Tanmay - In search of his Mother - 35 books and stories free download online pdf in Hindi

Tanmay - In search of his Mother - 35

35

खून

 

तभी थोड़ी देर बाद अभिषेक के कदमों  की आहट आई तो वह चौंक गया। उसने उसे उसके कमरे में  झाँकते हुए देख लिया। उसे यूँ अचानक आया देखकर वह बोल पड़ा,

 

मुझे लगा आप  इस कमरे में है। अभिषेक ने कहा कुछ नहीं, मगर उसका  चेहरा  बता रहा है कि उसे राजीव का उसके कमरे में  झाँकना बिल्कुल  अच्छा नहीं लगा। उसने उसे बैठने का ईशारा किया। अब वह बातचीत शुरू करते हुए बोला,

 

आप मालिनी जी के हस्बैंड राजीव है?

 

जी, आपका ऑर्डर यहाँ काम करने वाले आदमी को दे दिया है।

 

थैंक्स, आज मेरी बहन के बच्चे का बर्थडे है इसलिए मालिनी जी से मँगवाया था।

 

वैसे मालिनी के बारे में आपको किसने बताया ?

 

उन्होंने फेसबुक पर अपने काम की ऐड दे रखी थीं।

 

आप अकेले रहते है ?

 

फिलहाल के लिए कह सकते है।

 

आपको देखकर नहीं लगता। उसने मुस्कुराते हुए कहा।

 

उसने भी मुस्कुराते हुए जवाब किया, आपको देखकर भी नहीं लगता कि आप लोगों के घर में  झाँका तानी कर सकते हैं। राजीव झेंप गया। उसने हड़बड़ाते हुए कहा, मैंने कहा न कि मुझे लगा कि आप उस कमरे में  है। तभी  एक सर्वेंट टेबल पर फल और कॉफ़ी के साथ उसके लाए  बिस्किट्स रख गया। उसने कॉफ़ी का कप उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा, अरे ! आप कॉफ़ी लीजिए। मैं तो आपकी बात समझ गया ।

 

नहीं, मैं  चलूँगा। वह जाने को हुआ।

 

आप तो नाराज़ हो गए, प्लीज बैठिए न। अब  वह यह सोचकर बैठ गया कि नैना और इसके बारे में जानने का यह सही मौका है। उसने कॉफ़ी का कप हाथ में  पकड़ लिया। उसने राजीव को देखते हुए फल काटने शुरू किए।

 

आप कॉफ़ी नहीं लेंगे?

 

मेरा फ्रूट्स खाने का मन है।

 

आप नैना के पड़ोसी  है ? राजीव सकपका गया।

 

आप नैना जी को कबसे जानते है ? उसने उसे घूरकर देखते हुए ज़वाब दिया।

 

कुछ समय पहले से जानता हूँ। जब पहली बार मिला था, तभी से एक छाप सी छोड़ दी थीं उन्होंने। बाद में  पता चला कि वो शादीशुदा है तो मेरा तो दिल ही टूट गया। उसने  राजीव की आंखें पढ़ने की कोशिश की।

 

हाँ, उनका व्यक्तित्व ही ऐसा है।उसने कॉफी का घूँट भरते हुए कहा।

 

जब  मुझे पता चला कि वो शादीशुदा है तो उस समय मेरे मन में ऐसी आग लगी थी  कि मेरा मन कर रहा  था,  पूरी दुनिया ही जला दूँ, अब उसने चाकू कसकर पकड़ लिया। राजीव ने थोड़ा सँभलते हुए पूछा,

 

आपको तो पता ही होगा कि वो एक महीने से लापता है।

 

उसने सेब का एक टुकड़ा मुँह में  लिया और उसे घूरते हुए बोला,

 

आपको बड़ी फ़िक्र है, उनकी ?

 

हाँ, मेरी पड़ोसी जो है।  उसने  मुस्कुराने की कोशिश की।

 

तभी एक पड़ोसी होने के नाते आप उनके बारे में  पूछते हुए मेरे घर तक चले आए।  अब चाकू उसने उसकी तरफ कर दिया और राजीव के गले में कॉफ़ी अटक गई।

 

जी मैं कुछ समझा नहीं। 

 

मेरे पुराने वॉचमैन ने बताया था कि आप यहाँ तक आए थें।

 

उसको कोई गलतफ़हमी हुई होगी, दरअसल मैं किसी का पता पूछते हुए यहाँ तक आया था। 

 

अब उसने चाकू की नोंक पर ऊँगली फेरते हुए कहा, हो सकता है।  अब राजीव को पसीना आने लगा।

 

पता नहीं, मिस्टर राजीव  मुझे बर्दाश्त नहीं होता कि नैना की कोई  गैर इतनी फ़िक्र करें।  उसने अब चाकू उसकी तरफ़ कर दिया ।  यह देखकर वह डर गया।  मगर वह बहादुरी दिखाते हुए बोला,

 

उनके पति भी तो उनकी फ़िक्र कर रहें हैं। 

 

इसी बात का अफ़सोस है कि उसके पति है, मगर एक दिन  सब ठीक हो जायेगा।  नैना वापिस  आते ही कोई सही  डिसिशन ले लेंगी।

 

आप जानते है कि नैना कहाँ है?

