भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 44 Jaydeep Jhomte द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 44

Ep ४४
डरावना ट्रक भाग ६ लास्ट

"क्या हुआ....? राम्या के इस वाक्य को राघ्या घूरकर देख रही थी, तभी राम्या ने भी नीचे की ओर देखा और उसी समय राम्या का चेहरा भी डर से सफेद हो गया और उसकी आँखें चौड़ी हो गईं, उसका दिमाग कुछ देर के लिए बहरा हो गया, क्योंकि नीचे न तो भूमि थी और न ही कोई राजमार्ग था, और वे दोनों राजमार्ग के बीच में बैठे थे, उन दोनों को भी एक चाल सूझी, और शैतान रूप बदल कर उन दोनों को अपने जाल में खींच रहा था। झाड़ियां।

"अरे..राघ्या अर आप्या ता" राम्या अपना अगला वाक्य पूरा करने ही वाला था कि तभी वही ट्रक तेज गति से हार्न बजाता हुआ आया और राम्या को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ गया, और ट्रक फिर से चला गया, इधर राघ्या ने उसके कंधे की ओर देखा डर के मारे, और उसके डर को और बढ़ाने के लिए, उसे एक और झटका लगा, क्योंकि उसके कंधे पर राम्या की टूटी हुई बांह थी, जिसमें से लाल खून निकल रहा था, टूटी हुई बांह को देखकर राघा को घृणा हुई और उसने उसे अपने से दूर फेंक दिया कंधे, फिर थोड़ी दूरी पर गिरा हाथ हिलने लगा, (नोट => अगला क्लाइमेक्स थोड़ा घृणित दृश्य है। उन लोगों के लिए नहीं जो हिस्टीरिया से पीड़ित हैं या चिड़चिड़े लोग हैं। हालाँकि..=> राम्या की त्वचा जमीन पर पड़ा हुआ हाथ पीला पड़ने लगा और उन छोटे-छोटे छिद्रों के अंदर से सफेद और काले रंग के छोटे-छोटे छेद निकलने लगे उस घृणित दृश्य को देखकर राघ्या के पेट में दर्द होने लगा और उसने बगल में उल्टी कर दी।
इधर राम्या की जान जा चुकी थी, राम्या का शरीर मृत पड़ा हुआ था, कभी-कभी वही मृत शरीर हिलने लगता था, अंग कटे हुए थे, राम्या का शव वहीं पर खड़ा था, खोपड़ी फटी हुई थी, मस्तिष्क उस खोपड़ी से बाहर आ रहा था .
एक हाथ टूट गया, साथ ही पेट फट गया और अंदरुनी हिस्सा बाहर आ गया
"रघ्यह्य...हेहे...हेहे...!" उस बेजान लाश ने राघा को आवाज़ दी,
राघा ने उस आवाज़ पर अपने कान खड़े किये, और आगे देखा,
" राघ्या .... ये हिक्कड़ ... ये ...! राम्या की लाश ने कर्कश आवाज में कहा, और राघ्या की ओर एक कदम आगे बढ़ाने लगी, उसके हर कदम के साथ, हड्डियाँ चरमरा रही थीं, चरमरा रही थीं,
"ऐ नई नई! मेरे पास आओ नाग! तुम....तुम.... राम्या नहीं हो..? तुम शैतान है शैतान है तुम चले जाओ..!..."
उस अज्ञात ध्यान को देखकर राघ्या ने कहा।
"हीही....खिलखिलाहट...., आओ आओ...आओ रगड़ो!" यह कहते हुए मोटा शव राघ्या की ओर दौड़ा, उस अजीब आकृति को अपनी ओर आता देख राघ्या भी भागने लगा, मौत का डर उसकी जिंदगी को निगल रहा था और मौत के डर से उसके कदम बिजली की तरह तेज हो गए, राघ्या अपनी जान बचाने के लिए दौड़ पड़ा। .
अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था और राम्या की लाश भी उसके पीछे उतनी ही तेजी से भाग रही थी जितनी तेजी से वह भाग रहा था, राघा की नजरें थोड़ी दूर तक घूम गईं और जैसे ही उसने अगला दृश्य देखा, उसे आशा की एक किरण दिखाई दी, एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ था सड़क के किनारे जिस पर नीले अक्षर लिखे थे, जैसे ही जंगल शुरू हुआ, राघा ने जंगल की सीमा पार कर ली। वो लाशें जो राघ्या को मार डालेंगी मौके पर ही रह जाएंगी,
"एह भेन... अगर हिम्मत है तो बाहर आओ!" राघ्या ने शाप दिया, और लाश की ओर देखने के लिए पीछे मुड़ी, जिसने राघ्या को देखा और गुर्राया.. वह अपनी सीट पर कुचले हुए बाघ की तरह छटपटा रहा था। यह देखकर कि सावज उसके हाथ से बच रहा है, जिससे वह बहुत क्रोधित हुआ।
राघ्या ने कहा, "मेरे मित्रला खल तू भें....त!" राघ्या ने कहा, और उसके शब्दों के साथ एक भयानक बात हुई, किसी ने राघ्या को पीछे से एक जोरदार झटका दिया, झटका इतना शक्तिशाली था कि राघ्या फिर से बेहोश हो गया।

