प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग २७ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग २७


हिना आंख खुल कर कुछ सोच रही थी। अपने नसीब को कोस रही थी।
पता नहीं कब वक्त बदलेगा।।
कब ये दुनिया मुझे समझ पायेगी।
मैं इस काबिल तो नहीं कि कोई अपना समझे, इतना यकीन है कोई अफसोस ज़रूर करेगा मुझे खो देने के बाद।।
ये सुबह-सुबह क्या बरबरा रही हो ये आंखें मलते हुए ज़ीनत ने पूछा।
हिना ने कहा अरे बाबा कुछ भी नहीं बस मन किया बोल पड़ी।
जीनत ने कहा हां ठीक है आज नीचे जाओगी ना?
हिना ने कहा नहीं मन नहीं है।
जीनत ने कहा आफिस जाना है?
हिना ने कहा नहीं रे।
जीनत ने कहा फिर चल शापिंग मॉल चले।
हिना ने कहा अरे बाबा नहीं।।
फिर नीचे से शोर शराबा होने की आवाज आई तो दोनों ही नीचे पहुंच गए।
तो देखा सुनील और परी एक दूसरे का हाथ पकड़ कर खड़े थे।
हिना एकदम से चौंक गई अरे ये माजरा क्या है?
मिनल ने कहा कब से चल रहा है?
राज ने कहा अरे बाबा मासी सुनील अच्छा लड़का है दोनों एक-दूसरे को पसंद हैं तो आप लोग मना मत करना।
रमेश ने कहा हां ठीक है पर एक बार परी के पापा से बात करनी होगी क्योंकि वो लोग तो तुम्हारे साथ रिश्ते की बात कर रहे थे।
राज ने कहा अरे क्या बात कर रहे हैं मैं तो परी को एक दोस्त ही मना है।
परी ने कहा देव थैंक यू यार!
मिनल ने कहा ठीक है पहले बात करते हैं।
जीनत हिना के कान में कुछ बोलने लगी।
हिना ने अपनी आंखें बड़ी कर ली और फिर बोली ओह मुझे भुख लगी है।

आभा ने कहा अरे वाह मालती नाश्ता लगा दो।
हिना ने कहा हां जल्दी से।
फिर सब जाकर बैठ गए।
मालती ने आलू का पराठा बनाया था तो सबको देने लगी।
राज ने कहा अरे मालती जी हिना को आलू का पराठा मत दीजिए वो डाक्टर ने कहा कि।।
हिना ने कहा मुझे तो यही खाना है वो भी अचार और दही के साथ।।
सब हंसने लगे।
हिना जल्दी जल्दी खाना खाने लगीं।
राज ने कहा ओह भुक्खड़!
हिना ने कहा आई डोंट माइंड।।
फिर सब खाना खाने लगे।
सुनील और परी एक दूसरे को देख रहें थे।
राज ने कहा बस कर यार!
जीनत ने कहा क्यों ना हम इस खुशी को सेलिब्रेट करें।
परी ने कहा आईडिया अच्छा है।
कुछ देर बाद ही मिनल मासी आ गई और बोली कि भाई साहब मान गए।
राज ने कहा वाह क्या बात है।
मुबारक हो।
राज ने कहा क्यों ना शादी यहां से हो जाएं।
मेरी पारों को मैं अपने हाथों से सजाऊंगा।
परी ने कहा अले मेरा कंजूस देव!
सब हंसने लगे।
माहौल खुशनुमा हो गया था।

मिनल ने कहा हां आइडिया अच्छा है।।
फिर मिनल ने फोन पर बात करने लगी।

कुछ देर बाद ही आभा से बात करते हुए कहा कि अब देखो भाई साहब ने कहा कि पहले एक सगाई का दिन तय करो फिर हम लोग आ जाएंगे।
आभा ने कहा हां ठीक है कल ही पंडित जी को बुला लेते हैं।
फिर सब दोपहर का लंच करने के बाद ही सुनील और राज बाहर निकल गए।
गाड़ी में जाते समय सुनील ने पूछा कि क्या आप सीरियस हो गए।
हिना को लेकर टेंशन है क्या?
राज ने कहा अरे बाबा नहीं।
सुनील एक बात तो बता क्या हिना की तबीयत तेरी वजह से ख़राब हो गया क्या?

राज ने कहा जब किसी की याद आती है ना,तो रोने की जरूरत नहीं पड़ती आंसू अपने आप बहने लगते हैं।।।।
सुनील ने कहा अरे बाबा रे।
राज ने फिर से कहा किसी ने मुझसे पूछा दर्द की कीमत क्या होती है?
मैंने कहा मुझे नहीं पता यहां लोग तो मुझे मुफ्त में ही दर्द दे जाते हैं।।

सुनील ने कहा अरे यार तू भी ना।।

अब तू क्या यह सब बोल कर मुझे परेशान करेगा।
राज ने गाड़ी एक केक पार्लर में रोक दिया।

अन्दर जाकर एक बड़ा सा केक लेकर वापस घर आ गए दोनों।
फिर राज ने केक परी को देते हुए कहा यह लो दोनों के लिए।
सब हंसने लगे।
और फिर दोनों हाथों से पकड़ कर केक काटा और फिर एक दूसरे को खिलाया।
राज ने कहा क्या हुआ जो हम अपनी खुशी में केक ना काट पाए पर अपने दोनों दोस्तों के लिए इतना तो कर पाएं।
परी और सुनील दोनों ही राज को केक खिलाया और गले लग गए।

क्रमशः