अंतरिक्ष में कदम Shakti द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

अंतरिक्ष में कदम

2 अंतरिक्ष में कदम


संध्या और राज ने कई अंतरिक्ष मिशन कामयाब किये। अंतरिक्ष में वह कई उन्नत सभ्यताओं से मिले। उनसे कुछ सीखा। कई विकासशील सभ्यताओं से मिले। उन्हें कुछ सिखाया।



दोनों का मुख्य केंद्र हीरक द्वीप था। जहां अभी भी हीरे के भंडार थे। अचानक ही दोनों को पता चला कि हीरक द्वीप के अंदर वाले स्थान में एक बहुत रहस्यमय गुफा है।


दोनों ने निश्चय किया कि हमें उसे गुफा का पता लगाना है और उस गुफा में क्या-क्या मिलता है यह भी देखना है।


दोनों अपने मुख्य केंद्र में फाइव स्टार सुविधा में रहते थे। राज और संध्या ने अपने धन का अच्छा प्रयोग किया था। द्वीप में चारों तरफ हरियाली थी। जगह-जगह हीरों की खानें थी। प्रजा सुखी थी। रोबोट आर्मी भी सही काम कर रही थी। दोनों ने अब कुछ लोगों और कुछ रोबोट्स को लेकर एक टीम बनाई और गुफा के अनुसंधान के लिए तैयारी करने लगे।


गुफा तक पहुंचने के लिए उन्होंने पहले कुछ रोबोट भेज कर वहां तक का नक्शा बनाया और फिर उसे नक्शे के अनुसार आगे बढ़ते गये।


बड़ी मुश्किल से वे गुफा के अंदर पहुंचे। गुफा में जगह-जगह हीरे बिखरे हुए थे।


दोनों ने काफी हीरे समेटे और ड्रोन्स के द्वारा अपने केंद्र पर पहुंचा दिए।


कुछ दिन गुफा के बाहर स्वच्छ हवा में विश्राम वह करते रहे। उनके पास ड्रोन्स की सेना थी। रोबोट्स और इंसानों की भी टुकड़ी थी। हथियारों से वह लैस थे। गुफा के बाहर उनका फाइव स्टार शिविर था।


भोजन और किसी चीज की उनको कमी न थी। अब उनका अगला पड़ाव था गुफा के अंदरूनी भाग का रहस्यमय स्थान। वहां और बड़े-बड़े हीरे मिलने की संभावना थी।


लेकिन राज सबको मुसीबत में नहीं डालना चाहता था। इसलिए उसने कुछ रोबोट्स और ड्रोन्स लिए और रात को चुपके से गुफा के अंदरूनी स्थान में चला गया। उसने अपने पूरे शरीर पर स्टील का कवच पहना हुआ था।


राज गुफा के अंदर चला गया चला गया। अचानक उसने अपने पैरों के अगल-बगल कुछ तरल पदार्थ सा महसूस किया। उसने टॉर्च जला कर देखा तो उसे दिखा पानी सा कुछ तरल द्रव्य है। वह आगे बढ़ता चला गया। अचानक उसके पैर पर किसी ने झपट्टा मारा। पकड़ बड़ी मजबूत थी। राज ने देखा यह चार हाथों वाला एक व्यक्ति था।


जिसका मुंह किसी मगरमच्छ की तरह था। तभी उस व्यक्ति जैसे अन्य कई प्राणी तरल में से निकलकर उनके ऊपर हमला करने लगे। राज ने तुरंत अपनी पिस्तौल निकालकर उन पर फायर किया। उन पर कोई असर न पड़ा। अचानक राज का निशान एक क्रिएचर की एक आंख पर लगा। क्रिएचर तड़पने लगा। धीरे धीरे वो मर गया। पूरा तरल खून से लाल हो गया। ये देखकर अन्य क्रिएचर भाग गये। राज ने तुरंत उस क्रिएचर की लाश को अपने कंधे पर उठाया और बाहर निकल आया।

शिविर की लैब में उस क्रिएचर का परीक्षण किया गया। वह एक विचित्र प्रकार का खतरनाक क्रिएचर था। उसमें संवेदना न थी। जब उस का पेट फाडा गया तो उसके पेट में आश्चर्यजनक रूप से बड़े-बड़े हीरे निकले। इतने बड़े हीरे राज और संध्या ने कभी नहीं देखे थे।


संध्या रोने लगी। तुम चुपचाप क्यों चले गए। अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो मैं क्या करती। राज ने इतना प्यार अपने लिए किसी की आंखों में पहली बार देखा था।