जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 10 सोनू समाधिया रसिक द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • कोन थी वो?

    वो इक खाब है या हकीकत ये लफ्जों में बयान ना कर सकता है पता न...

  • क से कुत्ते

    हर कुत्ते का दिन आता है, ये कहावत पुरानी है,हर कोई न्याय पात...

  • दिल से दिल तक- 7

    (part-7)अब राहुल भी चिड़चिड़ा सा होने लगा था. एक तो आभा की ब...

  • Venom Mafiya - 1

    पुणे की सड़कों पर रात की ठंडी हवा चल रही थी। चारों ओर सन्नाटा...

  • बारिश की बूंदें और वो - भाग 6

    तकरार एक दिन, आदित्य ने स्नेहा से गंभीरता से कहा, "क्या हम इ...

श्रेणी
शेयर करे

जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 10

अध्याय - 10
(खबीस का कहर, भाग ४)

लेखक :- सोनू समाधिया 'रसिक' 🇮🇳

कहानी पिछले अध्याय से जारी है........

कहानी में आगे......

वह जिन्न आलिया के अब्बू को मार डालता है,क्योंकि आलिया के काले जादू से गलती से अच्छे जिन्न की जगह बुरा जिन्न खबीस आ जाता है, जिसे देख आलिया रोने लगती है।
तभी खबीस आलिया को अपनी बीबी मान कर उसके शरीर पर कब्जा कर लेता है।

आमिर ने उस केयर टेकर से खबीस के कहर से बचने का उपाय पूछा तो वो कहता है कि खबीस के कहर से अल्हा के सिवा कोई भी नहीं बचा सकता।
अगर तुम सबको खबीस से बचना है तो दरगाह से बाहर मत जाना। खबीस जितने इंसानों को मारता है, उसकी ताकत उतनी ही बढ़ती जाती है।

आमिर की अम्मी को दरगाह के बाहर कार के पास लतीफ लहूलुहान हालत में दिखता है, वह सहायता के लिए चिल्ला रहा था। आमिर की अम्मी लतीफ के पास जाती है तो उन्हें पता चलता है कि वो लतीफ नहीं खबीस था, जो लतीफ की शक्ल इख्तियार किए हुए था। अब आमिर की अम्मी खबीस की गिरफ्त में थी।


आमिर अपनी अम्मी की चीख सुनकर वहां पहुंच जाता है, जैसे ही आमिर दरगाह के बाहर जाने लगता है तो केयर टेकर उसे रोक देता है।
आमिर और केयर टेकर कुछ नहीं कर पा रहे थे। आमिर रोते हुए अल्हा से अपनी अम्मी की जान की भीख मांगने लगा और केयर टेकर भी खबीस को अल्हा का वास्ता दे कर आमिर की अम्मी की जान बक्शने को कहता है।

खबीस अपनी ताकत से केयर टेकर और आमिर को दूर धकेल देता है।

सभी की चीख पुकार सुन कर दरगाह में खुदा की इबादत कर रहे एक फकीर ने जैसे ही अपनी आंखें खोलीं तो खबीस घबराने लगा।
वो नेक फकीर कोई और नहीं बल्कि एक अच्छा जिन्न था। शुरुआत में आमिर ने इसी फकीर की हेल्प की थी।
खबीस आमिर की अम्मी को छोड़ देता है।


जब वो खबीस को आलिया के जिस्म को छोड़ने को कहता है तो खबीस उससे पूछता है कि - “वो एक जिन्न होकर इंसानों की मदद क्यूँ कर रहा है?”


तब अच्छा जिन्न उसे जबाब में कहता है जो इंसान दीन से खुदा की इबादत करता है, मैं उसकी सहायता करता हूँ।
अच्छे जिन्न की पाक आयतों को सुनकर खबीस कमजोर पड़ जाता है और अंत में वह आलिया के जिस्म को छोड़कर अपनी दुनिया में चला जाता है।

आलिया अब खबीस की गिरफ्त से आजाद हो चुकी थी, आलिया दौड़ते हुए दरगाह के अंदर आमिर और उसकी अम्मी के पास पहुंच जाती है।
आलिया और आमिर हमेशा के लिए एक हो गये, अब दोनों खुशी खुशी एक साथ रहते हैं।

खौफ़ की ये कहानी होती है अब खत्म... जुड़ें रहिए कमेंट, प्रोत्साहन और मुझे फॉलो करना न भूलें...

क्यो कि..... डर अभी बाकी है (क्रमशः....)


आगे ऎसी ही खौफनाक कहानियों का डरावना सिलसिला जारी रहेगा.......... (क्रमशः)

अगर आप लेखक और कहानियों के प्रशंसक हैं, तो कहानी /रचना को सराहें.........


(©SSR'S Original हॉरर)
💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️