कुछ ही देर में परमार मेधा और मानसी को लेकर केबिन में आ गया था। दोनों के चेहरे पर थोड़ा सा डर नजर आ रहा था। भौमिक ने दोनों को कुर्सी पर बैठने का इशारा किया और दोनों ही कुर्सी पर बैठ गई थी। परमार फिर से अपनी जगह पर खड़ा हो गया था। भौमिक ने मेधा और मानसी से पूछा-
तुम दोनों कुछ चाय या कॉफी लेना चाहोगी ?
मेधा और मानसी ने एक-दूसरे को देखा और फिर कहा- नहीं सर। बस थोड़ा ठंडा पानी...
भौमिक ने परमार की ओर देखा और परमार बाहर की ओर निकल गया। कुछ ही देर में वो फिर से केबिन में आ गया। भौमिक अभी मेधा और मानसी को देख रहा था। तभी एक कॉन्सटेबल आया और मेधा और मानसी के सामने पानी से भरे दो गिलास रखकर चला गया।
मेधा और मानसी ने एक-एक गिलास उठाया और पूरा पानी पी गई। भौमिक उन दोनों को बड़े गौर से देख रहा था और उनके चेहरे के भावों को नोट कर रहा था। कुछ देर तक चुप रहने के बाद भौमिक ने कहा- क्या तुम दोनों को भी पुलिस से डर लगता है क्या ?
मानसी ने जवाब दिया- सर पुलिस से वो लोग डरते हैं जो कुछ गलत करते हैं, हमने कुछ गलत नहीं किया तो हम क्यों डरे ?
बिलकुल सही कहा मानसी तुमने- पुलिस तो वैसे भी आम जनता की सुरक्षा के लिए होती है। भौमिक ने कहा।
अच्छा अब तुम दोनों मुझे एक बात बताओ- जिस दिन तुम सभी दोस्त हवेली में गए थे, उस दिन हवेली में चार लोगों का मर्डर हो गया था, क्या तुम उस मर्डर के बारे में कुछ जानती हो ? क्या तुमने कातिल को देखा था ? क्या तुम मुझे ये बता सकती हो कि उनका कत्ल क्यों हुआ है ?
भौमिक के प्रश्न करते ही मेधा और मानसी ने एक-दूसरे को देखा। उनके चेहरे के भाव तुरंत बदल गए थे। दोनों ने अचानक रोना शुरू कर दिया था। फिर मेधा ने कहा- सर वो सभी कत्ल मैंने किए हैं।
मेधा की बात सुनकर परमार और भौमिक तो नहीं परंतु मानसी जरूर चौंक गई थी। मानसी ने जोर से चीखते हुए कहा- यह झूठ बोल रही है सर । वो सभी कत्ल मेधा ने नहीं बल्कि मैंने किए हैं। इस बार मेधा ने चीखते हुए कहा- नहीं वो सभी कत्ल मैंने किए हैं। मेधा और मानसी दोनों लगातार एक ही बात दोहरा रही थी। ऐसे ही बोलते-बोलते दोनों खड़ी हो गई और फिर चक्कर खाकर गिर गई और बेहोश हो गई।
परमार ने दौड़कर दोनों को संभाला और फिर उन्हें हॉस्पिटल के लिए रवाना कर दिया। परमार फिर से केबिन में आकर खड़ा हो गया था। उसने आते ही भौमिक कहा-
आपने ठीक कहा था सर। एबूंलेंस जरूरी हो गई थी। दोनों ही एक साथ बेहोश हुई और उन्हें भी हॉस्पिटल भेजना पड़ा। पर अब आगे क्या सर। सभी स्टूडेंट से बात हो गई और केस तो बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ा।
यह तो मैं जानता था परमार। क्योंकि जिस तरह से पहले सभी ने कहा था कि कत्ल उन्होंने किए तो मुझे अंदाजा हो गया था कि बाकि लोगों के बयान भी यही होंगे। अब हमें सबसे पहले यह पता लगाना है कि क्या ये सभी बच्चे झूठ बोल रहे हैं या सच। अगर झूठ बोल रहे हैं तो क्यों ? और अगर सच बोल रहे हैं तो आखिर सभी एक ही बात क्यों बोल रहे हैं। हमें यह पता लगाना है कि अगर इनमें से ही किसी ने कत्ल किया है तो आखिर वो कौन है और उसने कत्ल क्यों किया है ?
सर मुझे तो लगता है कि शेखर ने कत्ल किया होगा। परमार ने अंदाजा जाहिर करते हुए कहा।
शेखर ही क्यों परमार। भौमिक ने परमार से प्रश्न किया।
सर आपने देखा नहीं कि वो कितना हाइपर हो गया था। वो तो कुर्सी उठाकर मारने के लिए भी खड़ा हो गया था। उसका गुस्से पर काबू नहीं है। उस हवेली में कोई बात हुई होगी और उसने गुस्से में सभी का कत्ल कर दिया।
क्या परमार का अंदाजा सही है ? क्या वाकई शेखर ने ही उन चारों का कत्ल किया है ? आखिर ऐसी क्या बात हुई होगी कि शेखर को कत्ल करने जैसा कदम उठाना पड़ा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।