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पुस्तक कैसे पड़े

पुस्तक कैसे पढ़े


पुस्तकों में ज्ञान का खजाना है। यह वह खजाना है जो दुनिया के किसी भी दौलत से बड़ा है। यह दौलत इतनी कीमती है कि अगर दुनिया से सभी पुस्तकों को खत्म कर दिया जाए तो मनुष्य कुछ ही महीना में पुरा पाषाण युग में पहुंच सकता है। यह समझ लीजिए कि पुरा पाषाण युग से भी पहले वाले युग में पहुंच सकता है। विद्यार्थियों को सबसे पहले अपने कोर्स की अच्छी वाली सजेस्टेड पुस्तक खरीदनी चाहिए और फिर उसका मनोयोग पूर्वक अध्ययन करना चाहिए और उसके मुख्य मुख्य बातें एक नोटबुक में लिखते जाना चाहिए और फिर समय-समय पर उनका रिवीजन करना चाहिए।


साथ ही समय-समय पर उन्हें अन्य उपयोगी पुस्तके भी खरीद कर पढ़नी चाहिए। पुस्तक की क्या कीमत है। यह कितने में खरीदी जाती है। इस पर तो निर्भर करती ही है। असल में इस पर भी निर्भर करती है कि उसमें कौन सा कौन सी चीज़ लिखी गई है और यही इसकी असली कीमत है। लाइब्रेरी अर्थात पुस्तकालय एक ऐसी चीज है जहां जाकर अपना आप अपना ज्ञानवर्धन कर सकते हैं और अप्राप्य पुस्तकों को भी प्राप्त कर सकते हैं। आपको लाइब्रेरी में जाना चाहिए और वहां पुस्तकों का अध्ययन कर नोट्स बनाने चाहिए। पुस्तकों के अध्ययन से और उनके मनन से और उन पर प्रैक्टिकल अमल करने से आप धन विद्या और शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

पुस्तकों के अध्ययन से आप समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकों के अध्ययन करने से आप मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।



मुझे एक दुर्लभ पुस्तक मिली जो काफी फटी पुरानी थी। मैंने पुस्तक की एक दो फोटो कॉपी निकलवाई और उन्हें पुस्तक का रूप दिलवाया। फिर मूल पुस्तक को भी मैंने बाइंडिंग वगैरा कराकर अच्छा रूप दिया। इस तरह फटी पुरानी पुस्तक नए रूप में मन को मोहने लगी और लंबे समय तक सुरक्षित रही। पुस्तक को हृदय से पढ़ना चाहिए। उसको बड़े चाव से और लगाव से पढ़ना चाहिए। उसके रखरखाव का समय-समय पर ध्यान रखना चाहिए और उसकी उसमें लिखी बातों पर मनन और चिंतन करना चाहिए। जो बात जरा गलत लगे उसे पर ज्यादा गौर करना चाहिए और जो बात सही लगे उसको अमल में लाना चाहिए। आप किस रस की पुस्तक पढ़ना चाहते हैं और आपका पुस्तक पढ़ने का उद्देश्य क्या है। इसको ध्यान में रखते हुए आप ऑनलाइन पुस्तक पढ़ सकते हैं। पेपर पर लिखी हुई पुस्तक खरीद कर पढ़ सकते हैं या लाइब्रेरी में जाकर पढ़ सकते हैं। कोर्स की पुस्तक पढ़नी है। एक बार पुस्तक का पूरा पैराग्राफ पड़े। उसे समझें और महत्वपूर्ण बातों को एक नोटबुक में लिखते जाएं। ऐसे करके पूरा अध्याय पढ़ें और फिर उस अध्याय का बार-बार रिवीजन करें। वह अध्याय आपके मन में बैठ जाएगा। इस तरह पूरी पुस्तक पड़े और पढ़ते पढ़ते हृदयंगम करते हुए रिवीजन करते रहे। इससे परीक्षा में आपकी अच्छी मार्क्स आएगी और अगर कोर्स की पुस्तक नहीं है तो उसे भी आप इसी तरह से पढ़ सकते हैं। पुस्तक को हमेशा साफ सुथरा होकर ही पढ़े और पुस्तक को साक्षात मां सरस्वती ही माने और उनका आशीर्वाद से लेकर ही इसका अध्ययन करें। पुस्तक चाहे मनोरंजक हो। चाहे कोई भी हो। चाहे ज्ञानवर्धक हो। पुस्तक सरस्वती का ही रूप होती है। इसीलिए श्रद्धा भाव से ही पुस्तक का अध्ययन करें। पुस्तक आपको हजार गुना ज्यादा फल देगी। थोड़ा-थोड़ा पुस्तक को रोज पढें। इससे आपके पढ़ने की आदत डेवलप होगी। रोज पुस्तक पढ़ना चाहिए। आपका मनोरंजन भी होगा और आपका ज्ञान भी बढ़ेगा और पुस्तक में लिखी बातें आप सोच समझ सकेंगे और उसको जीवन में उतार भी सकेंगे।




