मेरी दूसरी मोहब्बत - 39 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 39

Part - 39 Accident

शादी की डेट फिक्स हो जाती है, दस दिन में पवन और अवनी की सगाई होने वाली होती है ये सुन कर पवन और अवनी खुश हो जाते है | दोनों सबके पैर छू कर आशीर्वाद लेते हैं | सभी परिवार वाले ख़ुशी ख़ुशी उनको आशीर्वाद देते हैं, बस पवन की माँ ही होती है जो इस रिश्ते से खुश नही होती है |

पवन के पिताजी अपनी वाइफ को समझा तो लेते है पर पवन की माँ ने अवनी को दिल से नही अपनाया था वो अभी भी यही सोच रही थी कि कैसे तैसे पवन का रिश्ता अवनी से टूट जाए |

पवन - माँ सा आप खुश तो हैं ना ?

पवन की माँ ( निराश होकर ) – हाँ ! खुश ही हूँ |

पवन की माँ अपनी नज़रें चुराती है |

पवन – अच्छा ? अगर ऐसा है तो अपनी नज़रें क्यों चुरा रही हो मुझसे ? आपके चेहरे पे ख़ुशी भी नही दिख रही ?

पवन की माँ – देख बेटा ! तू तो जानता है कि मेरे लिए ये परिवार, हमारे रीति रिवाज़ कितने इम्पोर्टेन्ट हैं | मैं नही चाहती कि एक मामूली लड़की मेरे परिवार को सम्भाल ना पाए और इतने दिनों की मेरी मेहनत ख़राब हो जाए | मैं ये नही कह रही कि अवनी अच्छी लड़की नही है, मुझे पता है वो बहुत अच्छी है पर वो एक राजघराने से नही है, वो सबकुछ कैसे संभालेगी ? बस यही चिंता मुझे खाए जा रही है |

पवन – माँ ! आपको मेरी चॉइस पर भरोसा नही है |

माँ – ऐसी बात नही है बेटा !

पवन – माँ मुझे पता है आप बस परिवार कि चिंता कर रही हो ! पर अवनी बहुत अच्छी लड़की है ! अरे उसने अकेले कैलिफ़ोर्निया में सब कुछ संभाल लिया था, जहाँ सब जाने के सपने देखते हैं | वो यहाँ भी संभाल लेगी, आप बिलकुल भी चिंता मत कीजिये | और रही बात रीति रिवाजों की तो आप तो हो ही ना | आप सिखा देना उसे |

माँ – ठीक है ! तू इतना कहता तो मैं एक बार अवनी को मौका देती हूँ | सिर्फ तेरे कहने पे | तेरी ख़ुशी से बढ़ कर मेरे लिए कुछ नही है |

पवन – thank you so much मेरी प्यारी माँ ! I love you

माँ ( हस्ते हुए ) – धत्त पागल !!

पवन – अच्छा माँ ! मुझे एक छोटा सा काम है | मैं जल्दी से उसी पूरा करके आता हूँ !

माँ – अरे बता के तो जा कि कहाँ जा रहा है |

पवन वहां से चला जाता है | अवनी को एकदम से घबराहट होने लगती है | उसका दिल घबराने लगता है |

अवनी की माँ – अवनी क्या हुआ ?

अवनी – कुछ नही माँ ! अजीब सी घबराहट हो रही है

अवनी की माँ – ले पानी पी | तू जादा मत सोच, गर्मी की वजह से घबराहट हो रही होगी |

अवनी ( पवन की माँ से ) – आंटी जी ! पवन कहाँ है ?

पवन की माँ – वो कुछ काम से बाहर गया है | थोड़ी देर में आ जायेगा |

पवन के पिता जी – इस वक़्त ? ऐसे बिना बताये कहाँ चला गया ?

पवन की माँ – पता नही ! मैंने पूछा तो बोला जल्द आऊँगा पर बताया नही |

सुरेश जी – जरुर कोई जरूरी काम आ गया होगा, आजायेगा पवन |

फिर अवनी का परिवार वहां से विदा लेता है |

सुरेश जी – अच्छा तो हम चलते है |

अवनी, पवन की दादी को गले से लगाती है – अच्छा दादी | मैं चलती हूँ !

दादी – अब तुम्हे जाना नही है, जल्दी से वापस आना है | तो बोलो की मैं जल्दी से आती हूँ |

सभी हस्ते हैं और फिर वहां से विदा लेते हैं अवनी अपने घर पोहच जाती है, उसको बहुत जादा घबराहट हो रही होती है इसलिए वो अपने कमरे में चली जाती है | अवनी पवन को कॉल करती है | दो बार घंटी बजती है पर पवन जवाब नही देता | फिर तीसरी बार फ़ोन करती है तब जा के पवन कॉल उठाता है |

पवन – हेल्लो !

अवनी – हेल्लो ! पवन ! कहाँ हो तुम ? इतनी देर से कॉल कर रही हूँ, फ़ोन क्यों नही उठाते मेरा ?

पवन – अरे अवनी ! मैं थोड़े काम में बिजी था | अब घर ही वापस आ रहा हूँ | क्या हुआ तुम इतनी घबरायी हुई क्यों लग रही हो ? सब ठीक तो है ना ?

