डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 4 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 4

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग 4

 

"रुद्रांश समय का पाबंद है..!" 

अब आगे,

रिया की बात सुन, शिवानी जी उससे कहती है,

"अच्छा बेटा, अब तुम मुझे बताओगे की क्या पूछना है और क्या नहीं और रही बात तुम्हारी ट्रिप की तो तुम सब वहा घूमने गए थे और तुम सब वहा क्या क्या कांड करके आए हो इसका भी पता जल्द ही चल जायेगा, तो अब चुपचाप नाश्ता करो अपना वो भी बिना की आवाज के...! "

शिवानी जी, अब अवनी की तरफ देख मुस्करा के बोलती है,

" अवनी बेटा, अब तो तुम्हारी सारी बिज़नेस ट्रिप पूरी हो गई हैं न...! "

शिवानी जी की बात सुन, अवनी इतराते हुए बोलती है,

" हां, और साथ में मेरी अब सारी बिज़नेस ट्रिप पूरी हो गई हैं और मेरी इंटरशिप भी...! "

अवनी की बात सुन, रिया अपना मुंह बना लेती है तो अमृत उससे कहता है,

" छुटकी ऐसा नहीं करते हैं, तुम दोनो तो पिकनिक ट्रिप पर गए थे और तुम्हारी अवनी दीदी बिजनेस ट्रिप से बाहर गई थी तो फिर तुम ऐसा कैसे कर सकती हो..? "

अमृत की बात सुनकर, रिया उदास हो जाती हैं जिसे देख अब अमृत हस्ते हुए और रिया का मूड ठीक करते हुए उससे कहता है,

" बल्कि तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम्हे उस बोरिंग बिजनेस ट्रिप पर नहीं जाना पढ़ रहा है..! "

अपने अमृत भैया की बात सुन, रिया भी मुस्कराने लगती है, और फिर अपना नाश्ता करने लग जाती हैं..!

रिया को हंसता देख, शिवानी जी गुस्से में कुछ बोलने को होती है तभी.....!

अब रुद्रांश की दादी जी, शिवानी जी को कुछ न बोलने का इशारा करती है और उसकी वजह से ही शिवानी जी, अब रिया से कुछ नही कहती हैं...!

रुद्रांश की दादी जी का नाम सरला सिंघानिया होता है जिनकी उम्र लगभग 65 वर्ष होती हैं। सरला जी अपने सभी पोते और पोती से बहत प्यार करती है..!

साथ में यह सिंघानिया परिवार की सबसे बड़ी होती है और रुद्रांश भी रघुवीर जी से भी ज्यादा सरला जी से प्यार करता है..!

सरला जी के इशारे को समझ, शिवानी जी उनसे कहती हैं,

" मां, आप ने ही रिया को बिगाड़ दिया है इसलिए ही ये इतना मुंह चलाने लग गई हैं..! "

शिवानी जी की बात सुन, रिया डाइनिंग टेबल से गुस्से में उठकर वहा से अपने कमरे मे चली जाती है..!

रिया के चले जाने के बाद, यश डाइनिंग टेबल पर बैठे सब लोगो को देखकर उन लोगो से कहता है,

" कल रिया का जन्मदिन है तो उसके लिए हम सब सरप्राइज पार्टी रखेंगे, जिससे उसका मूड भी ठीक हो जायेगा तो फिर आप सब अपने अपने सजेशन दो..! "

यश की बात सुन, उसकी शिवानी जी यश से कहती हैं,

" चुपचाप अपना नाश्ता कंप्लीट करो, नही तो तुम्हारे लिए अच्छा नही होगा..! "

शिवानी जी की बात सुनने के बाद, यश उनसे कहता है,

" मम्मी मै आप के जन्मदिन के लिए सजेशन नही बल्कि रिया के बर्थडे सरप्राइज़ पार्टी के लिए सजेशन मांग रहा हु..! "

यश की बात सुनने के बाद, रुद्रांश उस को घूर के देखता है तो यश हड़बड़ा जाता हैं और अपना सिर नीचे कर नाश्ता करने लगता हैं..!

यश को ऐसे हड़बड़ाता देख, अमृत रुद्रांश से के कहता है,

" क्या है यश को घूर क्यो रहा है, और अभी वो बच्चा है, समझदार हो जायेगा तो अब उसको घूरना बंद कर दे..! "

अमृत की बात सुन, रुद्रांश यश को घूरना तो बंद कर देता है, पर साथ में अमृत से कहता है,

" बच्चा है तो बच्चे की तरह से बाते किया करे ऐसे किसी के साथ बातामीजी से बात न किया करे..! "

अब सब घर वालो की बातो को सुनने के बाद, रघुवीर जी सभी से कहते है,

" चुपचाप नाश्ता करो सब के सब..! "

रघुवीर जी की बात सुनकर, फिर सब घर वाले अपना अपना नाश्ता करने लगते है साथ में रिया और अवनी के बीच मे किसी ने बोलना जरूरी नहीं समझा क्योंकि पूरे परिवार को पता है कि अवनी और रिया के बीच मे बनती नही है..!

