इस हीरो के हार को अपनी बेटी को गिफ्ट मे दे सकू और तुम इतनी शॉक क्यू हो रही हो और साथ में मुझे उस अनजान लड़की का नाम, पता और अकाउंट नंबर भी बता दो जिससे इसका जो भी प्राइस होगा वो मैं उसको दे सकू, तो उस एम्प्लॉय ने मुझ से कहा, कि हमें उन के बारे में कुछ भी नही पता है ना नाम, ना एड्रेस और ना ही अकाउंट नंबर और तो और मुझे तो समझ में नही आ रहा है कि जिस लड़की को हमने खुद दो बार देखा है वो भी पहली बार तब देखा था जब वो इस वेश कीमती हीरो के हार का ऑडर देने आई थी उस दिन भी उस लड़की ने मास्क लगाया हुआ था और साथ में हमारे मैनेजर से कहा था कि मुझे इस वेश कीमती हीरो का हार का डिजाइन पूरी दुनिया में इकलौता पीस होना चाहिए साथ में उस दिन के करीब 6 महीने बाद में आकर इसको लेकर जाऊंगी तो मुझे कोई भी कमी नजर न आए साथ में हमारे इस ज्वेलरी शॉप के बैंक अकाउंट में उसी समय 10 करोड़ रूपए ट्रांसफर हो गए थे वो भी एक इंटरनेशनल वन टाइम यूज अकाउंट से मतलब रुपए ट्रांसफर होने के बाद वो अकाउंट इनवेलिड हो गया और ना तो उस अकाउंट नंबर से किसी को रुपए ट्रांसफर हो सकते थे और न ही उस अकाउंट नंबर से उस लड़की के बारे मे पता लगाया जा सकता था और तो और एक हफ्ते बाद वो सारी डिटेल भी इनविजिबल हो गई और आज हम दूसरी और शायद आखरी बार उस लड़की को यहां देख रहे थे..!"

अपनी पूरी बात बताने के बाद संजना की आगे कहती है,

" और बस इसी वजह से मे उस अनजान लड़की को उसके इस वेश कीमती हीरो के हार का जिसका प्राइस पूरे 10 करोड़ रूपए है वो नही दे पाई..!"

संजना जी की बात सुनकर, सब हैरान ही रह जाते है और तो और रुद्रांश को भी समझ मे नही आ रहा होता है कि असल में ये लड़की है कौन जिसने बिना अपनी कोई आईडेंटिटी बताए सिंघानिया परिवार की लड़की को इतना बड़ा गिफ्ट दे दिया है..!

कौन है वो अनजान लड़की और क्यू दिया होगा उसने सिंघानिया परिवार की लड़की को इतना बड़ा गिफ्ट और क्या उस अनजान लड़की ने ये सब अनजाने में किया है या फिर उसके पीछे उसकी कोई वजह रही होगी..?

To be Continued....

इस चैप्टर पर अपने लाइक करे और कमेंट करके बताए कि आप को चैप्टर कैसा लगा और साथ में इस नॉवेल पर अपने रिव्यू और रेटिंग देना न भूले और आगे जानने के लिए पड़ते रहे मेरी नॉवेल "डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ" अगला चैप्टर सिर्फ मातृभारती पर।