जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 22 सोनू समाधिया रसिक द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 22

महबूब जिन्न, भाग - ०१

By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik' (SSR ❤️)


विशेष :- यह सत्य घटना से प्रेरित है।

शबीना, ताहिर के घर जन्मी एक बेहद खूबसूरत हुस्न की मलिका थी।
उसे देख ऎसा लगता था। कि जैसे खुदा ने किसी जन्नत की हूर जिसे इस जमीन को बख्शा हो.... ।

गली मोहल्ले के लड़के उसकी एक झलक पाने के लिए घंटों उसके बाहर निकलने का इंतज़ार करते थे।
उसके एक छोटे से दीदार से गली और मोहल्ले में रौनक छा जाती थी। जैसे सभी ने ईद का चांद देख लिया हो.... ।

सभी शबीना की एक नजर के लिए उसकी राह में अपने दिल और पलकें बिछाए रहते थे।

शबीना, मध्य प्रदेश के भिंड जिले के एक छोटे से गांव सुराईपुर से थी। ताहिर, पेशे से एक कार मैकेनिक था। जिससे उसकी जिंदगी बसर हो रही थी। खुदा की रहमत से ताहिर के पास एक छोटा सा घर था। ताहिर के परिवार में ताहिर, उसकी बीबी रुबीना और शबीना थे।

सभी खुदा के नेक बंदे थे, अपने सच्चे ईमान और खुदा के रहमो करम से ताहिर के जिंदगी और परिवार में खुशहाली थी।


छोटे से गाँव से होने के कारण वहाँ की लडकियों को किसी लड़के से बात करना और बाहर अकेले घूमने पर पाबंदी थी। पिछड़ा हुआ गाँव होने की वजह से बड़े बुजुर्ग और लोग शाम होते ही अपने घरों में बंद हो जाते थे। इसकी वजह वहाँ के खबीस जिन्नो की प्रचलित कहानियां थीं। हालांकि उस गाँव में मुस्लिम परिवारों की आबादी ज्यादा नहीं थी, वहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ हिंदू समुदाय के लोग भी रहते थे, लेकिन बुरे खबीसों का सभी में खौफ़ बराबर था।

उस गाँव के लोग जिन्नों को लेकर अपने - अपने दावे थे। कि वहां के कई लोग से खबीस जिन्न कई दफा रूबरू हुए हैं। बुरे खबीस जिन्नों से खुद को महफूज रखने के लिए वहां के लोग अपने घरों में पाक कुरान रखते थे।

रात के वक़्त उस गाँव के लोग तेज खुश्बू वाले इत्र लगा कर और लड़कियों - महिलाओं को खुले और गीले वालों में बाहर और छत पर जाने की मनाही थी।
कोई भी रात को छत पर नहीं सोता था क्योंकि छतों पर जिन्नातों का बसेरा माना जाता है और रात के समय तेज आवाज में हंसना या फिर बात करना, जहां तक लोगों ने रात के वक़्त अपने घरों में मिठाई रखना छोड़ दिया था। क्योंकि मान्यता है कि जिन्नातों को मिठाई बहुत पसंद होती है।


गाँव में जिन्नातों के ऎसे कई किस्से लोगों को जुबानी याद हैं जब जिन्नातों ने कई बार हर समुदाय के लोगों, चाहे वह हिंदू हों या फिर जैन हों सब पर काबू पा लिया था। जिनमें कई किस्से साधारण, तो कई ऎसे खौफनाक किस्से थे, जिसे सुनकर रूह तक सिहर जाये।


शबीना, उसी गाँव के एक स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा थी। शबीना आज के दौर की आधुनिक और खुले विचारों वाली एक युवती थी। जिस पर पुराने ख्यालात और पुरानी ग्रामीण मान्यताओं का कोई असर नहीं पड़ता था, वो इन सबको जाहिलों के चोचले समझती थी।

आज भी शबीना रोजाना की तरह स्कूल में पढ़ने आई थी। स्कूल ख़त्म होने के बाद जैसे ही शबीना अपनी क्लास से घर जाने के लिए निकली कि तभी एक हाथ ने उसे पकड़ कर दूसरे खाली क्लास में खींच लिया। शबीना डर से चीखती तब तक उसके मुँह को ढंक कर बंद कर दिया गया था।

शबीना ने देखा वो कोई ओर नहीं उसका प्यार शकील था, जो उसका ही क्लासमेट था।


“श्श्श्श्.....!” - शकील ने अपने मुंह पर उंगली रखते हुए शबीना को चुप रहने का इशारा किया।


“छोड़ो.... मुझे... कोई देख लेगा....?” - शबीना ने खुद को शकील की बाहों से आजाद कराने की कोशिश करते हुए कहा।



कहानी अगले भाग तक जारी रहेगी....... (to be continued 👻 ♥️)

(©SSR'S Original हॉरर)
💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️