डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 2 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 2

"किसने लिया रुद्रांश का प्रोजेक्ट..?"

अब आगे,

रुद्रांश के चाचा जी का नाम संजीव सिंघानिया होता है और इन की उम्र लगभग 51 वर्ष होती है और यह सिंघानिया परिवार के छोटे बेटे होते हैं। साथ में इन्होंने शिवानी जी के साथ लव मैरिज की होती है..!

संजीव जी की बात सुन, अमृत उस से कहता है,

"हम जिस प्रोजेक्ट को पाने के लिए पिछले छ महीनो से तैयारी कर रहे थे, साथ में सिंघानिया और भारद्वाज कम्पनी ने साथ में मिलकर पार्टिसिपेट किया था और रुद्रांश ने इस प्रोजेक्ट के लिए बहुत मेहनत और अपना कीमती समय दिया था वो हमारे हाथो से निकल कर, किसी और ही कंपनी को मिल गया है..!"

अमृत की बात सुन, सिद्धार्थ उन से कहता है,

"भाई मुझे तो समझ नही आ रहा हैं कि मिस्टर राजपूत ने एक नौसिखिया को कैसे इतना बड़ा प्रोजेक्ट दे सकते है..?"

सिद्धार्थ की बात सुन, रघुवीर जी उस से पूछते हैं,

"सिद्धार्थ, तुम कहना क्या चाहते हो ? और किसकी बात कर रहे हो तुम, साफ साफ बताओ मुझे..?"

सिद्धार्थ, रघुवीर जी की बात सुन कुछ कहने को होता ही है कि....!

अमृत बीच में ही सिद्धार्थ से कहने लगता हैं,

"सिद्धार्थ, शांत हो जाओ यार, वैसे ही रुद्रांश का गुस्सा नही संभालता हैं और ऊपर से तुम भी अब शुरू मत हो जाना, मै मानता हूं कि तुम इतने बड़े प्रोजेक्ट के चले जाने से परेशान हो, पर फिर भी तुम अपने गुस्से को कंट्रोल में रखो... !"

अमृत, सिद्धार्थ को समझाते हुए उस से कहता है,

" और तुम यह भी तो सोचने की कोशिश करो कि जो कम्पनी सालो सालो तक नजर नही आई थी, वो कम्पनी भी आज राजपुत कम्पनी से प्रॉजेक्ट लेने के लिए पार्टिसिपेट कर रही थी फिर तुम कैसे सोच सकते हो कि वो कम्पनी इस प्रोजेक्ट को पाने की कोशिश नही करेगी और सिद्धार्थ तू जानता तो हैं, कि राजपुत कम्पनी, भारत की सबसे शक्तिशाली और टॉप थ्री कंपनियों में से एक है, साथ में राजपुत कम्पनी से प्रॉजेक्ट लेना बहुत बड़ी बात है और इस प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा प्रॉफिट भी तो है इसलिए हर कम्पनी इस प्रोजेक्ट को पाना चाहती थी और बिजनेस का मतलब ही यही होता है कि जहां ज्यादा फायदा होगा बिजनेसमैन वही तो इन्वेस्ट करते हैं, और अगर यह प्रोजेक्ट श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कंपनी को मिल गया है तो इसमे इतना गुस्सा क्यों कर रहा है और जबकि तुम अच्छे से जानते हो, यह प्रोजेक्ट किसी एक को ही तो मिलना था और मिस्टर राजपूत को जिसका प्रोजेक्ट आइडिया पसंद आएगा वो उसको ही अपना प्रोजेक्ट देंगे और मिस्टर राजपूत को, श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कम्पनी की सीईओ का प्रोजेक्ट आइडिया पसंद आ गया, तो इस मे कोई क्या ही कर सकता है भला..! "

अमृत की बात सुन, सिद्धार्थ उस से कहता है,

" भाई मुझे तो समझ नही आ रहा हैं कि आप हमारे दुश्मन की साइड क्यो ले रहे हैं जबकि उसने हमसे हमारा इतना बड़ा प्रोजेक्ट ले लिया है..! "

सिद्धार्थ की बात सुन, अमृत उस से कहता है,

" मै किसी की साइड नहीं ले रहा हु, मै तो बस तुझे समझा रहा हु कि अब इस बात को और मत बढ़ा बस यही खतम कर दे..!"

