हिंदी मनोविज्ञान कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें होम कहानियां मनोविज्ञान कहानियां फ़िल्टर: श्रेष्ठ हिंदी कहानियां सबा - 18 द्वारा Prabodh Kumar Govil राजा ने बिजली को अपनी बांहों में लेकर भींच रखा था। बिजली की आंखें बंद थीं और उसे लग रहा था कि उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सुख थोड़ी ... सबा - 17 द्वारा Prabodh Kumar Govil रास्ते भर बिजली कुछ न बोली। वह किसी कठपुतली की तरह साथ चलती रही। उसने अपने चेहरे को इस तरह ढक रखा था कि वो तो उन सबको अच्छी ... सबा - 16 द्वारा Prabodh Kumar Govil चमकी को इसमें कोई भी परेशानी नहीं हुई। परेशानी क्या होनी थी। पुलिस थाना था भी पास में, और उसमें काम करने वाले विक्रम अंकल तो उसकी एक सहेली ... सबा - 15 द्वारा Prabodh Kumar Govil - तू चलेगी?- कहां!- मेरी सहेली के घर।- क्यों, क्या है वहां? बिजली ने कहा।- आज उसकी सगाई है रे। चमकी ने चहकते हुए कहा।- तो मैं चल कर ... सबा - 14 द्वारा Prabodh Kumar Govil शाम का धुंधलका सा था। बिजली छत के एक कौने में मुंडेर पर सिमटी- सिकुड़ी बैठी थी कि चहकती हुई चमकी ऊपर आई।आते ही शुरू हो गई, बोली - ... सबा - 13 द्वारा Prabodh Kumar Govil मैडम धाराप्रवाह बोल रही थीं और बिजली उनके सामने चुपचाप बैठी कौतुक से उनकी बात सुन रही थी। कभी- कभी जब बिजली को मैडम की बात बहुत ही अटपटी ... सबा - 12 द्वारा Prabodh Kumar Govil बिजली तीन दिन से घर से बाहर नहीं निकली थी। घर में भी वो या तो चुपचाप एक कौने में गुमसुम उदास बैठी रहती या फिर तंग सीढ़ियों के ... सबा - 11 द्वारा Prabodh Kumar Govil और कोई दिन होता तो शायद राजा इस तरह बिजली को यहां आते देख कर उस पर गुस्सा हो जाता कि वो यहां क्यों चली आई।लेकिन आज उसे बिजली ... मेरे ज़ज्बात द्वारा Arya Tiwari ज़ज्बात ऐसे होते है जिसको समझना और समझा पाना दोनो बहुत ही कठिन होते है खासकर जब, हम चाहते हो कि कोई समझे और हम उसके साथ अपना दर्द ... सबा - 10 द्वारा Prabodh Kumar Govil राजा कुछ बेचैन सा था। दोपहर बाद जब ग्राहकों की भीड़ कुछ कम हुई तब वह कौने वाले शोरूम तक पहुंच कर एक छोटा सा सुंदर पर्स खरीद भी ... सबा - 9 द्वारा Prabodh Kumar Govil बिजली और राजा की मुलाकातें दिनोंदिन बढ़ने लगीं। लेकिन कभी - कभी दोनों इस संयोग के याद आने पर चिंतित ज़रूर हो जाते थे कि ऐसा क्यों होता है ... सबा - 8 द्वारा Prabodh Kumar Govil आज उनकी छुट्टी थी। शायद इसीलिए वो इतनी शांति और आराम से बैठी थीं। वो कोई किताब पढ़ रही थीं। जब उन्होंने देखा कि बिजली रसोई से अपना काम ... सबा - 7 द्वारा Prabodh Kumar Govil बिजली चलती- चलती रुक गई। उसने आंखें तरेर कर राजा की ओर देखा और बोली - फिर तूने क्या कहा?- मैं क्या कहता, मैं तो चुपचाप बैठा रहा। राजा ... सबा - 6 द्वारा Prabodh Kumar Govil क्या इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि इश्क सबसे पहले इंसान की नींद उड़ाता है। रात इतनी गहरी हो गई पर बिजली को नींद ही नहीं आ रही थी। ... सबा - 5 द्वारा Prabodh Kumar Govil लड़की रात भर न सो सकी। रह रह कर यही सोचती रही कि दीदी ने उन्हें कब और कहां देख लिया। लड़के का नाम उन्होंने कैसे जान लिया जबकि ... सबा - 4 द्वारा Prabodh Kumar Govil आज लड़का नहीं आया। लड़की पेड़ के नीचे अपनी साइकिल लिए बहुत देर तक खड़ी रही। बार- बार उस सड़क की ओर देखती जिससे लड़का आया करता था पर ... आप एक नदी में दोबारा नही जा सकते।। द्वारा Ankit kumar प्रसिध्द ग्रीक दार्शनिक Heraclitus की ये पंक्तियाँ आज भी बेहद प्रासंगिक है | उपरोक्त कथन दर्शाता