गलती : द मिस्टेक  भाग 47 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 47

और इन तीनों की मौत कैसे हुई थी ? भौमिक ने पूछा।

राघव के बारे में तो जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया था कि वे अक्सर बीमार रहा करते थे। बीमारी के कारण ही उनका निधन हो गया था। कांतिलाल एक बार टूर पर गए थे, वहां एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। परशुराम एक रात सोए और सोने के दौरान ही उन्हें हार्ट अटैक आया था और उनकी मौत हो गई थी। शाह ने बताया।

ओके, आपका और कोई दोस्त या परिचित जो डॉक्टर सक्सेना से जुड़ा हो ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

जी, नहीं बस हम पांच ही हुआ करते थे। हम पांच अक्सर मिलते थे और अक्सर एक-दूसरे के घर भी आना-जाना होता रहता था। अब आप यूं भी कह सकते हैं हम सभी एक तरह से फैमिली फ्रेंड बन गए थे। शाह ने कहा।

ठीक है। वैसे आपके पास ऐसी कोई और जानकारी डॉक्टर सक्सेना के बारे में जो आपको लगता हो कि वो आप हमें बता सकते हैं ? भौमिक ने शाह से प्रश्न किया।

जी फिलहाल तो मुझे कुछ याद नहीं आ रहा है, अगर ऐसी कोई बात मुझे याद आई तो मैं आपसे जरूर संपर्क करूंगा। शाह ने कहा।

ठीक है मिस्टर शाह। अब आप जा सकते हैं। भौमिक ने कहा।

जी धन्यवाद। वैसे मैं आपसे एक और बात करना चाहता था। शाह ने कहा।

जी, बताइए। क्या बात है ? भौमिक ने कहा।

अगर आपकी अनुमति हो तो हवेली में मेरा काम फिर से शुरू होने वाला है। मैं भी जल्द ही लंदन लौट जाउंगा। इसलिए मैं सोच रहा था कि जाने से पहले मैं अपने ठेकेदारा को एक बार हवेली में बुलाकर फिर से काम के बारे में बता दूं। अगर आप अनुमति दे तो क्या मैं उसे हवेली में बुला सकता हूं।

जी, बिलकुल बुला सकते हैं, बात भी कर सकते हैं, पर जब तक हम ना कहें वो काम शुरू नहीं कर सकता है। और एक खास का और ध्यान रखिएगा कि वहां आप किसी भी चीज को छुएंगे नहीं। ना तो आप और ना ही वो ठेकेदार। भौमिक ने कहा।

आप उसकी चिंता मत कीजिए। मैं बस उसे काम समझाउंगा। हम वहां किसी भी चीज को नहीं छुएंगे और रही काम की बात तो जब आप की ओर से परमिशन नहीं मिल जाती काम शुरू नहीं होगा। शाह ने भौमिक से कहा।

इसके बाद शाह भौमिक के ऑफिस से चला जाता है। परमार वहीं खड़े होकर भौमिक को देख रहा था। फिर उसने भौमिक से पूछा-

सर अब क्या ? हमारी आखिरी उम्मीद भी कुछ रंग नहीं लाई। इस बार शाह ने हमें कुछ खास नहीं बताया। अब आगे क्या करेंगे ?

पता नहीं परमार। मुझे तो इस केस को सॉल्व करने के लिए एक सुराग की जरूरत है और वो हमें मिल ही नहीं रहा है। कातिल ने ऐसी क्या प्लानिंग की थी कि वो बिना कोई सुराग छोड़े ही अपना काम करके चला गया है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वो सुराग आखिर है कहां ? भौमिक ने कहा।

कमिश्नर साहब ने भी तो 15 दिन की डेड लाइन दी है सर। ऐसे तो 15 दिन भी गुजर जाएंगे। परमार ने चिंता जाहिर करते हुए कहा।

समझ रहा हूं परमार। पर करें तो क्या करें। हमने हर कोशिश करके देख ली है, पूछताछ से लेकर हवेली के हर कोने को कई बार चेक कर चुके हैं, पर सुराग है कि मिलता ही नहीं है। भौमिक ने कहा।

तो फिर सर ये केस कैसे सॉल्व होगा ? परमार ने भौमिक से पूछा।

परमार मुझे अब भी यही लग रहा है इस केस का सुराग कहीं ना कहीं हवेली में ही है। बस वो अब तक हमारी नजर के सामने नहीं आया है। एक सुराग हाथ लग जाए तो फिर इस केस को सॉल्व करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तुम्हें क्या लगता है परमार हमें एक बार फिर से हवेली में जाना चाहिए। भौमिक ने कहा।

क्या वाकई हवेली में कोई सुराग है ? अगर है तो वो सुराग क्या है ? सुराग भौमिक को मिल पाएगा या नहीं ? क्या सच में एक सुराग मिल जाने के बाद भौमिक इस केस को सॉल्व कर पाएगा ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।