डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 8 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ - भाग 8

डेविल सीईओ की डेयरिंग वाइफ भाग

 

"यश का रुद्रांश के नाम से डरना..!"

 

अब आगे

कुछ देर बाद, दुपहर का समय,

अब रिया अपने कॉलेज से सिंघानिया मेंशन मे आ चुकी होती है, और अब तक उस का मुंह भी उतार चुका होता है आज कॉलेज में उसके पहले प्यार ने ही पूरी क्लास के सामने उसको डाट दिया होता है..!

वही घर में इस समय रघुवीर जी, सरला जी, संजना जी, विनोद जी, संजीव जी, शिवानी जी और यश ही होते हैं। बाकी बचे लोग यानी खुद रुद्रांश, सिद्धार्थ, अमृत सिंघनिया कम्पनी में होते है और अवनी अपनी दोस्त के यहां गई हुई होती है..!

सिंघानिया परिवार में मौजूद लोग साथ में बैठकर लंच कर रहे होते हैं वैसे तो सबने रिया को सिंघानिया मेंशन में आते देख लिया होता है पर फिर भी वो सब अनजान बनते हुए उसको इग्नोर कर देते है। जिसको देखने के बाद रिया का मुंह देखने लायक हो जाता हैं..!

रिया सिंघानिया मेंशन में आते हैं अब सीधा अपने कमरे की तरफ जाने हो होती हैं तो अब रघुवीर जी उसको रोकते हुए कहते हैं,

" रिया, तुम आज कॉलेज से जल्दी आ ही गई हो तो यहां आकर सबके साथ लंच करो...! "

रघुवीर जी की बात सुनने के बाद, रिया उदास मन से कहती हैं,

" ठीक है, दादा जी...! "

और फिर बेमन के सब के साथ लंच करने के लिए बैठ जाती हैं जबकी आज उसके पसंद का ही सारा खाना बना होता है फिर भी वो इस बात पर कोई ध्यान नहीं देती हैं..!

रिया को ऐसे उदास देख संजना जी और सरला जी को अच्छा नही लग रहा होता हैं। और तो और किसी को भी आज ऐसे रिया को परेशान करना अच्छा नहीं लगता है, पर वो भी क्या कर सकते हैं क्योंकि उनकी रिया को सरप्राइज़ पार्टी और गिफ्ट लेना बहुत पसंद हैं इसलिए तो सब उसकी खुशी के लिए चुप रह जाते हैं..!

शाम के समय,

संजना जी, रिया को देखने उसके कमरे में जाती है तो वो देखती है कि रिया अपने कमरे की बालकनी में खड़ी कुछ सोच रही है और उसका चेहरा बिल्कुल उतर ही चुका होता है..!

जिसे देख संजना जी को बिलकुल अच्छा नही लग रहा होता है, फिर वो रिया से पूछती हैं,

" रिया बेटा, वहा बालकनी में क्यो खड़ी हो...? "

संजना जी की आवाज़ सुन, रिया पीछे मुड़ के देखती है तो संजना जी वहा खड़ी होती है, जिन्हे देख वो, उनसे कहती हैं,

" कुछ नही बड़ी मां, आज मेरा किसी भी काम मे कोई मन नहीं लग रहा है और आप बताये आप क्यो आ गई, मुझे बुला लिया होता अपने कमरे मे..! "

रिया की बात सुनकर, संजना जी उससे कहती हैं,

" क्यो बेटा, क्या मै तुम्हारे कमरे मे नही आ सकती हु, बताओ मुझे...? "

संजना जी की बात सुन, रिया उनसे कहती हैं,

" नही...ऐसी तो कोई बात नही है बड़ी मां, आप तो जब चाहो मेरे कमरे मे आ सकती हो...! "

रिया की बात सुन, संजना जी मुस्कराते हुए उससे कहती हैं,

" अच्छा चलो छोड़ो, तुम कह रही हो न की तुम्हारा कही मन नहीं लग रहा है तो जाओ कही घूम आओ, इससे तुम्हारा मूड भी अच्छा हो जायेगा..! "

