इससे पहले कि इशिता कुछ कहती, विश्वजीत ने सामने लगे शीशे से ब्रश उठाया, उस पर टूथपेस्ट लगाया और इशिता के मुँह में डाल दिया। इशिता उससे बहस नहीं करना चाहती थी इसलिए वह चुपचाप ब्रश करने लगी। विश्वजीत उसे घूर रहा था, तभी उसने जल्दी से अपने दाँत साफ कर लिये। फिर वह विश्वजीत को देखने लगी. तो विश्वजीत ने उसे चिड़ाते हुए कहा, क्या? अब तुम चाहती हो कि मैं फिर से तुम्हे उठाऊं? Oh no इषिता तुम बहुत भारी हो। ओर सुबह सुबह मुझे इतनी भारी चीजे उठाने की आदत नही हे कहकर विश्वजीत हसने लगता हे।
मे ऐसा कुछ नहीं चाहती हू।. तुम दो नौकरानियों को बुलाओ, वे मुझे बिस्तर तक पहुँचने में मदद करेंगी। इषिता ने जीजकते हुए कहा।
बिस्तर पर क्यों जाएं? तुम्हें नहाना होगा. विश्वजीत ने कहा।
क्या? विश्वजीत की बात सुनकर इशिता को पसीना आ गया. वह कुछ उतावली आवाज में कहती है, देखो विश्वजीत, मैं इस समय नहीं नहा सकती। मैं अपने कपड़े नहीं पहन सकती... जब तक वह इतना कहती, विश्वजीत ने उसे उठाकर बाथटब में बैठा दिया।
इशिता चिल्लाती रहती है और विश्वजीत उससे यह कहकर चला जाता है कि नहाकर ,यहीं रखे तौलिये को लपेट लेना और बाद में मुझे आवाज़ करना, मैं तुम्हारी मदद के लिए नौकरानी भेज दूंगा।
इषिता कुछ नहीं कर सकती थीं उसे अब नहाना ही था क्युकी अब तो वो पुरी भीग गई थी। नहाते समय उसे रोना आ गया और कुछ सोचने के बाद वो खुद से ही रोते हुए कहती हे miss you mom, Miss you dad, कहकर वो फिर से नहाने लगती है।
इषिता जब भी मुशीबत में होती थी तो वो हमेशा भगवान को ही याद करती थीं। क्युकी उसकी दादी उसे कहती थी कि उसके mom and dad स्वर्ग में हे। ओर बिना बात के उसे याद करके रोओगी तो वो वहा भी ठीक से रह नही पाएंगे। वहा भी उसे इशिता की चिंता होगी। उसकी आत्मा को शांति नही मिलेगी। जब Ishita छोटी थीं तब दादी की ऐसी बाते सुनकर तुरंत ही चुप हो जाती थी।
ओर अब तो Ishu को आदत हो गईं थी वो कभी कबार ही अपने parents को याद करके रोती थी।
दरअसल Ishu जब 7 साल की थी तभी उसके parents की एक car accident में मौत हो गई थी। तभी से Ishu अपने चाचा चाची के साथ रहती है।
उसकी parents की मौत के बाद दादी ही उसका सहारा थी लेकीन इसके psrents की मौत के 1 साल बाद उसकी दादी भी चल बसी।
उसके चाचा चाची भी Ishu का बहुत ख्याल रखते थे।
इषिता पिछले 3 महीने से,पास ही के छोटे गांव में school के बच्चो को पढ़ा रही थी। वो वहा पर teacher नही थी। वो अपनी ph.d के अंतर्गत बच्चो की अध्ययन क्षमता का अभ्यास कर रही थी। उसे इस गांव के कुछ पिछड़ी जातिओ के लोग जिसका litracy rate बिल्कुल कम हे उस पर भी अध्ययन करना था। उसे यूनिवर्सिटी की तरफसे यहां ph.d अध्ययन के लिऐ भेजा गया था। उसका अध्ययन पूरा होने में सिर्फ 4 दीन बाकी थे। इषिता बहुत खुश थी की 4 दीन बाद वो अपनी theory submit कर देगी उसके बाद उसे रोज इतनी दूर नहीं आना पड़ेगा।
पर उसे नही पता था की उसकी किस्मत मे कुछ और ही लिखा है।
इस वक्त वो नहाकर धीमे से अपने हाथो और एक पैर के सहारे बाथटब से निकल जाती हे। पास ही में रखे हुए टोलिया से अपना शरीर पोछ कर टोलिया लपेट लेती हे। पर अब वो सोचती है कि मे आवाज़ किसे लगाउ? में उसे क्या कहकर बुलाऊ sir?, या विस्वजीत। केसे बुलाउ ये सोच में वो वही बैठी रहती है।