है कि इस दुनिया में केवल एक चीज़ हमेसा से वर्तमान /available है ... सबा - 3 द्वारा Prabodh Kumar Govil दोनों की घनिष्ठता बढ़ने लगी और अब उनकी यही कोशिश रहती कि जब भी मौक़ा मिले, वो कहीं न कहीं मिलने की योजना बनाएं। लड़की ने एक अकेली महिला ... सबा - 2 द्वारा Prabodh Kumar Govil इस मुलाकात में दोनों कुछ खुल गए। एक दूसरे के बारे में जानकारी भी हासिल कर ली। अब जब कभी काम से सुविधा होती, दोनों कुछ दूर के एक ... सबा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil - तेरी पगार कितनी है? - तीन हज़ार! - महीने के? - और नहीं तो क्या, रोज़ के तीन हज़ार कौन देगा रे मुझको? - ऐसा मत बोल, दे ... चुप्पियों का कथाकार - अर्नेस्ट हेमिंग्वे द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla चुप्पियों का कथाकार – अर्नेस्ट हेमिंग्वे 21 जुलाई 1899 को जन्मे अर्नेस्ट हेमिंग्वे उन कालजयी लेखकों में शामिल रहे जिन्होंने ताजिन्दगी युद्ध की विभीषिका को जिया और जो जिया ... About Shruprra Psychology द्वारा Rudra S. Sharma To,meet@sandeepmaheshwari.comमहत्वपूर्ण पहले मैं नहीं बल्कि मेरा दर्शन और मानसिकता का विज्ञान यानी सुसंगठित और सुव्यवस्थित सभी नश्वर इंद्रियों के स्थान पर शाश्वत ज्ञान या अनुभूति के माध्यम् से प्रमाणित, ... जागृति आवाहन द्वारा Rudra S. Sharma ।। पत्र ।। बात मन के भावनात्मक दायरें से निकली हैं, बुद्धि आदि के आयाम से, बिना भावनात्मक आयाम के, समझ नहीं आ सकती। कृष्ण की कृष्ण से सामंजस्य ... Reality Of So Called Reality द्वारा Rudra S. Sharma ।। पत्र ।।क्या किसी के भी प्रति पूरी तरह जाने बिना उसके लियें राय बना लेना सही हैं, तुम्हारे लियें यदि कोई ऐसा करें तो क्या तुम्हें ठीक महसूस ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी चित्तानुभूति आत्मानुभूति की परिणामस्वरूपितता हैं। द्वारा Rudra S. Sharma (), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकता को आकार दें सकती हैं अतः मुक्ति की ... जीवन कैसे जिएं? - 2 द्वारा Priyanshu Jha जैसा कि आपने पहले संत श्री दयानंद जी के साथ माया की मुलाकात के बारे में पढ़ा था और इसका उन पर गहरा प्रभाव पड़ा था, आइए हम ... जीवन कैसे जिएं? - 1 द्वारा Priyanshu Jha माया, अपने बीस के दशक के अंत में एक युवा पेशेवर, हमेशा एक जिज्ञासु और आत्मविश्लेषी व्यक्ति रही है। उसने खुद को लगातार जीवन के गहरे अर्थ और अपने ... जैस्पर की दुनिया द्वारा Ankit kumar एक बार एलिसिया की जादुई भूमि में, जैस्पर नाम का एक शरारती प्रेत रहता था। जैस्पर में परेशानी में पड़ने की आदत थी, लेकिन वह अपनी बुद्धि और आकर्षण ... आधुनिकता Vs आध्यात्मिकता द्वारा Ankit kumar विषय -: आधुनिकता vs आध्यात्मिकता " पूरी तरह से अस्तित्व में रहने के लिए आपको वास्तव में आधुनिकता की आवश्यकता नहीं है। आपको आधुनिकता और आध्यात्मिकता के मिश्रण की ... जीवन का फलसफा द्वारा S Sinha जीवन का फलसफा अक्सर लोग नैतिक मूल्यों की बाते करते हैं . जब पेट भरा रहता है और लाइफ कंफर्टेबल होती है तभी ऐसी बातें सुनने में ... एक छोटा सा गांव अजीब घटनाओं की एक श्रृंखला से ग्रस्त है द्वारा Deepak Singh एक छोटा सा गांव अजीब घटनाओं की एक श्रृंखला से ग्रस्त है उत्तर भारत की सुदूर पहाड़ियों में कदम का गाँव अपनी प्राकृतिक सुंदरता, उपजाऊ भूमि और मेहमानन उत्तर ... बदरंग जीवन के उजले रंग द्वारा bhagirath वह अक्सर उन लोगों की रिक्वेस्ट मंजूर करता है जो पत्रकार हो, साहित्य से जुड़े कवि, कथाकार या व्यंग्यकार हो। कलाकार हो तो उनकी रिक्वेस्ट भी स्वीकार कर लेता ...