मेरी दूसरी मोहब्बत - 57 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

मेरी दूसरी मोहब्बत - 57

Part 57: Lover Returns

वंशिका को देखकर पवन के माता पिता बहुत हैरान हो जातें है, वह यही सोचें रहे होते हैं की आखिर वंशिका यहां आई कैसे?? फिर योगेंद्र जी फिर अवनी की तरफ देखते हैं और वो चौंक जाते है क्योंकि अवनी पवन और वंशिका को देखकर मुस्कुरा रही होती है,तो वह समझ जाते हैं कि जरूर इसके पीछे अवनी हैं उसी ने कुछ ऐसा किया जिसकी वज़ह से वंशिका यहां पर है।

वंशिका ( emotional हो के)-यह क्या हालत हो गई है तुम्हारी मुझे अवनी ने letter लिखकर सब बता दिया है कि तुम्हारे साथ क्या हुआ है, और जब मैंने यह सुना तू मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीधा इंडिया आ गई मुझे नहीं पता था कि तुम मुझसे आज भी इतना प्यार करते हो जितना पहले करते थे? और मुझे पागलों की तरह याद‌ करते हो?

अब जब मैंने तुम्हें देखा तो मुझे सांस में सांस आई है और यह ये सब क्या है पवन तुम दवाइयां क्यों नहीं ले रहे हो? अगर तुम दवाइयां नहीं लोगे तुम ठीक कैसे होंगे??और ठीक नहीं होंगे तो हम साथ में वक्त कैसे बिताएंगे? इसलिए तुम्हारे ठीक होना बहुत जरूरी है, पवन आओ इधर आओ यहां बैठो और यह दवाइयां सबसे पहले खाओ बाकी की बातें हम बाद में करेंगे।

तभी वंशिका( पवन के माता पिता से कहती है)- आप चिंता मत कीजिए मैं आ गई हूं ना पवन बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा।

योगेंद्र जी-हां बेटा हम यही उम्मीद करते हैं कि हमारा बेटा जल्द से जल्द ठीक हो जाए और तुम जितने दिन चाहो आराम से यहां रह सकती हो हमें कोई problem नहीं है, आखिर तुम मेरे बेटे के लिए यहां आई हो, और यह तुम्हारा हमपर एक तरह से एहसान है।

वंशिका-नहीं नहीं अंकल इसमें एहसान की कोई बात नहीं है यह सब मैंने पवन के लिए किया है, आखिर कभी हमारे बीच में कोई रिश्ता था, हां वो बात अलग है कि वह रिश्ता आगे तक चल नहीं पाया, पर मैं उसे रिश्ते की खातिर पवन के लिए यहां आई हूं,उसके लिए अगर कुछ कर सकूं तो मेरे लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती हैं।

फिर वंशिका पवन से बात करने लग जाती है और योगेंद्र जी अवनी की तरफ जाते हैं और उससे कहते हैं,

योगेंद्र जी-बेटा तुम यह सब कैसे कर लेती हो इतनी हिम्मत तुम्हारे अंदर आती कहां से है ?

तुमने खुद उसे यहां बुलाया क्या तुम अपनी आंखों के आगे ये सब देख पाओगी पवन को वंशिका की इतने करीब है? और तुम ये भी जानती थी कि वंशिका के आने के बाद पवन बिल्कुल भी ध्यान नहीं देगा तुमपर यह सब जानते हुए भी तुमने उसे यहां बुलाया, हम बहुत खुशनसीब हैं कि तुम्हारे जैसी लड़की हमारे जीवन में आई और मुझे पूरा भरोसा है कि तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं होगा पवन को सब याद आ जाएगा और वो सिर्फ तुम्हारा है और तुम्हारा ही रहेगा।

अवनी-हां अंकल जी मुझे सब पता था पर अगर मैं यह सब नहीं करती तो पवन की हालत दिन-पर-दिन बिगड़ती जा रही थी और मेरे लिए पवन से ज्यादा कोई और चीज मायने नहीं रखती मैं बस उसे खुश और सही देखना चाहती हूं, अगर वो कुछ समय के लिए वंशिका के साथ अच्छा महसूस करता है, ठीक हो जाता है, तो मुझसे कोई problam नहीं है,

