हमसफर - 11 Seema Tanwar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हमसफर - 11

हर रोज की तरह आस्था की दिन की शुरुवात सुबह 5
बजे ही हुयी ....

फ्रेश होकर वो पैलेस के गार्डन मे बने शिव मंदिर मे
गयी महामृत्युन्जय मंत्र का जाप कर उसने शिव
जी के चरण स्पर्श किये .....

और किचन मे आकर चाय बनाई,,,, नौकरो ने वो चाय
लेजाकर दादासा और दादीसा को दे दी ,,,, आस्था ने
अब नाश्ता बनाने के लिये ले किया वैसे तो उसे ये सब
करने की कोई जरूरत नही थी ....

लेकिन सिर्फ उसका दिल और दिमाग किसी ना किसी
काम में बिजी रहे इसिलिए दाईमाँ उसे ये सब करने
देती ,,,, सबका नाश्ता हो गया.. आस्था भी अपने
कमरे मे आ गयी ... क्या हुआ आस्था बेटा
परेशान लग रही हे ...
..... दाईमाँ

नही तो
कोई बात नही है ,,,,
कुछ देर यू ही गुजर गया....

उसने दोपहर का खाना बनाया ....
लेकिन उसकी बेचैनी अब भी कम नही हो रही थी ....
वो रुद्र के कमरे मे गयी
अंदर आऊ.... आस्था ने थोडा हिचकिचाते हुये पुछा
आईये ना छोटिसी भाभीसा रुद्र

- आस्था अंदर आ गयी ....
-
....
उसकी नजरे अब भी निचे थी .... हिम्मत कर के उसने
कहा.,,,,.... रु ... रुद्रदा आस्था

हमारा नाम रुद्र हे .... रुद्रदा नही .. रुद्र
सच मे ....

हम्म . आस्था खामोश हो गयी

भाभीसा आपने हमे अभी भाई बोला
तो फिर बेझिझक होकर बात भी किजीये ना..

रुद्र हमे कुछ चाहिये था ....
आस्था

आस्था बोलिए ना क्या चाहिये ....

रुद्र हम

आस्था आगे बढ़ गयी
की और नजर उठाकर देखा,,,,

आस्था बोलिए ना क्या चाहिये
रुद्र आस्था ने एक और इशारा किया ....

ठीक उसी समय रुद्र को कॉल आया ....
आपको जो चाहिये वो ले लिजिये ....

रुद्र ने कहा और वहा से चला गया,,,,

उसने एक बार पुरे कमरे
कमरा थोडा बिखरा
हुआ था लेकिन फिर भी बहोत खूबसूरत दिख रहा था,,,,

आस्था ने वही टेबल पर रखा हुआ लैपटॉप ले
लिया ठीक उसी समय ऐश्वर्या ने उसे देखा.....

आपको शर्म नही आती .... किसी के कमरे मे उसके
गैरमौजूदगी मे आते हुये और ये क्या.... आप चोरी
कर रही थी ,,,,

ऐश्वर्या ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे हॉल मे ले
आयी ,,,,

ऐश्वर्या ने उसके हाथ मे का लैपटॉप ले लिया,,,

ऑफ़िस मे,,,

कुँवरसा. अब कब तक आप नाराज रहेंगे हमसे .
अजय,,,

एकांश खामोश रहा उसके शादी के बाद से उसने
आकाश और अजय से भी ठीक से बात नहीं की थी,,,,

कुँवरसा कुछ तो बोलिए. अजय

जब आप को बोलना चाहिये था तब आपने बोला नही
ना..... तो अब हमसे भी उम्मीद मत लगाईये
एकांश,,,

शादी नही धोका था वो
हमे दिया .... एकांश,,,

सच कहा कुँवरसा बाबासा ( अजिंक्य ) ने आपसे
उम्मीद लगाकर गलत ही तो किया ना.. अग्री की हम
सब गलत थे शायद हमने गलत किया आस्था के
साथ .. लेकिन सही आपने भी नही किया है । गलत
आप भी कर रहे हे ..... जैसी भी हो.... लेकिन ये सच
की आपका और आस्था का विवाह हो चुका है
आकाश ,,,

