Tanmay - In search of his Mother - 4 Swati द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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Tanmay - In search of his Mother - 4

अगले दिन रुद्राक्ष जतिन से मिलने उसकी  कंपनी पहुँच गया। जतिन पहले तो उसे देखकर सकपका  गया।  मगर बाद में ख़ुद पर संयम रखते हुए उसने उसे बैठने के लिए  कहा। रुदाक्ष ने पहले उसके केबिन को देखा, मगर फ़िर जतिन को  देखते हुए बोला, नैना राठौर सिंह को जानते है, आप ?

 

जी बिलकुल, उनके ब्रैंड  को मैं ही प्रमोट कर रहा था।  उनकी कुछ ख़बर  मिली ?

 

हम अपना काम कर रहें हैं ।

 

अच्छा  यह  बताए  आप  उन्हें कौन सा परपोजल दे रहें थें?

 

जी, मैं  कुछ समझा  नहीं ?

 

उसने  जेब से  फ़ोन निकला और उसे  इनबॉक्स दिखाया।

 

ओह ! मैं चाह रहा था कि  वो  अपने ब्रैंड  की मॉडलिंग करती तो अच्छा  होता ।

 

तो क्या उन्होंने की ?

 

अभी  कुछ ही शूट हुए थें, उसके बाद पता नहीं वो कहाँ चली  गई । 

 

उनके पति अभिमन्यु  कैसे है ?

 

अच्छे है, मैं उसे भी जानता  हूँ । उसके मिनी मॉल  की मार्केटिंग भी हमने ही की थीं। 

 

उनका और नैना का रिश्ता कैसा था ?

 

नैना ! मुझसे पर्सनल बातें ज़्यादा नहीं करती थीं, हाँ कभी  हँसी  मज़ाक  कर लेते थें, मगर अभिमन्यु  के बारे में  ज़्यादा कुछ  नहीं  बोलती  थीं।

 

अभिमन्यु को उनकी  मॉडलिंग से  ऐतराज़ था ?

 

पता नहीं, नैना ने मॉडलिंग के लिए हाँ  बोला और हमने  शूट शुरू कर दिया। 

 

ठीक है, आगे भी आपकी जरूरत  पड़ सकती हैं।  यह  कहकर वह तेज़ कदमों से  ऑफिस से निकल  गया और  सीधे अभिमन्यु के घर  पहुँच  गया।  घर का दरवाजा  तन्मय ने खोला,

 

अंकल  आप ? मेरी मम्मी का कुछ पता चला?

 

रुद्राक्ष अंदर आते हुए बोला, तुम तो बहुत  स्मार्ट हो तन्मय,  तुम कमिश्नर तक पहुँच  गए।

 

मुझे लगा कि मेरी मम्मी को ढूंढ़ना आपके लिए इंपोर्टेंट नहीं है।  रुद्राक्ष सोफे पर बैठते हुए बोला, तुमने ऐसा क्यों सोचा।

 

उस दिन आपसे बात करने के बाद मुझे लगा कि आप मेरी मम्मी  को ढूँढना  नहीं चाह  रहें हैं।  अंकल आप बताए, अगर आपकी मम्मी ऐसे खो जाती  तो आप क्या करते।  रुद्राक्ष ने उसके मासूम चेहरे की तरफ़  देखा और फ़िर गहर्री सांस छोड़ते  हुए बोला, "जाओ, एक गिलास पानी ले आओ।"  तन्मय किचन से  उसके लिए एक गिलास पानी ले आया ।

 

 तुम्हारे पापा  घर पर नहीं  है?

 

वो  संडे को वेंडर से मिलने जाते हैं ।

 

अच्छा ! यह  बताओ, तुम्हारे  मम्मी पापा के बीच में कोई झगड़ा तो नहीं  होता था ।

 

वो दोनों  एक दूसरे से  बहुत  प्यार करते है।

 

फ़िर भी कभी कुछ सुना हों?

 

तन्मय ने अपने दिमाग पर ज़ोर डाला और  कुछ याद करने लगा और उसकी  आँखों के सामने एक  दृश्य  हिलोरे  मारने लगा।

 

5/09/2023

 

तन्मय अपने बैडरूम में  बैठा  हुआ है, उसका  ध्यान हॉल से आती  आवाजों पर जाता है।  जहाँ  नैना और अभि  किसी बात को लेकर  बहस कर रहें हैं।

 

तुम्हें  क्या पड़ी है ? जतिन की मैरिड लाइफ  में  घुसने की ?

 

तो क्या हो गया, अगर किसी की मदद कर दी तो ? 

 

में नहीं चाहता तुम उस जतिन से या उसकी बीवी से ज़्यादा  मेलजोल  बढ़ाओ। 

 

एक ही बार तो मिली हूँ, उससे।  वैसे मुझे कोई शौक नहीं है, मैरिज कॉउंसलर बनने का।  वैसे  तुम भी  मिसेज़  मालिनी के हमदर्द बनना बंद करो।  तभी  अभि  की नज़र  तन्मय पर पड़ती है और उसकी आवाज नीचे  हो जाती है और  वह नैना को अपनी  तरफ़  खींचते हुए कहता है, जान!  हम क्यों  दूसरों की वजह से  झगड़े, फ़िर नैना भी मुस्कुराने लगती है।  तभी  तन्मय रुद्राक्ष को  देखते हुए कहता है, बस अंकल  छोटा सा झगड़ा था।

 

यह  मालिनी  कौन  है ?