और वंशिका यहां सिर्फ मेरी मदद करने आई है वह पवन को सब याद दिलाने में मेरी मदद करेगी और हम बहुत जल्द पवन को ठीक कर देंगे फिर सब कुछ सही हो जाएगा अब आप पवन का ध्यान रखिएगा मुझे जाना होगा अवनी यह सब कह कर वहां से जा ही रही होती है,

पवन (अवनी को रोकता है) अवनी जरा सुनो? दरअसल जो मैंने तुमसे गुस्से में कहा उसके लिए मैं तुमसे माफी मांगता हूं, मैंने तुम पर भरोसा नहीं किया thank you so much

तुम्हारी वजह से आज वंशिका मुझे वापस मिली है,और मुझे बहुत अफसोस है कि पता नहीं मैंने तुम्हें गुस्से में क्या-क्या कह दिया हो सके तो मुझे माफ कर देना तुम वाकई में बहुत अच्छी लड़की हो बस मुझे ही समझने में थोड़ा वक्त लग गया।

अवनी-कोई बात नहीं पवन तुमने मुझसे जो भी कहा वो गुस्से में कहा मैं समझ सकती हूं, तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है मुझसे, और अब अपना ध्यान रखना और दवाई समय पर लेते रहना मैं अब चलती हूं।

अपनी वहा से निकल जाती है।

वंशिका ( पवन से कहती है) पवन बहुत दिनों के बाद हम एक दूसरे से मिल रहे हैं तो मैं चाहती हूं कि हम थोड़ा बाहर घूम कर आते हैं क्या तुम मुझे यह सीकर जिला घूम आओगे??

पवन-हां हां क्यों नहीं यह कोई पूछने की बात है चलो मैं तुम्हें बाहर लेकर चलता हूं, पवन और वंशिका घर से बाहर निकलते हैं तो पवन( वंशिका से पूछता है) तो मैडम आप बताइए कि आप कार में जाना पसंद करेंगी कि बाइक पर जैसा आप कहेंगे वैसा ही होगा?

वंशिका-तुम भूल गए कि मुझे बाइक पर बैठना कितना पसंद है कॉलेज में तुम कितना bike पर घुमाया करते थे,तो आज भी मैं bike पर ही बैठूंगी तुम्हारे साथ।

पवन-तो ठीक है मैडम आइए बैठिए??

पवन और वंशिका बाइक पर बैठकर निकल जाते हैं वंशिका पवन से थोड़ा दूरी बनाकर बाइक पर बैठी है

तो पवन (उससे कहता है) कि इतना दूर होके क्यों बैठी हो जरा पास आओ और मुझे कमर से पकड़ो?

वंशिका-तुम्हारी आदत बिल्कुल नहीं गया मुझे शीशे में से देखने की।

फिर वंशिका पवन के पास जाती है और उसे कमर से पकड़ लेती है.

थोड़ी दूर वंशिका ice cream वाले को देखकर पवन से कहती है,

वंशिका-रोको!! रोको!! मुझे ice cream खानी है ??

पवन बाइक रोकता है और दोनों ice cream वाले के पास जाते हैं और दोनों ice cream खाते हैं फिर ice cream खाते खाते दोनों walk पर निकल जाते हैं।

वंशिका-वैसे पवन मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूं जो बहुत देर से कहने की कोशिश कर रही थी, पर हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी वह क्या है ना, कि मुझे नहीं पता था सच में कि तुम मुझे आज भी इतना प्यार करते हो, कॉलेज टाइम पर मैंने तुम्हारे प्यार को समझा ही नहीं और तुम्हारी जगह तुषार से शादी करली, मुझे लगा की वो well settled लड़का है और जिंदगी भर मुझे खुश रखेगा और तब तुम्हारे बारे में सोचा ही नहीं, तुम्हे मैं यूं ही छोड़ कर चली गई, पर कहते हैं ना कि एक गलती इंसान को हमेशा भारी पड़ती है शायद मेरे साथ भी वही हुआ,

तुषार से शादी के बाद मैं लंदन shift हो गई और फिर हमारे बीच कुछ समय तक सब कुछ सही चला, फिर धीरे-धीरे हमारे बीच लड़ाई होने लगी,वह मुझ पर शक करने लगा छोटी-छोटी बात पर मुझसे लड़ने लगा,