ठीक है .. धोका ही सही.... लेकिन हमने दिया ना
इसमे आस्था की तो कोई गलती नही थी
भी सजा उसको क्यु,,,,

क्यु ... आप को सिर्फ इतना दिखाई
दिया की वो उम्र मे छोटी हे..... लेकिन ये दिखाई नही
दिया की उसने अभी अभी अपनी माँ को खोया है .....

अंजान जगह अंजान शहर में आकर रह रही हे वो
भी ऐसी जगह जहा उसे कोई भी पसंद नहीं करता

यहा तक को जिससे उसकी जिंदगी की डोर बंध गयी
हे ... उसका पति उसका हमसफर भी उसे पसंद नहीं
करता ,,,, . या फिर ये तो नही की कुँवरसा को भी उसके
रंग से दिक्कत होने लगी .. आकाश,,,

आकाश . बस किजीये.. क्या इतना ही जानते हे आप,,,
आपको सच मे लगता की उनके रंग की
वजह से हम उनसे दूर रह रहे हे
एकांश

नही कुँवरसा .. जानता होंगा. हमसे बेहतर आपको
और कोन .... हमे पता है की आप बहोत अच्छे लेकिन
फिर ये बेरुखी क्यु आस्था के आकाश
गिल्ट फिल कर रहे हे हम.. पिछले एक महिने मे
एक दिन भी हम सुकून से सोये नहीं है पता है क्यु
क्यु की गुन्हेगार मानते हे हम अपने आप को
आस्था का .. कुँवरसा. हमारी वजह से सिर्फ
हमारी वजह से .. उनकी शादी हो गयी उनकी माँ
की मौत हो गयी ....

या फिर पता नही कही बाबासा ने
तो उनकी माँ को थोडा रुककर ..... किस तरह
उनके सामने जाये .. किस तरह नजरे मिलाए उनसे
एकांश,,,

कुंवर सा आकाश बोलते हुये रुक गया
रुक क्यु गये
आकाश ,,,,

उनके सामने
मिलाने नही दे रहा तो हम आस्था से कैसे नजरे
एकांश ने हताश होते हुये कहा,,,,

मिलायेंगे
उसकी बातों से ही पता चल रहा था की वो कितने दर्द
में हे,,,

बोलिए ना कहना आसान हे
करना मुश्किल नही जा सकते हम
हमारा गिल्ट हमे अपने आप से नजरे,,,
....
....
कुंवर सा .....
मानते है हमने बाबासा का साथ दिया.,,,,

लेकिन वो सिर्फ आपके लिये आप
को सच मे लगता है बाबासा ने ही आस्था के माँ को
कुछ किया है .. आकाश .... पता नही.... हमे
यकिन हे की हमारे बाबासा ऐसा कुछ नही कर सकते
लेकिन ये भी सच है की वो हमारे लिये कुछ भी कर
confuse aakaash ..... एकांश कहते,,,,

.....
अपनी चेयर पर बैठ गया कुँवरसा

आपको कुछ दिखाना हे.. अजय जो इतने देर से से
खामोश था उसने कहा और,,

एकांश हैरानी से उसकी और देखने लगा ।
आस्था का रिजल्ट .....
....
...
.....
she is state topper of Maharashtra ..

आज ही उनका रिजल्ट डिक्लेर हुआ है ..

अजय एकांश ने लंबी सांस ली और चेयर पर सर टिका
कुछ पल वैसे ही बैठने के बाद उसने कहा,,,

दिया
UID
call driver .. we are going to palace ..
ऐश्वर्या आस्था को हॉल मे ले आयी थी ...
वहा दादासा अजिंक्यजी सुनीता उत्तरा ही थे..
.....