प्रत्यन्चा के हाथ पैर बँधे हुए थे और वो उस समय खुद को छुड़ाने की पुरजोर कोशिश कर रही थी,लेकिन हाय री किस्मत वो ऐसा करने में नाकामयाब रही और पप्पू गोम्स उसकी ओर बढ़ता ही चला जा रहा था, जैसे ही पप्पू गोम्स उसके बहुत करीब आ गया तो प्रत्यन्चा उसके मुँह पर थूकते हुए बोली....
"आखिर मेरे परिवार ने तेरा क्या बिगाड़ा था जो तूने उन लोगों के साथ ऐसा किया",
"कमीनी! मेरे मुँह पर थूकती है,तेरा भी वही अन्जाम होगा,जो तेरे घरवालों का हुआ था,उस हरामखोर मेहरा ने मुझे जेल भेजा था,इसलिए उसके किए की सजा तो उसे मिलनी ही थी,अब तू भी नहीं बचेगी मेरे कह़र से",पप्पू गोम्स बोला....
"तुझे भगवान कभी माँफ नहीं करेगा,देखना एक दिन तू तड़प तड़पकर मरेगा कुत्ते!",प्रत्यन्चा बोली....
"मैं नहीं डरता किसी भगवान से,नहीं चाहिए मुझे किसी की माँफी और तू भी जो इतना भौंक रही है,तो तेरी जुबान भी मैं बंद कर देता हूँ,थूकती है मेरे मुँह पर,अब तू किसी काबिल नहीं रहेगी"
और ऐसा कहकर पप्पू गोम्स प्रत्यन्चा पर टूट पड़ा,प्रत्यन्चा रोती रही,गिड़गिड़ाती रही लेकिन उसकी गोम्स ने एक ना सुनी और प्रत्यन्चा पर हो रहे अत्याचार का बाहर पहरा दे रहे जग्गू और कालिया मज़े ले रहे थे,गोम्स ने जब अपने मन की कर ली तभी वो माना,प्रत्यन्चा की अस्मत के साथ खिलवाड़ करके जब वो बाहर आया तो वो जग्गू और कालिया से बोला....
"साली! बेहोश हो गई है,पड़ी रहने दो इसे इसी कमरे में भूखा प्यासा,मैं फिर से थोड़ी देर के बाद आऐगा और याद रहे तुम में से कोई भी उसे हाथ नहीं लगाऐगा,वो सिर्फ़ मेरा शिकार बनेगी",
"ओके भाई! जैसा तुम बोलेगा,वैसा ही होगा",कालिया बोला...
"ठीक है,अभी मैं जा रहा है बाद में आएगा,तब तक तुम दोनों इस लड़की का ख्याल रखना,वो यहाँ से भागने ना पाएँ",
और ऐसा कहकर पप्पू गोम्स वहाँ से चला गया,पप्पू गोम्स के जाते ही शौकत वहाँ फिर से आ पहुँचा और उसने जग्गू से पूछा....
"कैंसी है वो लड़की?"
"क्यों तुझे क्या लेना देना उस लड़की से?",जग्गू बोला...
"इन्सानियत भी तो कोई चींज होती है,उसी के नाते पूछ रहा हूँ",शौकत बोला...
"शौकत! तू खामख्वाह में उस लड़की के पीछे अपना वक्त जाया कर रहा है,उसके साथ जो होना था वो तो गोम्स भाई करके चले गए, अब कोई फायदा नहीं",कालिया बोला...
"क्या कह रहे हो तुम लोग?",शौकत चौंकते हुए बोला...
"हाँ! अब तू उसे बचाने की कोशिश मत मर,जब गोम्स भाई का जी भर जाएगा उससे तो वो हमारी हो जाएगी", जग्गू बोला...
जग्गू और कालिया की बात सुनकर शौकत को बहुत गुस्सा आ गया और वो उन दोनों से बोला....
"अरे! वो भी तो किसी की बहन या बेटी होगी,उसके साथ गलत होता देखकर तुमलोगों का दिल नहीं पसीजा"
"ओए....शौकत! हमें तू इन्सानियत का पाठ मत पढ़ा,जा यहाँ से नहीं तो हम लोग कुछ ऐसा ना कर बैठे जो किसी को भी मंजूर ना हो",जग्गू बोला....
"जग्गू! मैं तुझसे बहस नहीं करना चाहता,मैं तो ये कहना चाह रहा था कि अभी गोम्स भाई यहाँ नहीं है,छोड़ दे उस लड़की को",शौकत बोला...
