Tanmay - In search of his Mother - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

Tanmay - In search of his Mother - 3

3

गुमशुदा

 

अभिमन्यु सोफ़े पर आँखें  बंद करके लेट गया और सोचने लगा कि एक महीने पहले उसकी ज़िन्दगी में  कोई परेशानी नहीं  थीं या फ़िर थीं? जिसके बारे में  उसे पता नहीं है। नैना मुझसे कुछ नहीं छुपा सकती। हमारा रिश्ते  में कहीं  कोई सीक्रेट नहीं था। फ़िर यूँ अचानक क्या हुआ?  या मैंने ही ध्यान न दिया  हो। अब उसने आँखें और कसकर भींच लीं। मानो जैसे पिछले दिनों में फ़िर वापिस जाना चाह रहा हों। तभी बीता हुआ कल उसकी आँखों के सामने आने लगा। 

 

दिनांक 2 /9/2023

 

नैना और वो बैडरूम में  एक दूसरे से लिपटे  हुए हैं। तभी अलार्म  बजता है, नैना उसकी बाहों की गिरफ़्त  से बाहर निकलती हैं। घड़ी में टाइम देखती हैं। अभि उठो, तन्मय को स्कूल भी छोड़ना है। उसने अपने गाउन की जैकेट को बेल्ट से बाँधा और किचन की ओर चली गयी। थोड़ी देर बाद तन्मय स्कूल ड्रेस में  उसके पास आ गया और किचन में ही रखें ड्राइंग टेबल पर बैठते हुए बोला,  मम्मा जल्दी करो, आज सुबह जीरो पीरियड में  क्रिकेट की प्रैक्टिस भी करनी हैं। तभी अभिमन्यु भी टी-शर्ट और लोवेर्स में वहीं आ गया।  नैना ने तन्मय को सैंडविच दिया और लंच पैक करके उसके सामने रख  दिया। ठीक से  खाना, मैच कब है,तुम्हारा? अगले  संडे। तभी वह दूध पीता हुआ घर से निकल  गया और अभि  उसका लंच लेकर उसके पीछे बाहर चला  गया।

 

नैना उनके जाते ही अपना  फ़ोन लेकर  बैठ गयी और अपनी  वेबसाइट देखने लगी। उसकी अपनी  शॉपिंग वेबसाइट है, वह डिज़ाइनर  बुटीकस के साथ   कॉन्ट्रैक्ट  करती है और उनके बनाए  गए कपड़ो  को अपनी वेबसाइट पर बेचती हैं। उसने अपने ब्रांड को काया  नाम भी दिया हुआ है। यह  काम करते हुए उसे एक साल से ज्यादा हो चुका है। तभी उसने इनबॉक्स में  कुछ  सूट के आर्डर देखें  तो  वह  चहक गई। तभी अभि  भी अंदर आता हुआ दिखाई  दिया।   तुम  जल्दी आ गए ?

 

अरे ! यार उसका दोस्त राघव मिल गया वह आधे रास्ते में मेरी गाड़ी से उतरकर उसकी गाड़ी  में  बैठ  गया।  

 

तुम क्यों  इतना मुस्कुरा रहीं  हों?

 

यार ! बड़ा आर्डर मिला है, पिछले कुछ दिनों  से बिज़नेस मंदा हो गया था।  

 

कम्पटीशन बहुत है, मेरी जान। मेरा बिज़नेस भी मुझे ज़्यादा मुनाफा नहीं दे रहा।  

 

तुमने तो मिनी मॉल  बना  दिया है, फ़िर  भी वहीं  हाल है।  

 

थोड़ा टाइम  लगेगा, मगर फ़िर ट्रैक पर  आ जायेगा।  यह  कहते हुए वह अपने बैडरूम में  तैयार होने चला गया।  दो घंटे बाद वह  नाश्ता करके मॉल के लिए निकल गया।  उसके जाते ही  नैना ने मैड के साथ मिलकर सारा काम  निबटाया। अब वह नहाने ही जाने लगी थी कि उसके मोबाइल पर मैसेज आया।  

 

नैना  मिलोगी ?

