गलती : द मिस्टेक  भाग 4 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 4

भौमिक और परमार आगे बढ़े तो भौमिक के कदम एकदम से ठिठक गए थे। हॉल में एक लाल रंग का बल्ब जल रहा था। हॉल में रखे एक सोफे पर महिला का शव था। उसके गले और पेट पर चाकू के वार नजर आ रहे थे। वहीं दूसरे सोफे पर एक आदमी का शव था। उसके हाथ की नस कटी थी, जिससे खून टपक रहा था। उसके हाथ के ठीक नीचे काफी सारा खून फैला हुआ था। इसके अलावा उस आदमी के गले पर चाकू से वार किया था। वह सोफे पर ऐसे गिरा था कि उसकी गर्दन सोफे के उपरी हिस्से पर टिक गई थी। दोनों सोफे के पास काफी खून पड़ा था। फोरेंसिक टीम के लोग खून के सैंपल लेने के साथ हर चीज के फोटो भी ले रहे थे। यह दृश्य देखने के बाद भौमिक ने परमार को देखा।

भौमिक ने परमार से सवाल किया और वो बच्चे ?

भौमिक के सवाल के जवाब में परमार एक दरवाजे की ओर इशारा किया और उस ओर बढ़ गया। भौमिक भी परमार के पीछे चलते हुए दरवाजे पर पहुंच गया। परमार ने दरवाजा खोला और भौमिक भी कमरे में आ गया। कमरे में प्रवेश करते ही भौमिक ने देखा कि कमरे में एक बेड लगा हुआ है, जिस पर दो बच्चों के शव पड़े हुए हैं। बच्चों के पेट और गले पर चाकू के निशान थे। लग रहा था जैसे बच्चों को पीछे से पकड़कर पहले गले पर चाकू से वार किया गया है, उसके बाद उनके पेट पर। भौमिक ने बच्चों की लाशें देखकर एक पल के लिए आंखे बंद की और फिर आंखें खोल ली।

बेड के चारों और खून फैला हुआ था। बेड पर बिछी सफेद चादर भी बच्चों के खून के कारण लाल हो गई थी। भौमिक और परमार फिर से कमरे से बाहर आ गए थे। भौमिक उस हॉल की हर चीज बड़े ध्यान से देख रहा था। वह मन ही मन सोच रहा था कि कातिल और पीड़ितों के बीच किसी तरह की कोई हाथापाई नहीं हुई है। अगर हत्या से पहले कातिल और पीड़ितों के बीच संघर्ष हुआ होता तो यहां कुछ चीज बिखरी होती या टूट-फूट जरूर नजर आती। ऐसा भौमिक को कुछ भी नजर नहीं आया था क्योंकि हॉल में और कमरे में सभी चीजे बहुत सलीके से रखी हुई थी। भौमिक और परमार एक बार नीचे वाले हॉल में आ गए थे।

भौमिक ने एक बार फिर परमार से सवाल किया- कोई सुराग ?

परमार ने कहा- अब तक तो कुछ नहीं, पर हम तलाश कर रहे हैं।

कोई और खास बात जो तुम्हें नजर आई हो ? भौमिक ने फिर सवाल किया।

जी, है। बहुत खास है। परमार ने कहा।

क्या है ?

सर आठ लोग, जो कत्ल के समय इस हवेली में ही थे।

भौमिक इस बार कुछ चौंक सा गया। फिर उसने कहा- क्या आठ लोग और है इस हवेली में ?

परमार ने जवाब देते हुए कहा- जी, सर आठ लोग और है। उन आठ के अलावा इस हवेली की देखरेख करने वाला नौकर राजन और उसकी पत्नी सावित्री।

उनमें से किसी ने हत्या के बारे में कुछ बताया ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

सर मेरी राजन और उसकी पत्नी से बात हुई थी। राजन का कहना है कि वो और उसकी पत्नी सावित्री हवेली के पीछे बने कमरे में रहते हैं। उसने सभी को करीब 10 बजे खाना दे दिया था और फिर पत्नी के साथ अपने कमरे में चला गया था। फिर यहां क्या हुआ उसे नहीं पता। परमार ने बताया।

तो फिर पुलिस को सूचना किसने दी ? भौमिक ने फिर सवाल किया।

सर फोन तो राजन ने ही किया था। उसका कहना था कि वो रोज रात को एक बार हवेली का चक्कर जरूर लगाता है। क्योंकि उसका कमरा पीछे की ओर बना है, इसलिए वो रात को एक बार हवेली के पास आता ही है। सुनसार रास्ता और आसपास जंगल होने के कारण जंगली जानवरों के यहां आ जाने का खतरा रहता है, इसलिए वो एक बार देखने के लिए आता है। आज भी वो हवेली के पास चक्कर लगाने के लिए आया था।

तो वो हमेशा बाहर ही चक्कर लगाता है या अंदर भी जाता है।

राजन का कहना है सर कि वो यूं तो आम तौर पर बाहर से ही चक्कर लगाकर चले जाता है, परंतु आज हवेली में लोग थे, इसलिए वो अंदर भी आया था। तभी उसने हॉल में लाशों को देखा और पुलिस को फोन लगाया।

बाकि आठ लोगों का क्या कहना है ?

सर, उनके बारे में मैं अब क्या कहूं। आप खुद ही एक बार उन्हें देख लीजिए।

तो क्या उनका भी....?

कौन थे हवेली और आठ लोग? क्या ये आठ लोग विशाल और उसके दोस्त ही है, क्या उनके साथ भी कोई अनहोनी हुई है? हवेली में हुए इस कत्ल के पीछे का क्या राज है ? क्या भौमिक कातिल तक पहुंच पाएगा? क्या उसे हवेली में कत्ल या कातिल से जुड़ा कोई सुराग मिलेगा ? परमार उन आठ लोगों के बारे में क्या नहीं बताया भौमिक को ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।