हमसफर - 8 Seema Tanwar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हमसफर - 8

आस्था सिर्फ 15 साल की है मानता हूं मैंने गलत किया
बहुत गलत किया उनके साथ उनकी मां के अंतिम
समय में मैंने अपने स्वार्थ के लिए इन दोनों के शादी की
बात की और वह मान ली है लेकिन फिर भी वापस आ
पता नहीं है क्यों मेरा दिल इसे के लिए नहीं मान रहा है
छोटी है वह अभी शादी जैसे रिश्ते को कैसे संभाल
पाएगी ,,,, अजिंक्य l

अजिंक्य क्या कह रहे हैं आप यह शादी हम हमारे
एकांश कुंवर सा के हिफाजत के लिए कर रहे हैं ,,,, और
आप हैं कि दादा साहब सॉरी बाबा साहब वह बस हमें
अब एकांश से बात करनी होगी ,, 2 दिन बाद शादी है
और आस्था को भी यही लाना है ,,, अजिंक्य ना दादा सा
ने सभी को हॉल में बुलाया वह सब एकांश का इंतजार
कर रहे थे l

एकांश के आने के बाद अजिंक्य जी ने कहा एकांश
आपकी शादी हो रही है ,,, 2 दिन बाद अजिंक्य जी ने कहा

बाबसा क्या कहा आपने एकांश ने हैरानी से पूछा,,,
इसके साथ-साथ घर के बाकी सभी लोग भी बहुत
ज्यादा हैरान थे l

हमने कहा आपकी शादी है 2 दिन बाद अजिंक्य ,,,, शादी
दो दिन बाद अजिंक्य क्या कह रहे हैं आप,,, धनुष

Ji Bhai Sahab ,,,,

हमारे कुंवर सा की शादी है अजिंक्य ,,, लेकिन किसके
साथ कहां की प्रिंसेस है या फिर किसी बिजनेसमैन की
बेटी है ,,, मृणाल एक आम लड़की है गांव में रहती है
अजिंक्य गांव की लड़की के साथ शादी लेकिन क्यों ????
बड़ी दादी

क्योंकि उनकी मां की मौत हमें बचाते हुए हुई है ,,,, apni
जान गवा कर उन्होंने हमें बचाया है,,,, और इसके बदले
हमने आपका और उनकी बेटी के शादी का वचन दिया l

अजिंक्य ने झूठ बोला वह जानते थे ,,,, सब सच जानने
के बाद एकांश कभी भी यह शादी नहीं करेगा ,,,, जान
बचाने के बदले शादी ऐसा कौन करता है अजिंक्य,,
छोटी दादी l

आप कहिए एकांश आपके बाबा सा का वचन आप
पूरा करेंगे या नहीं अजिंक्य ,,,,
ठीक है हम तैयार हैं एकांश,,,

जब कुंवर साहब ही मान गए हैं तो हमें भी कोई
एतराज नहीं है तस्वीर दिखाइए हम हमारे होने वाली
कुंवर रानी सा की बड़ी दादी सा ने कहा और सभी ने
उनकी बात को समर्थन दिया,,,,

अभी तस्वीर नहीं है आप शादी के वक्त मिल लीजिएगा
और वैसे भी फिलहाल ये शादी सीक्रेट ही रहेगी और
मंदिर में ही होगी दादा सा ने कहा ,,,और सबको अपने
अपने रूम में भेज दिया l

एकांश भी अपने कमरे में आ गया अपने बाबा साहब
के फैसले से वह काफी सरप्राइज था ,,,, लेकिन फिर भी
वो उनके लिए वचन को तोड़ना नहीं चाहता था ,,, किसी
सोच में गुम l

आप एकांश अजिंक्य ने उनके कमरे में आते हुए कहा
कुछ नहीं बाबा सा आप आइए एकांश आप तैयार है ,,,,
ना अब इनके आपका वचन हमारे लिए बहुत मायने
रखता है ,,, बाबा साहब हम तैयार हैं शादी के लिए लेकिन
एक मर जाने हैं ,,,, आप पर हमला कब और कैसे एकांश
इस बात को छोड़िए एकांश आराम कीजिए कल बहुत
काम है अजिंक्य l

बाबा सा शादी इतनी जल्दी अभी तो उनकी मां की
मौत हुई है क्या यह सही रहेगा एकांश आस्था का भी
अभी कोई नहीं ,,,,