 

उसकी आँखों से आग बरसने लगी।  उसने उसे घूरते हुए कहा, अब आप जा सकते हैं।  राजीव जाने के लिए खड़ा हो गया।

 

और हाँ उसने उसे रोकते हुए कहा, नैना की इतनी फ़िक्र मत कीजिए, वरना  मालिनी जी को आपकी फ़िक्र करनी  पड़ जाएगी।  उसने अब सेब का टुकड़ा इतनी ज़ोर से काटा कि  राजीव उसकी  आवाज़  सुनकर सहम गया।

 

उसने बाहर आते हुए  माथे का पसीना साफ़ किया और अपनी गाड़ी में  आकर बैठ गया। 

 

जब वह उसकी कॉलोनी की लेन से बाहर निकला तो उसकी आँखों के आगे से एक जाना-पहचाना चेहरा गुज़रा।  उसने वहीं गाड़ी रोक दी। 

 

अरे ! सुनो, उस आदमी ने मुड़कर देखा तो वह भी उसे पहचान गया।  

 

अरे! साहब आप यहाँ ?

 

तुम्हें अभिषेक जी ने नौकरी से क्यों निकाला।? वह आदमी कोई और नहीं बल्कि अभिषेक का पुराना गार्ड था।

 

आपको उन मैडम के बारे में  बताने का ईनाम मिला है ।

 

उन्हें कैसे पता चला ?

 

साहब बड़े तेज़ है, उन्होंने आते ही बाहर लगे कैमरे चेक किए थें।  वैसे कभी करते नहीं है पर इस दफा पता नहीं कैसे कर लिए।  खैर, मेरा टाइम ख़राब था उसने  मुँह में रखा  गुटका चबाते हुए कहा।

 

आप यहाँ क्या  कर रहे ? अभिषेक जी से मिलने आए थें, क्या ?

 

उनकी बहन के बेटे का जन्मदिन है, उसी के लिए केक और बिस्किट्स देने आया था।  इससे पहले राजीव उसे कुछ और पूछता वह बोल पड़ा,

 

क्या साहब, उनकी तो कोई बहन नहीं है, बस एक दूर के भाई हैं।

 

क्या कह रहें हो ? वह हैरान होते हुए बोला ।

 

ठीक कह रहा हूँ, दस साल से नौकरी कर रहा था।  इतना तो जानता हूँ, उनके बारे में। तभी उसे किसी ने आवाज़ लगाई और वह जाने लगा।

 

अच्छा सुनो ! वह उसके पीछे दौड़ा।

 

तुम तो फ़िर नैना मैडम के बारे में  भी जानते होंगे। 

 

सिर्फ़ उतना जो आपको बताया था।

 

तुम झूठ बोल रहें हो!!!!

 

हर सच की कीमत होती है।  वह उसका ईशारा समझ गया।  उसने जेब से पर्स निकाला और तीन हज़ार उसे पकड़ाते हुए बोला,

 

मैंने इनके यहाँ, उन्हें  दो तीन बार ही देखा था।

 

उस दिन तुम कह रहें थें कि पहले कभी नहीं देखा था बल्कि पहली बार उस दिन एयरपोर्ट जाते हुए देखा था। या तो तुम उस दिन झूठ बोल रहें थे या आज बोल रहें हो।

 

मैंने  उस दिन आपकी नोट की कीमत के हिसाब से सच बताया था और आज भी वहीं बोल रहा हूँ।  आख़िरी बार मैंने उन्हें तभी देखा था।  उस दिन तो वो  गाड़ी में बैठी थीं और अभिषेक सर ने  घर से सामान लिया और वे  फिर एयरपोर्ट के लिए  निकल गए।

 

आज पूरा सच है ?

 

हाँ, यही समझिये पर आप नैना मैडम के बारे में  इतना क्यों पूछ रहें है। आपको साहब का पता नहीं है, उनका दिमाग सटक गया तो कही के नहीं रहेंगे।  उसने उसे सलाम किया और वहां से चला गया। 

 

राजीव अपना सिर  पकड़ते हुए बोला, इसका मतलब इस आदमी ने मुझे जानबूझकर यहाँ बुलाया और देखा जाये तो मुझे यह धमका रहा था। यह  सिरफिरा नैना के बारे में  ज़रूर कुछ न कुछ जानता है । देखा नहीं, इस पागल ने कैसे एक कमरा उसकी फोटो से सजाया हुआ था और खुद अपने मुँह से नैना के  आशिक होने की गवाही भी दे रहा था। कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह नैना के पीछे पड़ा हो और उसने इसे मना कर दिया हों और फ़िर इसने उसे गायब करके  कहीं उसकी जान तो नहीं ............    यह  सोचते हुए, उसकी आवाज़ हलक में अटक गई ।

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