डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 13 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 13

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग 13 

 

"समीर का मुस्कुराना..!" 

 

अब आगे,

 

तो सिद्धार्थ को देखकर श्रेया झट से अपना सिर नीचे कर लेती है और अपने ही मन में अपने आपसे कहती है,

 

"अब मैने क्या कर दिया है जो ये मुझे ऐसे घूर रहे हैं..!"

 

सिद्धार्थ अब यश से दुबारा कुछ कहने को होता ही है तभी रिया के कमरे से चीखने की आवाजे आती हैं और सबसे पहले समीर और रुद्रांश ही भागते हुए रिया के कमरे की तरफ जाते है..!

 

तभी सिंघानिया मेंशन के मुख्य द्वार पर किसी के आने की आहट होती हैं तो बाकी लोग वहा देख रहे होते है जहा से और कोई नही बल्कि अवनी आ रही होती है जो अभी अपने दोस्तो के साथ पार्टी करके आई होती हैं..!

 

जब अवनी सब लोगो को सिंघानिया मेंशन के हॉल में ऐसे परेशान देखती है तो संजना जी से पूछती हैं,

 

" क्या हुआ मां, आप लोग परेशान क्यू है..?"

 

अवनी की बात सुनकर, संजना जी उससे कहती हैं,

 

" वो बेटा, रिया अचानक से बेहोश हो गई है बस इसलिए ही हम लोग उसके लिए परेशान हो रहे हैं..!"

 

संजना जी की बात सुनकर, अवनी अब कुछ नही कहती हैं वैसे तो वो रिया को पसंद नही करती हैं पर रुद्रांश के सामने उसकी रिया को कुछ भी बोलने की हिम्मत नही होती हैं..!

 

और साथ में उसने सिंघानिया मेंशन मे आते हुए रुद्रांश की कार को देख लिया था इसलिए अब वो कुछ न कहना ही ठीक समझती है..!

 

और अब रघुवीर जी, सरला जी, संजना जी, विनोद जी, संजीव जी, शिवानी जी, सिद्धार्थ, अमृत, श्रेया और राजीव रिया की कमरे की तरफ जा रहे होते है..!

 

पर अवनी नही जाती हैं क्योंकि उसको लगता है कि रिया फिर से फैमिली की अटेंशन पाने के लिए ये सब कर रही होती हैं..!

 

और साथ में यश अपने हाथ जोड़कर भोलेनाथ से अपने मन में कहता है,

 

"लाख लाख शुक्र है आपने मुझे बचा लिया, आपका बहुत बहुत धन्यवाद..!"

 

यश को ऐसा करते देख, तो अब सरला जी उससे कहती हैं,

 

"ये सब क्या रहा है और तुझे मिलना नही है क्या रिया से ?"

 

सरला जी की बात सुन, यश हड़बड़ा जाता है और उनसे कहता है,

 

" दादी मां, वो...वो तो मै अपने भोलेनाथ से अपनी रिया को ठीक करने के लिए बोल रहा था और अब उसको होश आ गया है ना तो धन्यवाद बोल रहा हु और आप चलो रिया के कमरे में, मैं बाद में आता हूं...! "

 

यश की बात सुन, तो अब सरला जी उससे कहती हैं,

 

"ठीक है जल्दी आ आना..!"

 

यश और सरला जी की बात सुन, तब संजना जी यश से कहती हैं,

 

"यश तुम अभी मत आना क्योंकि रुद्रांश, रिया की हालात को देख तुम पर और भी ज्यादा गुस्सा करेगा इसलिए तुम अभी नीचे ही रूको...!"

 

संजना जी की बात सुन, सरला जी यश से कहती हैं,

 

"हां ये ही ठीक रहेगा...!

 

रिया के कमरे में,

 

रिया अपने बिस्तर पर लेती हुई होती हैं और उसके बगल में समीर बैठा होता है और सामने रुद्रांश खड़ा होता है, रिया को जैसे ही होश आता है वो सबसे पहले रुद्रांश को ही देखती है और धीरे से रुद्रांश से कहती हैं,

 

"रुद्रांश भाई, आप खड़े क्यों हो..?"

 

रिया की बात सुन, समीर उस पर गुस्सा करते हुए कहता है,

 

"तुम ने ऐसा भी क्या देख लिया अंधेरे में, जो बेहोश ही हो गई और वैसे तो बड़ी खतरों के खिलाड़ी बनती फिरती हो तो अब क्या हो गया था..!"

 

समीर की बात सुन, रुद्रांश उस को गुस्से से घूर रहा होता है जिसे देख समीर, रुद्रांश से कहता है,

 

"क्या घूर रहा है मुझे, रिया से पूछ कॉलेज में कैसे बाइक रेसिंग करती हैं और उस पर बैट भी लगाती हैं..!"

 

अब रिया, समीर की बात सुन घबरा जाती है और अपने मन में कहती है,

 

"ये मेरे भोलेबाबा, अब ये बात इन्हे कैसे पता चल गई और अगर ये बार घर वालो को पता चल गई तो और खास कर मेरी मां को तो वो तो मुझे मार ही डालेंगी..!"

 

समीर की बात सुन, अब रुद्रांश रिया को देख रहा होता है तो रुद्रांश, रिया से पूछता है,

 

"समीर ने जो कहा, क्या वो सच है..?"

