Tanmay - In search of his Mother - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

Tanmay - In search of his Mother - 5

5

माँ की लाडले

 

राघव तो उसे ढांढस बंधाते हुए कुछ देर बाद चला  जाता है, मगर  तन्मय को अपने पापा का इंतज़ार है । उसके  पापा ने ड्रिंक  की हुई  है, हालाँकि वो नशे  में  नहीं  है, मगर  उसकी  आँखें  साफ़ बता रहीं  है कि अभिमन्यु  पीकर  आया है ।  अभिमन्यु  ने उसके  सिर  पर हाथ  फेरा  और  सोफे पर  बैठ गए । तन्मय  आज  कुक  क्या बनाकर गई  है ?

 

पता नहीं, मैंने अभी तक खाना नहीं खाया  ।

 

खा  लो बेटा, कल  स्कूल भी जाना है । कोई आया  तो नहीं  था?

 

इंस्पेक्टर अंकल आए  थें ?

 

अच्छा ! वह  हैरान होकर पूछता है, क्या  कह रहें  थें ?

 

कुछ नहीं  आप दोनों के बारे में  पूछ  रहें थें  ।

 

तुमने क्या  कहा ?

 

यही  कि  आप  दोनों  एक दूसरे से बहुत  प्यार  करते  हों ।

 

सही  कहा। अभिमन्यु  ने उसकी तरफ प्यार से  देखा ।

 

पापा यह  क्या है ?  उसके पापा ने लिफाफा उससे  लिया और  उसमे रखें  पेपर  पढ़ने  लगे।

 

क्या ! यह  डाइवोर्स पेपर है, तुम्हारी मम्मी मुझसे डाइवोर्स लेना चाहती  थीं । उसकी आवाज़ में  हैरानी है।

 

यह  आपको  पता होगा । तन्मय ने चिल्लाकर  कहा  ।

 

तन्मय ! आवाज़ नीची  करो, जब तुम्हारी  मम्मी आए  तो उससे  पूछ लेना, अब खाना खाओ और सो  जाओ । उसने  भी चिल्लाकर  कहा । तन्मय गुस्से में  पेपर  लिए वापिस  अपने  कमरे में  चला  गया ।

 

अभिमन्यु सिर  पकड़कर बैठ गया  । नैना ! तुम  इस  हद तक जा  रहीं  थीं । फिर  उसके  सामने उसका बीता हुआ कल  हिलोरे  मारने  लगा । 

 

7/9/2023

 

नैना यह तस्वीर कैसी  है? उसने  कुछ  तस्वीरें बैड पर  नेलपॉलिश लगाती  नैना की तरफ़  फेंकते  हुए कहा ।

 

मेरी है, मैं  अपने  ब्रैंड  के लिए  खुद  मॉडलिंग  कर रहीं हूँ ।

 

दिमाग ठीक है, तुम्हारा, अब नैना  ने नैलपैंट लगाना  बंद किया और अभिमन्यु की तरफ़  देखते हुए बोली,

 

इसमें गलत  क्या है। नॉर्मल  इंडोवेस्टर्न  वियर ड्रेसेस है और मेरे  बिज़नेस के लिए  यह बहुत  ज़रूरी  है।

 

तन्मय क्या सोचेगा ?

 

उल्टा उसे तो ख़ुशी होगी। वो तुम्हारी  तरह नहीं है, वह तो मुझे यह करते देखकर ख़ुश होगा ।

 

ठीक है, वो मेरी  तरह  नहीं है, पर  तुम मेरी  बाद  ध्यान से  सुन लो, तुम  मॉडलिंग नहीं  करोगी।  समझी  ।

 

तुम भी सुन लो, मैं  मॉडलिंग ही करूँगी।

 

नैना! उसने गुस्से में  चीखते हुए, कमरे में टेबल पर रखा, फूलों का गुलदस्ता दीवार पर दे मार दिया ।

 

अभि ! अब वह  भी चिल्लाई  और अभिमन्यु आँखों में आए पानी को साफ करने लग गया।

 

नैना! तुम मुझसे जान छुड़ाना चाहती  थी, छोटी सी बात को तुमने कहाँ से कहाँ  पहुँचा  दिया  था । अब वह  वहीं  सोफे पर लेट गया और नींद के आगोश में  चला  गया।

 

 

अगले  इन अभिमन्यु का चेहरा काफ़ी  उखड़ा  हुआ  है, वह  अपने मॉल में  काम  कर रहे, हर वर्कर पर चिल्ला रहा है । अविनाश ने मॉल में  काम  करने वाले महेश से  कहा, लगता है, आज  इनको इनकी  बीवी की याद  आ रहीं है, तभी यह  इतना पागल  हो रहें हैं । नहीं  यार,  याद  तो रोज़  आती  है, मगर  आज कुछ और बात है । कहीं  मालिनी  मैडम ने इन्हें  परपोज़  तो नहीं  कर दिया। यह  कहकर  महेश  हँसने  लगा । वो तो सिर्फ इनसे मज़े ले रहीं  है । तभी  अभिमन्यु  न चिल्लाते  हुए अविनाश और पल्लवी को अपने  केबिन में  बुलाया ।

