हमसफर - 4 Seema Tanwar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हमसफर - 4





सभी लोग अपने कामों के लिए चले गए एकांश के
पिता अजिंक्य जी ने अपनी वाइफ समीक्षा के नाम से
एक एनजीओ ओपन किया था ,,,, और एकांश ने उसे
बहुत बड़ा किया था इस एनजीओ में लड़कियों को
अच्छे से अच्छा एजुकेशन प्रोवाइड किया जाता था,,

गरीब लोगों को मेडिकल हेल्प विधवा औरतों और
उनके बच्चों के लिए काम का और रहने का इंतजाम l

समीक्षा आश्रम की सबसे खास बात थी कि वहां बुजुर्ग
ने अपने घर से निकाल दिया था ,,,, और अनाथ बच्चों के
साथ रहते थे ,,, जिससे बच्चों को बड़ों का और बड़ों को
अपने बच्चों का प्यार मिल सके l एकांश जैसे ही अपने
और वैसे भी आकर रुक गई ,,, वाइट शर्ट और ब्लैक
ब्लैक उसकी दाड़ी और सेट किए हुए रोलेक्स वॉच
चेहरे पर मिलियन डॉलर वाली स्माइल और फुल
कॉन्फिडेंस को तो सब कुछ भूल कर उसे देखने में लगी
हुई थी l

आज दादा साथ से बात करने की वजह से उसे आने में
लेट हो गया ,,, वरना इन्हीं नजरों से बचने के लिए वह
सबसे पहले ऑफिस आता था सबको स्माइल से
मॉर्निंग बेशक का जवाब देते हुए ,,,, वह अपने कैमरे में
आकर बैठ गया l गुड मॉर्निंग को आकाश और अजय ने
कहा आकाश और अजय दोनों एकांश के साथ बचपन
से थे दोनों भी अनाथ थे l

और समीक्षा आश्रम में ही बड़े हुए थे अपनी मां की
मौत के बाद जब भी वह जाता था तब भी दोनों उसका
ख्याल रखते थे l बड़े होने के साथ-साथ इनकी दोस्ती
भी गहरी होती चली गई l एकांश उनके लिए सब कुछ
था l पढ़ाई खत्म करने पर उन्होंने स्पेशल ट्रेनिंग ली थी l
- एकांश के बॉडीगार्ड बन गए थे साथ ही में एकांश
के साथ ऑफिस में भी काम किया करते थे l

आकाश तुम्हें नहीं लगता आज ऑफिस का माहौल
बहुत ज्यादा हॉट है ,,, अजय एकांश में ना में सर हिला
दिया और अपने काम में लग गया और तुम्हें ऐसा क्यों
लगता है l अजय आकाश देखो ना आज हमारे कुंवर सा
इतने तैयार होकर आए हैं कि टेंपरेचर बहुत ही ज्यादा
हॉट हो चुका है पता नहीं कितनी नजरें इन्हीं नजरों पर
टिक कर रह गई है l

अजय हां बात तो सही है ,,, नजरें तो काफी टिकी हुई है
हमारे कुंवर सा पर लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि
उनकी नजरें सिर्फ अपने लैपटॉप पर ही हैं l अपना ध्यान
काम पर तो तुम भी वही करो आकाश क्या यार तुम भी
कुंवर सा की तरह बिल्कुल अनरोमांटिक हो कुंवर सा
जरा भी वहां से ध्यान हटाइए और अपने आसपास
देखिए कितनी नजरें आपके नजरों से उलझने के लिए
तैयार हैं और आप हैं कि अजय एक एकांश में नजरें
उठाकर देखा सारे ऑफिस की लड़कियां उसी की
तरफ देख रही थी ,,,, एकांश का केबीन खासकर पूरी तरह
से कांच का बना हुआ था ,,,, लेकिन स्पेशल बात यह थी
कि अंदर से बाहर का तो सब कुछ दिखाई देता था
लेकिन बाहर से कुछ भी नहीं ,,, इसको बाहर देखते हुए
देख अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई ,,,, क्या हुआ कुंवर
सा कोई पसंद आ गई है क्या आपको ??? अजय

अजय बस भी करो अब आकाश एकांश ने अपना हाथ
सर पर रख लिया ,,,, और मुस्कुराते हुए नीचे देखने लगा
अजय की ऐसी नौटंकी महीने में से एक बार होती थी
तुम तो चुप करो कुंवर सा आप बताइए अजय अजय
इन नजरों में वह बात नहीं जो एकांश रघुवंशी की
नजरों को उलझा सके और हमें इतनी सारी नजरें नहीं
सिर्फ वह एक नजर चाहिए जिसे देख कर हम खुद ब
खुद उस में उलझ जाएं हां हां पता है कुंवर सा लेकिन
जब तक आप इन्हें देखेंगे नहीं ढूंढ लेंगे नहीं तब तक
ऐसे आपको कोई मिलेगी ???

अजय जिसकी किस्मत की डोर हमसे बंदी होगी और
वह हमारी हमसफर होगी ना वह हम तो अपने आप ही
आ जाएगी हमारी जिंदगी में शामिल हो जाएगी हमें
ढूंढने की जरूरत नहीं है उन्हें हमारी किस्मत हमारे
हमसफर हमारी जिंदगी भर की साथी सही हमें
जोड़कर ही रहेगी आप समझे एकांश मैं भी दुआ
करूंग एकांश मैं भी दुआ करूंगा आपको आपकी
हमसफर आपकी जिंदगी भर की साथी जल्दी से जल्दी
मिल जाए l

अजय हां ताकि यह अपने लिए किसी को देख ले
आकाश अब काम पर ध्यान दें एकांश ने कहा और वह
भी तीनों अपने काम पर लग गए ,,,,

दूसरी तरफ ,,,,

मां एक सवाल करें आस्था ने अपनी पढ़ाई करते हुए
पूछा मैंने मना करने के बाद भी तुम चुप बैठो की क्या,,,,

नहीं मां आस्था नैना में सिर हिलाते हुए हंसकर कहा
पूछो क्या सवाल है मां की पत्नी धर्म क्या होता है ????

आस्था यह सवाल क्यों पूछा मां वह जब हम नदी
किनारे गए थे ना तो वहां पुष्पा देवी की मां उन्हें समझा
रही थी कि पता नहीं क्या क्या कह रहे थे सेवा करो
काम करो यही पत्नी धर्म है और भी बहुत कुछ मुझे
कुछ समझ ही नहीं आया ,,,, बताओ ना मां यह पत्नी धर्म
क्या होता है आस्था ओहो आस्था जाने भी दो यह
सवाल तुम्हें तो पता है ना पुष्पा कितनी बदतमीज है
इसलिए उसकी मां उसे समझा रही थी l

मां यह तो मेरे सवाल का जवाब नहीं हुआ आस्था तुम
नहीं मानने वाली मां के कहने पर आस्था नैना में सेल
खिला दिया ठीक है ,,, सुन एक लड़की शादी करके अपने
पति के साथ उसके घर जाती है ,,, विवाह के पवित्र बंधन
में बंधने के बाद वह उस घर की बहू और किसी की
पत्नी बनती है अपने पति के छोटे बड़े काम करना
उसके लिए खाना बनाना समय पर उसको खाना देना
उसकी सेवा करना और जरूरतों का ख्याल रखना इसी
के साथ अपने सभी घरवालों का ध्यान रखना सभी के
लिए खाना बनाना सबसे आदर से बात करना यह है
पत्नी धर्म होता है l