Tanmay - In search of his Mother - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

Tanmay - In search of his Mother - 2

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मिसिंग मदर

 

थोड़ी देर बाद इंस्पेक्टर रुद्राक्ष  मॉल  में दाखिल हुआ और अविनाश ने उसे अभिमन्यु के केबिन की ओर  जाने के लिए कहा। उसने उसे  देखा तो वह परेशान लग  रहा था। उसने अभिमन्यु से हाथ मिलाया  तो उसने उसे बैठने के लिए कहा। क्या बात है, मिस्टर सिंह? बड़े परेशान लग रहें है, आप?

 

सर कैसी बातें कर रहें है, जिसकी बीवी एक महीने से लापता हो, वह क्या आपको ख़ुश नज़र आएगा।

 

मगर आपसे ज़्यादा  परेशां तो आपका  बच्चा हो रहा है। आपने  तो मुश्किल से  दो-तीन बार फ़ोन किया, मगर वह तो रोज़ ही पुलिस स्टेशन आकर अपनी  मम्मी के बारे में  पूछता रहता है ।

 

कौन तन्मय ? उसने हैरान होकर पूछा।

 

सर वो तो बच्चा  है, आप उसकी मनोस्थिति को समझ सकते हैं।

 

जी, मैं अब उसकी ही मनोस्थिति को समझ पा रहा हूँ। खैर, मैंने आपसे कुछ सवाल पूछने है।

 

सर मैं तो पहले ही पूरी डिटेल्स बता चुका हूँ।

 

देखिये, पहले हम सोच रहें थें कि आपकी बीवी ख़ुद ही वापिस आ जाएँगी, मगर अब मामला कुछ संगीन होता दिख रहा है। इसलिए दोबारा से तफ्तीश करनी बनती है।

 

ज़रूर, मैं अपनी नैना को वापिस लाने के लिए कुछ भी कर सकता हूँ । आप पूछिए, जो पूछना है।

 

रुद्राक्ष ने उसे गौर से देखा और फ़िर नैना से सम्बंधित वहीं सवाल दोहराए। क्या करती थीं, कहाँ जाती थीं? रेवती के अलावा कौन से दोस्त थें? उसके अभिमन्यु के साथ कैसे रिलेशन थें। उसने भी पूरी ईमानदारी से सभी सवालों का ज़वाब दिया। रुद्राक्ष उसके हर ज़वाब पर उसके हाव-भाव देखता रहा। उसे जब उसके जवाब से तसल्ली हो गई तो वह उठकर जाने के लिए हुआ ।

 

ठीक है, मिस्टर  सिंह  मैं आपको  दोबारा भी तकलीफ़  दे सकता हूँ, आप अपनी बीवी के लिए इतना तो कर ही सकते हैं।

 

जी कुछ भी, बस नैना घर  आ जाए ।

 

रुद्राक्ष ने उसके मॉल  पर नज़र डाली और जीप में  बैठकर वहाँ से  चला गया। स्टेशन पहुँचकर उसने रूपम से चाय मँगवाई और  हरिलाल को कुछ लोगों  को  बुलाने  के लिए कहा।

 

सर, हम बेकार में इधर-उधर घूम रहें हैं। थोड़ा और रुक जाते हैं, क्या पता वो ख़ुद ही वापिस  आ जाए। आपको मंजुला श्रीवास्तव का केस याद है, तीन महीने बाद  ख़ुद  ही वापिस  आ गए थीं।

 

कह तो तुम ठीक रहें हो, वैसे भी मुझे बिश्नोई की मर्डर मिस्टरी सॉल्व  करने में ज़्यादा  इंटरेस्ट है। अगर वो सॉल्व  हो गई  तो मेरा प्रमोशन पक्का।

 

वहीं  तो सर..

 

जो भी हो... तुम  फ़िर  भी उन लोगों  को दोबारा बुला लो।  यह  कहकर वो बिश्नोई मर्डर केस  की फाइल  लेकर बैठ गया।

 

घर पर तन्मय अपने बिस्तर पर लेटा-लेटा अपनी माँ की तस्वीर हाथ में लिए आँसू बहा रहा है। तभी उसे  उसकी  मम्मी  नैना नज़र आती है। वह लिपटकर उससे गले लग जाती है। मम्मी  आप  कहाँ चले गए हो? मैं आपके बिना नहीं रह सकता। नैना ने उसके आँसू पोंछें और उसे प्यार से  समझाते  हुए कहा कि  मैं  कहीं  नहीं  गई  हूँ, तुम्हारे पास ही हों और वह अपनी माँ से लिपट गया। तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई तो उसे होश आया उसने  देखा कि कमरे  में  कोई नहीं है, इसका मतलब, मैं जागती आँखों से सपना देख रहा था। उसने अपनी भीगी आँखें पोंछी और उठकर दरवाजा खोलने चला गया। 4बीएचके के अपार्टमेंट में वह अब रात तक अकेला ही रहता है। स्कूल के बाद  टूयशन और क्रिकेट प्रैक्टिस भी वह अपने दोस्त राघव के कहने पर जाता है। अभिमन्यु ने एक कुक रख लिया है, जो तीनों टाइम आकर खाना बना जाती है।

