मेरी दूसरी मोहब्बत - 46 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 46

Part - 46 Awani ka shak

साथ में सब डिनर टेबल पर बैठे गप्पें मार रहे होते हैं अनुज बिल्कुल पवन की तरह मजाकिया अंदाज में बातें करता है और सब को हंसाता है इसे घर वालों को तो यकीन हो चुका था कि वह पवन ही है,

तभी पवन के पापा अचानक बोलते हैं- अवनी कहां है??कहीं दिखाई नहीं दे रही!!!

सुरेश जी- वह इस समय टेरिस पर होती है पता नहीं शुरु से आदत है उसे वहां अकेले बैठने की पक्का कुछ ना कुछ सोच रही होगी,

अनुज- तो ठीक है मैं उसके पास जाता हूं और पता करता हूं कि वह क्या सोच रही है,

सुरेश जी हंसते हुए जवाब देते हैं,हां बेटा जाओ वैसे आप लोग थोड़ी देर में निकलने वाले हो तो तुम जाकर थोड़ी बातें कर लो उससे।

(अनुज अवनी के पास जाता है )

अनुज- तो यहां बैठी है हमारी मैडम और यहां बैठकर अकेले-अकेले किसके ख्यालों में गुम हैं??

अवनी- एक के ही ख्यालों में गुम हो सकती हूं और वह हो तुम??

अनुज- अच्छा सच में??मुझे लगा था शायद आलोक ने कहीं दोबारा तो कब्जा नहीं कर लिया तुम्हारे ऊपर, आखिर वो मैडम का पहला प्यार जो था,

अवनी- पहला प्यार जरूर था, और माना कि पहला प्यार अनोखा होता है पर आखरी प्यार यादगार होता है,

और मेरा आखिरी प्यार हो तुम मैं तुम्हारी ही यादों में खोए हुए थी,

अनुज- चलो सुनकर बहुत अच्छा लगा मेरी अवनी सिर्फ मेरी है,

अवनी- हां मैं तुम्हारी हूं और तुम्हारी ही रहूंगी, तुम्हें याद हैं यहां टेरेस पर कितनी बातें की है हमारे बीच कितनी नोकझोंक हुआ करती थी, कभी तुम मुझे समझाते थे कभी मैं तुम्हें समझाती थी,

अनुज- हां सब याद है मुझे इस जगह पर हमारी बहुत सी यादें हैं,

 

अवनी- पता है जब तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ और काफी दिनों तक जब तुम यहां नहीं थे तो मैं रोज टेरेस पर आती थी,

 

और बस यही सोचती थी कि तुम जहां भी हो सही सलामत रहो तुम्हारी याद में मैंने यहाँ बहुत टाइम गुजारा है,

 

अनुज- अब तुम यह सब रोने धोने वाली बातें बंद करोगी? सब कुछ ठीक हो चुका है अब मैं तुम्हारे पास हूं और अब कहीं नहीं जा रहा तो यह सब सोचना अब तो बंद कर दो,

 

अवनी- ठीक है बाबा नहीं सोच रही, अच्छा चलो यह बताओ कि मैं हमारी शादी पर में वही जोड़ा पहनूँ जिस जोड़े में तुमने मुझे पहली बार देखा था,

 

अनुज- हां तुम उस पिंक जोड़े में बहुत सुंदर लग रही थी तुम वही जोड़ा पहना जो उस रात पहना था तुमने!!

 

अवनी यह सुनकर थोड़ी हैरान हो जाती है तब वो अनुज से कहती है, मैंने उस दिन लाल जोड़ा पहना था पिंक नहीं और मैं उस जोड़े में तुम्हारे साथ घंटों थी तो तुम कैसे भूल सकते हो?