अवनी – हाँ सब ठीक है ! पता नही क्यों मेरा दिल घबरा रहा है बहुत देर से | इसलिए तुम्हे कॉल लगा रही थी | हम लोग घर वापस आ गये है |

पवन – ओहो ! तो अब मेरे बिना एक दिन भी नही कट रहा तुम्हारा |

अवनी ( शर्माती है ) – हाँ तो तुम्हारे बिना मुझे रहना ही क्यों है एक भी दिन | बस जल्दी से ये दस दिन निकल जाए | हमारी सगाई हो जाये और फिर शादी |

पवन – हाँ मैं भी यही चाहता हूँ | अच्छा मैं गाडी चला रहा हूँ तुम जल्दी से मुझे I love you बोलो |

अवनी – अरे पहले गाड़ी चलाओ बाद में love you बोलूगी |

पवन – देखो जल्दी से I love you बोलो नही तो मैं शादी नही करुगा कह देता हूँ |

अवनी ( हस्ती है ) – अच्छा ! ऐसी बात ? अच्छा बोलती हु बाबा !! I love ...

जैसे ही अवनी I love you बोलने ही वाली होती है, उसे जोर से crash की आवाज़ आती है और फ़ोन कट जाता है |

अवनी – हेल्लो ! हेल्लो पवन ! हेल्लो !

अवनी कई बार फ़ोन करति है पर फ़ोन अब बंद हो चुका होता है | अवनी की दिल कि धड़कन बढ़ जाती है | उसके दिमाग में 100 तरीके के ख्याल आने लगते हैं पर वो कुछ नही सुनती |

अवनी अपनी माँ के पास जाती है – माँ ! माँ !

अवनी की माँ – क्या हुआ पुत्तर !

अवनी – माँ मैं पवन से बात कर रही थी और अचानक से crash की आवाज़ आई | और अब पवन की कॉल भी नही लग रही | समझ नही आ रहा क्या करू | मुझे पता भी नही है कि वो कहाँ है |

अवनी की माँ – तू ठण्ड पा ! कुछ नही हुआ होगा पवन को समझी, तू उसके पापा को कॉल कर के बता | उन्हें पता होगा कि पवन कहाँ है |

अवनी – हाँ सही कहा – हेल्लो अंकल जी मैं अवनी बोल रहीं हूँ |

पवन के पिता जी – हाँ बोलो अवनी बेटा |

अवनी – अंकल क्या आपको पता है पवन कहाँ है ?

पवन के पिता जी – नही तो,क्यूँ क्या हुआ ?

अवनी उनको सारी बात बताती है |

पवन के पिताजी – क्या ? मैं अभी कमिश्नर को फ़ोन करता हूँ, हम पवन की गाडी का नंबर उनको बताते है |

पवन के पिता जी सारे पुलिस स्टेशन में पवन को ढूँढने का आदेश देते है |

कुछ देर बाद खबर आती है की पवन की गाडी खाई के पास मिली है और उसका एक्सीडेंट हुआ है | पवन का परिवार और अवनी का परिवार वहां तुरंत पहुँचता है|

पुलिस – माफ़ कीजिये सर, हमने हर जगह पवन को ढूंडा पर उनकी बॉडी कहीं नही मिली | हमे लगता है पवन खाई में गिर गए हैं |

पवन की माँ ये सुनते ही बेहोश हो जाती है | अवनी उनको संभालती है |

पवन के पिताजी – पवन की बॉडी ? मेरा बेटा मरा नही है जो तुम उसे बॉडी बोल रहे हो, जिन्दा है वो समझे !

Police – सर, इतनी ऊपर से गिरने के बाद कोई नही बच सकता |

मंत्री जी - ये तुम लोग क्या बकवास कर रहे हो ? तुम जानते भी हो क्या कह रहे हो, वो जिंदा है कुछ नही हुआ है उसको समझे | जबतक वो ना मिले तबतक ढूँढो उसे, मुझे मेरा बेटा किसी भी कीमत पे चाहिए |

सुरेश जी – आप चिंता मत करो, कुछ नही होगा पवन को, आप पहले समधन जी को डॉक्टर के पास ले जाओ, हम यहाँ देख लेंगे |

पवन के पिताजी,पवन की माँ को डॉक्टर के पास ले जाते है |

अवनी को यह सब देख कर कुछ समझ नही आता कि एक पल में ज़िन्दगी ने क्या मोड़ ले लिया था | अभी थोड़ी देर पहले तो वो पवन के साथ थी और अब पवन का कोई अता पता नही है !

सुरेश जी – पुत्तर ! हमारे पवन को कुछ नही होगा तू वाहेगुरु पर भरोसा कर, वो अपने बच्चो के साथ गलत नही करते,तू घर जा जैसे ही कुछ खबर आयेगी मैं बता दुगा तुझे |

अवनी अपनी माँ के साथ घर चली जाती है |

क्या पवन की बॉडी मिलेगी ? या अवनी ऐसे ही अपनी ज़िन्दगी पवन के इंतज़ार में गुज़ार देगी ?