My Toxic Love - 34 misbutterfly द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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My Toxic Love - 34

रात के 9 बजे,,,








नायरा लिविंग रूम में अपने पैर फोल्ड करके मुंह फुला कर


बैठी हुई थी


और वही उसके सामने माहिरा और मिष्टी लगातार उसे घूरे जा रहे थे जिसे देखकर नायर लगभग चिलाकर बोलती है





मैंने एक बार बोल दिया मुझे नहीं जाना है तुम दोनों को जो करना है वह कर लो मिष्टी एक नजर माहिरा को देखती हैं और उसके बाद नायरा के चाचा चाची को जो उसके पीछे ही हताश होकर खड़े थे


वह दोनों कब से नायरा को मना रहे थे कि वो जाए लेकिन वहां वो महिरा के साथ जाने के लिए तैयार ही नहीं थी मिष्टी सभी लोगों को एक नजर देखने के बाद अपनी गर्दन हिला देती हैं ।


और माहिरा कीतरफ आई बिलिंग करती हैं जिसे देखकर महिरा समझ जाती हैं कि ।मिष्टी के दिमाग में क्या चल रहा है।।





माहिरा और मिष्टी दोनों खड़े होते हैं और अपने हाथ झड़ते हुए एक साथ नायरा की तरफ कदम बढ़ा देते हैं।


नायरा उन दोनों को खुद की तरफ हुए देख कर ल्के


दे,, देखो तुम दोनों मेरे पास मत आओ में बोल रही हु न रुक जाओ ,,


पर क्या फायदा था नायर के चिल्लाने का मिस्टी और माहिरा दोनों उसे पड़कर खींचते हुए रूम में ले जाते हैं।।।





वही नीलम जी उन दोनों को ऐसे लेजाने से हैरानी से बस सीडियो की तरफ ही देखती रह जाती है।


कि तभी राकेश जी नीलम जी के कमर पर हाथ रखकर खुद के पास करते हुए बोलते हैं सच में अब मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरी बच्ची पहले जैसी हो जाायेगी,








नीलम जी पर मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है सुबह सरिता जी का कॉल आया था वो कल इंगेजमेंट करना चाहते हैं और दो दिन बाद शादी





इतनी भी जल्दी क्या है हमें इतनी जल्दी नहीं है मैं नरेंद्र से खुद बात कर लूंगा राकेश जी थोड़ा परेशान आवाज में बोलते है ।


पर कल सगाई तो कर ही सकते हैं न सगाई में क्या जा रहा है सरिता जी रकेशजी को परेशान होता देख कर बोलती है


लेकिन इतनी सारी तैयारियां कैसी होंगी राकेश जी परेशानी से बोलते हैं जिसे सुनकर सरिता जी हमे कुछ करने की जरूरत नहीं है उनके घर होगी और शादी के बारे में भी वही बात कर लेंगे ।। राकेश जी अभी भी चुपचाप वैसे ही खड़े थे





जिसे देखकर नीलम जी उन्हें कस के गले लगा लेती है जिस पर राकेश जी हल्की धीमी आवाज में लेकिन इतनी जल्दी क्या है ?


नीलम जी राकेश जी की बात को समझते हुए बोलते हैं मुझे पता है कि नायरा आपके लिए क्या मायने रखती हैं पर बेटियां तो पराई होती है ना उन्हें एक न एक दिन अपना sb को छोड़कर जाना ही होता हा किसी और के घर को संवारने के लिए


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नायर के रूम में,,,





नायरा पूरी तरीके से रेडी होकर खड़ी थी और वही मिस्टी और माहिरा उसके बेड पर फेल कर लेटे हुए थे, क्योंकि दोनों ने बहुत मुश्किल से नायर को अपने साथ ले जाने के लिए तैयार किया था।





तभी माहिरा उठते हुए_ अच्छा ठीक है मैं जा रही हूं और मिष्टी तुम इसे लेकर आना मिस्टी भी फटाफट उठाते हुए अरे नहीं नहीं मैं भी तुम्हारे साथ चल रही हूं ।।


नायरा आ जाएगी हम गाड़ी छोड़कर जाते हैं।।





ना नायरा उन दोनों को देखकर खुद से बेटा बहुत हो गया इन दोनो का अब देखना तुम दोनों को मैं लाइन पर नहीं लाई ना मेरा तो नाम भी नायरा साबरवाल नहीं एटीट्यूड से खुद में ही बड़बड़ आती है।।।


जिसे देखकर माहिरा और मिस्टी देखने के बाद इग्नोर करके चले जाते हैं खुद को इग्नोर होता हुआ देखकर नायरा का मुंह बन जाता है।। और वो जल्दी से अपना फोन उठा कर कुछ टाइप करके सेंड कर देती है।।।।





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