 

नैना ने मुस्कुराते हुए हाँ  में जवाब  दिया और फ़िर  नहाने चली  गई ।  

 

रात  के आठ  बज चुके  हैं।  अभि अपने मॉल में खाने के सामान की लिस्ट वेंडर को देते हुए घर के लिए निकल  रहा है। जाने से पहले उसने काम करने वाले नौकरों को माल बंद करने  की हिदायत  दीं। अब  गाड़ी स्टार्ट करने लगा कि तभी उसे  जतिन उसके सामने से जाते हुए दिखा, उसने  गौर से देखा  तो उसे नैना  भी उसके साथ बैठी नज़र आई। उसकी त्योरियाँ चढ़ गई । उसने गाड़ी की स्पीड तेज़ कर दी। मगर उसकी  गाड़ी ट्रैफिक में रुक गई और जतिन की गाड़ी  उसकी गाड़ी  से आगे  निकल  गई ।  करीब एक घण्टे बाद वो घर पहुँचा  तो उसे  नैना तन्मय के साथ हँसती-खेलती नज़र आई । उसने उस  समय कुछ  पूछना  ठीक नहीं समझा। खाने के बाद, जब  नैना  कपड़ो को अलमारी में  रख  रहीं  थीं तो उसने  उसे  गौर से  देखते हुए पूछा--

 

मैंने  तुम्हें  जतिन के  साथ  देखा  था।

 

कहाँ ?

 

उसकी गाड़ी  में ।

 

एक बिज़नेस मीटिंग थीं, बुटीक के भी कई लोग पहुँचे हुए  थें। तुम्हें तो पता ही है कि जतिन मार्केटिंग कंपनी में  है और उसकी कंपनी हमारे ब्रैंड को प्रमोट करने के लिए तैयार हो गई है। 

 

इसमें काफ़ी  पैसा खर्च होगा।

 

हम जतिन को भी पार्टनर बनाने की सोच रहें हैं।

 

सोच रहें है या बना  चुके हैं ?

 

सब कुछ  फाइनल है, बस पेपर साइन होने हैं।

 

नैना  मुझे  लगता है, तुम्हें इन सबमें  पड़ने की जरूरत नहीं है।

 

क्यों मेरा काम है, मैं उसे  आगे तो बढ़ाऊँगी । अभि  ने अलमारी बंद की और नैना का हाथ पकड़ता हुआ उसे  बेड के पास  लाता हुआ  बोला,

 

मुझे जतिन कुछ ख़ास पसंद नहीं है,  इसलिए  रहने दो।

 

नैना ने भी  हाथ छुड़ाते हुए कहा, मुझे भी मालिनी पसंद नहीं है तुम भी उसके साथ बिज़नेस करना बंद कर दो।

 

तो  तुम, क्या यह बदला  लेने के लिए कर रहीं  हों?

 

नहीं, मैं  कह रही  हूँ, जैसे मैं तुम पर विश्वास करती हूँ, तुम्हें भी करना  होगा।

 

मुझे तुम पर पूरा विश्वास है, पर उस जतिन पर नहीं, उसने नैना की आँखों में  देखते  हुए कहा।

 

बच्चों जैसी बातें मत करो, उसे मुझमे कोई इंटरेस्ट नहीं है। अब सो जाओ।  यह कहकर वह बेड  पर लेट गई  और लाइट बुझा दीं। अभि ने गुस्से में  मुट्ठी भींच ली और दरवाजे को ज़ोर से धक्का देकर बैडरूम से बाहर  आ गया।

 

अभि  ने देखा कि  सामने तन्मय खड़ा है।  पापा ! सॉरी और वह अतीत से बाहर  निकला। 

 

बेटा  उसने तन्मय को प्यार किया और बोला, चलो, कुछ खाते हैं। 

 

इंस्पेक्टर रुद्राक्ष नैना की वेबसाइट को देख रहें हैं, तभी  उसने  एक फ़ोन घुमाया और उसे  कुछ निर्देश दिए।  थोड़ी  देर बाद उसने फ़िर वेबसाइट स्क्रॉल की। अब वह उस वेबसाइट का एडमिन बन चुका  था। आई.टी. वालो ने जल्दी काम कर दिया, उसने नैना के इनबॉक्स चेक किये। ज्यादातर ऑर्डर के मैसेज  थें।  मगर  दो चार मैसेज कुछ अलग थें। 

 

नैना, यू आर सो  ब्यूटीफुल  ! मेरे प्रपोजल के बारे में  सोचा। 

 

नैना : सोच  रहीं  हूँ पर  पहले अभि से बात करनी पड़ेगी।

 

जल्दी करो, कॉम्पिटिशन बहुत है, मार्किट में ।

 

काश ! तुम मेरी बीवी होती तो मैं तुम्हें कभी मना नहीं करता।

 

ज़्यादा मत  बोलो, अपनी  बीवी पर ध्यान दो।

 

आगे के  मैसेज नज़र नहीं आ रहे  हैं।  उसने  ध्यान से  देखा तो नैना किसी  के साथ चैट कर रहीं  थीं । अब यह महाशय कौन हैं। उसने ध्यान से मेसेंजर पढ़ा तो उसे  जतिन का नाम दिखा।  इस  शख़्स  से  मिलना पड़ेगा।  क्या पता,  नैना के गुमशुदा होने में  इसका हाथ हों।

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