पुस्तक पढ़े और उसका फायदा उठाएं। पुस्तक को सजाकर समय पर समय पर रखें। इसका मेंटेनेंस करते रहे। पुस्तक में लिखी बातों को अमल करते रहे और उसका फायदा उठाते रहे और दूसरों को भी यह फायदा बताएं। किताबों को सुरक्षित रखें। उनके लिए बढ़िया अलमारी रखें या एक बढ़िया सा बॉक्स रखें। मुझे बॉक्स पसंद है और मैंने एक बड़े से बॉक्स में अपने घर की सभी किताबें अच्छी मेंटेन करके सजा कर रखी हुई है। समय-समय पर मैं इन्हें धूप और हवा लगता हूं और फिर सुंदर सजाकर बॉक्स में रख लेता हूं। जरूरत पड़ने पर मैं इनमें से किसी को निकाल कर उनका अध्ययन करता हूं। बॉक्स में रखने से पुस्तक सुरक्षित रहती हैं और वह कीड़े मकोड़े चूहा आदि से नष्ट नहीं हो पाती हैं।मैं अक्सर नई-नई पुस्तकों की खोज में रहता हूं। इनमें पेपर की पुस्तक और नई-नई पुस्तक भी शामिल रहती हैं। साथ ही में मित्रों से और जान पर पहचान वालों से भी पुस्तक मांग कर ले लेता हूं और उनका अध्ययन करता हूं।


जो पुस्तक मेरी रहती हैं उन पर मैं महत्वपूर्ण वाक्यों पर निशान लगा लेता हूं और जो दूसरे की पुस्तक रहती हैं उनको या तो मैं फोटो स्टेट कर लेता हूं और उन्हें फोटो स्टेट कर अपने पास रखता हूं और या तो उनके नोट्स ले लेता हूं। अक्सर अच्छे पढ़ने वाले ऐसा ही करते हैं। मुझे कुछ प्राचीन पांडुलिपियां मिली। यह भोजपत्र पर और ताड़पत्र पर लिखी हुई थी। यह हजारों वर्ष पुरानी थी। पांडुलिपि उस पुस्तक को कहते हैं जो बहुत प्राचीन हो और हाथ से लिखी हुई हो।


मैं सर्वप्रथम इन पांडुलिपियों को एक अच्छे जानकार से सुरक्षित करवाया और उन्हें उनका अच्छा मेंटेनेंस करवाया। उनका रखरखाव करके मैं निश्चिंत हो गया। इसके बाद मैंने इनके हर पेज की फोटो स्टेट करवाई।


इन फोटो स्टेट किये गए कागजों को मैंने पुस्तक रूप में बायंड करवाया और फिर उनका गहन अध्ययन किया। ऐसा ही विश्व के अनेक महान पाठक करते हैं। पुस्तकों का अध्ययन करते-करते एक सामान्य पाठक एक महान लेखक बन सकता है। मैं भी एक सामान्य पाठक से आज एक लेखक बन चुका हूं।


पुस्तकों का अध्ययन करते-करते लेखक और पाठकों में दूरी कम हो जाती है और एक लेखक पाठक बन जाता है और एक पाठक एक लेखक भी बन जाता है। कई ऐसे महान लेखक हुए हैं। जिनकी संपत्ति आज करोड़ों में है। वह भी कभी एक पाठक ही थे और उन्होंने अच्छे ढंग से पढ़ना सीखा।


फिर अच्छे ढंग से लिखना सीखा और फिर लेखक हो गये और फिर एक सामान्य लेखक से एक महान लेखक बन गये और एक गरीब लेखक से एक अरबपति लेखक बन गए।

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