हमसफर - 5 Seema Tanwar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हमसफर - 5

मां अच्छा इतना सब पत्नी करेगी तो पति का करेगा
उसका कोई धर्म नहीं होता क्या - आस्था ,,,, होता है ना
अपनी पत्नी का ख्याल रखना उसे मान सम्मान देना
और उसके लिए उसके हक के लिए आवाज उठाना
यह एक पति का कर्तव्य होता है मां बाबा जी तुम्हारे
लिए यह सब करते थे क्या l

आस्था तेरे बाबा बहुत अच्छे थे इससे बहुत ज्यादा
करते थे वह मेरे लिए तभी तो वह सिर्फ मेरे लिए मेरे
पति नहीं मेरे हमसफर मेरी जिंदगी भर के साथ ही बन
गए थे ,,,, सात फेरे लेने से वचन लेने से सिर्फ पति-पत्नी
बनते हैं लेकिन जब हम एक दूसरे का ख्याल रखते हैं
एक दूसरे को दिए हुए वचन को निभाते हैं एक दूसरे के
प्रति मान सम्मान रखते हैं तभी हम हमसफर बनते हैं
मां अच्छा मां मैं शादी नहीं करूंगी ,,,, आस्था क्यों क्योंकि
मुझे मेरी प्यारी मां को छोड़कर कहीं नहीं जाना है शादी
तो सबकी होती है तेरी भी होगी ना मां अगर हो भी गई
ना तो मैं हाथ हां तो मैं वहां से भाग कर आ जाऊंगी l

तुम्हारे पास आस्था नहीं बेटा आस्था ऐसा नहीं कहते
शादी का बहुत पवित्र बंधन होता है जिसे हम तोड़ कर
उसका अपमान नहीं कर सकते यह बहुत गलत बात है

मां के आगे कुछ बोलने से पहले ही आस्था ने कहा
ठीक है ना लेकिन अब मेरी शादी होगी ना तब देखेंगे
अभी मुझे बहुत बहुत पढ़ना है फिर तुम्हारे लिए एक
स्कूटी और एक बड़ी वाली कार भी तो लेनी है जब मैं
यह सब कर लूंगा उसके बाद शादी को देखेंगे शादी के
बारे में सोचेंगे आस्था ने कहा और फिर से अपनी पढ़ाई
में लग गई l

वृंदा हमारी बात सुनिए स्वामी नंद जी क्या सुने आपकी
बात महा गुरु मुझे माफ कर दीजिए आपके कुंवर सा
की जान बचाने के लिए मेरी बेटी की बलि नहीं दे
सकती में ,,,, वृंदा माँ बली नहीं है यह वृंदा विवाह होगा
दोनों का वो भी पूरी रीती रिवाज से उन दोनों के विवाह
गाठ से ना सिर्फ कुंवर सा की जान बचेगी बल्कि
आस्था को बहुत अच्छी जिंदगी मिलेगी स्वामी नंद
हा एसी जिंदगी में दुख और दर्द के अलावा कुछ नहीं
होगा आस्था के जन्म के वक्त आपने ही तो उसे कुंडली
बनाई थी और कहा था कि उसकी जिंदगी में राजयोग
है लेकिन बहुत पीड़ा को सेट कर उसे वह मिलेगा यहां
तक कि उसकी जान को भी खतरा हो सकता है वृंदा
हा कहा था लेकिन अब हालात बदल गए हैं और वचन
देते देते हैं आपको आस्था की जिम्मेदारी हम
लेंगे ,,,,,

सिर्फ इस विवाह के लिए तैयार हो जाओ स्वामी नंद
नहीं गुरु जी नहीं नहीं महागुरु जी माफ कीजिए मैं
आस्था की शादी के लिए तैयार नहीं हूं ,,, 15 साल की
बच्ची है वो ना उसे दुनियादारी की समझ है और ना
बाहर के लोगों से बात करने की आदत है उसकी
दुनिया मुझ से ही शुरु और मुझ पर ही खत्म होती है l

वह शादी जैसे रिश्ते को कैसे निभाएगी और वह भी
ऐसी शादी जहां सिर्फ उसे दर्द ही मिलेगा माँ
वृंदा भूल रही हैं आप रोटी को भी परिपूर्ण होने के लिए
आच पर भुनना पड़ता है बिना आग की जलन सहे वह
खाने लायक नहीं होती है वैसे ही बिना दर्द को सहे
राजयोग भी नहीं मिलता है ,,, थोड़ी तकलीफ तो उसे
उठानी ही होगी उसके बाद उसका जीवन अनगिनत
खुशियां आएंगी स्वामी नंद,,,,

नहीं गुरु महागुरु ना मुझे मेरी बेटी के लिए ना ही
राजयोग चाहिए और ना ही कुछ और हम दोनों हमारे
जीवन में बहुत खुश हैं हमें ऐसे ही रहने दीजिए वृंदा ने
कहा और वहां से चली गई l

महागुरु वैसे ही सोचते हुए खड़े रह गए वृंदा उन्हें
मिलना है वह मिलकर रहेंगे हम सफर हैं एक दूसरे के
तो अलग अलग कैसे रह सकते हैं उनकी नियति उन्हें
मिलाकर ही रहेगी स्वामी नंद जी ने फिर अजिंक्य को
यानी एकांश के बाबा सा को फोन किया और उन्हें
आस्था और आकाश की मां के बारे में बता दिया पहले
तो उन्हें भी लगा कि राजकुमार शादी एक आम लड़की
से कैसे हो सके लेकिन उन्हें अपने बेटे को बचाना था
आज इसलिए वह कुछ भी कर सकते हैं वह आस्था के
घर के लिए निकल गए ,,,,

मां कहां रह गई थी तुम मैं कब से इंतजार कर रही थी ,,,,
तुम्हारा आस्था अरे कुछ नहीं मंदिर गई थी रुक जा अब
मैं जल्दी से खाना बनाती हूं मां मैंने बना लिया है l

आस्था क्यों बनाया था पढ़ाई करनी चाहिए थी ना ,,,,
अगर कहीं लग जाती तो करना आखिरी पेपर है
तुम्हारा मा की हमेशा की तरह बातें शुरू हो गई थैंक यू
गॉड अब मेरी मां वापस आ गई है वरना आपको
देखकर यही लग ही नहीं रहा था कि आप मेरी मां हो
आस्था ने मुस्कुराते कहा बेटा मैंने अपनी तरफ से तुम्हें
सब कुछ देने की कोशिश की है मेरी हमेशा यही
कोशिश यही है कि मैं तुम्हें सब कुछ देख सकूं लेकिन
फिर भी तुम्हें यह लगता है कि मैं कहां कम पड़ गई तो
मुझे बता दो मैं वह भी तुम्हें देने की कोशिश करूंगी,,,,

मां क्या हुआ है और किसने कहा है मुझे संभालने में
कमी रह गई है ,,, तुमने बहुत कुछ दिया है मुझे बहुत से
भी बहुत ज्यादा और फिर ऐसा ही क्यों सोच रही हो
सच कह रही हो ना मां बिल्कुल सच आपको पता है ना
आप मेरे लिए बहुत ज्यादा अजीज हो मैं बहुत प्यार
करती हूं आपसे बहुत बहुत बहुत ज्यादा ,,,