 

अनुज जब ये सुनता है तो बहुत घबरा जाता है उसे समझ नहीं आ रहा होता हैं कि वह अब क्या जवाब दें, पर वो कोशिश करता है बात को घुमाने की, अरे वह क्या है ना अवनी तुम तो जानती हो मेरी याददाश्त अभी-अभी वापस आइए हैं मुझे याद करने में थोड़ी प्रॉब्लम हो रही है तो इसलिए मैंने लाल को पिंक बोल दिया,

 

अवनी- हां हो सकता है मेरे तो दिमाग से उतर गया था वह उसे कह तो देती है पर यह बात उसके दिलो-दिमाग में बैठ जाती है!

 

अनुज वहां से निकलने की कोशिश करता है- अब चलना चाहिए ना बहुत रात हो गई है तुम चल रही हो मेरे साथ हमें बाहर तक छोड़ने के लिए,

 

अवनी- हां हां जरूर चलो अवनी और अनुज नीचे जाते हैं अनुज के मम्मी पापा अवनी के मम्मी पापा से विदा लेकर निकल जाते हैं

 

अवनी अभी भी उसी बात को लेकर परेशान होती है,

 

(अनुज कार में बैठा-बैठा सोच रहा होता है )

अनुज-अपुन से इतनी गलती कैसे हों गई,अब उस शानी को मेरे ऊपर शक हो जायेगा, अपुन को क्या जरूर थी कलर का नाम बोलना का बोल देता कि हां वही जोड़ा पहन कर थी,

 

अपुन ने उसे कह तो दिया है कि अपुन को याद करने में दिक्कत होती है अपुन को लग रहा है उसे शक हो गया वैसे भी वह बहुत तेज दिमाग की है।

पवन के पापा उससे पूछते हैं- क्या हुआ बेटा अभी भी अवनी के ख्यालों में गुम हो थोड़ा बहुत अपने मां-बाप की तरफ भी ध्यान दे दो?

( वह अनुज से मजाक करते हैं)

 

पवन की मां- क्या आप भी बच्चे से मजाक कर रहे हैं अब उसके साथ इसकी शादी होने वाली है उसके बारे में नहीं सोचेगा तो किसके बारे में सोचेगा,

 

(अवनी सोच में डूबी होती है वो बात उसे बहुत ज्यादा परेशान करती है इसलिए वह रुपेश के पास जाती है और उसे सब बताती हैं),

 

रुपेश- देख अवनी अभी-अभी उसकी याददाश्त वापस आई है और हो सकता है कि कुछ चीजें उसको याद नहीं आ रही इसमें परेशान होने वाली कौन सी बात है और तेरी तो आदत यह छोटी-छोटी बातों पर बहुत बड़ा-बड़ा सोचने की,

चिल कर यार सब ठीक है इतना मत सोच नहीं तो तेरी किसी दिन याददाश्त चली जाएगी,

 

अवनी- तुझसे तो बात ही करना बेकार है, और ये बोल कर वहां से चली जाती है,

मेरा दिल नहीं मान रहा है अगर पवन को अभी भी याद करने में प्रॉब्लम हो रही है तो उसने किसी से कुछ कहा क्यों नहीं उसने मुझे तभी बताया जब,

उसे कलर बताने में गलती हुई यह बात मुझे खटक रही है,

क्या मुझे पवन के घर थोड़े दिन रहना चाहिए इससे मुझे पता चल जायेगा कि पवन की याददाश्त सही में आ गई है या नहीं,

 

क्या पापा मुझे इस बात की इजाजत देंगे कुछ भी बहाना करके उन्हें मना लेती हूं और कल सुबह पवन के घर निकल जाती है मैं अभी जाती हूं और पापा से बात करती हूं,

 

अवनी अपने पापा के कमरे में जाती है, पापा मुझे आपसे कुछ बात करनी थी,

 

सुरेश जी- हां बेटा बिल्कुल बोलो क्या बात करनी है बताओ मुझे पहले अंदर आओ?

 

अवनी अंदर जाती है और अपने पापा से कहती है, पापा मुझे लगता है कि पवन को अभी ठीक से सब कुछ याद नहीं आया है, मैं चाहती हूं कि मैं थोड़ी देर उसके पास रहूं और उसका ख्याल रखूँ, पापा मैं उसके पास जाऊं अगर आप कहे तो??

