भौमिक के दिमाग में कत्ल से संबंधित कई प्रश्न चल रहे थे, परंतु उनका उत्तर देने वाला कोई नहीं था। इन सभी प्रश्नों का हल उसे ही खोजना था। पूरी हवेली में चक्कर लगाने के बाद भी भौमिक को कातिल से संबंधित कोई सुराग नहीं मिला था। आखिरकार कोई सुराग ना मिलने के कारण भौमिक हवेली से अपने घर के लिए निकल गया था। घर पहुंचने के बाद भी उसके दिमाग में कत्ल की पूरी कहानी चल रही थी, परंतु उसे ऐसा कुछ नहीं मिल रहा था, जिससे वो अपनी जांच को आगे बढ़ा सके या कातिल तक पहुंचने में उसे कुछ मदद मिल सके।
अगले दिन भौमिक जल्दी ऑफिस पहुंच गया था। अब तक परमार ऑफिस नहीं पहुंचा था, उसने परमार को कॉल किया।
हेलो परमार, मैं ऑफिस पहुंच गया हूं, तुम भी जल्दी से ऑफिस आ जाना, पर ऑफिस आने से पहले हॉस्पिटल जाकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर आना।
परमार ने सिर्फ जी सर कहा और फोन कट कर दिया। इधर भौमिक ने एक बार कत्ल से संबंधित फाइल उठा ली और उसे उलट-पलट कर देख रहा था। हालांकि यहां भी उसे कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी। अब उसे उम्मीद थी कि शायद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ ऐसा हो जो उसे जांच में आगे बढ़ा सके, इसलिए वो परमार के आने का इंतजार करने लगा। कुछ ही देर में परमार भी ऑफिस आ गया था। परमार के केबिन में आते ही भौमिक ने प्रश्न दाग दिया-
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ले आए परमार ?
जी सर, ले आया हूं। परमार ने जवाब दिया।
ओके गुड, बताओ क्या है रिपोर्ट में ?
सर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने तो केस को और भी ज्यादा उलझा दिया है।
मतलब ? भौमिक ने प्रश्न किया।
मतलब यह है कि सर कि एक डॉक्टर अविनाश को छोड़कर उनकी पत्नी और उनके दोनों बच्चों ने पहले खुद पर वार किया और उसके बाद किसी और ने भी उन पर वार किया है। परमार ने कहा।
परमार की बात सुनकर भौमिक चौंक गया था। उसने फिर प्रश्न किया आत्महत्या की कोशिश और फिर हत्या ? ये क्या मामला है परमार ?
मुझे भी कुछ समझ नहीं आया सर। मैंने अपने करियर में ऐसा केस कभी नहीं देखा और सुना। परमार ने कहा।
मेरे करियर का भी यह ऐसा अनोखा पहला केस है परमार। पहले डॉक्टर की पत्नी और बच्चों ने आत्महत्या की कोशिश की और फिर किसी ने उनकी हत्या कर दी। अगर वे आत्महत्या ही कर रहे थे तो फिर किसी ने उनकी हत्या क्यों की ? और अगर उनकी हत्या होने वाली थी तो उन्होंने आत्महत्या की कोशिश क्यों की ? आखिर ये मामला क्या है परमार ?
सर अगर आप जैसा जीनियस इस मामले में संशय में पड़ सकता है तो मैं क्या चीज हूं सर। परमार ने कहा।
बात जीनियस या इंटेलीजेंट की नहीं है परमार। बात तो यह है कि आखिर यह केस है क्या ? ये आत्महत्या का मामला है या कत्ल का ?
हां सर ये तो समझ नहीं आ रहा है। परमार ने कहा।
मैं सोच रहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद केस आगे बढ़ सकता है, परंतु पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने तो मामले को और भी उलझा दिया है। हाईप्रोफाइल केस होने के कारण कमिश्नर साहब भी चाहते हैं कि ये केस जल्द से जल्द सॉल्व हो, परंतु यहां तो कोई सुराग ही नहीं मिल रहा है।
तो अब आगे क्या करना है सर ? परमार ने भौमिक से सवाल किया।
फिलहाल तो ये है कि बाकि बच्चों से भी पूछताछ करेंगे, उनका क्या कहना है यह भी देखना होगा। हो सकता है कि उन चार में से कोई हमें कुछ सुराग दे दे। तुम एक काम करना तीन दिन बाद बाकि बचे हुए बच्चों को भी बुला लेना। भौमिक ने कहा।
जी सर, मैं आज ही उन्हें फोन कर देता हूं और परसों सभी को यहां बुला लेता हूं। उनके साथ उनके माता-पिता भी आ जाएंगे। परमार ने भौमिक की बात का जवाब देते हुए कहा।
अब भौमिक क्या करेगा ? क्या वो इसे हत्या का केस मानेगा या आत्महत्या का केस मानेगा ? क्या बच्चों से पूछताछ के दौरान उसे कोई सुराग मिलेगा ? अगर कोई सुराग नहीं मिलता है तो फिर भौमिक कातिल तक पहुंचने के लिए क्या करेगा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।