अमृत की बात सुन, सिद्धार्थ उस से कहता है,

" ऐसे कैसे भाई, उसने जो किया है न उसकी वजह से अब वो रुद्रांश भाई के साथ साथ मेरी भी दुश्मन बन गई है..! "

सिद्धार्थ की बात सुन, समीर से कहता है,

" बस बहुत हो गया सिद्धार्थ, अपने गुस्से पर कंट्रोल करना सीख ले नही तो एक दिन बहुत पछताएगा...! "

समीर, सिद्धार्थ से आगे कहता है,

" मैं मानता हूं कि हमारे हाथो से इतना बड़ा प्रोजेक्ट निकल गया है, पर श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कंपनी की सीईओ मे कुछ तो बात होगी ही ना तभी तो मिस्टर राजपूत ने उसके पहले ही प्रयास में उसको अपनी कंपनी का प्रोजेक्ट दे दिया, जबकि तुम भी जानते हो कि आजतक कोई भी राजपूत कंपनी से अपने पहले प्रयास में प्रोजेक्ट नही ले पाया है, यहां तक खुद अपना रुद्रांश भी नही और साथ में हम लोगो ने भी देखा न की कैसे उस ने प्रोजेक्ट से जुड़ी सब परेशानी को कितनी आसानी से सॉल्व कर दिया था, जैसे वो पहले से ही इन सबके जवाब ढूंढ के बैठी हो और उसको पता हो कि ये ही सवाल पूछे जाएंगे..! "

समीर की बात सुन, संजीव जी उस से कहते हैं,

"हां, सिद्धार्थ बेटा तुम समीर की बात समझने की कोशिश करो और वैसे भी बिजनेस में ये सब तो चलता ही रहता हैं...!"

अब सब की बात सुन, रघुवीर जी अपनी कड़क आवाज में समीर से पूछते हैं,

" यह श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कंपनी, कौन सी कंपनी है क्योंकि मुझे जितना पता है कि इस कम्पनी का नाम मेरे दोस्त की कंपनी से मिल रहा है पर उस कंपनी को तो बर्बाद हुए सालो हो गए हैं..!"

रघुवीर जी की बात सुन, समीर उन से कहता है,

" हां, आप ने ठीक कहा दादा जी, ये वही कंपनी है और ये आप के दोस्त की पोती द्वारा ही दो साल पहले दुबारा से शुरू की गई है और इसी वजह से हर न्यूज चैनल पर श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कंपनी का ही नाम आ रहा हैं क्योंकि इस कंपनी की नीव रखने वाले श्रीवास्तव परिवार की पोती ने बर्बाद हो चुकी कम्पनी को दो साल में टॉप फाइव में लाकर रख दिया है...! "

फिर अमृत, अब रघुवीर जी से कहता है,

"और दादा जी आपको पता है कि अभी तक किसी ने भी श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कंपनी की सीईओ को नहीं देखा है, और कंपनी की सीईओ का नाम मिस आराध्या श्रीवास्तव बताया जा रहा हैं और वही श्रीवास्तव कॉर्पोरेशन कंपनी को अपने दम पर टॉप फाइव में लेकर आई है, उसकी उम्र महज 22 वर्ष बताई जा रही है..!"

अमृत की बात सुन, विनोद जी उस से कहते हैं,

" क्या इतनी छोटी उम्र में ही श्रीवास्तव परिवार की पोती ने बर्बाद हो चुकी कम्पनी को टॉप फाइव में लाकर रख दिया है..! "

विनोद जी की बात सुन, अमृत उनसे कहता है,

" हां पापा, आप ने सही सुना है और खुद मिस्टर राजपूत ने भी मिस आराध्या श्रीवास्तव को नही देखा है, आज भी प्रोजेक्ट मीटिंग रूम में मिस आराध्या श्रीवास्तव के पी ए ने ही प्रोजेक्ट आइडिया, फाइल से लेकर सारी फॉर्मिलिटी पूरी करी, यहां तक जब मिस आराध्या श्रीवास्तव को प्रोजेक्ट मिलने वाला था तब भी वो वहा मौजूद नहीं थी..! "

