गलती : द मिस्टेक  भाग 14 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

गलती : द मिस्टेक  भाग 14

विशाल और शेखर से हुई पूछताछ में अब तक भौमिक को ऐसी कोई खास बता नहीं चली थी कि वो कत्ल के मकसद या कातिल के संबंध में कोई सुराग पता लगा सके। वहीं विशाल और शेखर के अचानक बेहोश जाने के कारण भी भौमिक कुछ परेशान हो गया था। भौमिक के सामने कत्ल का मकसद और कातिल के सुराग लगाने के प्रश्न के साथ ही एक प्रश्न और खड़ा हो गया था, जो कि मुश्किलों को और भी बढ़ाने वाला था। यह प्रश्न था कि विशाल और शेखर ने अब तक की पूछताछ में एक ही बात कही थी कि कत्ल उन्होंने किया है और उनके बाकि दोस्तों का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

भौमिक और परमार ने हालांकि इस बारे में अब तक बहुत अधिक नहीं सोचा था। इसलिए इस बार भौमिक ने विशाल की गर्लफ्रेंड जिज्ञासा को लाने के लिए परमार से कहा। भौमिक का आदेश पाते ही परमार जिज्ञासा को लेने के लिए उस कमरे में पहुंच गया था, जहां बाकि लोग बैठे हुए थे। परमार जल्द ही जिज्ञासा को लेकर उस कमरे में आ गया था, जहां अब तक विशाल और शेखर से पूछताछ हो रही थी।

जिज्ञासा ने आते ही भौमिक को हैलो कहा और फिर कुर्सी को देखकर भौमिक से पूछा- क्या बैठ सकती हूं सर ?

भौमिक ने इशारे से उसे कुर्सी पर बैठने के लिए कहा और जिज्ञासा भी कुर्सी पर आराम से बैठ गई। इसके बाद जिज्ञासा भौमिक से कहा- सर क्या मुझे कप कॉफी मिल सकती है, मैं काफी देर से कॉफी पीना चाह रही थी। भौमिक ने परमार को इशारा किया और परमार ने बाहर निकलकर एक कॉन्सटेबल को कॉफी लाने के लिए कहा और फिर से कमरे में आ गया।

विशाल और शेखर के अचानक बेहोश हो जाने के कारण भौमिक माहाल को सामान्य रखना चाहता था। इसलिए उसने जिज्ञासा से कत्ल और कातिल के संबंध में बात ना करते हुए दूसरी बात और उससे पूछा- जिज्ञासा तुम्हारा कॉलेज कैसा चल रहा है ?

जिज्ञासा ने जवाब देते हुए कहा- सर अभी तो पांच दिन की छुट्टियां थी, इसलिए अब दो दिन बाद ही कॉलेज शुरू होगा। वैसे अब तक तो बहुत ही मजा आ रहा था कॉलेज में।

भौमिक ने कहा- बहुत अच्छा। वैसे तुम्हें घूमना पसंद है ?

जिज्ञासा ने कहा- जी, सर मुझे घूमना बहुत पसंद है। खासकर अपने दोस्तों के साथ जाना और भी अच्छा लगता है।

भौमिक ने फिर से प्रश्न किया- वैसे अब तुम्हारी तबीयत कैसी है ?

मुझे क्या हुआ है सर, मैं तो बिल्कुल ठीक हूं। जिज्ञासा ने भौमिक के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा।

अरे, वो तुमने कॉफी मांगी तो मुझे लगा कहीं सिर में दर्द या कुछ और प्रॉब्लम तो नहीं है ना ? भौमिक ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।

अरे, नहीं सर। वो तो उस कमरे में काफी देर से हम बैठे हुए थे और मेरी कॉफी पीने की बहुत इच्छा हो रही थी, इसलिए मैंने आपसे कह दिया। देखिए आपने देर भी नहीं की और आई थिंक जल्द ही कॉफी आ भी जाएगी। जिज्ञासा ने कहा।

आ भी जाएगी नहीं आ गई है। वो देखो तुम्हारी कॉफी आ गई है। भौमिक ने माहौल को और भी सामान्य बनाने के लिए जिज्ञासा से कहा।

जिज्ञासा ने कॉफी का कप पकड़ा और उससे एक सिप लेते हुए भौमिक से थैंक्यू कहा।

भौमिक जिज्ञासा को गौर से देख रहा था। वो पूरी तरह से सामान्य नजर आ रही थी। उसके चेहरे पर एक मुस्कान भी तैर रही थी, जो शायद उसे कॉफी मिल जाने के कारण थी।

जिज्ञासा ने कॉफी पूरी तरह से खत्म की और कप हाथ में लिए हुए थी। इसी बीच भौमिक ने जिज्ञासा से कहा- जिज्ञास मुझे तुमसे एक बात जानना है, क्या तुम मुझे बताओगी ?

सर अगर मुझे पता होगा तो मुझे बताने में भला क्यों एतराज होगा ? वैसे आप कोई टेस्ट तो नहीं ले रहे हैं ना, क्योंकि मुझे टेस्ट से बहुत डर लगाता है।

भौमिक ने हंसते हुए कहा- नहीं मैं कोई टेस्ट नहीं ले रहा हूं, बस एक छोटा सवाल है मेरे मन में। सोचा शायद तुम कुछ मदद कर सको। इसलिए तुमसे पूछ रहा हूं।

ओके सर, कोई बात नहीं। पूछिए आप क्या पूछना चाह रहे हैं ?

क्या जिज्ञासा भौमिक को कत्ल के मकसद और कातिल के संबंध में कोई सुराग दे पाएगी ? विशाल और शेखर ने कत्ल का इल्जाम खुद पर क्यों लिया था? जिज्ञासा भी पूछताछ के दौरान भौमिक को क्या बताएगी ? क्या भौमिक पूछताछ के दौरान कातिल का सुराग लगा पाएगा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।