मेरी दूसरी मोहब्बत - 80 - अंतिम भाग Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 80 - अंतिम भाग

Part 80- Garbh

कुछ देर बाद नर्स रिपोर्ट लेकर डॉ के पास जाती है और फिर कुछ देर बाद पवन के पास वहीं नर्स आती है।

नर्स - मिस्टर पवन आपको डॉ अंदर बुला रहे है।

पवन - जी मैं अभी आता हूँ।

पवन समझ जाता है कि अवनी की रिपोर्ट आ चुकी है। पवन ने इस रिपोर्ट के बारे में फैमिली को कुछ नहीं बताया ताकि उन्हें बाद मे किसी तरह की उदासी का सामना न करना पड़े।

डॉ - हैलो डॉक्टर।

डॉ - मिस्टर पवन, आइए यहां बैठ जाइए।

पवन -(जिज्ञासा से) आ... डॉक्टर क्या अवनी की रिपोर्ट आ चुकी हैं?

डॉक्टर - हाँ बिल्कुल आ गई हैं।

पवन - क्या अवनी..?

डॉक्टर - पवन, अवनी का यूटेरस पहले से ज्यादा मजबूत है।

पवन - तो अवनी...

डॉक्टर - ( मुस्करा कर) पवन, इट मीनस अवनी इज़ प्रेग्नेंट।

पवन - (चौंक कर) आ.. डॉक्टर आर यू श्योर?

डॉक्टर - हाँ पवन मैं श्योर हूँ बल्कि अवनी एक महीने पहले से ही प्रेग्नेंट है।

पवन इस खबर को सुनकर बहुत खुश हो जाता है।

पवन - डॉक्टर थैंक यू, आपने मुझे बहुत अच्छी खबर दी है। मैं आपका बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ।

डॉक्टर -( मुस्कुरा कर) कांग्रेच्लेशनस पवन।

पवन- थैंक्स डॉक्टर। आ... डॉक्टर अवनी कब तक डिस्चार्ज होगी?

डॉक्टर - पवन अब एक बार अवनी को होश आ जाए फिर हम अवनी को चेक करेंगे और फिर सब ठीक होगा तो उन्हें कल ही डिस्चार्ज कर देंगे, ओके।

पवन - (खुश होकर) ओके डॉक्टर।

पवन की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं है, पवन बाहर आ कर ये गुड न्यूज सबको देता है।

पवन की माँ - पवन क्या बात है, तुम डॉक्टर के पास थे ना?

पवन - (खुश होकर) माँ आप दादी बनने वाली हैं।

पवन की बात सुन सभी घर वाले चौंक जाते हैं और पवन के पास आकर उससे पूछने लगते हैं।

पवन की माँ - (हैरान होकर ) पवन ये तुम क्या कह रहे हो?

अवनी की माँ - (मुस्कराते हुए) पवन ये सच है?

पवन - (उत्सुक होकर) माँ मैं ठीक कह रहा हूँ, आप दोनों दादी नानी बनने वालीं हैं।

जब सभी ना उम्मीद हो चुके थे तब उन्हें एक उम्मीद ने फिर से रोशन कर दिया, पवन के पिता और पवन खुश होकर गले लग जाते हैं।

पवन के पिता - पवन मेरा बेटा।

रूपेश - (मुस्कराते हुए) भाई कांग्रेच्लेशनस ।

पवन - शुक्रिया मेरे भाई।

सभी लोग आपस में गले लग कर अपनी खुशी एक दूसरे से जाहिर करते हैं, काफी दिनों बाद अवनी के घर वो रौनक आई है जिसकी उम्मीद अवनी और पवन ने हाल ही में छोड़ दी थी। पवन कुछ देर बाद फैमली मे सभी को वापस घर भेज देता है।

पवन - आप सभी अब घर जा कर आराम कर लें, बहुत रात हो गई है।

अवनी की माँ- बेटा मैं भी यही रुक जाती हूँ।

पवन- नहीं मैं हूँ यहा, अवनी भी ठीक है तो आपको रुकने की क्या जरूरत, आप जाइए आराम करे और फिर कल तक अवनी भी घर आ जाएगी।

सभी घर जाने लगते हैं।

पवन - माँ, आप सब घर में अवनी के वेलकम की तैयारी भी कर लेना।

पवन की माँ -( मुस्करा कर) हाँ बेटा जरूर।

पवन सभी को घर भेज देता है, पवन अवनी के पास आकर बैठ अवनी को निहारता रहता है।

पवन - अवनी मेरी जान। ओह! अवनी उठ जाओ, मैं तुम्हें बहुत कुछ बताना चाहता हूँ।

पवन वहीं अवनी के पास उसका हाथ पकड़े हुए सो जाता है। अवनी सूरज की पहली किरण के साथ- साथ होश में आती है, और पवन को अपने नजदीक सोते हुए देख उसके सिर को सहलाने लगती है।

अवनी - ओह! पवन तुम्हें मेरे लिए क्या क्या नहीं झेलना पड़ा।

पवन कच्ची नींद में होने के कारण अवनी के सहलाने से उठ जाता है।

पवन - अवनी तुम उठ गई। अवनी अब कैसा लग रहा है तुम्हें ?

