सबा - 3 Prabodh Kumar Govil द्वारा मनोविज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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सबा - 3

दोनों की घनिष्ठता बढ़ने लगी और अब उनकी यही कोशिश रहती कि जब भी मौक़ा मिले, वो कहीं न कहीं मिलने की योजना बनाएं।
लड़की ने एक अकेली महिला का खाना बनाने का जो काम लिया था वो इसी तरफ़ था जहां लड़का काम करता था। भोजन बनाने में जैसे लड़की के हाथ- पैरों में कोई जादू असर कर जाता और वो झटपट काम निपटा कर लड़के की दुकान की ओर दौड़ लगा देती। साइकिल तो थी ही। आननफानन में पहुंच जाती।
जो लड़का पहले पांच बजे भागने को तैयार रहता था और कभी ज़्यादा काम होने पर बेमन से रुकता देखा जाता था वो अब अपनी मर्ज़ी से सात बजे तक बैठा देखा जाता। कभी- कभी तो दुकान में उसके सुपरवाइजर को संदेह हो जाता कि लड़का देर तक क्यों रुकने लगा है! क्या उसे अधिक समय में मिलने वाले ओवरटाइम का लालच हो गया है?
अब वो बेचारा क्या जाने कि लड़के को किस बात का लालच हो गया है।
ये उम्र ही ऐसी थी कि सांझ के झुटपुटे में किसी लड़की का साथ ऐसा लगता था मानो सितारों की छांव में चांद का साथ मिल गया हो।
लड़की आती तो उससे साइकिल वह ले लेता और दोनों बातें करते हुए पैदल ही घर की ओर लौटने लगते।
ना- ना... दोनों का घर एक ही नहीं था बाबा, बिल्कुल अलग- अलग था। एक कैसे हो सकता है? अभी रिश्ता ही क्या था उनका? लड़के के घर की ओर जाने वाले रास्ते पर जब लड़का कुछ संकरी गली में मुड़ता, बस तभी हाथ हिला कर लड़की भी उसके हाथ से साइकिल लेती और उड़न छू हो जाती।
- तू जिन आंटी के घर काम करती है, वो क्या करती है? एक दिन लड़के ने पूछा।
- मैं क्या जानूं।
- वो शादी शुदा है या अकेली है? ये तो पता होगा!
- तेरे को क्या करने का?
- अरे पर शादी शुदा औरत तो पहचान में आती है न, तू पहचान नहीं सकती क्या? लड़का थोड़ा झुंझलाया।
- मैंने कभी पूछा नहीं। बूढ़ी है रे। होगी कोई पैंतीस चालीस साल की।
लड़के ने हंसते हुए ठिठोली की - पैंतीस साल की औरत बूढ़ी होती है क्या? तू हो जायेगी पैंतीस में बूढ़ी?
लड़की झेंप गई।
- तुझे मालूम है मैं बाइस साल का हूं। और दस बारह साल में मुझे बुड्ढा बोलेगी क्या?
लड़की शरमा गई।
- बीस की तो मैं भी हूं, लड़की ने बात बदलते हुए कहा।
- मेरा दोस्त बोलता है कि औरत बच्चा पैदा न करे तो कभी बूढ़ी नहीं होती।
- ये उसके हाथ में है क्या?
- फिर किसके हाथ में है?
- धत! लड़की ने लड़के की पीठ पर एक धौल जमा दिया। लड़का इसके लिए तैयार नहीं था। एकाएक उसके हाथ में पकड़ी साइकिल का हैंडल डगमगा गया। लड़का गिरते - गिरते बचा।
लड़की ज़ोर से हंसी। फिर बोली - ले हो गया बूढ़ा!
लड़का तब तक संभल चुका था। कुछ संयत होकर बोला - मेरा दोस्त बोलता है ये फालतू काम है!
- क्या?
- बच्चा पैदा करना!
- पैदा नहीं करेगा तो क्या बाज़ार से ख़रीद कर लायेगा ? लड़की ने उसकी मज़ाक बनाते हुए कहा।
- क्यों लायेगा? क्या करना है।
- तो शादी क्यों की?
- किसने?? लड़का चौंक गया।
- तेरे दोस्त ने!