 

तुम  दोनों ने ध्यान नहीं दिया ? चावल, दाल और घी सही नहीं है । एक कस्टमर की कम्पलैंट आई  है ।

 

सर चेक तो मैंने  खुद  किया था, पता नहीं  क्या  बात  हो गई।

 

जो भी है, अगर  नेक्स्ट टाइम यह  हुआ  तो नौकरी से बाहर कर दूँगा।

 

दोनों  अपना सा  मुँह लेकर  वहाँ से  चले  गए और अभिमन्यु  ने रुद्राक्ष को फ़ोन  लगाया।  

 

हेल्लो ?

 

सर मैं अभिमन्यु  सिंह, मेरी बीवी के बारे में  कुछ पता चला  ।

 

अच्छा लगा आपका कंसर्न देखकर।  फ़िलहाल  तलाश  ज़ारी है । जैसे ही कुछ पता चलेगा तो आपको  बताएँगे।

 

दिन  बीतते  जा रहें हैं । शिवांगी  तीनो पर नज़र रखें  हुए हैं । जतिन  तो  ऑफिस के बाद  ज्यादातर अपना  समय  एक गोल्फ कोर्स में  गुज़ारता या किसी  बियर बार में उसका  टाइम बीतता । यह  तो साफ  नज़र  आ  रहा था कि उसकी  अपनी  बीवी  प्रिया  से  नहीं  बनती  थीं  । वह  भी अपने  दोस्तों के साथ या  अलग-अलग एन.जी.ओ. के साथ काम करके टाइम पास करती।  उनका कोई बच्चा नहीं था, वे बस नाम के लिए  इस  रिश्ते को निभाने में  लगे हैं। मालिनी  का भी  कुछ ऐसा ही हाल  है, एक वर्कहोलिक के साथ  शादी करके वो भी पछता  रहीं  है। वह  शाम को अभि  के मॉल  जाती और दोनों साथ में  घूमने  निकल  जाते ।

 

एक  बार  शिवांगी  दोनों  का पीछा करती  हुई  सनशाइन होटल में  पहुँच  गई। अभिमन्यु ने  एक कमरा  बुक करवाया  था। शिवांगी ने  होटल स्टॉफ से  पूछा तो पता  चला  कि आज मालिनी  का बर्थडे  है और अभि  ने उसके  जन्मदिन की पार्टी  प्लान की है। उसने बहुत  होशियारी  के साथ  स्टॉफ के एक वेटर को माइक्रोफोन उनके रूम में  फिट करने के लिए  कह  दिया । अब अभि और मालिनी  दोनों ड्रिंक पीते हुए  म्यूजिक के साथ अपनी पार्टी  एन्जॉय  कर रहें  हैं। दोनों  के बीच  हुई  बातचीत  को शिवांगी दूसरे कमरे में  बैठेकर  सुन  रहीं  है । पहले  तो दोनों  इधर-उधर  की बातें करते  रहें पर जैसे  ही नैना का नाम  आया  तो शिवांगी अलर्ट हो गई । उसके बाद, उसने जो सुना, उसकी उसने, कभी कल्पना भी नही  की थीं ।

 

बास्टर्ड ! शिवांगी ने गुस्से में  कहा।

 

शिवांगी दनदनाती हुई पुलिस स्टेशन पहुँची। मगर रुद्राक्ष उसके पहुँचने से  पहले  ही  निकल  गया था। वह गुस्से में  पैर  पटकते  हुए वही कुर्सी  पर बैठ गई । मैडम  चाय  लाओ ! उसने हाँ में  सिर  हिला  दिया।  कुछ मिनट  बाद,  हरिलाल  चाय  लेकर आया और  उसके  गुस्से को भाँपते हुए  बोला, क्या बात  है, मैडम  कोई  बात  हो गई ।

 

शिवांगी ने चाय का घूँट  पिया और  उसकी  तरफ देखते  हुए  बोली, वहीं  नैना  मिसिंग  केस।

 

उस  छोकरे की माँ ?

 

हम्म  वहीं ।  इस  केस में  एक सुराग  मिला  है।

 

किसको  पकड़ना है? उसके  पति  को ?

 

तुम्हें  बड़ा  पता है, हरिलाल। उसने  फ़िर चाय  का एक घूँट लिया। 

 

ऐसे  केस  में ज़्यादातर  पति  ही हरामखोर  होते हैं, कही  मार के फ़ेंक दिया  होगा  और फ़िर  मिसिंग  कंप्लेंट  डाल  दी ।

 

तुम  ठीक  कह रहें  हो, बेचारी  नैना ।

 

और मैडम बेचारा  तन्मय ! वो माँ के लाडले  को तो पता भी नहीं  होगा कि उसके बाप ने क्या गुल खिलाया है।

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