एक दिन तो उसने मुझ पर हाथ ही उठा दिया, क्योंकि मैं उसे ज्यादा parties करने से रोकती थी और उसे लगा मैं उससे उसका freedom छीन रही हूं, पर वो ये नहीं समझा की मुझे भी उसका थोड़ा सा time चाहिए था जो वो मुझे बिल्कुल नही देता था बस इसी बात पर दिन हमारी लड़ाई हो गई और उसने मुझ पर हाथ उठा दिया,

और यह चीज मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई मैंने फैसला कर लिया कि मुझे अब इसके साथ नहीं रहना, और फिर हम अलग हो गए और मैंने divorce फाइल किया और अब हमारा Divorce हो चुका है,

मैं अकेली लंदन में रह रही हूं और जब मुझे अवनी की चिट्ठी मिली तो मुझे पता चला कि आज भी तुम पागलों की तरह मुझे चाहते हो और मुझे ढूंढ रहे हो,

बस मैं इस बात का अफसोस कर रही थी कि काश मैंने तुम्हारे प्यार को समझ लिया होता तो आज हम साथ में होते हो सके तो मुझे माफ कर देना मैं सच में तुम्हारी दोषी हूं।

पवन (वंशिका को समझाते हुए)-मैं कुछ भी पुरानी बाते याद नहीं करना चाहता में बस आज मैं जीना चाहता हूं अगर हम पुरानी बाते याद करेंगे तो अपना आज नहीं जी पाएंगे,

इसलिए तुम अब सब कुछ भूल जाओ और मेरे लिए तुम्हारा प्यार अब भी वैसा ही है जैसा पहले था, और जब मैंने तुम्हें अपने घर पर देखा ना तो मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मुझे ऐसा लगा कि मैं अपने होश खो बैठा हूं मुझे लगा कि मैं कोई सपना देख रहा हूं और मैंने तुम्हें बिना कुछ सोचे समझे तुम्हें गले लगा लिया और मैं सोचने लगा कि अगर मैं सपना देख रहा हूं तो यह सपना कभी टूटे ना और मेरी आंख ना खुले,

जब तुमने मेरा हाथ पकड़ा तो मुझे यकीन हो गया कि तुम हकीकत में मेरे सामने खड़ी हो, और मैं यही सोचता रहा कि वो पल बस वही थम जाए, और मैं तुम्हें यूं ही देखता रहूं,

पवन अपने घुटनों पर बैठकर (वंशिका से कहता है)-क्या तुम अब पूरी जिंदगी मेरे साथ बिताना चाहोगी? क्या तुम मुझसे शादी करोगी ? क्योंकि अब मैं तुम्हें दोबारा खोना नहीं चाहता।

वंशिका जब यह सब सुनती है और ये सब दिखती है तो वह कुछ सोच में डूब जाती है और कुछ जवाब नहीं देती,!!

पवन-क्या हुआ वंशिका जवाब दो मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार कर रहा हूं??

वंशिका-पवन मुझे जानकर खुशी हुई कि तुम मुझे से शादी करना चाहते हो सब कुछ जानने के बावजूद भी, पर मैं अभी एक बहुत बड़े trauma से निकली हूं, और मुझे थोड़ा वक्त चाहिए पर इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे शादी नहीं करनी तुमसे,

बस मैं तुमसे थोड़ा वक्त मांग रही हूं क्योंकि मुझे लगता है कि अभी मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूं, मैं उम्मीद करती हूं कि तुम मेरी बात को समझ रहे होंगे??

पवन (मुस्कुराते हुए)-ठीक है वंशिका अगर तुम्हें थोड़ा वक्त ही चाहिए तो ले लो पर अब ज्यादा वक्त मत लेना क्योंकि मैंने पहले ही तुम्हारा बहुत इंतजार किया है,

थोड़ा मेरे बारे में भी सोच लेना और जल्दी जवाब दे देना, क्योंकि तुम्हारे लिए अभी सब कुछ करना थोड़ा मुश्किल हो रहा होगा, तो कोई बात नहीं तुम अपना वक्त लो और मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा??

वंशिका- thank you so much कि तुमने मुझे समझा।

( वंशिका पवन के गले लग जाती है।)

क्या पवन वंशिका से शादी कर लेगा पवन और अवनी की प्रेम कहानी खत्म हो जाएगी??