 

अपने रुद्रांश भाई की बात सुन, रिया हकलाते हुए कहती है,

 

"वो...वो... भैया...वो बस एक बार ही किया था...!"

 

रिया की बात सुन, समीर उसकी तरफ देखते हुए उससे कहता है,

 

"क्या सच में..!"

 

रिया, समीर की बातो को सुन उसको धक्का देते हुए कहती हैं,

 

"आपको क्या पता मेरे बारे में, जो आप इतने सीरियस होकर कह रहे हो...?"

 

रिया की बात सुन, समीर उस से गुस्से से अपने करीब करके उसके कान में कहता है,

 

"जितना तुम्हे भी अपने बारे में पता नहीं होगा न उससे भी कही ज्यादा मुझे तुम्हारे बारे में पता है..!"

 

समीर की बात सुन, रिया थोड़ा घबरा जाती हैं और जल्दी से अपने बिस्तर से उठ जाती है और समीर को रुद्रांश की दूसरी तरफ खींचते हुए साइड में ले जाती है और समीर से कहती हैं,

 

"मैने आपका क्या बिगाड़ा है, जो आप मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं और क्यू मुझे रुद्रांश भाई से डाट खिलवाने पर तुले हैं..!"

 

रुद्रांश बस उन दोनो को देख ही रहा होता है और रिया अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहती है,

 

"और आपको पता एक बार को रुद्रांश भाई मुझे छोड़ देंगे, पर मेरी मां मुझे मार डालेगी...!"

 

समीर को रिया की बातो को सुनने के साथ उसको देख भी रहा होता है और रिया का मासूम चेहरा देखते ही उसका सारा गुस्सा खतम हो जाता हैं, तभी रिया उसको रिक्वेस्ट करते हुए कहती हैं,

 

"प्लीज, रुद्रांश भाई को मत बताओ..!"

 

रिया की बातो को सुन, समीर उससे कहता है,

 

"अच्छा...अच्छा ठीक है, पर मेरी एक शर्त है..!"

 

समीर के मुंह से शर्त शब्द सुन कर पहले तो रिया के होश उड़ जाते है पर फिर वो अपने आपको संभालते हुए समीर से पूछती है,

 

"कैसी शर्त और क्या चाहिए आपको...?"

 

रिया के मुंह से क्या चाहिए शब्द सुनकर, समीर के मुंह से झट से निकल जाता है,

 

" तुम...!"

 

समीर की बात सुनकर, रिया को कुछ समझ में नही आया होता है तो वो समीर से दुबारा पूछती हैं,

 

" क्या कहा, आपने और क्या चाहिए आपको...?"

 

रिया के दुबारा पूछने पर समीर को होश आता है कि अभी उसने क्या कहा होता है तो फिर भी वो बात को संभालते हुए, रिया से कहता है,

 

" मेरा मतलब है कि तुम अब बाइक रेसिंग नही करोगी और नही ही उस पर बेट लगाया करोगी...!"

 

समीर की पूरी बात सुन कर, रिया अपने आप में ही मुस्करा रही होती हैं और अपने ही मन में कहती है,

 

" अगर मैने दुबारा कर भी लिया तो कौन सा आपको पता ही लग जायेगा..!"

 

रिया को ऐसे अपने आप में ही मुस्कुराता देख, समीर अब रिया के कान के करीब पहुंच जाता है और उससे अपनी बात पर जोर देते हुए कहता है,

 

" अगर तुमने वो सब करा जो तुम सोच रही हो तो, मै वो करूंगा जो तुमने कभी सोचा भी नही होगा...!"

 

समीर की बात सुन कर, रिया बहुत हैरान हो जाती हैं साथ में उसको समझ नही आता है कि समीर ने उसके मन की बात को केसे समझ लिया...!

 

अब रिया, समीर को धक्का दे देती हैं क्युकी वो उसके बहुत ही करीब खड़ा हुआ था जिससे रिया को थोड़ा अजीब लग रहा होता है वही अब रिया उससे अनजान बनते हुए कहती है,

 

"आप क्या बोले जा रहे हैं, मुझे तो कुछ भी समझ में नही आ रहा है..!"

 

रिया को पूरी बात को जानते हुए भी ऐसे अनजान बना देख, अब समीर के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं और अब वो, रिया की आंखो में देखते हुए उससे कहता है,

 

" क्या सच में तुम्हे कुछ भी नही पता है..!"

 

समीर की बात सुन कर, रिया अपना सिर नीचे कर लेती है क्योंकि अबतक वो समझ चुकी होती हैं कि समीर से पंगा न लेने में ही उसकी भलाई है नही तो कुछ भी हो सकता है..!

 

रिया को ऐसा करते देख कर, समीर के चेहरे की मुस्कान जाने का नाम ही नही ले रही होती हैं और वही अब रुद्रांश, रिया से पूछता है,

 

" छुटकी, तुम अब ठीक तो हो ना..!"

 

 

क्या सच में समीररिया के बारे मे उससे कही ज्यादा जानता है पर ऐसा क्यों है और क्या समीर, रिया को पसंद करता है और क्या समीर, कभी रिया को अपने एक तरफा प्यार के बारे मे बता पाएगा..?

 

To be Continued.....

 

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