संजना जी की बात सुन, रिया उनसे कहती हैं,

"नही बड़ी मां मुझे कही नही जाना है..! "

रिया की बात सुन, संजना जी उससे कहती हैं,

" ऐसे कैसे नही जाना है, मैने कहा न जाओ..! "

संजना जी, फिर थोड़ा इमोशनल करते हुए रिया से कहती हैं,

" अपनी बड़ी मां की बात नही मानोगी तुम..! "

संजना जी की बात सुन, रिया बिना किसी मन से कहती हैं,

" ठीक है, बड़ी मां आप कह रहे हो तो, मै कही बाहर घूम आती हु क्युकी मै अब आपको तो मनाकर नही सकती ना..!"

संजना जी की बात, रिया इसलिए भी मान लेती हैं क्योंकि वो एक बार के लिए शिवानी जी की कही हुई बात टाल सकती थी मगर संजना जी की नही क्योंकि वो मां संजना जी को शिवानी जी से ज्यादा प्यार करती है..!

रिया की बात सुन, संजना जी उस से कहती हैं,

"हां, अब ठीक है तो जाओ जल्दी से तेयार हो जाओ और मै श्रेया को बोल देती हूं कि वो भी तुम्हारे साथ चली जायेगी..!"

संजना जी की बात सुनकर, रिया अपना सिर हां मे हिला देती है और अपनी अलमीरा से कपड़े निकाल कर बाथरूम में चली जाती हैं..!

रिया को घर से बाहर जाने के बाद,

यश, संजना जी से पूछता है,

" बड़ी मां वो चली गई न..? "

यश की बात सुन, संजना जी अपना सिर हां में हिला देती है, तब यश के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती हैं..!

यश को इतना खुश देख, सरला जी उससे कहती है,

" बेटा वो कुछ समय के लिए बाहर गई है, ना की जिंदगी भर के लिए जो इतना खुश हो रहे हो..!"

सरला जी की बात सुन, यश अपना मुंह बना लेता है तो सरला जी उससे कहती है,

" बेटा सब भाई अपनी बहनों से कितना ही लड़ झगड़ ले मगर उनके बगैर वो रह भी नही पाते हैं और जब उनकी बहन अपने ससुराल जाती हैं न तो सबको उनकी हर बात में अपनी बहन ही याद आती हैं..!"

सरला जी की बात सुन, यश उन से कहता है,

"ऐसा कुछ नही है दादी मां, बल्कि मैं तो बहुत ज्यादा खुश होगा उसके ससुराल जाने पर..! "

यश की बात सुन कर, सरला जी उससे कहती हैं,

"हां... हां सब यही कहते हैं..!"

सरला जी की बात सुन, फिर यश उनसे कहता है,

"चलो छोड़ो इस बात को वैसे भी कौन सा अभी जा ही रही है अपने ससुराल और जब जायेगी तब का तब देखेंगे, अभी के लिए तो मै अमृत भाई को बुला लेता हूं, जिससे घर में कुछ तैयारी भी हो जाएंगी..! "

फिर यश, अमृत को कॉल करता है तो वो पहली ही रिंग में कॉल रिसीव कर लेता है क्योंकि अभी कुछ देर पहले ही उनकी मीटिंग खतम हुई होती हैं और वो, उससे कहता है,

" हां बोल यश क्या हुआ..? "

अमृत की बात सुन, यश उनसे कहता है,

"घर आने का कब इरादा है आपका..! "

यश की बात सुन, अमृत मजाकिया लहजे में बोलता है,

"जब तू कहे..!"

अमृत की बात सुन, यश चिड़ते हुए कहता है,

"हो गया आपका, तो अब जल्दी से घर आ जाओ बहुत सारी तैयारियां करनी है, रिया के सरप्राइज़ पार्टी के लिए..!"

