मेरी दूसरी मोहब्बत - 28 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 28

Part - 28 Rejection

अवनी असमंजस में रहती है रिंग को देख कर

आलोक ( अवनी से ) – अवनी i know जो कुछ भी हुआ उसमे मेरी गलती है | पर बेबी तुम भी समझो ना मेरे लिए मेरे सपने भी तो important है ना | मैं तुम्हे कभी नही छोड़ना चाहता था | मैं तो बस अपने सपने पूरे करना चाहता था और मैं तो चाहता था की तुम भी मेरा साथ दो इन् सबमे पर तुम ही भाग के शादी करने की जिद करने लगी | तुमने मेरे पास और कोई रास्ता ही नही छोड़ा था बेबी, पर अब में वापस आ गया हूँ |

अवनी ( आलोक से गुस्से में ) – इस बार कितने टाइम के लिए आये हो तुम ? में तो तुम्हारे लिए टाइम पास ही हूँ न वेसे भी जब मन करे चले जाओ जब मन करे वापस आ जाओ | में तो बस खिलौना हूँ ना तुम्हारे लिए जिसे बस खेला और फिर नया खिलौना आने पर फेक दिया | जैसे उस अंग्रेज़ंन के आने के बाद तुमने मुझे छोड़ कर उससे शादी करली ? मुझे ग्रीन कार्ड का रीज़न दे कर उसके साथ ऐश कर रहे हो । हैना ! बोलो !

आलोक – ये तुम क्या बोल रही हो !

अवनी – झूठ मत बोलो आलोक, इस बार में तुम्हारे झांसे में नही आने वाली | पवन ने मुझे सब बता दिया है कि उसने तुम्हारे घर पर तुम्हारी शादी की तस्वीर देख ली थी | मैंने भी कई बार तुम्हें उसके साथ बाहर देखा है, ये सिर्फ ग्रीन कार्ड वाली शादी तो नहीं लगती ।

आलोक – ओह अच्छा ! तो ये सब उस पवन की करतूत है | मैं तो उसे देखते ही समझ गया था की वो बंदा ठीक नही है | मैंने इसलिए उसी जेल भिजवा दिया था पता नही किस बेवक़ूफ़ ने उसे वहां से निकलवा दिया |

अवनी – वो बेवक़ूफ़ मैं ही हूँ ! मैंने ही निकलवाया है पवन को | और उसने कुछ भी गलत नही कहा सच ही कहा है जो भी कहा है | वो तुम्हारी तरह नही है | उसको इन सबके बीच मत घसीटो प्लीज !

आलोक – मुझे भी कोई शौक नही है उसको घसीटने का, वो खुद ही आया था मेरे पास, मै तो जानता भी नही उसके बारे में |

अवनी – हाँ तुम नही जानते, इसलिए ही मना किया है मैंने उसके बारे में बोलने के लिए | मैं उसके बारे में कुछ नही सुन सकती | समझे तुम !

आलोक – ओह ! तो आज वो मुझे जादा इम्पोर्टेन्ट हो गया है तुम्हारे लिए | देखो मुझे नहीं पता कि उसने क्या बोला तुम्हे क्या नही पर जो भी बोला होगा वो बकवास ही होगा |

तुम मुझे इतने सालो से जानती हो अवनी | और वो दो दिन के आये हुए लड़के की बातें सुन के तुम मुझपे शख कर रही हो | हाँ ये सच है कि मैंने शादी की है बट वो सिर्फ ग्रीन कार्ड के लिए की है | और तुम्हे ये जानकार ख़ुशी होगी कि अब मुझे ग्रीन कार्ड मिल चुका है अवनी | और मैं उसे अब डाइवोर्स दे रहा हूँ क्युकि मैं अपनी लाइफ तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ |

( अवनी पुतले की तरह सब सुन रही होती है )

आलोक – अवनी ! यार तुम ही सोचो की अगर मैं तुमसे प्यार नही करता तो मैं भला उसे डाइवोर्स क्यों देता | मैं चाहता तो उसी के साथ रहता | पर मुझे मेरी लाइफ मेरे प्यार के साथ बितानी है, तुम्हारे साथ बितानी है | ये सब मैंने हम दोनों के सपने पूरे करने के लिए ही तो किया है | ताकि हम दोनों यहाँ रह सके |

सोचो अवनी सब ठीक वैसा ही होगा जैसा हमने सोचा था | हमारे सारे सपने पूरे होंगे

आलोक अपने घुटनों के बल बैठ कर अवनी को प्रपोज करता है

आलोक ( मुस्कुराते हुए ) – अवनी ! क्या तुम मुझसे शादी करोगी |

अवनी ( गुस्से में ) – नही आलोक ! मैं तुमसे शादी नही कर सकती | तुम जैसे लोगो के लिए शादी एक मजाक है | सोचो तुमने एक लड़की से सिर्फ ग्रीन कार्ड के लिए शादी की थी और अब तुम्हारा काम निकल गया तो तुम उसे डाइवोर्स दे रहे हो, तो कल को अपने मतलब के लिए तुम मुझसे शादी कर के मुझे भी डाइवोर्स दे सकते हो | तुम इतने मतलबी हो कि तुम तो किसी का मर्डर भी कर्दोगे पैसो के लिए|

आलोक ( गुस्से में खड़ा हो जाता है ) – अवनी ! ये तुम क्या बकवास कर रही हो तुम्हे समझ भी आ रहा है तुम क्या कह रही हो | तुम होश में तो हो ?