 

दरवाज़ा खोलते ही उसका दोस्त राघव अंदर आ गया। वह  दोनों  ड्राइंग रूम में  बिछे सोफे पर बैठ  गए।

 

आज टूयशन की छुट्टी है।

 

मैं तो वैसे भी नहीं जाने वाला था।

 

आंटी के बारे में  कुछ पता चला ?

 

अब तो इंस्पेक्टर अंकल ने भी कह दिया, " कल से स्टेशन आने की ज़रूरत  नहीं है।"  उनके  पास  तो बहुत काम है।

 

अब क्या  करेंगा। क्या आंटी को तेरी याद नहीं आती ? या आंटी को कुछ हो गया है?

 

तन्मय चिल्लाकर बोला, कुछ नहीं होगा, मेरी मम्मी को।

 

हाँ, यार ! गुस्सा मत हो, आंटी को कुछ नहीं होगा। पर अब क्या करेगा, पुलिस भी कुछ करती दिख नहीं रहीं ।

 

तन्मय काफ़ी देर तक कुछ सोचता रहा और फ़िर उसने  इंटरनेट खोल  लिया और कुछ  वेबसाइट  स्क्रोल करने लगा। राघव भी उसे इस तरह इंटरनेट पर कुछ ढूँढते हुए देखकर सोच में  पड़ गया।

 

क्या कर रहा है ?

 

देखता जा, मैं भी देखता  हूँ, अब कैसे पुलिस मेरी मम्मी को नहीं  ढूँढ़ती ।

 

तभी कुछ बटन  दबाने  के  बाद उसके चेहरे पर मुस्कान आ  गई। एक बार फ़िर उसके घर की  डोरबेल बजने लगी। राघव ने दरवाजा खोला तो अभिनन्यु खड़ा हैं। अंकल नमस्ते!

 

नमस्ते बेटा ! तन्मय कहाँ है ? आज  टूयशन नहीं गए?

 

नहीं अंकल, आज छुट्टी है। तन्मय अंदर है।

 

अंदर आते ही अभिमन्यु तन्मय पर चिल्लाने लगे और  मौके की नज़ाकत  को देखते हुए  राघव वहाँ से खिसक गया।

 

तुम्हें  पुलिस स्टेशन जाने  की क्या ज़रूरत थीं ? पुलिस अपना काम कर तो रहीं  है।

 

पापा कोई काम नहीं हो रहा। मुझे मेरी मम्मी चाहिए।

 

नैना मिल जाएगी,  मगर तुम आज के बाद पुलिस स्टेशन नहीं जाओंगे। समझे !!

 

फ़िर आप मम्मी को ढूँढ  लाओ।

 

लगा तो हुआ हूँ। वह ज़ोर से चिल्लाकर बोला। तन्मय रोता  हुआ अपने कमरे में  चला  गया। अभिमन्यु वहीं  सोफे पर बैठ  गया। ओह!  नैना  कहाँ  हो तुम  भगवान करे, तुम ठीक ही हो। यह  कहते हुए उसने गहरी  साँस  लीं।

 

वहीं  दूसरी ओर पुलिस  स्टेशन पर रुद्राक्ष को एक फ़ोन  आया। वह यस  सर कहता हुआ  अपनी कुर्सी से  खड़ा हो गया फ़िर फ़ोन रखते ही उसने  ज़ोर  से कुर्सी पर लात  मारी। रूपम ने कुर्सी को पकड़ते  हुए कहा---

 

क्या हुआ  सर ?

 

होना क्या है, उस माँ के लाडले  ने कमिश्नर सर को ट्विटर पर अपनी मदर मिसिंग स्टोरी सुनाकर टैग कर दिया है। अब  कमिश्नर मेरे ऊपर चिल्ला रहें हैं।

सर, आजकल के बच्चे बड़े तेज़ है।  मैं भी कौन सा कम  हूँ, ऐसा केस बनाऊँगा  कि उसका बाप खुद ही हार के कहेंगा कि "केस  वापिस  ले लो। मेरी बीवी अपने  आप आ जाएगी।"  होने दो, कमिश्नर से दूसरी मीटिंग । यह कहते हुए वह मुस्कुराने लगा और रूपम उसकी कुटिल मुस्कान देखकर सब समझ  गया।

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