The Author Singh Pams फॉलो Current Read कैदी - 6 By Singh Pams हिंदी कुछ भी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books और मैं साहित्यकार बन गया और मैं साहित्यकार बन गया (एक सच्ची कहानी) मुझे जीवन में... Aapke Aa Jaane Se - 1 Episode 1: Dashing Entrance हर सुबह वही सूरज उगता है, पर उसक... जीवन सरिता नौन - ६ नौं सौ रसियों की रसभीनी, मन अबनी सरसाई। गौरव बांटत दोनों कर,... मोमल : डायरी की गहराई - 21 पिछले भाग में हमने देखा कि मोमल और अब्राहम की शादी की पहली र... नक़ल या अक्ल - 65 65 जवाब अब उसने गुस्से में हरीश की कमीज का कॉलर पकड़ते हुए... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Singh Pams द्वारा हिंदी कुछ भी कुल प्रकरण : 11 शेयर करे कैदी - 6 1.3k 2.5k और सानव कोको अब यह महसूस हो रहा है कि जैसे उसका शरीर भाड़े पर ली जमीन की तरह हैं जिसका मालिक जमीन लौटाने से पहले पूरी तरह से दोहन कर लेना चाहता हो कभी-कभी तो मालिक खुद रौदंता कभी उसके रिश्तेदार और कभी-कभी मालिक के घर में आये हुए महमान ऐसा रौदते जैसे कोई बच्चा अपने पंसद के खिलोने को खेलने के बाद तोड मरोड़ कर फैंक देता है और घर की औरतो से किसी बात की उम्मीद करना ही बेकार था ऐसे घिनौने काम के लिए इस घर की औरतें पुरषों से कही आगे थी क्योंकि वे नही जानती की इस बात वे खुद ही अपने मर्दो को इस बात के प्रोत्साहित कर रही है जो की बाद भले ही इन की पत्निंियों को पछताना क्योों ना पडे़ सानवी का शारीरिक शौषण भले ही इस घर के राजेश के रिश्तोतेदार मिलकर करते थे लेकिन लेकिन सानव की कोई गलती ना होते हुए भी राजेश के घर की औरते सानव पपर तरह तरह के अत्याचार करती दिन भर सानवी से कोल्हू के बैल की तरह काम करवाती और खाने के नाम सुखी रोटी-दाल भी बडी मुुश्कि से देती और पूरे दस साल तक सानवी को राजेश ने अपने घर रखा बहुत यातनाएं सही थी सानव ने राजेश के घर और दस साल के बाद किसी काम नही रह गयी कह कर सानवी को सानवी के माता-पिता के पास छोड दिया गया था और इन दस सालों में सानवी ने तकरीबन आठ गर्व्भपा करवाये थे और पता कितने जुर्म सहे होगे सानवी ने राजेश के घर मे जब सानवी राजेश के घर में थी तभ सासानवी दो तीन बार सानवी ने एन जी ओ की दीदी से बात भी की थी लेकिन उस एन जी ओ बाली दीदी क भी राजेश ने बेइज्जती कर के घर से निकल दिया लेकिन जाते-जाते एन जी ओ बाली दीदी ने एक कागज पर अपना फोन नंबर लिख कर सानवी के पास पहुंचा गयी थी और सानवी ने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की हुई थी जो आज काम आ गयी थी और सानवी ने फोन नंबर याद कर लिया था और कागज फाड़ दिया फैक दिया था और बैसे भी सानव राराजे के शहर ग्वालियर में सानवी के लिए छुप कर रहना ठीक नहीं था और बैसे भी राजेश ने और राजेश के रिििश्तेदारों ने सानवी का पूरा शरीर नोच नोच कर अधमरा तो पहले ही कर दिया था तो अब सानवी राजेश के किसी काम की नही रह गयी थी और सानवी ने अपने माता-पिता के पास बापस आ गयी थी और सानवी की बहन चाांदनी भी अपने पहले खरीददार के घर से पांच साल पूरे करके आ चुकी थी और चांदनी को इन पांच सालों में एक बेटी को जन्म दिया और अब वो बच्ची भी चांदनी के साथ बापस आ गयी थी क्योंकि चांदनी को जो इंसान खरिदकर ले गया था उसने चांदनी की बेटी को नही अपनाया था और अब तक सानवी और चांदनी दोनों बहनें समझ गयी थी की अब कोई और ग्राहक मिलते ही हमारे माता-पिता हमे बापस किसी और को बेचन की तैयारी कर रहे होगे क्रमशः ✍️ ‹ पिछला प्रकरणकैदी - 5 › अगला प्रकरण कैदी - 7 Download Our App