त्रियाची - 30 prashant sharma ashk द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

त्रियाची - 30

भाग 30

दूसरी ओर त्रियाची की सेना के जासूस अंतरिक्ष में घूम रहे थे, ताकि उन्हें पता चल सके कि तोशिबा कब धरती की ओर आ रहा है। त्रियाची तक यह सूचना पहुंचाने का काम कालबाहू का था। कालबाहू को कुछ सूचना मिली थी और वह त्रियाची के महल की ओर चल पड़ा था। महल में सभी लोग युद्ध को लेकर चर्चा में व्यस्त थे। 

कालबाहू- राजे एक सूचना प्राप्त हुई है।

त्रियाची- बताओ क्या सूचना है।

कालबाहू- तोशिबा ने अपनी सेना को तैयार होने का आदेश दे दिया है। अनुमान है कि वे जल्द ही पृथ्वी की ओर कूचकर जाएंगे। 

त्रियाची- वे पृथ्वी के लिए कब निकलने वाले हैं ?

कालबाहू- इस संबंध में अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है, परंतु यह तय है कि उसकी सेना पूरी तरह से तैयार है और तोशिबा के आदेश के साथ ही वे लोग पृथ्वी की ओर निकल पड़ेंगे। 

त्रियाची- ठीक है और भी कोई सूचना अगर तुम्हें मिलती है तो वो हम तुरंत पहुंचाई जाए। 

कालबाहू- जी राजे। मेरे साथी पूरे अंतरिक्ष में है, तोशिबा की सेना की हरकत पर नजर रखे हुए हैं वहां की हर हलचल की खबर आप तक पहुंच जाएगी। 

इतना कहने के बाद कालबाहू वहां से चला जाता है। 

त्रियाची- सूचना के अनुसार यह तय है कि वे लोग पृथ्वी पर जल्द ही आक्रमण करेंगे। अब हमें यह तय करना है कि उन्हें किस स्थान पर रोका जाए, ताकि हम अपनी रणनीति के अनुसार कार्य कर सके। 

सप्तक- इस अंतरिक्ष को हम सभी बेहतर तरीके से आप ही जानते हैं राजा त्रियाची। आप ही तय करें कि आपकी बनाई रणनीति के अनुसार तोशिबा और उसकी सेना को किस स्थान पर रोकना उचित होगा। 

अनिकेत- वैसे मेरा एक सुझाव है कि यदि हम उन्हें पृथ्वी से दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्हें त्राचा ग्रह से भी दूर ही रखना होगा। क्योंकि हो सकता है कि वे यहां भी पहुंच जाए और यहां नुकसान हो जाए। 

रॉनी- अनिकेत का कहना बिल्कुल सही है, क्योंकि हम सभी तोशिबा और उसकी सेना को रोकने में व्यस्त होंगे और यहां कोई नहीं होगा, इसलिए हमें त्राचा की सुरक्षा को भी ध्यान में रखना होगा। 

त्रियाची- ये बात मेरे मन में थी, परंतु त्राचा से अधिक जरूरी है पृथ्वी की सुरक्षा। एक बार तोशिबा ने शक्तिपूंज हासिल कर लिया तो फिर क्या पृथ्वी और क्या त्राचा। 

सप्तक- फिर भी राजा त्रियाची त्राचा ग्रह अब हम सभी के लिए पृथ्वी के समान ही है। पृथ्वी को बचाने के लिए हम त्राचा को नष्ट नहीं होने दे सकते हैं।

त्रियाची- आप सभी की बात को सुनने के बाद मुझे लगता है कि करीब 20 हजार किलोमीटर की दूरी पर एक ग्रह है बाशा। जिसे तोशिबा ने पहले ही नष्ट कर दिया है। एक बार मैं भी शक्तिपूंज की तलाश में उस ग्रह पर जा चुका हूं। वह ग्रह अब पूरी तरह से उजाड़ है। हालांकि वहां कोई आबादी कभी थी ही नहीं, परंतु पहाड़ थे वह भी काफी हद तक नष्ट हो चुके हैं। मुझे लगता है कि हम तोशिबा और उसकी सेना को उसी ग्रह पर रोक सकते हैं। उस ग्रह की एक खास बात यह है कि त्राचा ग्रह के वर्ष के अनुसार आधे वर्ष बहुत अधिक ठंडा रहता है और अब उस ग्रह के ठंडा होने का समय शुरू हो चुका है। हम तोशिबा को वहीं रोकेगे। उस ग्रह की ठंड तोशिबा की सेना को प्रभावित करेगी। जहां तक हमारी सूचना है ताशाबा गर्म ग्रह है और उन्हें इतनी ठंड सहने की आदत नहीं होगी। बाशा की ठंड भी एक तरह से हमारे लिए एक हथियार का काम करेगी। 