वहा दूसरी ओर उस पुल पर बहुत भीड़ इक्कठा हो गई थी। पुलिस वाले, न्यूज रिपोर्टर जेसे कई लोग थे। तभी क्रेन ने Ishita की स्कूटी को पानी से बाहर निकाला। जेसे ही स्कूटी को देखा उस पुल पर खड़े इषिता के चाचा चाची जोर जोर से रोने लगे।उसे ये यकीन हो चुका था कि Ishita अब नही रही।
तभी पुलिसवाले lshita के चाचा के पास आकर कहते हे Mr Roy आप हिम्मत रखे अभी बॉडी नही मिली हे। हो सकता हे वो जिंदा हो।
तभी दूसरा पुलिस वाला वहा आकर कहता है sir इस नदी में करीब 1000 से ज्यादा मगरमच्छ है ऐसा यहा के गांव वालो का कहना है। गांव वाले ये भी कह रहें थे की इस नदी में गिरने वाला कोई बचता नही है।
ये सुनकर इषिता की चाची Mrs Roy ओर जोर जोर से रोकर कहने लगी oh मेरी Ishu...Ishu कहा हो तुम? वापस आ जाओ मेरी बच्ची। ये कहकर वो बेहोश हो जाती हे।
Mr Roy उसे संभालते हैं ओर वही पर पड़ी ambulance में उसे hospital पहुचाते हे।
सभी news channel पर यही खबर आ रही थी की Mr Roy की भतीजी का accidant हुआ हे। पर उसकी बॉडी अभी मिल नहीं पाई है।
विश्वजीत भी बैठा बैठा फ़ोन पर यही news देख रहा था। तभी उसे ये खयाल आया की इषिता अभी भी बाथरूम से बाहर नहीं आई है।
वो बाथरूम के दरवाजे को खटखटाता है और कहता है "इषिता, क्या तुमने नहा लिया?"
विश्वजीत की आवाज़ सुनकर इषिता बैठे बैठे फिर से अपना टोलिया ठिक से लपेट कर कहती है।"आप अंदर मत आना।किसी maid के हाथो मेरे कपड़े भिजवा दो।"
विश्वजीत पूछता है क्या तुमने टोलिया लपेटा हुआ है।
इषिता कहती है, हा
इषिता ने जेसे ही हा कहा विश्वजीत तुरंत ही बाथरूम में आ गया और Ishita उसे कुछ कहे उससे पहले ही उसने Ishita को अपनी गोदी मे उठा लिया और सीधे बेड पर बैठा दीया।
इषिताका मुंह खुला का खुला ही रह गया।
Ishita गुस्से से कहती है मैने कहा था ना maid को भेजना तो फिर तुम क्यू आए।
तब विश्वजीत उसे नॉटी सी smile ��� देकर कहता हे।तुम भारी हो पर तुम्हे अपनी गोदी मे उठानेका मोका मे नही गवा सकता।
फिर विश्वजीत उसे एक ड्रेस देते हुए कहता है जल्दी से ready हो जाओ।
निचे अभी भी कुछ महमान घर पर हे जो जाने से पहले तुम्हारा मुंह देखना चाहते हे ऑर तुम्हे आशीर्वाद देना चाहते हे।
मुझे इन सब में कोई interest नही है। इसलिए जल्दी जल्दी ये रस्म पूरी करनी है। बादमें मुझे तुम्हे अस्पताल लेकर जाना हे X Ray के लिऐ।
इषिता को hospital का नाम सुनते ही खुश हो गई। क्युकी उसे लगा उसे यहां से भागने का मोका मिल जाएगा।
फिर विश्वजीत नहाने चला जाता हे ऑर Ishita तैयार होने लगती है।
विश्वजीत जब नहाकर वापस निकला तो Ishita ready हो चुकी थी।
वो simple तैयार हुई थी पर फिर भी इतनी सुंदर दिख रही थी कि विश्वजीत उस से अपनी नजर नही हटा पा रहा था।
विश्वजीत भी गीले बालों को टोलिया से बोछता हुआ इतना हैंडसम लग रहा था की Ishu उसे देखती ही रह जाती हे।
फिर दोनो तैयार होकर निचे आते है।
दोनो सोफा पर बैठ जाते हे।
सभी रिश्ते दार उसकी मुंह दिखाई के लिए आगे आते हे।
सभी उसका घूंघट उठाकर आशीर्वाद दे रहें थे। सभी लोग हमेशा खुश रहो।, सदा सुहागन रहो,तुम दोनो की जोड़ी हमेसा बनी रहें। जेसे आशीर्वाद दे रहे थे।
तभी एक औरत उठती है, वो lshita का घूंघट उठाकर कहती हे," अरे विश्वजीत संजना की सकल उसके माता पिता से बिलकुल अलग है नही, बचपन में देखा था अब तो इतनी बदल गए हैं की लगता ही नहीं के ये संजना हे।"
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आखिर में कोन हे ये संजना?
जानने के लिए जरुर पढ़िए crazy love part 7