अपने पिता को वह बचपन में ही खो चुकी थी अकेले
रहने से अच्छा है ,,,, वह हमारे साथ रहे इसलिए शादी 2
दिन के बाद ही होगी ,,,,अजिंक्य l

ठीक है एकांश ने ज्यादा
कुछ नहीं कहा अपनी बाबा का कुछ सवाल करना
मतलब उनका अपमान करना और एकांश यह कभी
नहीं चाहते थे l

उसने आकाश और अजय को अपने बाबा सब पर हुए
हमले के बारे में पता लगाने को बोला ,,,,, साथ ही मैं
आस्था को की भी इंफॉर्मेशन निकालने के लिए कहा l

अगले दिन सुबह सब शॉपिंग पर गए थे और अजिंक्य
जी आस्था से मिलने आस्था आप ठीक है ,,,, अब अजय
के जी आस्था ने सर झुकाते हुए कहा लेकिन है ना
आपने हमें पहचाना होगा ,,,, अजिंक्य आपको कैसे भूल
सकती हूं l

आपके जैसे तो मैं इस मुसीबत से बच पाई हूं और मां
का इलाज भी आगे आस्था ,,,,, कुछ बोल ही नहीं पाई
अजिंक्य जी ने उसके सर पर हाथ रखा l हमें अफसोस
हैं हम उन्हें बचा नहीं पाए अजिंक्य आपने कोशिश की
थी ,,,, लेकिन मां का साथ उतना ही था आस्था अपने
आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए कहा अपनी
मां की अंतिम इच्छा निभाएंगे l

आस्था वह आपकी और हमारे एकांश की शादी
चाहती थी जानते हैं आपके लिए अभी मुश्किल
वक्त है ,,,, लेकिन क्या आप तैयार हैं शादी के लिए
अजिंक्य l आस्था के आंखों से आंसू बहने लगे कितने
सपने थे l

उसके पढ़ाई करना अपनी मां को अच्छे से जिंदगी
जीना गाड़ी लेना ,,,,, लेकिन इस हादसे के बाद सब बदल
गया ,,, वैसे ही रोते हुए उसने हां में सर हिला दिया ,,,, अपनी
मां की ख्वाहिश के लिए अपने सपनों को छोड़ दिया
खुश रहिए अजिंक्य ने उसके सर पर हाथ रखा ,,,, अपना
सारा सामान ले लीजिए हम अब राजस्थान जा रहे हैं l

हमेशा के लिए कल आपकी शादी होगी ,,, अजिंक्य l

आस्था अपना सामान बांध ने लगी और मां की सभी
तस्वीर उसने ले ली अपनी
अपनी बुक लेते हुए उसको ख्याल
आया कि पता नहीं आगे से पढ़ने में को मिलेगा या नहीं ,,,,

मैं रखे हुए कंप्यूटर को देख कर उसे याद आया कि मां
ने कितनी मेहनत करके उसके लिए वह खरीदा था ,,,, घर
के हर कोने में उन दोनों की यादें बसी हुई थी l

कुछ दिन पहले उसने अपनी मां को खो दिया ,,,, अब
उनकी शादी सारी यादों को खोने जा रही थी ,,, वह
बेतहाशा रोए जा रही थी ,,,, लेकिन आज उसके आंसू
पहुंचने वाली उसकी मां कहीं भी नहीं थी l आस्था अपना
पूरा सामान लेकर बाहर आ गई ,,,, अजिंक्य जी की गाड़ी
आगे निकल चुकी थी ,,,, दूसरी गाड़ी में वह दाई मां दोनों
बैठ गए l बूझे मन से ही सही लेकिन उसने अपने
हमसफर को और अपना कदम बढ़ाया था l

यकीनन आगे उसे बहुत खुशियां मिलने वाले थे लेकिन
उन खुशियों को पाने के लिए पता नहीं कितने गमों को
सहना था ,,,,, राजस्थान को आते आते उन्हें सुबह हो गई
नाश्ता करके वह थोड़ी देर सो गई l शाम को उसकी
शादी थी ,,,, एक ऐसे शख्स के साथ जिसका सिर्फ उसे
नाम ही पता था l उसके लिए अजिंक्य जी ने मेकअप
आर्टिस्ट को भेजा था l