 

सुरेश जी- बेटा तुम्हारी शादी नहीं हुई और शादी से पहले तुम वहां रहूंगी तुम्हें पता है समाज में इसे सही नहीं मानते, मुझे पता है पापा पर हमारे situation नॉर्मल नहीं है आप जानते हैं,

 

अगर मैं उसके साथ थोड़ी दिन रहूंगी तो क्या पता वह पूरी तरह से रिकवर हो जाए,

 

सुरेश जी- बेटा मैं तुम्हारी बात समझ रहा हूं पवन कि मुझे बहुत चिंता है, तुम कभी-कभी उससे मिलने चली जाना, इससे ज्यादा मैं और कुछ नहीं कर सकता जब तुम्हारी शादी हो जाएगी फिर तुम जो मन में आए वह करना, अब तुम जाओ जाकर सो जाओ,

 

अवनी वहा से चली जाती है, और मन ही मन परेशान हो जाती है पापा ने भले ही मुझे मना कर दिया हों पर मैं कैसे भी करके पवन पर नजर रखूंगी,

 

(अनुज घर पहुंच जाता है और जाकर अपने कमरे में अपनी आई को फोन मिलाता है),

अनुज - तिथे सर्व काही ठीक आहे?

 

अनुज के आई- हां बेटा अभी तक तो सब सही है तुम बताओ वहां सब कैसा चल रहा हैं?

 

अनुज- क्या बताऊं अपुन से आज छोटी सी mistake हो गई वह अपनी आई को सब बताता है।

 

अनुज कि मां-अगर तू ऐसी गलतियां करेगा तो 1 दिन तो हम सबको पकड़वा देगा और हम सब बर्बाद हो जायेंगे।तू समझ रहा है मैं क्या बोल रही हूं? इतना जवाब देने की‌ क्या जरूरत थी चुप रहना था तुझे ।

(वह बहुत गुस्सा हो जाती हैं अनुज पर..).

 

अनुज- अगर अपुन चुप रहता ना तू उस अवनी को अपुन पर शक हो जाता की अपुन उसका पवन नहीं हैं, तू चिंता नाकों कर अपुन सब संभल लेगा।

 

अनुज की आई – तुझे नहीं पता वह लड़की कितनी शातिर हैं अगर उसे पता चल गया तो वह तेरा पीछा नहीं छोड़ेगी? (अनुज की मां अनुज को समझाते हुए कहती हैं)

 

अनुज-मी तुमचे मन खराब करीत नाही? पहले ही अपुन tension में हैं तू और अपुन को tension मत दे।

 

अगली सुबह अनुज बाहर की तरफ जा रहा होता तो सामने अवनी को देख लेता है वह उसे देख कर थोड़ा सा घबरा जाता है उससे पूछने कि कोशिश करता है- तुम यहां सुबह-सुबह क्या बात है मेरे बिना रह नहीं पा रही हो इसलिए सुबह-सुबह मुझसे मिले चली आई,

 

अवनी- ऐसी कोई बात नहीं है, कल रात को अंकल की एक फाइल मेरे घर पर छूट गई, तो मुझे लगा कि शायद कहीं जरूरी फाइल तो नहीं इसलिए वापस करने चली जाती हूं। इसलिए मैं यहां आई हूं तुम ज्यादा खुश मत हो कि मैं तुमसे मिलने के लिए मरी जा रही हूं ।

(अवनी थोड़ा attitude में अनुज को जवाब देती हैं,)

 

दरअसल अवनी के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था, वह पवन पर नजर रखना चाहती थी,उसकी किस्मत ने भी उसका साथ दिया,

पवन के पापा की फाइल उसके घर में छूट गई इसका फायदा उठाकर अवनी पवन के घर आ गई।

 

क्या अवनी सच का पता लगा लेगी और अनुज का पर्दाफाश कर देगी??