अब तक रुद्रांश ने अपना नाश्ता पूरा कर लिया होता है तो रुद्रांश, अब रघुवीर जी से कहता है,

" दादा जी मे ऑफिस जा रहा हु और दुपहर को मेरी एक मीटिंग तो मैं रात तक ही घर आऊंगा...! "

रुद्रांश को सिंघानिया कम्पनी जाते हुए देख, सिद्धार्थ उससे कहता है,

" हां भाई, चलो मैने भी अपना नाश्ता पूरा कर लिया है..! "

सिद्धार्थ की बात सुन, अमृत उससे कहता है,

" थोड़ी देर रुक जा रुद्रांश, यार मेरा भी नाश्ता बस हो ही गया है तो फिर साथ में ही चलेंगे न.. ! "

पर रुद्रांश, अमृत की बात सुनकर भी उसकी तरफ बिना देखे ही सिंघानिया मेंशन से बाहर निकल जाता हैं क्योंकि रुद्रांश अपने समय का पाबंद है और उसको एक मिनट की भी देरी बर्दाश नही है और वही उसके पीछे पीछे सिद्धार्थ भी चला जाता हैं..!

रुद्रांश के ऐसे चले जाने पर, विनोद जी अपने आप में ही बड़बड़ाने लगते हैं,

" इस लड़के का कुछ नहीं हो सकता है और वैसे भी 10 मिनट लेट हो जायेगा तो कुछ बिगड़ तो नही जायेगा और ये लड़का सिंघानिया कम्पनी का सीईओ है ना कि कोई एंप्लॉई तो फिर क्या परेशानी है इसको...! "

विनोद जी की बात सुन, संजना जी कुछ बोलती उस से पहले ही विनोद जी फिर से कहने लगते हैं,

" और जब अमृत कह ही रहा हैं तो थोड़ी देर रुकने मे क्या ही हो जाता पर यह लड़का किसी की सुने तब न..! "

विनोद जी की बात सुन, अब संजना जी उन से कहती हैं,

"अरे आप भी ना रुद्रांश के पीछे ही पड़े रहते है, अरे उसको ऑफिस में कुछ काम होगा तभी तो इतनी जल्दी चला गया है, और आप जानते तो हो ही कि उसको एक मिनट की देरी भी पसंद नही है, और वैसे भी रुद्रांश और अमृत कौन सा रोज साथ में सिंघानिया कंपनी जाते हैं जो एक दिन नही जायेगे तो कोई पहाड़ टूट जायेगा..! "

संजना जी की बात सुन, विनोद जी उन से कहते हैं,

" अच्छा तो आपको आज रुद्रांश पर कुछ ज्यादा प्यार नही आ रहा हैं और तुम अपने दूसरे बेटे अमृत को कही भूल तो नहीं गई न..! "

विनोद जी की बात सुन, संजना जी का मुंह बन जाता है और वो, विनोद जी से कहती हैं,

"आपसे तो कुछ कहना ही बेकार है..!" और वहा से चली जाती हैं..!

संजना जी की बात पर सिंघानिया परिवार के लोग मुस्कराने लग जाते है शिवाए रघुवीर जी को छोड़ कर..!

फिर सब अपने अपने कामों में लग जाते हैं और संजना जी, शिवानी जी और सरला जी से दुपहर के खाने के लिए पूछ रही होती है..!

रुद्रांश और सिद्धार्थ तो पहले ही ऑफिस के लिए निकल गए थे तो थोड़ी देर बाद अमृत भी आफिस के लिए निकल जाता हैं..!

रिया और यश अपने अपने कमरे मे बाते कर होते है और अवनी अपने किसी दोस्त के यहां पर जाने के लिए तैयार हो रही होती है..!

विनोद जी और संजीव जी किसी मीटिंग के बारे में सिंघानिया हॉल में ही बाते कर रहे होते हैं..!

सरला जी, रघुवीर जी के लिए रसोई घर में चाय बना रही होती हैं क्योंकि उनके पति को अखबार पढ़ते हुए चाय पीना पसंद होता है। साथ में संजना जी और शिवानी जी भी सरला जी के पास ही खड़ी होती है..!

अब अवनी रसोई घर में आकर संजना जी से कहती हैं,

" मां, मै अपनी दोस्त से मिलने जा रही है क्युकी फिर बाद मे बिज़नेस मीटिंग के चक्कर में मिलना नही हो पाएगा..! "

अपनी बेटी अवनी की बात सुन, संजना जी उससे कहती हैं,

" ठीक है बेटा, आराम से आना...! "

तो देखते हैं कि अब रुद्रांश, मिस आराध्या श्रीवास्तव से अपना बदला लेने के लिए उसके साथ क्या करेगा और क्यू नही बनती होगी एक ही परिवार की दोनो पोतियों के बीच में...?

To be Continued.....

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