मेरी दूसरी मोहब्बत - 19 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 19

Part - 19 Car Accident

पवन ज़मीन पर गिरा होता है तभी कार से एक आदमी उतर कर देखते है की कौन उसकी कार से टकराया है और वो आदमी पवन का चाचा होता है वो पवन को देख कर चौंक जाते है और उसे कहते है।

पवन के चाचा- पवन बेटा उठो उठो वो उसे उठा कर कार मे बैठाते हैं पवन अपनी आंखे खोलता है तो अपने चाचा को देख कर हैरान हो जाता है वो बोलने की कोशिश करता है

पवन- चाचा जी आप? आपकी कार से टकराया था क्या मैं??? पर आप इतनी रात को कहा जा रहे थे??

पवन के चाचा- मैं तो काम से जा रहा था पर तुम क्या सोचते हुए चल रहे थे की तुम्हे मेरी कार नही देखी वो पवन के सर से थोड़ा खून को साफ करते हुए कहते हैं।

पवन- वो मै कुछ नही सोच रहा था बस मेरा ध्यान नही गया चाचा जी।

पवन के चाचा -ऐसे चलते हैं सड़क पर और तुम पहले ये बताओ की इतने दिनो से कहां गायब थे घर पर तुम्हे सब ले कर कितना परेशान है तुम्हे पता भी है अगर शादी नही करनी थी तो बता भी तो सकते थे ऐसे बिना बताए घर से चले गए तुम्हारी मां कितना परेशान है उस दिन से तुम्हे इस बात का अंदाजा है हमेशा अपनी मनमानी करते हो तुम कब समझदार बनोगे पवन ?

पवन -चाचा जी मै जानता हूं की मैने गलती की है मै घर ही आ रहा था सब से माफ़ी मांगने और कभी ऐसा दुबारा नही करूंगा वादा करता हूं।

(दूसरी तरफ अवनी के पापा अवनी की मां से बात करते हुऐ)

सुरेश जी -इस बार मैं अवनी को माफ़ नहीं करने वाला उसकी खुशी के आगे मैने अपने स्टेटस का नही सोचा बस उसकी खुशी देखी मुझे लगा मै अपने बच्चो की बात नही सुनता उन्हे क्या चाहिए मैने कभी नहीं सोचा पर अवनी ने इस बात का एहसास दिलाया की मुझे उनकी सुनी चाहिए अपने फैसले अपने बच्चो पर नही थोपने चाहिए और मैने वही किया जैसा अवनी चाहती थीं पर फिर भी क्या फायदा हुआ उसने उसी एहसास को मिटृटी मे मिला दिया मुझे उस पर भरोसा करना ही नहीं चाहिए था |

अवनी की मां -आप चिंता मत कीजिए वो किसी काम से गई होगी आ जायेगी बच्ची तो रही नही की हर बात हमसे पूछ कर करे और अपने ढूंढने के लिए भेजा तो है आ जाएगी आप बस ज्यादा मत सोचो।

सुरेश जी -तुमने ही बिगाड़ा है उसे, उसकी गलतियों पर हमेशा परदा डालती हो तुम अगर इतनी छूट नही दी होती तो आज ये दिन नही देखने पड़ता मुझे।

अवनी की मां की सारी कोशिश नकमियाब हो रही थी सुरेश जी को समझाने मे ।

(और वही कार मे पवन और उसके चाचा आपस मे बात करते हुए।)

पवन के चाचा- तुमने अभी तक मुझे नही बताया की तुम कहां गायब थे???

पवन -चाचा जी वो मै अपने एक दोस्त के घर था बहुत अच्छा दोस्त है मेरा !!!

पवन के चाचा- कौन सा दोस्त???

पवन -आप नही जानते उसे वो दिल्ली मे रहता है उसके पापा बहुत बड़े नेता है दिल्ली मे।

पवन के चाचा- अच्छा तो तुम दिल्ली में थे इतने दिनो से एक फोन नही हुआ तुमसे पर हां तुम्हे क्या पड़ी है तुम तो busy होंगे अपनी मौज मस्ती मे।

पवन -नही चाचा जी ऐसा नहीं मै आप सब को बहुत याद कर रहा था इसलिए तो वापस घर आ रहा था।

पवन के चाचा- हां हां वो तो पता है कितना तुम हम सब को याद करते हो!!!

पवन -आप सब अभी भी मेरी शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे है ???

पवन के चाचा- हां क्यों तुम्हरा फिर से भागने का प्लान है ???