"नहीं! हम उस लड़की को पप्पू भाई की मर्जी के बिना नहीं जाने दे सकते",कालिया बोला....
"मैं तुमलोगों के आगे हाथ फैलाता हूँ,खुदा के लिए छोड़ दो उस लड़की को"शौकत दोबारा बोला...
"नहीं! किसी भी कीमत पर नहीं",कालिया बोला....
"तो तुम लोग ऐसे नहीं मानोगे",शौकत बोला...
"क्या करेगा तू हमें जान से मार देगा",जग्गू बोला...
"हाँ! अगर यही करने से वो यहाँ से छूट सकती है तो यही सही",
और ऐसा कहकर उसने बड़ा सा छुरा निकाला और जग्गू के पेट में घोंप दिया,अब छुरा लगने से जग्गू जमीन पर गिर गया और दर्द से छटपटाने लगा,जग्गू की ऐसी हालत देख अब कालिया कहाँ चुप रहने वाला था,इसलिए वो अपना छुरा निकालकर शौकत की तरफ लपका,लेकिन शौकत अपना बचाव करते हुए एक ओर हट गया और शौकत के हाथ में वहीं पड़ी लोहे की राड हाथ लग गई और उसने उस राड से कालिया के सिर पर जोर का वार किया,जिससे कालिया को बहुत जोर का गुस्सा आ गया और वो शौकत के ऊपर टूट पड़ा,दोनों के बीच जोर की हाथापाई शुरु हो गई,इधर शौकत ने भी कोई भी कसर नहीं छोड़ी और उधर कालिया भी शौकत का खून करने के लिए उतारू हो उठा था,
लेकिन इस हाथापाई में जीत शौकत को हासिल हुई,हाथापाई के बीच कालिया के हाथ से छुरा छूटकर नीचे गिर पड़ा और शौकत ने इस मौके फायदा उठा लिया, उसने उस राड से कालिया के ऊपर जोर के दो चार वार किए,जिससे कालिया सम्भल नहीं पाया और जमीन पर गिर पड़ा,कालिया के जमीन पर गिर जाने के बाद शौकत ने उसके सिर पर उस राड से लगातार वार किए और तब तक करता रहा जब तक कि कालिया के सिर से खून ना बहने लगा,खून बहने से कालिया बेहोश हो गया और तब शौकत उस कमरे के भीतर गया जहाँ प्रत्यन्चा बँधी हुई थी, उस समय प्रत्यन्चा की हालत बिलकुल भी अच्छी नहीं थी,वो बेहोश थी और उसके तन के पकड़े अस्त व्यस्त थे,शौकत ने पहले उसके कपड़े ठीक किए और फिर उस ने जल्दी से घड़े से पानी निकाल कर उसके मुँह पर छींटे मारे,तब प्रत्यन्चा को होश आया और वो शौकत से गुस्से से बोली....
"तू कौन है,तू भी मुझे नोचने के लिए आया है क्या?"
"नहीं! बहन! ऐसा ना कहो,मैं तो तुम्हें पहले ही बचा लेता,लेकिन मुझे तुम्हें बचाने का मौका नहीं मिला", शौकत बोला...
"तुम मुझे बचाने आए हो",प्रत्यन्चा ने आवाज़ नीची करते हुए पूछा...
"हाँ! अभी कुछ कहने,सुनने का वक्त नहीं है,पप्पू आने वाला होगा,तुम जल्दी ये चादर ओढ़ो और भाग चलो मेरे साथ यहाँ से",शौकत ने बिस्तर पर बिछी चादर प्रत्यन्चा को ओढ़ाते हुए कहा...
"मुझे बहुत प्यास लगी है",प्रत्यन्चा बोली...
इसके बाद शौकत ने प्रत्यन्चा को पानी पिलाया ,प्रत्यन्चा बहुत प्यासी थी,वो दो गिलास पानी पी गई और इसके बाद दोनों चुपके से वहाँ से भाग निकले,कुछ देर के बाद अड्डे पर जब पप्पू गोम्स पहुँचा तो वहाँ की हालत देखकर वो आगबबूला हो उठा,तब तक जग्गू और कालिया दोनों ही मर चुके थे और वो समझ गया कि ये काम शौकत का ही हो सकता है,वो ही उस लड़की को यहाँ से बचाकर कहीं ले गया है,लेकिन कहाँ ये पप्पू गोम्स को नहीं पता था,इसलिए पप्पू गोम्स ने किसी भी हालत में शौकत और प्रत्यन्चा को ढूढ़ निकालने का मन बना लिया...
क्रमशः....
सरोज वर्मा...