यह इतना शक्तिशाली था कि राघ्या ने वेस को फिर से पार किया और चुड़ैलों के जंगल में प्रवेश किया। राघ्या ने पीछे मुड़कर देखा कि उसे किसने झटका दिया था, क्योंकि वह अमावस्या की रात थी, वह सामने इतना कुछ नहीं देख सका उसे, लेकिन अंधेरे में, एक दुबले-पतले आदमी की आकृति वहाँ खड़ी थी, राघ्या ने अपनी दोनों आँखें सिकोड़ लीं और आगे की ओर देखा, और उसी क्षण आकाश में एक बिजली चमकी और उस बिजली की रोशनी में राघ्या ने देखा। एक भयानक दृश्य, जो उसकी समझ से परे था - पीछे जाते समय किसी ने टक्कर मार दी, जिसका स्पर्श राघा को बर्फ के ढेर की तरह बहुत ठंडा लगा, और वही बेजान शरीर हाईवे पर गिर गया , आकाश में फिर से बिजली चमकी, और छोटी/बट वाली आकृति चुड़ैल के जंगल में आगे-पीछे चलती रही, वह आकृति चाकू पकड़े हुए थी। और वह आकृति कोई और नहीं बल्कि चिउ की गुड़िया थी, और उस गुड़िया में एक सबसे शक्तिशाली आत्मा थी,
"फिर , एक मजाक..........!
नया घर, नया.घर ....!'' इन शब्दों के साथ आकृति ने राघ्या के शरीर पर चाकू मारना शुरू कर दिया, जिससे चारों ओर खून के फव्वारे उड़ने लगे...



समाप्त :







महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी


फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत, अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. जर कोणी लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह मेसेज आणि वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार कारवाई करून कडक, एक्शन घेतली जाईल!


सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात तर कृपया करून लेखकास समजून घ्या !


लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करत आहे ..


धन्यवाद..




सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो

लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करिल.....

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!

महत्वपूर्ण संदेश- सदर कथा उरार केलेलिया गावच नाव और तिथि पृष्टिति हे सर्वकाही काल्पनिक आसुन .. वाचकन्नी असले ही कथा, त्यात् ‍ यत् ले पात्र, मृत व्यक्ति, एकेंद्रित ‍ सर्वच सर्वाच पृष्टि ‍ काल्पनिक नजरें पाहावी- और वास्तविक मनोरंजन व्हावा हया हेतुने कथा वाचावित आशी माझी हर वाचका प्रति। नम्र विनन्ति आहे। 🙏

ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो

लेखक ने सुधार का प्रयास किया...

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!



कथा सुर...


कथा सुरु...नेकस्ट एपिसोड.. दर एकदिवसाआड एक भाग पोस्ट होइल.

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सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

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कथा सुरु ...


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।


कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए ही पढ़ी जानी चाहिए


इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए कृपया लेखक को समझें!


लेखक गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहा है..




धन्यवाद..

यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है। विनम्र निवेदन। 🙏


इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह

लेखक त्रुटियों को सुधारने का प्रयास करेगा...

और नये जोश से लिखेंगे..!

कहानी जारी है...अगला एपिसोड..हर एक दिन एक एपिसोड पोस्ट किया जाएगा।

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कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


कथा प्रारंभ





महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी


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कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो

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ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो

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इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


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कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


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कथा