अवनी - मैं ठीक हूँ, तुम मुझे ऐसे क्यों देख रखे हो पवन? ठीक है मैंने तुम्हें परेशान कर दिया लेकिन इस पर मेरा तो बस नहीं है।

पवन - (मुस्कराते हुए) हाँ सही कहा, इस पर किसी का भी बस नहीं है अवनी।

अवनी - पवन तुम यहाँ अकेले हो?

अवनी उठ कर बैठ जाती है।

पवन - हम्म! एक्चुअली मैंने ही सबको घर भेज दिया, तुम्हारी तबीयत भी ठीक थी तो सब चले गए।

अवनी - अच्छा, मुझे क्या हुआ था पवन?

पवन - (मुस्कराते हुए ) तुम्हें? कुछ खास नहीं बस कमज़ोरी थी।

अवनी - पवन और तुम ऐसे क्यों मुस्करा रहे हो?

पवन अवनी के नजदीक आकर उसकी जुल्फों को हल्के से पीछे करता है।

पवन - (मुस्कराते हुए) क्योंकि बात ही ऐसी है।

अवनी पवन का हाथ नीचे कर देती है।

अवनी - बताओ ना पवन ।

पवन अवनी का हाथ उसके पेट पर रख कर मुस्करा देता है।

पवन - अवनी क्या तुमने कुछ महसूस किया?

अवनी अपने पेट को देखने के बाद पवन को देख हैरानी से कहती है।

अवनी -( हैरान होकर) पवन!

पवन अवनी के पास बैठ कर उसे सब कुछ बताता है।

पवन - हाँ अवनी।

अवनी - (हैरानी से) पर ये कैसे मुमकिन है पवन? नहीं! ये मुमकिन ही नहीं है, ये एक ख्वाब है।

पवन - (उत्साहित होते हुए) हाँ अवनी ये मुमकिन है, तुम माँ बनने वाली हो और मैं पापा अवनी।

अवनी पवन के गले लग कर रोने लगती है।

अवनी - (रोते हुए) पवन तुम सच कह रहे हो? मैं प्रेग्नेंट हूँ पवन।

पवन - हाँ अवनी ये सच है।

अवनी -( रोते हुए) पवन।

पवन अवनी के आँसू पोंछता है।

पवन - तुम अब भी रो रही हो, मैंने तुम्हें इतनी अच्छी ख़बर सुनाई और उसके बदले क्या ये आंसू मिलेंगे मुझे ?

अवनी - (मुस्कराते हुए) मैं नहीं रो रही पवन, अब तो खुशियां आई हैं, इनका स्वागत मैं रो कर नहीं करूंगी।

पवन - अवनी डॉक्टर का कहना है कि तुम एक महीने पहले से ही प्रेगनेंट हो।

अवनी -(हैरान होकर ) क्या! सच में ।

पवन - हाँ अवनी ।

खुश होकर अवनी पवन के गले लग जाती है।

अवनी-कितना सुकून मिला है मुझे ये सब सुन कर पवन मैं तुम्हें बता नहीं सकती।

पवन - (मुस्कराते हुए) हाँ अवनी बहुत सुकून है इस ख़बर मे, तुम देखना अब यही सुकून हमारी जिंदगी मे भी होगा।

अवनी - हम्म!

पवन - अवनी तुम अब आराम करो चलो लेट जाओ, अच्छे से सो जाओ ताकि हम घर जा सके।

अवनी पवन का एक हाथ पकड़ कर सो जाती है।

अवनी - हम्म!

कुछ देर बाद डॉक्टर अवनी को देखने आते हैं।

डॉक्टर - मिसीस अवनी, तो अब कैसा फील कर रहीं हैं आप?

अवनी - जी डॉक्टर अब बेहतर लग रहा है।

डॉक्टर अवनी की पल्स चेक करने के बाद ग्लूकोज हटा देते हैं।

डॉक्टर - हम्म! हमे भी आप अब ठीक लग रही हैं।

पवन - डॉक्टर तो अवनी को डिस्चार्ज कब तक मिल जाएगा।

डॉक्टर - अब ये ठीक हैं इन्हें और यहा रुकने की जरूरत नहीं है, बस इनके खाने पीने का ध्यान रखना होगा, आप काउंटर पर जा कर कुछ पेपर्स सिग्नेचर कर दे।

पवन - जी डॉक्टर।

डॉक्टर- टेक केयर अवनी।

पवन -अवनी मैं पेपर वर्क कम्प्लीट करके आता हूँ।

अवनी - ओके।

पवन और अवनी एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं और अवनी की छुट्टी हो जाती है, दोनों घर आकर देखते हैं कि घर को खूब अच्छे से सजाया हुआ है। अवनी का वेलकम खूब अच्छे से किया जाता है। घर में सभी अवनी को आशीर्वाद देते हैं, अवनी का दिल सभी को देख बहुत खुश हो जाता है।अवनी कहती है -

(मुस्कराते हुए) पवन तुमने सही कहा था, सब्र का फल हमेशा मीठा होता है।

पवन - (मुस्कराते हुए) हाँ अवनी, सब्र का फल हमेशा मीठा होता है।

समाप्त