यश- तो क्या उस ग्रह की ठंड को हम लोग सहन कर पाएंगे ? 

सप्तक- उसकी चिंता मत करो यश मैं ऐसा इंतजाम कर दूंगा तुम लोगों के लिए तुम लोगों को कुछ महसूस नहीं होगा।

त्रियाची- अगर ऐसा है तो फिर बाशा से उपयुक्त जगह और कोई नहीं हो सकती है। बाशा ग्रह की संरचना भी हमारी युद्ध की रणनीति के हिसाब से उपयुक्त रहेगी। हम आसानी से तोशिबा और उसकी सेना को घेर सकते हैं और उन्हें समाप्त कर सकते हैं। आप लोगों की शक्तियों के लिए भी बाशा बहुत अच्छा रहेगा। 

सप्तक- तो फिर ठीक है राजा त्रियाची। हम तोशिबा और उसकी सेना को बाशा ग्रह पर ही रोकेंगे। 

त्रियाची- जी बिल्कुल, पर मेरा मानना है कि आप सभी एक बार बाशा ग्रह का भ्रमण कर लेते ताकि हम हमारी रणनीति को अंतिम रूप दे देते। आप लोग बाशा को देख लेंगे तो रणनीति को समझने में आप सभी को आसानी रहेगी। 

अनिकेत- ठीक है राजा त्रियाची तो चलिए एक बार बाशा ग्रह की भी सैर कर ही आते हैं। 

रॉनी- परंतु उसके पूर्व आप एक काम और करें राजा त्रियाची। आप भी अपनी सेना को युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का आदेश दे दें, ताकि अचानक युद्ध शुरू होने पर आपकी सेना को समय ना लगे। 

त्रियाची- आप ठीक कह रहे हैं, मैं अभी अपनी सेना को पूरी तरह से तैयार रहने का आदेश दे देता हूं। 

त्रियाची अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार होने का आदेश देता है और फिर सभी लोग बाशा ग्रह की ओर निकल जाते हैं। बाशा ग्रह त्राचा और ताशाबा के बीच में ही था। उस ग्रह पर युद्ध होने से त्राचा को कोई नुकसान होने की संभावना बहुत ही कम थी। 

कुछ ही देर के बाद सभी लोग बाशा ग्रह की ओर निकल जाते हैं। करीब दो दिन तक सफर करने के बाद सभी लोग बाशा ग्रह पहुंच जाते हैं। जैसा कि त्रियाची ने बताया था बाशा ग्रह हूबहू वैसा ही था। एकदम उजाड़, कहीं पहाड़, कही सपाट मैदान बहुत विशाल ग्रह था यह। बाशा ग्रह पर पहुंचते ही सभी को ठंड का एहसास होने लगा था। 

त्रियाची- अभी आप सभी को ठंड का एहसास हो रहा होगा, परंतु यह इस ग्रह की शुरूआती ठंड है। इस ग्रह की ठंड जब अपने चरम पर होती है तो यहां आदती जम जाए तो पता भी ना चले। 

तुषार- पर यहां इतनी ठंड पड़ने का कारण क्या है ? 

त्रियाची- यह तो नहीं पता कि यहां इतनी ठंड क्यों पड़ती है परंतु अब यही ठंड हमारा सबसे बड़ा हथियार होने वाली है। 

अनिकेत- रणनीति के अनुसार हमें एक बार ग्रह का मुआयना कर लेना चाहिए। राजा त्रियाची आपका क्या कहना है ? 

