जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 20 सोनू समाधिया रसिक द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 20

अध्याय - 20 (इंसानों की कुर्बानियां, भाग २ )
By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik'


---: कहानी :---



इसके बाद उस्मान उसे बिना कुछ पूछे हॉस्पिटल ले गया।
हॉस्पिटल में नर्स उस्मान को उस समीरा के बारे में पूछती और उस लड़की के इलाज के लिए पैसों का इंतज़ाम करने को कहती है।

इस पर उस्मान कहता है कि इनका कोई नहीं है। हाइवे एक्सिडेंट में इनका सारा परिवार खत्म हो गया है। आप इनका इलाज शुरू करिए मैं पैसों का इंतज़ाम करता हूँ।

वॉर्डबॉय समीरा को इलाज के लिए ले जा रहा था। तभी समीरा उसे रूम नंबर 13 के सामने उसे रुकने को बोलती है।
जब वॉर्डबॉय कहता है कि वह रूम खाली नहीं है वहाँ पहले से ही एक मरीज है। जो सो रही है।

तभी समीरा उस लड़की को बीमार कर देती है। वॉर्डबॉय जब डॉक्टर को बुलाने गया। तब तक समीरा उस लड़की के पास पहुंच जाती है और शैतान से कहती है कि हे! शैतान मेरी चौथी बलि को स्वीकार कर और उस बच्ची का गला दबाकर मार डालती है।

समीरा की चीख सुनकर जब उस्मान और डॉक्टर उस रूम में पहुँचते हैं तो उस लड़की को फांसी पर लटका हुआ पाते हैं।

इस पर समीरा रोते हुए कहती है कि उसे घर यहां नहीं रहना है उसे घर जाना है।

उस्मान, समीरा को अपने घर ले जाता है।

समीरा, नाश्ते के दौरान उस्मान के भाई अली और उस्मान की बच्ची गुड्डी से मिलती है।
समीरा की नजर गुड्डी पर थी।

गुड्डी समीरा को अपना रूम दिखाने ले जाती है। तभी गुड्डी की नजर रूम में लगे एक सीसे पर जाती है। सीसे में समीरा का असली रूप दिख रहा था। जिसे देख गुड्डी डर जाती है और बहाने बनाकर वहां से चली जाती है।

तभी समीरा सोचती है कि कल अमावस की रात है। कल में आखिरी बलि गुड्डी की चढ़ाउंगी। जिससे मैं हमेशा जवान रहूंगी।

उसी रात,

अली रात को जब अपने कमरे से पानी पीने निकला तो उसे खून के पैरो के निशान दिखे, जो समीरा के कमरे की तरफ जा रहे थे।
अली जैसे ही उन निशानों की ओर बढ़ा।

तभी उसके कंधे पर कोई हाथ रखता है। जिससे अली डर जाता है।
पीछे उस्मान था।
अली उससे कहता है कि भाई देखो खून के निशान जो समीरा के कमरे की ओर जा रहे हैं।

जब उस्मान देखता है तो वहां कुछ नहीं था। उस्मान को लगा कि अली समीरा से बात करने का बहाना ढूंढ रहा है।

उस्मान अली से कहता है कि समीरा बिल्कुल ठीक है अब तुम जाओ सो जाओ।

अली जब अपने कमरे में बापस जाता है तो पीछे से समीरा उसके कंधे पर हाथ रख देती है।
जिससे अली चौंक जाता है और कहता है कौन है?

समीरा को देख कर अली पूछता है कि आप कैसी हो और आप इतनी रात को मेरे कमरे में क्या कर रही हो।

समीरा कहती है कि रात को उसे अकेले डर लगता है।
अली कहता है कि भाई बोल रहे थे कि आप मेहमान हो, घर का हिस्सा हो।

आ जाओ मेरे पास और बना लो मुझे भी अपने घर का हिस्सा। इतना कहते हुए समीरा अली को गले से लगा लेती है और फिर वह अपने असली रूप में आ जाती है।

अगली सुबह सभी नाश्ता कर रहे थे।

जब अली वहां नहीं आया तो उस्मान उसके कमरे में उसे बुलाने के लिए जाता है।
तब उस्मान देखता है कि अली को लकवा मार चुका था। वह डर से कांप रहा था। लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रहा था।

तभी उस कमरे में उस्मान की बीबी रुकसार, गुड्डी और समीरा पहुंच जाते हैं।


कहानी अगले भाग तक जारी रहेगी....... (to be continued 👻 ♥️)

(©SSR'S Original हॉरर)
💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️