यश की बात सुन, अमृत उससे कहता है

"अच्छा बाबा ठीक है, बस थोड़ी देर में पहुंच रहे है..! "

अमृत की बात सुन, यश उससे कहता है,

"नही आप अपने सारे काम छोड़ जल्दी से आ जाओ, क्योंकि आपकी छुटकी की सरप्राइज़ पार्टी की डेकोरेशन करने का बहुत काम बाकी है...!"

यश की बात सुन, अमृत उस से कहता है,

"रुक जरा तू, रुद्रांश को बोलता हूं कि तुझे सारे काम छोड़ के घर बुला रहा है..! "

अमृत की बात सुन के, यश जल्दी से बोलता है,

"अरे अमृत भाई, बच्चे की जान लेने का इरादा है क्या और आप को जितना समय चाहिए ले लो पर रुद्रांश भाई को कुछ मत कहना !"

यश को ऐसे घबराता देख, अमृत हंसते हुए कहता है,

"क्या हुआ, अभी तो कुछ कहा नहीं तो यह हाल है और कह दिया होता तो पता नहीं क्या ही हो जाता..! "

अमृत की बात सुन, यश रोते होते हुए उससे कहता है,

"क्या भाई ऐसा कोई दुश्मन के भी साथ न करे और आप अपने छोटे से भाई के साथ करने की बात कर रहे हो...! "

यश की ऐसी बात सुनकर, अमृत उससे कहता है,

"अच्छा.. अच्छा ठीक है, चल अब फोन रख..!"

तो यश फोन काट देता है तो अमृत अपने फोन को देख हस्ते हुए कहता है,

"सही मे पूरा पागल है यह लड़का...!"

कुछ देर बाद, 

अमृत और सिद्धार्थ घर वापस आ जाते हैं पर रुद्रांश नही आता है क्योंकि अचानक से एक और इंपोर्टेंट मीटिंग आ जाती है जिसे अटेंड करने वो, राजीव के साथ चला जाता हैं और समीर को घर भेज देता है..!

यश, अमृत, सिद्धार्थ और समीर मिलकर सिंघानिया मैंशन को हॉरर थीम के अनुसार सजाया गया होता हैं। वैसे तो रिया को हॉरर थीम बिलकुल भी पसंद नहीं होती हैं पर ये बात सिर्फ दो ही लोग जानते हैं और पहला है यश और दूसरा है रुद्रांश..!

पर यश उसको परेशान करने का एक भी मौका अपने हाथो से जाने नही देना चाहता है क्योंकि उसके बर्थडे पर रिया ने बहुत बदमाशी की थी जिस का यश सूत समित बदला ले रहा होता है..!

और साथ में यश मुस्कराते हुए अपने मन में सोचता है,

"रिया, अब तू देख आगे क्या क्या होता है और अब जो होना ना उसको तू हमेशा याद रखेगी और मुझे पंगा लेने की तो कभी सोचेगी भी नही..!"

दो घंटे बाद,

सब तैयारी पूरी हो जाती है तो सबको ब्लैक एंड व्हाइट ड्रेस पहनने को बोला होता है क्यूंकि यह एक हॉरर थीम के अनुसार ही डिसाइड हुआ होता है। वैसे तो यश चाहता था,

"हॉरर थीम रिलेटेड ड्रेस ही पहननी चाहिए...!"

जिस पर रघुवीर जी, यश से कहते है,

"अब तेरे तरह हम सब पागल तो नहीं लग सकते हैं ना..! " बस इसलिए ही सब के लिए ब्लैक एंड व्हाइट थीम रखवाई गई होती है..!

अब यश, रिया के साथ क्या करने वाला है और ऐसा भी कौन सा प्लान किया होगा यश ने रिया के लिए जो वो कभी नही भूल पाएगी और जब रुद्रांश को पता चलेगा कि यश ने रिया के लिए क्या प्लान किया है तो क्या होगा...?

To be Continued....

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