 

वह  होममेड  चिप्स, ब्रैड, केक और  बिस्किट्स बनाती  है।  पापा उनकी चीज़ों को अपने मॉल  में  बेंचते  हैं।

 

ठीक है, तन्मय मैं चलता हूँ। तन्मय ने जाते हुए उसे उम्मीद भरी नज़रो से  देखा तो उसने उसके सिर  पर हाथ  फेरा  और  वहाँ से  चला गया।  बाहर  आकर  उसने फ़ोन पर सब इंस्पेक्टर शिवांगी को मालिनी से मिलने के लिए कहा  और खुद वापिस  पुलिस स्टेशन आ गया ।

 

शिवांगी यूनिफार्म पहने स्टेशन में  आती  है ।  रूपम उसके लिए चाय लाता है। 

 

कैसी लगी, मिस मालिनी?

 

बड़ी घेरलू लगी। पति काम में  बिजी रहता है और अपने शौक को अपना पैशन बना रही है।  केक, बिस्कुट, ब्रैड, चॉक्लेट्स  बनाकर मिस्टर अभिमन्यु के मॉल  में  बेचती हैं।

 

कुछ खास ?

 

वो तो कह  रही  थीं कि  अभिमन्यु नैना को बहुत  चाहते  थें और  उन  दोनों के रिश्ते भी अच्छे थें। 

 

सबकुछ इतना  सही है कि  कहीं  कुछ गलत नहीं लग  रहा ।  मगर  फ़िर भी  ऐसे लग रहा है कि कहीं कोई पहेली है, जो बहुत पेचीदा होती जा रहीं  है। 

 

सर, मेरे लिए क्या आर्डर है?

 

तुम उस मालिनी, अभिमन्यु और जतिन इन  तीनों  पर  नज़र रखो, अगर कहीं  भी कुछ अजीब लगता है तो मुझे  इन्फॉर्म करो। 

 

ओके  सर, उसके  जाते ही हरिलाल  बोल पड़ा, सर आप तो इस  केस के लिए सीरियस  हो गए।

 

मुझे उस बच्चे की फ़िक्र हो रहीं  है, सिर्फ़  वहीं  है, जिसे नैना के जाने का सदमा है।

 

आप  ठीक कहते है। 

 

अच्छा ! मैं बिश्नोई  के केस के सिलसिले में बाहर  जा रहा हूँ ।  कुछ  ज़रूरी हो तो कॉल  करना। 

 

तन्मय  टूयशन से घर  आया  तो कुछ  खाकर अपने मम्मी-पापा के बेडरूम में  जाकर  सो गया । यह  उसका रोज़ का काम  था। वह अपनी  मम्मा  को याद करते हुए उनकी   चीज़ों  को लेकर  सो जाता था। आज  उसने  अलमारी  खोली और  मम्मी  की साड़ी को लेकर  बेड पर लेट  गया और थोड़ी  देर में  उसे  नींद  आ गई । उसने  सपने  में  देखा कि  उसकी  मम्मी  एक अँधेरे कमरे में  एक कुर्सी पर बैठी  तन्मय! तन्मय ! पुकार रहीं  है और जैसे ही वह उस कमरे की तरफ़  भागता है, कमरे का दरवाजा  बंद हो जाता है और वह मम्मी ! मम्मी ! चिल्लाता हुआ जाग जाता है।  उसके  माथे पर पसीने की बूँदे उभर आती है। वह जल्दी से  बाथरूम में  जाकर अपना  चेहरा शीशे में  देखता है और पानी से  मुँह धोता है। पता नहीं, मेरी  मम्मी कहाँ  होगी। इतना कहते ही उसकी आँखों  में  ऑंसू  आ जाते  हैं।

 

वह  वापिस  साड़ी  को अलमारी में  रखता है, मगर उसके हाथ  से टकराकर एक  लिफ़ाफ़ा  जमीन पर गिर जाता है। वह उस  लिफ़ाफ़े  को खोलकर  देखता है तो उसे अपनी  आँखों पर विश्वास नहीं होता। वह  कागज़ों  को गौर से  पढ़ना शुरू कर देता है। थोड़ी  देर बाद  दरवाज़े की घण्टी  बजती है और सामने  अपने दोस्त  राघव को देखकर वह  उसे  गले लगा  लेता हैं । क्या  हुआ ? सब  ठीक है ? आंटी का कुछ पता चला? वह राघव  को अंदर  लेकर आता है और उसे  पेपर  दिखाता  है। क्या ! तेरे  मम्मी पापा डाइवोर्स  लेने वाले  थें । राघव  भी  हैरान है।