गलती : द मिस्टेक  भाग 27 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 27

मतलब यह है सर कि कुछ लोग उसे अच्छा इंसान नहीं मानते थे। लोगों का कहना था कि वो कुछ पागल से हो गए थे। कभी भी किसी पर भी गुस्सा करने लग जाते थे। कई बार ऑपरेशन करते हुए मरीज को बेहोश नहीं करते थे। कई बार मरीजों से कहते थे कि मैं तुम्हें बिना ऑपरेशन के ही ठीक कर दूंगा। कई बार मरीजों के ऑपरेशन करने से ही मना कर देते थे। कभी कई दिनों तक हॉस्पिटल ही नहीं आते थे। परमार ने भौमिक की बात का जवाब देते हुए कहा।

मतलब मैं कुछ ठीक से नहीं समझा। भौमिक ने कहा।

मतलब तो मुझे भी समझ नहीं आया था। सर पर कई लोग ऐसे भी थे जो डॉक्टर की बहुत बुराई भी कर रहे थे। परमार ने कहा।

तो उनके इस व्यवहार के कारण उनका कोई दुश्मन बन गया था ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

यह तो पता नहीं चल सका सर। पर हां अब तक जितने भी लोगों से बात हुई है, उससे एक बात तो साफ है कि यह डॉक्टर भले ही बहुत बड़े रहे हो, पर उनका व्यवहार लोगों के प्रति ठीक नहीं था। खासकर दो से तीन सालों में तो वे पूरी तरह से बदल गए थे। लोगों का कहना था कि वे अपने घर में एक कमरे में ही बैठे रहते थे। कोई मिलने के लिए भी आता था तो वे उससे मिलते भी नहीं थे। वे जिस कमरे में बैठे रहते थे उस कमरे पर हमेशा ताला लगाकर रखते थे और उस कमरे में किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। परमार ने आगे अपनी बात कही।

इन बातों का यह मतलब निकाला जा सकता है कि डॉक्टर की जिंदगी में या तो कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था, या फिर वे किसी बात से परेशान थे। भौमिक ने संभावना जताते हुए कहा।

हो सकता है सर। परमार ने भी अपनी स्वीकृति दी।

तो क्या तुमने उनके परिवार के बारे में कुछ पता किया है ? भौमिक ने परमार से प्रश्न किया।

जी हां सर, पर जो बातें पता चली है उससे तो यही पता चला है कि उनका परिवार काफी खुशहाल था। उनकी पत्नी हमेशा उनके साथ ही रहती थी। बच्चे भी बहुत ही शालीन थे। उनकी पत्नी या डॉक्टर के किसी बाहरी अफेयर के बारे में भी कुछ पता नहीं चला है। बस कोई तीन साल में ही डॉक्टर का व्यवहार पूरी तरह से बदल गया था। डॉक्टर के व्यवहार में ऐसा बदलाव क्यों आया था, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। परमार ने भौमिक को बताया।

आखिर इन तीन सालों में ऐसा क्या हुआ कि डॉक्टर का व्यवहार ही बदल गया था। कुछ तो ऐसा हुआ होगा, जिसके अब हमें पता लगाना होगा। भौमिक ने कहा।

पर हम पता कैसे लगाएंगे ? अब तो उनकी पत्नी भी नहीं है कि वो कुछ बता पाती। उनके संपर्क के जितने लोग थे मैंने लगभग सभी से बात की है। परमार ने कहा।

हां, परमार पर हमें पता करना ही होगा। कोई तो ऐसा होगा ही जो यह बता सके कि उन तीन सालों के दौरान ऐसा क्या हुआ था कि डॉक्टर का व्यवहार ही बदल गया था। इतना बड़ा डॉक्टर अगर ऑपरेशन करने से मना करता है, कमरे में बंद रहता है तो कुछ तो बात होगी ही परमार। भौमिक ने फिर से आशंका व्यक्त की।

हो सकता है सर। पर हम ऐसे किसी खास व्यक्ति को कैसे तलाश करेंगे, जो हमें यह बता सके कि आखिर उन तीन सालों में क्या हुआ होगा ? परमार ने कुछ परेशानी भरे लहजे में यह बात भौमिक से कही।

अब तुम एक काम करो परमार। इन पिछले तीन सालों में डॉक्टर अविनाश किन-किन लोगों से कब-कब मिले हैं, यह सब पता करो और यह भी पता करने की कोशिश करो कि उन लोगों से मिलने के दौरान डॉक्टर ने क्या-क्या बात की है। भौमिक ने परमार से कहा।

क्या डॉक्टर और उसके परिवार के कत्ल का राज डॉक्टर के अतीत में ही छिपा है ? आखिर इन तीन सालों में ऐसा क्या हुआ था कि डॉक्टर का व्यवहार बदल गया था ? क्या भौमिक उस कारण का पता लगा पाएगा ? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कहानी के अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।