त्रियाची- हां बिल्कुल। आइए मैं आप सभी को ग्रह के बारे में जानकारी दे देता हूं। 

सभी लोग त्रियाची के साथ ग्रह का मुआयना करने के लिए निकल जाते हैं। करीब पांच घंटे में त्रियाची सभी को बाशा ग्रह के बारे में जानकारी देता है और युद्ध के लिए तैयार की रणनीति पर चर्चा भी होती है। सभी लोग आपस में चर्चा करते हैं। हालांकि सभी लोग ठंड से कांप भी रहे थे। 

प्रणिता- युद्ध को लेकर आपने जो रणनीति बनाई है उस पर कोई संदेह नहीं है राजा त्रियाची। फिर भी मेरा एक प्रश्न है। 

त्रियाची- क्या प्रश्न है आपका ?

प्रणिता- मेरा प्रश्न है कि बाशा ग्रह की ठंड अपने चरम पर होगी तब यदि युद्ध हुआ तो फिर कोई समस्या नहीं, परंतु यदि इस समय युद्ध हुआ तो क्या यह ठंड तोशिबा और उसकी सेना पर उतना असर कर पाएगी ? 

त्रियाची- आपका प्रश्न बहुत अच्छा है। यदि इस समय युद्ध हुआ तो हमें परेशानी हो सकती है, परंतु करीब दो महीने बाद युद्ध होता है तो यह ठंड उनके लिए परेशानी बन जाएगी। इसलिए हम सिर्फ यह उम्मीद करें कि युद्ध कम से कम दो महीने बाद ही हो। 

यश- पर तोशिबा ने जल्दी ही आक्रमण कर दिया तो ? 

त्रियाची- तो फिर उसे रोकना ही होगा।

रॉनी- कुछ भी हो युद्ध कभी भी हो आज या दो महीने बाद हम तोशिबा को पृथ्वी पर जाने नहीं देंगे। 

त्रियाची- हां पर उसके लिए हम सभी को बहुत प्रयास करने होंगे। तोशिबा को रोक पाना बहुत मुश्किल होने वाला है। इसलिए आप सभी ना सिर्फ शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक रूप से बहुत अधिक मजबूत रहना होगा। 

अनिकेत- हम उसके लिए तैयार रहेंगे राजा त्रियाची। 

इसके बाद सभी एक बार फिर त्राचा ग्रह की ओर चल पड़ते हैं। दूसरी ओर तोशिबा और उसकी सेना युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार थी। सेना को सिर्फ तोशिबा के आदेश का इंतजार था। सेना को बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा। तोशिबा ने सेना को पृथ्वी पर आक्रमण करने का आदेश दे दिया था। सबसे आगे तोशिबा चल रहा था और उसके पीछे उसकी सेना। हालांकि तोशिबा बहुत अधिक जल्दी में नहीं था, इसका मतलब यह था कि वो अपनी जीत के प्रति आश्वस्त था। हालांकि उसे अब तक त्रियाची की सेना और उन पांचों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जो कि रास्ते में ही उसे रोकने वाले थे। तोशिबा और उसकी सेना के पृथ्वी की ओर निकलने के साथ ही कालबाहू को इसकी सूचना मिल गई थी। कालबाहू भी तत्काल राजा त्रियाची के पास पहुंच गया था। उसने तुरंत ही त्रियाची को तोशिबा और उसकी सेना के पृथ्वी के ओर निकलने की सूचना दी। त्रियाची ने तुरंत ही अपनी सेना को तैयार होने के लिए कहा और इसकी सूचना प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश, तुषार और सप्तक को दी। ये पांचों भी अपने स्तर पर तैयार हो गए थे। योजना के अनुसान त्रियाची उसकी सेना और ये पांचों लोग बाशा ग्रह की ओर चल पड़े थे। एक ओर जहां तोशिबा अपनी विशाल सेना के साथ पृथ्वी की ओर बढ़ रहा था, वहीं दूसरी ओर पृथ्वी के ये पांच योद्धा, त्रियाची और उसकी सेना बाशा ग्रह की ओर बढ़ रहे थे, ताकि तोशिबा को बाशा पर ही रोका जाए और उसे पृथ्वी की ओर ना बढ़ने दिया जाए।