अध्याय - 21 (इंसानों की कुर्बानियां,भाग ३ )
By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik'
---: कहानी :---
समीरा को देख कर अली उसकी तरफ उँगली से इशारा करता है लेकिन कुछ कह नहीं पाया। अली को समीरा का असली रूप दिख रहा था।
उस्मान अली को हॉस्पिटल में भर्ती कर देता है।
डायन गुड्डी को धमकी देती है अगर उसने किसी को भी उसके बारे में कुछ भी बताया तो वो सबको मार डालेगी।
उस्मान, रुकसार से कहता है कि जब से समीरा घर आई है तब से कुछ भी सही नहीं हो रहा है। रात को अली ने पैरों के खून वाले निशान देखे थे और सुबह वह बीमार हो गया। गुड्डी भी समीरा से डरी रहती है।
शाम को जब उस्मान घर बापस आता है तो ग़लती से समीरा को रुकसार समझ बैठा। क्योंकि समीरा रुकसार के कपड़े पहने हुए थे।
उस्मान उससे माफी मांगता है तो समीरा कहती है आपने कहा था कि मैं भी आपके घर का हिस्सा हूं तो आप भी मेरे हुए न।
इतना कह कर समीरा उस्मान के चेहरे पर अपनी उँगलियाँ फेरती है।
तभी समीरा उस्मान के हाथ को सूँघती है और कहती है
क्या आप किसी आदमी से मिलकर आए हो, जो नहीं चाहता कि मैं आपके साथ रहूँ।
उस्मान इस बात की मना कर देता है।
तभी समीरा, उस्मान को उस पीर बाबा का खून से सना कटा हुआ सिर दिखाती है। जिससे उस्मान डर जाता है।
असल में उस्मान उस पीर बाबा से मिलकर आया था। उसी ने कहा था कि उस्मान के घर में डायन का साया है।
वह उस डायन से छुटकारा पाने के लिए एक ताबीज भी देता है।
लेकिन डायन कंट्रोल से बाहर हो गई थी।
तभी वहां रुकसार आ जाती है जो समीरा को उस्मान के चेहरे पर उंगली फेरते हुए देख लेती है।
रुकसार गुस्से में समीरा को थप्पड़ मारती है और कहती है निकल जाओ मेरे घर से...
तब समीरा डायन के रूप में आ जाती है और कहती है
मैं जिस घर में एक बार घुस जाती हूँ तो फिर कोई भी मुझे नहीं निकाल सकता।
डायन को देख उस्मान और रुकसार डर कर एक कमरे में छिप जातें हैं। वह डायन गेट को पटक पटक के वहां से चली जाती है।
तभी रुकसार कहती है अब क्या करें और गुड्डी भी बाहर है।
उस्मान कहता है कि उस डायन को तभी रोका जा सकता है। जब बाबा का दिया हुआ ताबीज कैसे भी करके उस डायन को बांधना होगा। जिससे वो कमजोर पड़ जाएगी।
लेकिन ताबीज कमरे के बाहर था। उस्मान और रुकसार दोनों ताबीज लेने के लिए जैसे ही कमरे के बाहर जाते हैं तभी वह डायन वहां आ जाती है और उस्मान और रुकसार को हमला करके घायल कर देती है।
और वह डायन गुड्डी को उठा लेती है और उस्मान और रुकसार को बीच में न पड़ने की धमकी देती है।
डायन गुड्डी को उठाकर तहखाने में बलि देने के लिए ले जाती है और शैतान से कहती है कि मेरी आखिरी बलि स्वीकार करो।
डायन गुड्डी को मारने लगती है।
तभी वहां उस्मान और रुकसार पहुंच जाते हैं।
दोनों डायन के बनाए हुए यंत्र में प्रवेश नहीं कर पा रहे थे।
ताबीज पहनाने के लिए डायन को यंत्र से बाहर लाना जरूरी था।
तभी गुड्डी रुकसार के कहने पर डायन की आंखों में वहां पड़े सिंदूर को झोंक देती है।
और खुद यंत्र के बाहर आ जाती है।
डायन जैसे ही गुड्डी को पकड़ने के लिए यंत्र से बाहर आती है वैसे ही उस्मान, रुकसार और गुड्डी तीनों मिलकर उस डायन के पैर में उस ताबीज को बांध देते हैं।
जिससे वह डायन छटपटाने लगती है और कुछ ही देर में वह जलकर मर जाती है।
कहानी अगले भाग तक जारी रहेगी....... (to be continued 👻 ♥️)
(©SSR'S Original हॉरर)
💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️