अमृत की बात सुनकर, सब संजीव उससे कहते हैं,

"तो मिस्टर राजपूत ने कुछ नही कहा, मेरा मतलब है कि मिस आराध्या श्रीवास्तव के न होने पर भी उन्होंने गुस्सा नही किया, क्योंकि वो भी बहुत ही गुस्से वाले हैं और अभी तक अपनी कंपनी को खुद से ही चला रहे है...! "

संजीव जी की बात सुनकर, अमृत उनसे कहता है,

" नही चाचू, ऐसा नही है बल्कि जब मिस आराध्या श्रीवास्तव के पी ए ने ही मिस्टर राजपूत से प्रॉजेक्ट लिया तो जिस पर मिस्टर राजपुत गुस्सा भी हो रहे थे, तो मिस आराध्या श्रीवास्तव के पी ए ने कहा कि उसकी बॉस, इंडिया से बाहर है जिस वजह से वो यहां नही आ पाई है और इस के लिए उन होने आपसे माफी मांग ने को कहा है। पर इस प्रॉजेक्ट के लिए मेरी बॉस ने बहुत मेहनत की है और मिस आराध्या श्रीवास्तव के पी ए की बात सुन, मिस्टर राजपुत ने कहा था कि यह तो मैं भी मान रहा हु कि तुम्हारी बॉस ने इस प्रोजेक्ट को पाने के लिए बहुत मेहनत की होगी क्योंकि आजतक मेरी कंपनी मे कोई भी पहली बार मे प्रोजेक्ट नही ले पाया है, पर फिर भी तुम्हारी बॉस ने यह कर दिखाया है मिस्टर राजपूत ने आगे कहा था और तो और मैने यह भी सुना है कि तुम्हारी बॉस ने बहुत ही कम उम्र में ही सीईओ की पोस्ट संभाल ली थी और जो कम्पनी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी, उस कंपनी को दो सालो में टॉप फाइव में लाकर रख दिया है, यह तो बहुत ही काबिले तारीफ़ है। अब तो मैं बस तुम्हारी बॉस से मिलना चाहता हूं...! "

अमृत की बात सुनकर, अब रघुवीर जी वहा मौजूद सभी से कहते हैं,

" अब तो मैं भी मिस्टर राजपूत की तरह, मिस आराध्या श्रीवास्तव से मिलना चाहता हु, जिसने अपने पहले प्रयास में ही रुद्रांश का सात साल का रिकॉड तोड़ दिया है और उसको उसके लेबल पर टक्कर देकर उससे उसका प्रोजेक्ट ले लिया है..!"

सिंघानिया परिवार के सब लोग हॉल में बात कर ही रहे होते हैं कि तभी रुद्रांश भी अपने कमरे से बाहर आ जाता हैं और रघुवीर जी की बात सुनने के बाद, उनसे कहता है,

" दादा जी आप को मिस आराध्या श्रीवास्तव से मिलने के लिए ज्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा...! " और रुद्रांश साथ में एक डेविल स्माइल भी दे देता हैं।

रुद्रांश की डेविल स्माइल देखकर सिद्धार्थ अपने मन में कहता है,

"अब आएगा न मजा इस खेल को खेलने में, अब रुद्रांश भाई अपने तरीके से मिस आराध्या श्रीवास्तव को बताएंगे कि उसने किस को टक्कर देने की कोशिश करी है...! "

सिद्धार्थ, रुद्रांश के हर इशारे को अच्छे से समझ जाता हैं क्योंकि वो रुद्रांश को बहुत अच्छे से जानता है कि रुद्रांश कब, क्या कर सकता है..!

फिर रघुवीर जी वहा मौजूद सब से कहते हैं,

" चलो अब सब साथ में लंच करते हैं..! " और फिर रघुवीर जी के कहने पर पूरा सिंघानिया परिवार साथ में बैठ कर लंच करने लगता हैं..!

कौन है ये मिस आराध्या श्रीवास्तव, जिनसे अपने पहले ही प्रयास में रुद्रांश से उस का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट छीन लिया है ? और अब रुद्रांश, मिस आराध्या श्रीवास्तव के साथ क्या करने वाला है...?

To be Continued.....

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