अवनी – हाँ में होश में ही हूँ | और मुझे तुमपे बिलकुल भरोसा नही है |

( आलोक से रिजेक्शन बर्दाश्त नही होता, उसी यकीन नहीं होता की अवनी ने उसी रिजेक्ट कर दिया है, इसलिए वो अपना इलज़ाम छिपाने के लिए नयी तरकीब सोचता है |)

आलोक – सब समझ आ रहा है मुझे ! ये सब तुम क्यों कह रही हो ? अपनी गलती छुपाने के लिए तुम मुझपे इलज़ाम लगा रही हो |

अवनी – मतलब क्या है तुम्हारा ? कौनसी गलती ?

आलोक – जादा सटी सावित्री बन्ने की ज़रुरत नही है समझी ! सब पता है मुझे | तुम्हारा उस पवन से चक्कर चल रहा है |

अवनी ( चौंक कर ) – क्या ? ये क्या कह रहे हो ?

आलोक अवनी को characterless बनाने की कोशिश करता है – हाँ सच ही कह रहा हूँ मैं | जरूर तुम दोनों के बीच सारी हदें पार हो चुकि है इसलिए तुमने मेरा प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया | मुझे तो शुरू से ही शक था कि तुम ऐसी हो |

अवनी ( रोते रोते बोलती है ) – बस ! बस करो आलोक ! अब एक शब्द आगे मत बोलना ! तुम इतना गिर जाओगे मुझे नही पता था | पिछले एक साल से मैं यही तुम्हारा वेट कर रही हु, अपने माँ बाप से बात तक नही की मैंने इस उम्मीद में कि एक दिन तुम्हे अपनी गलती का एहसास हो जायेगा और तुम मेरे पास वापस आ जाओगे | पर तुम नहीं आये ! तुमने एक बार जानने की कोशिश भी नही की अवनी जिंदा है या मर गयी |

और तुम जिसे दो दिन का दोस्त बोल रहे हो | वो ही था जिसने मुझे मरने से बचा लिया, वरना तुम तो मुझे पहले ही मरने के लिए छोड़ के चले गए थे | और दूसरी बार भी, जैसे ही उसे पता चला की में गायब हूँ, वो इंडिया से यहाँ अपना बुक लॉन्च छोड़ के आया है | अरे! वो तो हमेशा से चाहता था कि हम दोनों वापस से साथ हो जाएँ |

( अवनी को महसूस होता है कि पवन ही उसकी सच्ची मोहब्बत है, फिर आंसू पोचते हुए बोलती है )

तुम जैसे सांप से अच्छा तो वो मेरा दो दिन का दोस्त ही है | कम से कम उसने अपनी दोस्ती तो निभाई, तुम्हारी तरह मरने के लिए नही छोड़ा | और मुझे देखो मैं अब भी तुम्हारे चक्कर में इंडिया वापस नही जा रही थी | ( अपने माथे पर मारती है ) मैं कितनी बेवक़ूफ़ हूँ यार !

लेकिन और नही | अब मैं तुम्हारे चक्कर में अपनी लाइफ बर्बाद नही करुगी | मैं जा रही हूँ |

आलोक – अवनी रुको ! मुझे माफ़ करदो | मैं पता नही क्या क्या बोल गया गुस्से में मुझे माफ़ करदो प्लीज | I am sorry

अवनी – नही तुम sorry मत बोलो | जो हुआ अछे के लिए हुआ |

( आलोक को लगता है कि अवनी मान गयी है, और अब वो उसके पास वापस आ जाएगी )

अवनी ( आलोक को गले लगाती है ) – तुम्हारे गुस्से में बोली गयी बातों की वजह से ही मुझे realise हुआ की पवन ही मेरी “दूसरी मोहब्बत है | तुम ना होते तो मुझे कभी पता ही नही चलता की क्या गलत है और क्या सही | thank you आलोक ! goodbye, take care !

आलोक अवनी का हाँथ पकड़ लेता है और रोने की एक्टिंग करने लगता है पर अब अवनी को कोई फर्क नही पड़ता और वो चली जाती है

अवनी भाग कर घर वापस जाती है ताकि पवन को सब बता सके | वो घर पे जा के पवन पवन चिल्लाती है पर पवन कहीं नही होता | वहां एक नोट होता है जिसमे लिखा होता है की अवनी में इंडिया के लिए निकल रहा हूँ अपना ध्यान रखना हो सके तो वापस आ जाना |