नान linear व्यवहार आदि Review wala द्वारा मनोविज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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नान linear व्यवहार आदि

नॉन लीनेयर् व्यवहार और आचरण 

    नॉन लीनेयर् किसे कहते हैं?
यह एक तकनीकी विषय है पर इसे अलग तरह से परिभाषित करने की कोशिश करूँगा। उदाहरण के तौर पर......
  १,३,५ सीरीज  हैं लीनेयर्
  १,४५,६७,३४ कोई सीरीज हो तो नॉन linear कही जायेगी। 
   यूँ समझिये कि नॉन लीनेयर्  मे एक और एक दो नही होते,ग्यारह,पचास आदि कुछ भी हो सकते हैं। 
       क्या  संगीत गणित के नियम से बनाया जाता हैं?
   क्या इच्छाओं या व्यवहार का कोई पैटर्न होता है? नहीं होता ना , इसीलिए यह आवश्यक है कि अपने विचारोंऔर इच्छाओं का विश्लेषण करे 
   कुछ ऐसी होंगी जो पूरी हो ही नहीं सकती उन्हें अलग कर दें। कुछ तो बहुत साधारण होगी। कुछ बहुत अजीब होंगी। इन टेंडेंसि को अच्छी तरह परखें...कुछ तो एक प्रकार से इंपॉसिबल होगी । 
   Non linear  इच्छाएं कैसी होंगी? 
Non linear यानी उचित,अनुचित सब कुछ

    आप को कुछ लोग मिलेंगे जो बड़ी से बड़ी विपत्ति झेल लेंगे पर ठन्डे पानी से डर लगेगा। 
      या जैसे ज़रा से प्रोवोक् करने से ही फट पड़ेंगे जैसे बहुत गलत बोल दिया गया हो या कर दिया गया हो।
    यह सच है कि हर व्यक्ति की सहनशीलता और प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं। आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें:

    विपत्तियों का सामना और ठंडे पानी का डर

कुछ लोग जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याओं का सामना बड़ी हिम्मत और धैर्य से करते हैं। वे आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं, या व्यक्तिगत हानि जैसी विपत्तियों को सहन कर लेते हैं। लेकिन जब बात ठंडे पानी में नहाने की आती है, तो वे डर जाते हैं। यह डर अक्सर मनोवैज्ञानिक होता है और इसका संबंध व्यक्ति के बचपन के अनुभवों या किसी विशेष घटना से हो सकता है।

    प्रोवोक होने पर तीव्र प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं। जैसे ही कोई उन्हें थोड़ा सा भी उकसाता है, वे फट पड़ते हैं। यह प्रतिक्रिया अक्सर उनकी आंतरिक भावनाओं और मानसिक स्थिति का परिणाम होती है। हो सकता है कि वे पहले से ही तनाव में हों या उनके अंदर कोई पुरानी नाराजगी हो, जो छोटी सी बात पर बाहर आ जाती है।

    मनोवैज्ञानिक पहल 
हर व्यक्ति के जीवन में कुछ अनुभव होते हैं जो उनकी प्रतिक्रियाओं को आकार देते हैं। 
           मनोवैज्ञानिक स्थिति 
व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी उसकी प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करती है। तनाव, चिंता, और अवसाद जैसी स्थितियां व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं।
   सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
समाज और संस्कृति भी व्यक्ति की सहनशीलता और प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करते हैं। 

हर व्यक्ति की सहनशीलता और प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं। यह उनके व्यक्तिगत अनुभवों, मानसिक स्थिति, और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभावों पर निर्भर करता है। हमें दूसरों की भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को समझने और उनका सम्मान करने की कोशिश करनी चाहिए।

इस विषय पर एक कविता पेश किया है.. 
कार,ट्रक या रिक्शा नही है लोग
खुद ही खुद से टकराते हैं लोग
अजीब सी दास्तां हैं यह सुनो यारो
अपने अहम से टकरा जाते हैं लोग
किसी को क्या बताएं इस हादसे का यारो
खुद ब खुद क़त्ल हो जाते हैं टकरा के लोग
कोई गाड़ी नही यह अहम भी खतरा है जबरदस्त सड़क पे नही खुद ही खुद से टकरा जाते हैं लोग

   सोचिये,यानी कि।