पवन -देखो चाचा जी मुझे अभी शादी नहीं करनी मुझे अभी क्या कभी नहीं करनी आप सब समझते क्यों नही हो मै अकेले खुश हूं।

पवन के चाचा -चुप करो तुम! तुमने बहुत अपनी मनमानी कर ली है। अब एक नही सुनेंगे तुम्हारे, हम और अकेले जिंदगी नही कटती किसी और का साथ भी जरूरी है।

पवन -मुझे किसी का साथ नही चाहिए मै अकेला रहना चाहता हूं पवन चिड़ते हुए अपने चाचा को जवाब देता है।

वही अवनी कही खोई होती है वो पवन के बारे मे सोच रही होती है

अवनी -मुझे समझ नहीं आ रहा मै इतनी दूर आलोक से मिलने जा रही हु और सोच रही हूं पवन के बारे मे लगता है कुछ ज्यादा ही पीली मैंने!! वैसे उसे बहुत बुरा लगेगा जब उसे पता चलेगा की मै बिना बताए भाग गई ।।

वैसे अभी तो सब को पता भी चल गया होगा,, यार पापा को फिर से मैने धोखा दे दिया पर मैं पवन से शादी नही कर सकती थी, जब मै आलोक के पास जा कर सब ठीक कर दूंगी तो पापा के पास आ कर माफी मांग लाऊंगी मुझे पता है वो माफ कर देंगे मुझे उन्हे भी पता चल जायेगा की पवन से बहुत अच्छे लड़के से मैंने शादी की हैं पूरा दिन बस पवन पवन करते रहते थे पता नही क्या जादू कर दिया था उसने पापा पर और वर्तिका तो जैसे उस के लिए पागल हो गई थी पता नही सबको इतना कैसे पसंद आ गया वो तभी अवनी की दोस्त कमरे आती है।

अवनी की दोस्त -किससे बाते कर रही है ?

अवनी -जब अकेली होती हूं तो खुद से ही बाते करने लगती हू और आज तो कुछ ज्यादा ही बाते कर रही हूं चुप होने का मन ही नही कर रहा।

अवनी की दोस्त- हस्ते हुए तेरी गलती नही है ये सब ड्रिंक का असर है ऐसा ही होते है पीने के बाद।

अवनी -हां यार बहुत अच्छा लग रहा है अवनी बात करते करते सो जाती हैं।

अवनी की मां- अपने कमरे मे परेशान हो कर घूमने लगती है

अवनी की माँ - पता नही क्यों अवनी ने ऐसा किया? उस लड़के से मिलने चली गई जिसने एक बार उसे धोखा दिया, दुबारा उस पर भरोसा कैसे कर सकती है? अवनी को फोन करती हु क्या पता अब उसने फोन on कर किया हो, पर फोन ऑफ ही जाता है भगवान मेरी बेटी को सही रास्ते दिखाना वो सही सलामत घर आ जाए बस मुझे और कुछ नही चाहिए।

तभी रूपेश आता है क्या हुआ मां आप रो मत अवनी आ जाएगी आप कमज़ोर हो जाओगी तो पापा को कौन संभालेगा ।

अवनी की मां- हा बेटा तू सही बोल रहा है। तू अवनी का फोन ट्राई करते रहना अगर बात हो तो सबसे पहले मेरी बात करवाना।

रूपेश- ठीक है मां।

पवन -बैठा बैठा अवनी के बारे मे सोच रहा होता है उसे लगता है उसने अवनी को बिना बताए भाग कर गलती की है तभी उसके चाचा जी बोलते है,

चाचा जी - कहां खो गए बेटा फिर से भागने का प्लान बना रहे हो क्या ?

पवन- नही बस ऐसे ही, अच्छा मुझे पानी पीना है चाचा जी???

पवन के चाचा- हां हां बेटे ये ले ।

पवन पानी पीता है और थोड़े देर बाद उसे नींद आने लगती है और वो सो जाता है। सुबह हो जाती है पवन की आंख खुलती है तो वो किसी फैक्ट्री मे होता है !!!

पवन- ये मैं कहां हु और चाचा जी कहां गए वो चिलाने लगता है चाचा जी चाचा जी पर किसी की आवाज नही आती वो बाहर की तरफ देखता है दूर दूर तक कोई नही होता,, ये कहां बंद कर दिया मुझे और चाचा कहां गए मुझे यहां किसने बंद किया हैं उसे अपने चाचा की चिंता होने लगती है।

क्या पवन की चाचा की ये कोई चाल है पवन को मारने के लिए या सच मे पवन और उसके चाचा के साथ कुछ गलत होने वाला है???